Sunday 31 August 2014

घिसा पिटा नहीं - कुछ असल नया करें !!!!

सीमा पर गोलीबारी हमले और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते - पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी .... ये घिसी पिटी बात बहुत बार उपयोग में लायी जा चुकी है ....
एक बार फिर राजनाथसिंह ने भी कह दी वही घिसी पिटी .... पर इस बार परिणाम कुछ अलग हट के भी निकलते दिख रहे हैं .... 
राजनाथ जी के बयान से ये पता लगा कि वे देश में ही हैं - और चूँकि मोदी जी जापान दौरे पर और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विदेश मंत्री होते हुए भी देश में ही हैं - इसलिए अब राजनाथ जी सरकार में नंबर-2 की हैसियत रखने का भ्रम पाल सकते हैं ! 
और मैं राजनाथ जी को एक और मज़ेदार बात बताना चाहूंगा कि - श्रीमान ये बार बार - 'बात' या 'बात-चीत' की बात ही क्यों करते हो ? जबकि आपसे कोई बातचीत करना ही नहीं चाहता ? यदि चाहता तो सीमा पर गोलीबारी क्यों करता ?
अब तो मानते हैं आप की बात घिसी पिटी और हमारी एक नए अंदाज़ में !!!!
अरे सरकार बहुत हुई जुमलेबाजी - कृपया कुछ असल नया करें !!!!

Saturday 30 August 2014

प्रधानसेवक जी को सार्वजनिक सूचना !!!!

मैं जापान दौरे पर गए प्रधानसेवक जी को आपात स्थिति के बारे में सूचित करना चाहूंगा कि - आपके सांसद योगी आदित्यनाथ जिन्हें आपकी पार्टी ने उत्तरप्रदेश में आने वाले उपचुनावों की कमान सौंपी है वो साम्प्रदायिकता का खुल्ला नंगा खेल खेल रहे हैं - बहुत ही आपत्तिजनक भड़काऊ बयान दे रहे हैं - दंगे भड़काने के पूरे प्रयास करते दिख रहे हैं - दंगे भड़कने की पूरी संभावनाएं हैं - कई निर्दोष भारतियों की जान खतरे में दिखती है - और आप जिन्हे आपकी अनुपस्थिति में आपकी जवाबदारियां छोड़ कर गए थे वो राजनाथ कहाँ हैं क्या कर रहे हैं ज्ञात नहीं है - हमें एक अजीब सा डर लग रहा है !!!!
कृपया स्मरण हो कि आपने चुनाव पूर्व आपसी भाईचारे के हित में बयान दिए थे, कई नारे दिए थे, कई वायदे किये थे, कई आश्वासन दिए थे, एवं उदाहरण दिया था कि आपके गुजरात में 10 साल में आपने दंगे नहीं होने दिए - फिर उत्तर प्रदेश में दंगे क्यों ? और आपके द्वारा चुप्पी और कोई कार्यवाही क्यों नहीं ?
दंगे के कारण कुछ भी हों - पर जब आपके जवाबदार सांसद ही स्वयं नंगाई पर उतर आये हों तो हम कोई बहाना सुनने के मूड में नहीं हैं - अब आप अपनी जवाबदारियों से नहीं बच सकते - हमें नहीं चाहिय 100 स्मार्ट सिटी यदि इसकी कीमत 100 निर्दोष लोगों कि जान से चुकानी पड़े !!!!
हमें प्रत्येक जान की परवाह है - हमें बहुत पीड़ा होती है जब कोई निर्दोष यूं ही दंगे में मारा जाता है - अतः यदि आप जनता की जान की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो जापान से ही अपना इस्तीफ़ा भेज देवें - या असरकारक कार्यवाही कर कृपया ब्यौरा सार्वजनिक करें !!!!

अब बहुत हुआ यार --- अब नहीं तो कब ????

अब बहुत हुआ यार --- अब नहीं तो कब ???? 
मोदी अभी तक के सबसे महत्वाकांक्षी मज़बूत योग्य समर्थ और लोकप्रिय प्रधानमंत्री ....
भारत में अब तक की सबसे मज़बूत सरकार ....
भारत एक सामर्थ्यवान देश - दुनिया की सबसे सशक्त आधुनिकतम हथियारों से लैस सेना ....
भारत की पूरे विश्व में साख तेज़ी से बढ़ी है एवं सब मित्रता को आतुर ....
पाकिस्तान हमारा दुश्मन ....
पाकिस्ततान हमेशा से छल कपट और घिनौनी हरकते करते आया है ....
पाकिस्तान की तरफ से 1971 युद्ध के बाद सबसे ज्यादा उग्र संघर्ष विराम उल्लंघन ....
पाकिस्तान ने हमारी कोशिशों का फायदा उठाया ....
पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी - लातों के भूत बातों से नहीं मानते - आदि ....
पाकिस्तान बॉर्डर पर हालात गंभीर ....
पाकिस्तान भारत को लगातार उकसा रहा है ....
पाकिस्तान के आतंरिक हालात सबसे नाज़ुक दौर में ....
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बोलो मित्रो क्या कहते हो ? कुछ भी गलत तो नहीं कहा ??
तो यानी पाकिस्तान का रगड़ा मिटाने का सबसे उपयुक्त समय और काम अति आसान !!!!
तो फिर यदि अभी भी नहीं तो कब ?? और अभी-तभी भी कुछ न हुआ तो ????
तौबा !! बस अब ये मत कह देना कि अभी तक हनीमून पीरियड चल रहा है - Please !!!!

"पाकिस्तान ने हमारी कोशिशों का तमाशा बनाया"

"पाकिस्तान ने हमारी कोशिशों का तमाशा बनाया" - मोदी जी !!
मेरा प्रश्न क्या इसके पहले हमारी कोशिशें नहीं हुई थीं - क्या तब पाकिस्तान ने कोई सकारात्मकता दिखाई थी ? छोड़ें UPA की बात - क्या अटल जी के समय भी कोशिशें नहीं हुई थीं और क्या परिणाम अच्छे थे ?
मुझे लगता है जो बात आप आज बोल रहे हैं उसका इशारा सारे विदेश नीति के जानकार एवं अन्य बुद्धिजीवी पहले से देते आ रहे थे .... अतः मैं आपको इस ओर इंगित कर सलाह देना चाहूंगा कि - पाकिस्तान के मामले को देश की 'इंटरनल पॉलिटिक्स' एवं अपने स्वार्थ हेतु उपयोग ना करें .... ना ही इसके संबंध में पब्लिक में ज्यादा बोलें .... थोड़ी और सजगता बरतें .... बस शांत भाव से होशो हवास में जो श्रेयस्कर समझें करें .... देश को आप से बहुत आशाएं हैं - पूरा देश आपके साथ है और रहेगा .... जय हिन्द !!!!

ह्रदय से स्वयं प्रस्फुटित ....एक लघु-कथा !!!!

ह्रदय से स्वयं प्रस्फुटित ....एक लघु-कथा !!!!
अभी कुछ समय से घटित काफी कुछ देखने के बाद अकस्मात् सीधे मेरे दिल से निकली जस की तस ....
एक जंगल में कुछ कुत्ते कुछ सूअर कुछ बन्दर मिल जुल कर रहते थे .... अन्य जानवर उनसे डरते थे !!
अब शहर में काफी कुत्ते सूअर बन्दर मिल जुल कर रहते हैं .... अन्य सामान्य जन उनसे डरते हैं !!!!
(ब्रह्म पीड़ा)

मोदी जी 5 दिन की जापान यात्रा पर !!!!

शायद वे वहां जापान के विकास और वैभव आदि को देखेंगे, कुछ प्रेरणा लेंगे, कुछ सीखेंगे, कुछ भारत के परिप्रेक्ष्य में निर्णय लेंगे - द्विपक्षीय संबंधों और विश्व राजनीति पर चर्चा करेंगे .... वो बुलेट ट्रेन और स्मार्ट सिटी हेतु भी जो आवश्यक होगा करेंगे - आदि !!!!
पर मुझे लगता है सबसे महत्वपूर्ण बात का संज्ञान शायद नहीं लेंगे .... और वो बुनियादी बातें होंगी - जापान के प्रधानमंत्री और सांसद आदि किस 'क्वालिटी' के हैं ? और उनमें और आपमें क्या फर्क है ? और आप अपने को और आपके सांसदों को कैसे सुधारेंगे ताकि आप भी भारत को जापान जैसा बना सकें ?
ध्यान रहे कि - बुलेट ट्रेन जापानियों के प्रशासन की वजह से है - जापानी प्रशासन बुलेट ट्रेन का मोहताज नहीं !!!!
और आशान्वित हो यदि मैं ये मानूं कि मोदी जी ऐसा कुछ करेंगे - पर साथ ही इस देश के हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई यानि कि इंडियंस / भारतियों / हिन्दुस्तानियों को धर्म जाति के नाम पर बिना लड़ाये आपस में मिलजुल कर देश के लिए काम करने दिया गया तो --- तो यकीन माने हम जापानियों से कम नहीं - हमारा देश भी तरक्की कर ही जाएगा !!!!
वर्ना तो पूर्व में भी इस देश के पैसों से अनेक नेता विदेशों में सैर सपाटा करते आये हैं - आप भी कर आएंगे !!!! जाते समय भी आपको हैल्लो-हाय करी गयी वहां पहुंचने पर आवभगत वहां से निकलने पर भावभीनी बिदाई और यहाँ पहुचने पर स्वागत प्रशंसा और तालियां - प्रेस कांफ्रेंस उपलब्धि-गान अच्छी अच्छी बातें वगैरह सब कुछ होगा .... पर देश के लिए सब निरर्थक !!!!

Friday 29 August 2014

लंगड़ा पंगु बोले - भगोड़ा ! भगोड़ा !! भगोड़ा !!!

मुझे लगता है कि बेचारे जो लंगड़े और पंगु हैं, जो खुद कहीं आ जा नहीं सकते, भागा दौड़ी नहीं कर सकते - वो कुंठित हो हर चलने फिरने वाले भाग दौड़ करने वाले काम काज करने वाले को दिन रात - भगोड़ा ! भगोड़ा !! भगोड़ा !!! भगोड़ा !!!! कहते रहते हैं - और अंदर से स्वयं कुंठित होते हैं और हीन भावना के शिकार होते रहते हैं ....
ऐसे कुंठित लंगड़े पंगु तो पूरे समाज के लिए भी बहुत घातक होते हैं .... इन्हे तो वे लोग ही पसंद आते हैं जो लंगड़ा-लंगड़ा कर चलते हों पर फिर भी आगे नहीं बढ़ पाते हों .... जैसे उदहारण के लिए जो लोग दिल्ली चुनाव का क्या करना तय नहीं कर पा रहे हों ऐसे लोग इनको विशेष रूप से पसंद आते हैं ....
और हाँ - ये एक शब्दीय भगोड़ा-भगोड़ा का विलाप करने वालों को निश्चित रूप से "रणछोड़दास" का मतलब भी नहीं मालूम होता .... बेचारे !!!!
ऐसे बेचारों को मेरा सुझाव है कि - 3 अगस्त को 3 बजे जंतर मंतर पहुंचे - स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा ....

//// ये लो ! काले धन के बजाय 'जन धन' ले आये ////

//// ये लो ! काले धन के बजाय 'जन धन' ले आये ////
ये मोदी जी भी अजीब हैं - कहते कुछ हैं करते कुछ हैं .... 
कहा था समझो अच्छे दिन आ गए - अब कह रहे इतनी जल्दी ? बौरा गए क्या ??
कहा था कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे - भाजपा को ही कांग्रेस युक्त बना डाला ....
कहा था भ्रष्ट आचार मिटायेंगे - अब कह रहे आचार से रोटी खा 
कहा था कोई भूखा नहीं मरेगा - अब कह रहे शौचालय बनाएंगे 
कहा था 24 घंटे बिजली देंगे - अब झटके पे झटके दे रहे हैं
कहा था गंगा को साफ़ कर देंगे - अब कह रहे गन्दगी मत फेंको
कहा था महिलाओं के साथ दुराचार को रोकेंगे - अब कह रहे अपने लड़कों को रोको
कहा था सबका साथ सबका विकास - अब कह रहे हिन्दू हिन्दुस्तान 'लव जेहाद'
कहा था महंगाई कम करेंगे - अब कह रहे महंगाई तो घटती बढ़ती रहती है
और अंत में लेटेस्ट उलटफेर देखिये .......
100 दिन में 'काला धन' लाने का वायदा किया था - पर ले आये "जन धन" योजना !!!!
बोल रहे तुम्हारा ही है, अभी तो इसीसे काम चलाओ .... हा ! हा !!
अब कल कहेंगे ख़बरदार काले धन का नाम लिया तो - मानवरहित क्रासिंग पर रखवा देंगे !!!!

साख में गिरावट - देखें 'जन धन' का क्या होता है ??

प्रधानमंत्री जन धन योजना का कल शुभारम्भ हो गया !!
योजना के मूल में अच्छी बातों के मद्देनज़र शायद सभी ने अपना संतोष जताया और इसे अच्छी योजना निरूपित किया !!
पर साथ ही अब इसके क्रियान्वयन और विरोधाभास संबंधित टिप्पणियाँ भी टीवी बहस आज के समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर दिखीं ....
कल एक दिन में ही 1.5 करोड़ खाते खुलने संबंधित दावों पर शंकाएं सामने आ रही हैं .... यहाँ तक कहा जा रहा है कि पूर्व में लगभग 6 करोड़ 'NO FRILL" खाते जो पिछली सरकार ने डायरेक्ट सब्सिडी ट्रांसफर हेतु खुलवाये थे, शायद उन्ही खातों को इन नए खातों में ट्रांसफर किया गया होगा !!
कुछ प्रश्न भी सामने आ रहे हैं - जैसे कि क्या ये खाते केवल वो ही खोल पाएंगे जिनके पास पूर्व में कोई खाता नहीं था ??
मैं भी प्रश्न करना चाहूँगा कि - यदि हाँ तो क्या 1.5 करोड़ लोगों की जांच भी एक दिन में हो गयी कि उनके पूर्व में कोई खाता नहीं था ? यदि बाद में मालूम पड़ता है कि खाता था तो क्या नया खाता निरस्त होगा ? आदि !
खैर सत्य तो कुछ दिन बाद सामने आ ही जाएगा - पर हाँ अभी इस सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्न जरूर खड़े हो रहे हैं .... शायद इसलिए कि कथनी और करनी में बड़ा अंतर दिख रहा है .... पब्लिक में फेंकू की इमेज तेजी से पक्की होती जा रही है .... दिल्ली में चुनावों के प्रकरण में भाजपा के नित नए दांव-पेंच, LG के पद का दुरुपयोग - साम्प्रदायिकता को प्रोत्साहन - मंत्रियों पर ताज़ा आरोप - पार्टी में दागी छवि वालों को बढ़ावा - वादों पर अमल न होना - आदि से सरकार की साख भी तेज़ी से गिर रही है .... देखें 'जन धन' का क्या होता है ??
शुक्र है - ये प्यारे-प्यारे कुत्ते हैं - इंसान नहीं !!!!
यदि इंसान होते तो सब अलग अलग दिखते ....
किसी के दाढ़ी होती किसी के चुटिया ....
कोई टोपी में तो कोई पगड़ी में तो कोई गंजा होता ....
कोई भगवा कोई सफेद कोई हरे कपडे पहना होता ....
प्रायः हर के माथे पर एक सीधा या आड़ा, छोटा या बड़ा सा , पतला या मोटा , गोल या लम्बा सफेद पीला या लाल टीका ज़रूर होता ....
और ये सब के सब भौंक रहे होते कि - हम सब ईश्वर अल्लाह के बन्दे हैं - हम सब भाई भाई हैं - हम सब एक हैं !!!!

जन धन योजना का शुभारम्भ

जन धन योजना का शुभारम्भ ! मोदी जी का भाषण सुना अच्छा लगा - केवल इसलिए नहीं कि वो अच्छा भाषण देते हैं पर योजना की बातें भी अच्छी लगी !! ये सुन कर भी अच्छा लगा कि केवल 15 दिनों में उन्होंने योजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया !!
मेरा यही सोचना था कि शुरुआत करने के लिए 2-3 महीने के हनीमून पीरियड की आवश्यकता नहीं थी !! आशा है भविष्य में भी जनता से किये गए वादे तत्परता और समयबद्ध तरीके से पूरे किये जाएंगे !!!!
प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद और बधाई - और प्रधानसेवक को शाबाशी !!!!

Thursday 28 August 2014

बाप बेटों के ताज़े प्रकरण !!!! घोर विरोधाभास !!!!

बाप बेटों के ताज़े प्रकरण !!!! घोर विरोधाभास !!!! 
सदानंद गौड़ा के बेटे पर संगीन इलज़ाम - केस दर्ज - आरोपों से बाप का इंकार - इस्तीफे से भी इंकार - भाजपा चुप - हो सकता है कि कल आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो भी गौड़ा अपने पद पर बने रहें, ये कह कर कि उन्होंने थोड़े ही कुछ करा, जो किया उनके बेटे ने किया - कानून अपना काम करेगा - उनका बेटे से कोई वास्ता नहीं, आदि ..... कितना अनैतिक स्टैंड होगा ना !!!! 
जबकि इसके विपरीत राजनाथसिंह का स्टैंड देखिये कि सार्वजनिक रूप से कह दिया कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ यदि प्रथम दृष्टया आरोप भी सिद्ध हो जाते हैं तो वो राजनीती को ठोकर मार घर बैठ जाएंगे .... अब इसे कोई नैतिक स्टैंड तो नहीं कह सकते ....
पर देखिये एक ही सरकार के दो मंत्री - दोनों के स्टैंड में अपनी अपनी सुविधानुसार विरोधाभास !!!! पार्टी एक प्रधानमंत्री एक पर मान के चलिएगा दोनों ही प्रकरण में कुछ किया जाने वाला नहीं है .... क्यों ?? क्योंकि आखिर मोदी जी और सरकार को भी अपनी सुविधानुसार स्टैंड लेने का अनैतिक अधिकार जो प्राप्त है ... है ना !!!!
इस तरह अब सारी बात सुलझ गयी पर एक बात फिर उलझ गयी .... समझ में नहीं आ रहा कि वाड्रा के कारनामों के लिए सास और साले को यही लोग निर्दोष मान लेंगे ???? जबकि पहले यही लोग इस मामले में कितनी उचित फेकम-फांक करते आये हैं .... ओफ्फोह ! ये तो और भी घोर विरोधाभास !!!! है ना !!!!

ट्रांसफर पोस्टिंग - वाकई करोड़ों ????

ट्रांसफर पोस्टिंग - वाकई करोड़ों ????
रेलवेज में ट्रांसफर पोस्टिंग के रेट्स सार्वजनिक करने हेतु पवन बंसल को - और पुलिस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग के रेट्स सार्वजनिक करने हेतु राजनाथसिंह को श्रेय तो जाता है .... वाकई करोड़ों ???
सर्वहित जनहित में अगली आशा अब गडकरी जी से की जा सकती है .... उसके बाद ....

Wednesday 27 August 2014

मोदी - ना खाऊंगा ना खाने दूंगा ....
.... और जो खा चुके हैं उनके लिए टॉयलेट्स बनवा रहा हूँ !@#$%!

क्या सरकार निकम्मी नहीं है ????

क्या सरकार निकम्मी नहीं है ????
राजनाथसिंह कह रहे हैं उनके परिवार के ऊपर लगे आरोप निराधार हैं - यदि परिवार के किसी भी सदस्य के ऊपर लगा कोई भी आरोप प्रथम दृष्टया भी सही पाया जाता है तो वो राजनीति को ठोकर मार घर बैठ जाएंगे !!!!
श्रीमान मुगालते में न रहें - समय बदल गया है - यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो आपको सार्वजनिक जीवन में यूं भी कोई सक्रिय नहीं रहने देगा और इसलिए आपको ठोकर वोकर मारने का मौका भी नहीं मिलेगा !!!!
हमारा तो बस आपसे अनुरोध भर है कि यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो किसी भी हालत में घर मत बैठ जाना .... क्योंकि फिर जनता को गालियां देने का सुख कैसे प्राप्त होगा ????
और हाँ ज़रा हमें ये भी समझा दें कि आप के गृहमंत्री रहते आरोप सिद्ध होने तक की आवश्यक कार्यवाही क्या सुचारू रूप से चलने दी जायेगी ????
राजनाथसिंह जी यदि मैं अपनी व्यक्तिगत राय अनुसार ये मान भी लूँ कि आप एक ईमानदार व्यक्ति हैं और आप निर्दोष हैं, तो भी कृपया यह भी समझाएं कि जबकि आप स्वयं गृहमंत्री हैं, और आपकी छवि भी बेहतर है, पर कुछ अवांछनीय तत्व तब भी बहुत दिनों से अफवाहें फैला रहें हैं षड़यंत्र रच रहें हैं, तो आप और आपकी पूरी सरकार इतने दिनों से हाथ पे हाथ धरे असहाय सी क्यूँ और कैसे बैठी है ?? क्या सरकार निकम्मी नहीं है ??.... मुजरिमों को पकड़ते क्यूँ नहीं ?? - कुछ करते क्यूँ नहीं ?? .... क्या केवल बयान देना काफी है ??

आडवाणी जी .... सुनहरा मौका मत चूकना !!!!

आडवाणी जी .... सुनहरा मौका मत चूकना !!!!
आडवाणी जी सर्वविदित है की मोदी जी ने आपकी क्या गत दुर्गत बनाई है .... पार्टी में लगातार आपके वर्चस्व को सुनियोजित तरीके से कम किया है !!!!
अभी तक आपने पार्टी और देश के लिए निश्चित ही अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है .... पर आगे ????
मेरा आपको सुझाव है कि शायद ये अंतिम मौका है जबकि आप पार्टी और देश के लिए एक और महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं - आपको मार्गदर्शक मंडल में जगह दी गयी है और आप से मार्गदर्शन देना अपेक्षित है .... बस तो झटपट मोदी जी को सार्वजनिक रूप से मार्गदर्शन दे ही दें कि - //// " फेंकना बंद करो - कुछ काम करो " ////
आदरणीय आडवाणी जी इस मार्गदर्शन के लिए आपको बहुत यश मिल सकता है - तो यशस्वी भवः !!!!

अब 'सलाह' और 'आदेश' का झमेला और बहाने !!!!

अब 'सलाह' और 'आदेश' का झमेला और बहाने !!!! 
SC ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को सलाह दी है - - दागियों को मंत्री नहीं बनाना चाहिए - केवल स्वच्छ छवि वालों को ही मंत्री बनाया जाना चाहिए !!!!
माना कि कोर्ट का ये आदेश नहीं है, सलाह भर है - पर सलाह देने के औचित्य और कारण बताये गए हैं - मर्यादाओं और दायित्वों पर टिप्पणी की गयी है - संविधान, पब्लिक ट्रस्ट तथा PM और CM की जवाबदारियों और उनसे अपेक्षाओं की दुहाई दी गयी है - एवं टिप्पणी की गयी है कि PM और CM के पास संवैधानिक अधिकारों के रहते आदेश नहीं दिए जा सकते !!!!
अब PM और सभी CM को चाहिए कि कोर्ट की सलाह को ही आदेश मानते हुए उस पर तुरंत अमल करें .... विशेषकर यदि मोदी अपने को सेवक कहते हैं तो उन्हें SC की सलाह को ही आदेश मानना चाहिए .... पर यकीन माने वे अपने आपको केवल सेवक कहते हैं, मानते कदापि नहीं !!!!
इसलिए मेरा दावा है कि कम से कम मोदी जी तो दागी मंत्रियों को बाहर कर खुद बाहर होने का जोखिम नहीं उठाएंगे .... हाँ एकाध मुख्यमंत्री ऐसी पहल कर सकता है !!!!
अतः अब सारा दारोमदार जनता जनार्दन पर है - SC ने अपना काम कर दिया है - अब जनता को चाहिए कि मोदी जी पर दबाव बना उन्हें दागी मंत्रियों को बाहर करने के लिए मजबूर किया जाय ....
मेरा ये पोस्ट इस दिशा में मेरी सीमित क्षमता अनुसार ही एक कदम है .... आप सब का यथायोग्य योगदान अपेक्षित है !!!!

मोदी जी ! "क्या किया" के बजाय बताएं "क्या नहीं किया" ????

मोदी जी ! "क्या किया" के बजाय बताएं "क्या नहीं किया" ????
मोदी जी आपके 90 दिन पूरे हुए और 100 दिन पूरे होने वाले हैं .... सुना है आप अपना सारा सामर्थ्य लगा अगले दस दिन सोच विचार कर अपनी सरकार या अपनी उपलब्धियों को सार्वजनिक कर ये बताने वाले हैं कि आपने 100 दिन में क्या किया ....
मोदी जी मैं एक तर्क आपके सामने रखना चाहूंगा और आह्वाहन करूंगा कि आप इसे दिल से महसूस करें कि - आपने यदि कुछ किया तो वो आपका कर्त्तव्य तथा दायित्व था जिस हेतु आपको मोटा वेतन दिया गया - ढेर सारी राजसी सुविधाएँ दी गयीं - भरपूर मान सम्मान दिया गया - आपके इशारे पर आपके ऊपर देश के करोड़ों रुपये खर्च हुए - अतः न केवल हिसाब बराबर हुआ, बल्कि आप इस देश के ऋणी हुए !!!!
इसलिए मैं समझता हूँ कि आपको सुर्खियां बटोरने के इरादे से ये तो बिलकुल भी नहीं बताना चाहिए कि आपने क्या किया .... और वैसे भी चूँकि वस्तुतः आपने कुछ भी उल्लेखनीय किया ही नहीं है अतः आप बताएँगे भी क्या .... जो बताएँगे वो तो शायद फाँकने की श्रेणी में आ जायेगा !!!!
अतः बेहतर होगा कि आप अपने मातहतों से, आपने चुनाव अभियान के दौरान जो वायदे किये थे या आश्वासन दिए थे, उनकी सूची बनवाएं - और फिर आप ये सारे वायदे सिलसिलेवार जनता के सामने रखें और पूरा न कर पाने की दशा में जनता से खेद जताते हुए ये बताएं कि वायदे पूरे क्यों नहीं हो पाये - आगे कब तक पूरा करने के प्रयास होंगे, आदि .... मसलन आप बताएं की काले धन के बारे में क्या वायदा किया था - वायदा पूर्ण क्यों नहीं हुआ - खेद जताएं एवं बताएं अब कब तक पूरा होगा - यदि कोई पूरक प्रश्न पूछे तो ये भी बताएं कि रामदेव बाबा क्यों और कहाँ गायब हो गए - आदि !!!!
और यदि आप अपने आप को सेवक मानते हैं तो फिर तो इस बात पर भी गौर करना ही पड़ेगा कि अच्छे निष्ठावान सेवकों को किये गए काम का बखान करना और न किये गए काम को छिपाना शोभा नहीं देता !!!!
अतः आशा है आपको मेरी बात उपयुक्त लगेगी औप आप इसका अनुसरण करेंगे !!!! धन्यवाद !
कभी आपका प्रशंसक अभी आपका आलोचक - ब्रह्म प्रकाश दुआ

'लव-जेहाद' या 'बुड्ढा-जेहाद' !!!!

'लव-जेहाद' या 'बुड्ढा-जेहाद' !!!!
'लव-जेहाद' पर भाजपा की पहली असरकारक कार्यवाही .....
आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को हाशिये पर धकेल दिया गया ....
वैसे इसे 'बुड्ढा-जेहाद' भी कहा जा सकता है !!!!
आगे आगे देखिये ये सनकी फरेबी जेहादी कौन कौन से जेहाद छेड़ते हैं ....

Tuesday 26 August 2014

संगीत सोम को 'Z' सिक्योरिटी !!!!

संगीत सोम को 'Z' सिक्योरिटी !!!!
पहले समाजवादी पार्टी में थे अब भाजपा में - उत्तरप्रदेश के विधायक हैं !
ये दिखने और होने में अन्य भाजपाई नेता जैसे ही असामान्य हैं - पर अभी इनके नामे एक विशेषता और जुड़ गयी है - ये 'सांप्रदायिक दंगा आरोपी' भी हैं !!!!
और जैसे कि इस सरकार की कार्यशैली, नियत और नीति साम्प्रदायिकता फ़ैलाने की साफ़ दिखती है - मुझे लगता है कि ये // अलंकरण // यानि 'साम्प्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप' आगे कई भाजपा नेताओं पर चिपक सकते हैं - और तो और 'Z' सिक्योरिटी प्राप्त करने के चक्कर में स्वयं ही अनुरोध और मांग कर चिपकवाए भी जा सकते हैं .... और ऐसी स्थिति मैं भाजपा के सभी 285 सांसदों को ही 'Z' सिक्योरिटी की आवश्यकता पड़ सकती है !!!!
अतः मेरा सुझाव है कि दूर दर्शिता का परिचय देते हुए मोदी सरकार को हज़ारों कमांडोज़ की ट्रेनिंग नियुक्ति आदि पर तुरंत कार्ययोजना बना अमल में लाना चाहिए .... पायलट कार एस्कॉर्ट कार हथियार एम्बुलेंस आदि सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए ... फिर आम जनता और गरीब भले ही मरें या जाय भाड़ में - क्या फर्क पड़ता है ????

Monday 25 August 2014

मोदी का जादू फीका पड़ रहा है !!!!

बिहार सहित पंजाब कर्नाटका मध्य प्रदेश के उपचुनाव के नतीजे आ रहे हैं ....
भाजपा का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव की तुलना में सभी जगह काफी ख़राब ....
कुछ समय पहले उत्तराखंड के नतीजों में भी भाजपा का प्रदर्शन ख़राब रहा था !!!!
आभास हो रहा है कि - फ़ेंकने फांकने से आप ज्यादा दिन तक शिखर पर टिक नहीं सकते !!!! पर खेद का एक और विषय है कि जो दल जीत रहे हैं उनका पूर्व प्रदर्शन भी तो अच्छा नहीं है .... इसलिए उनकी जीत का जश्न भी तो नहीं मनाया जा सकता !!!! अतः मेरी इच्छा है कि मोदी जी के स्थान पर शीघ्र सुषमा स्वराज या अन्य कोई योग्य नेता भाजपा की कमान संभाले और बिन फेंका फांकी के गरीब जनता के लिए कुछ कर दिखाए !!!! मुझे लगता है राष्ट्रहित में अभी तो यही उचित होगा .... पर क्या ऐसा होगा? .... मुश्किल है ....प्रशांत भूषण को बधाई और धन्यवाद !!!!


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सुप्रीम कोर्ट का निर्णय - 1993 के बाद से सभी कोल् ब्लॉक आवंटन अवैधानिक !!!!
साफ़ होता है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं .... दोनों चोर चोर मौसेरे भाई !!!!
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क्या 'मौनदी' कोल घोटाले निर्णय पर बोलेंगे ????
UPA सरकार और मनमोहनसिंह की उचित निंदा करते करते एवं पूर्व NDA सरकार और अटल जी के गुणगान करते करते ही मोदी जी आज सत्ता में आये हैं ....
पर आज जब सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दे दिया की NDA की अटल सरकार भी कोल् ब्लॉक आवंटन मामले में, जिसमे देश को 1,86,000 करोड़ रुपये का चूना लगा, बराबर की दोषी है .... तो क्या अब मोदी जी तत्काल अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस करेंगे या अलग से ही कुछ बोलेंगे ????
बोलना तो बनता है यार .... पर आजकल हवा निकली हुई है कुछ विशेष बोलते नहीं बन रहा है .... अब देखें भक्त लोग और चंगू मंगू क्या बोल पाते हैं ????
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कांग्रेस v/s भाजपा की "मिली जुली कुश्ती" !!!!
आपको याद होगा कि चुनाव के ठीक पहले मोदी जी ने ऐसा ही कुछ कहा था कि - "हम UPA के भ्रष्टाचार को उजागर करने और दोषियों को दंड देने के लिए पीछे नहीं पड़ेंगे - हम तो आगे विकास के काम करेंगे" .... और मुझे तब ही शंका हुई थी कि ऐसा क्यूँ ????
मोदी के स्वयं पार्टी में तो ऐसे छुइ मुई नेता भी हैं जिन्हे यदि आपने चोर कह दिया तो वे मानहानि का दावा कर देते हैं, और मोदी उनकी पीठ ठोंकते हैं .... पर गौर फरमाये कि वाड्रा सोनिया शीला दीक्षित कलमाड़ी बंसल आदि को सुबह शाम हज़्ज़ारों बार चोर चोर कहने वाले मोदी जी चुनाव बाद चुप हैं - न तो किसी से माफ़ी मांग रहे हैं - न ही अपने आरोप सिद्ध कर रहे हैं .... और न ही कोई कार्यवाही ....
और मज़े कि बात तो यह है कि गालियां खाने वाले भी मोदी विरोध में एक शब्द नहीं बोल रहे .... जैसे कि कोई पलट कर कहे कि देखो मोदी झूठा निकला जो हमें चोर बोलता था आदि ....
यानी सब कुंडली मार के चुप्पै चाप !!!!
ऐसा क्यूँ ????
कारण अब देश के सामने है .... भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर परदे के पीछे कई बड़े चोरों के संरक्षण में लूट खसोट करते आये हैं और जो कुछ विवाद आपको ऊपर ऊपर दिखता है वो सिवाय "मिली जुली कुश्ती" के अलावा कुछ नहीं ....
कोयला एवं अन्य घोटालों के करोडो अरबों रूपए  केवल कोंग्रेसियों ने नहीं खाए हैं बल्कि ये भ्रष्ट कोंग्रेसियों भाजपाइयों व्यापारियों अफसरों नेताओं की पूरी जमात ने मिल बाँट कर खाए हैं ....
अस्तु जनता जनार्दन से अपेक्षा है कि अपनी अपनी पार्टी से वफादारी का प्रदर्शन करने के बजाय गलत को गलत कहने का साहस और बुद्धिमत्ता दिखाएँ, और इन सब भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के लिए आगे आएं ....
अन्यथा तो आप भूल जाएँ कि आपके "अच्छे दिन" कभी भी आ पाएंगे !!!!
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सेवक .. और .. लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास ????
अपने को प्रधानसेवक कहने वाले प्रधानमंत्री वास्तव में क्या काम कर रहे हैं इसका सीधा विवरण जनता के पास तो नहीं है .... पर हाँ जो हमने उनके ढाई तीन महीने के कार्यकाल में उन्हें सीधे सीधे करते देखा है वो है - विभिन्न लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास आदि ....
मेरी प्रतिक्रिया है कि - जब आप अपने को सेवक मानते हो तो राष्ट्र के पैसे से राष्ट्र के लिए यदि इस देश के लोगों ने पूर्व सरकार के शासनकाल में कोई परियोजना पूरी करी है तो इसका एक सेवक द्वारा, जिसका उस परियोजना में कोई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष योगदान भी नहीं है, लोकार्पण करना कैसे जायज ठहराया जा सकता है ?? और वो भी भारी भरकम आयोजन करके राष्ट्र के लाखों करोड़ों रुपये बर्बाद करते हुए जबकि गरीब भूखों मर रहे हैं - और वो भी पुरानी सरकार के बारे में तारीफ या श्रेय देने का एक शब्द बोले बगैर - बल्कि उल्टे अन्य सभी का अमर्यादित उपहास कर उन्हें नीचा दिखाने के प्रयास करते हुए ????
निश्चित रूप से ये सेवक का परिचायक तो बिलकुल नहीं है - ये राष्ट्रहित में उपयुक्त भी नहीं है - जनता को ये अपेक्षित भी नहीं है - अब जनता अपने खर्च पैसों के बदले अपना काम चाहती है - आपके स्वार्थों की पूर्ती नहीं - आपके वोटों की जुगाड़ नहीं - लाखों करोड़ों रुपये खर्च करते हुए व्यक्ति विशेष को महिमामंडित करने हेतु फ़िज़ूल लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास तो बिलकुल नहीं !!!!
वैसे भी विदित हो कि जब मालिक के यहाँ कोई भी उत्सव आयोजन समारोह आदि होते हैं तो सेवक मालिक या हीरो बनके उचकते फुदकते दम्भ दिखाते सीना फुलाते चिल्लाते नहीं दिखते !!!!
अतः बेहतर होगा कि हमारे प्रधानसेवक प्रधानमंत्री जी लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास छोड़, चुनाव पूर्व किये गए वादों पर ही अपना पूर्ण ध्यान केंद्रित करें और कुछ ठोस अच्छे काम करके दिखाएँ ....
बेहतर होगा वे लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास की घिसी पिटी बेमतलब की परिपाटी को पूर्णतः खत्म कर एक नई स्वच्छ पहल करें .... लोगों ने आपको कुछ ऐसी ही आशा में चुना था .... लोग आपको सराहेंगे और याद रखेंगे .... भक्तों को भी आपकी तारीफ करने का एक कारण मिल जायेगा .... वो भी खुश .... मैं भी खुश !!!!

Sunday 24 August 2014

योग गुरु अय्यंगार

August 20 - 2014
योग गुरु अय्यंगार नहीं रहे - पद्म भूषण प्राप्त ९६ वर्षीय श्री अय्यंगार को देश का सबसे बड़ा योग गुरु कहा बताया जा रहा है .... पूज्य श्री अय्यंगार को नमन एवं मेरी श्रद्धांजली ....
उपरांत मेरा एक छोटा सा प्रश्न .... क्या बाबा रामदेव अब देश के सबसे बड़े योग गुरु तो नहीं हो गए
????
यदि हाँ, और यदि बाबा रामदेव का समर्थन मोदी जी को जारी रहता है तो, कहीं उन्हें इस सरकार द्वारा सम्मानित तो नहीं कर दिया जायेगा ????

"बहुनाम" में षड्यन्त्र !!!!

August 19 - 2014
"बहुनाम" में षड्यन्त्र !!!! 
धर्म के ठेकेदारों ने ऊपर वाले को भी नहीं छोड़ा और उस सर्वशक्तिमान को अपने स्वार्थ के लिए इतने सारे नाम दे दिए कि अब तो वो खुद भी अपना असली नाम भूल गया होगा ....
ईश सांई ईश्वर खुदा जीसस भगवान अल्लाह ॐ गॉड रब परमात्मा रब्बा अल्लाह प्रभु परवरदिगार मालिक परमेश्वर विधाता आदि आदि ....
और इतिहास गवाह है कि इस तरह इन धर्म के ठेकेदारों ने ऊपर वाले के टुकड़े टुकड़े कर उसकी भी रेड़ मार दी और उसके अनन्य नामों पर अपनी अपनी दुकाने खोल खूब लूट खसोट करी और लोगों को आपस में लड़ाया भिड़ाया मरवाया कटवाया .....
और फिर नंबर आया देश का - जब पेट नहीं भरा तो इन ठेकेदारों ने देश एवं देश में रहने वालों के भी अनेक नाम दे दिए ! जैसे - इंडिया भारत इंडस हिन्दुस्तान इंडी भारती हिंदी इंडियन भारतीय हिन्दुस्तानी आदि .... और लेटेस्ट में "हिन्दू" !!!! और लगे तर्क कुतर्क करने और अपने अपने हिसाब से परिभाषा देने और व्याख्या करने ....
इसी "बहुनाम" की कुप्रथा एवं कुचेष्टा के पीछे सारे षड्यन्त्र छुपे हुए हैं जो सारे झगडे की जड़ है !!!!
मैं व्यथित हो इन सब ठेकेदारों से पूछता हूँ कि जब आप बार बार खुद ही यह अकाट्य अटल सत्य मान चुके हो कि - /// ऊपर वाला एक है और हमारा देश भी एक ही है /// - फिर इतने सारे नाम क्यूँ दिए और क्यूँ दिए ही जा रहे हो ????
क्या किसी ने अपने पिताजी और माताजी को अनेक नाम देने की कभी कुचेष्टा करी ????
जब वो एक ही है तो फिर हिन्दुओं के ठेकेदारों को अल्लाह से और मुसलामानों के ठेकेदारों को ईश्वर नाम से एलर्जी क्यूँ ????
जब देश एक है तो "हिन्दू" और "हिन्दुस्तानी" के नाम पर वैमनस्य फैलाने के कुत्सित भरपूर अनियंत्रित प्रयास अभी क्यूँ ????
धर्म के ठेकेदारों - कृपया सुधर जाओ - और अंततः हम सामान्यजन को उस उपर वाले सर्वशक्तिमान की छत्रछाया में हमारी इस मातृभूमि पर सुख चैन गर्व और भाईचारे से रहने दो !!!!
हम "हिन्दू" हैं या नहीं - और हैं तो क्यों और नहीं तो क्यों - इसका निर्णय हमें ही करने दो !!!! शायद हममें आपसे ज्यादा समझदारी है !!!!

जय हिन्द !! भारत ने पाकिस्तान से बातचीत रद्द की !!!!

August 18 - 2014
जय हिन्द !! भारत ने पाकिस्तान से बातचीत रद्द की !!!!
यक़ीनन मैं मोदी जी के इस कर्म से संतुष्ट हुआ ....
मुझे लगता है कि मोदी जी आज इस ऐतिहासिक स्थिति में हैं कि वो देशहित में कुछ बहुत अच्छा कर सकते हैं ....
प्रार्थना और आशा करता हूँ कि जैसी कि मोदी जी से अपेक्षा थी आगे भी वो सचमुच ऐसे असरकारक कदम उठाएंगे जिससे भारत का गौरव और बढ़ेगा और पाकिस्तान से पुराने रगड़े झगडे का पटाक्षेप हो सकेगा ....
मैं यह भी आशा करता हूँ कि यदि मोदी जी का अब से आगे ऐसा ही रवैय्या बना रहता है तो हर भारतीय उनका तन मन धन से साथ देगा !!!! जय हिन्द !!

PM speech from Red Fort

August - 15 - 2014
प्रवचन अच्छा था >> भाषण का पुट था >> जुमले अच्छे थे >> सेवक की सेवा का प्रमाण नहीं था >> साम्प्रदायिकता पर वक्तव्य धांसू था पर विपरीत क्रियाकलापों के रहते बेअसर था >> सामाजिक मुद्दों पर वक्तव्य धांसू एवं स्वागतयोग्य थे - एवं समाज को अमल भी करना चाहिए - पर शासक / सरकार के रोल एवं जवाबदारी के खुलासे का अभाव था >> शौचालय सम्बंधित घोषणा ; सांसद आदर्श ग्राम योजना ; प्रधानमंत्री जन धन योजना स्वागतयोग्य थी - पर महंगाई गरीबी भ्रष्टाचार पाकिस्तान एवं किये गए वादों तथा 'अच्छे दिन' के बारे में चुप्पी निंदनीय थी >> सटीक वक्तव्य कि - बड़े बड़े वादे कर पूरा नहीं करने से जनता में रोष उत्पन्न होता है - जले पे नमक सा लगा >> भाषण से विदेशों में भारत की छवि पर प्रतिकूल असर संभावित ....
और अंतिम टिप्पणी - मेरी पीड़ा !! काश मैं प्रधान सेवक पर विश्वास कर खुश हो पाता !!!!

प्रधानमंत्री सुषमा स्वराज !!!!

August 14 2014
प्रधानमंत्री सुषमा स्वराज !!!! 
नदी किनारे गाँव का एक स्कूल - इतिहास की क्लास - गणित में दक्ष एक होनहार बालक का मन पढाई में कम और खिड़की से नदी की बाढ़ को देखने में ज्यादा - तभी बालक ने देखा कि स्कूल के प्रिसिपल नदी के घाट की तरफ जाते हुए फिसल कर नदी के तेज बहाव में बह गए .....
बस फिर क्या था बालक क्लास से बाहर निकल कंपाउंड में आ जोर जोर से चिल्लाने लगा - " स्कूल की छुट्टी - कल परसों भी स्कूल की छुट्टी " !!!!
कल ऐसे ही एक होनहार राजनीतिक विश्लेषक ने संक्षिप्त टिप्पणी की और कहा - " सुषमा स्वराज का शीघ्र ही अगला प्रधानमंत्री बनना तय है " !!!!

"भारत का हर नागरिक हिन्दू है" ?!@#$%?

August 13 -2014
"भारत का हर नागरिक हिन्दू है" ?!@#$%?
उपरोक्त वक्तव्य प्रतिपादित करने या समर्थन करने वालों से निवेदन है कि निम्नलिखित प्रश्नों / बिन्दुओं पर गौर फरमाएं ...... 
>>> क्या "हिन्दू मैरिज एक्ट" देश के सभी नागरिकों पर लागू होता है ????
>>> क्या HUF की एक अलग पहचान है कि नहीं ? क्या मुस्लिम परिवार HUF के अंतर्गत आ सकता है ????
>>> क्या इस देश कि सरज़मीं पर किसी मस्जिद को हिन्दू मस्जिद कहा जा सकता है या कहना उचित होगा ?
>>> क्या सरकारी प्रपत्रों में रिलिजन / धर्म के कॉलम में यदि हिन्दू हिन्दू और मुसलमान इस्लाम लिखते थे / हैं तो क्या सब गलत ???? - क्या हिन्दू और इस्लाम अलग अलग रिलिजन / धर्म नहीं है - क्या इनमे कोई भिन्नता नहीं है ????
>>> क्या भारत में रहने वाले हर नागरिक को हिन्दू के बजाय भारतीय या हिन्दुस्तानी कहना उपयुक्त नहीं होगा - या केवल हिन्दू ही कहना ज़रूरी है ????
>>> यदि भारत में रहने वाले नागरिकों की इच्छानुसार बॉम्बे को मुंबई, मद्रास को चेन्नई, बैंगलोर को बैंगलुरु, आदि कहा जा सकता है तो क्या भारत में रहने वाले मुसलमान को उसकी इच्छानुसार मुसलमान कहना अपराध है और उसे जबरन हिन्दू कहना उपयुक्त है ????
>>> क्या मुझे अपनी इच्छानुसार यह कहने का भी अधिकार नहीं है कि "मेरा धर्म हिन्दू है" और "मैं भारतीय हूँ" ???? और मैं हिन्दू इसलिए नहीं कि मैं हिन्दुस्तान में रहता हूँ बल्कि मैं हिन्दू इसलिए हूँ क्यूंकि मेरा धर्म हिन्दू है ???? और कल से अगर मैं अपना धर्म परिवर्तन कर क्रिश्चियन हो जाऊं तो मुझे हिन्दू कि जगह क्रिश्चियन कहा जाए हिन्दू नहीं ???? और अगर मैं अमेरिका जा वहां कि नागरिकता ले लूँ तो भी मैं अमेरिकन के अलावा "हिन्दू" कहलाने का हकदार रहूँ ????
>>> इसी तरह क्या भारतीय मुसलमान को अपनी इच्छानुसार यह भी कहने का अधिकार नहीं है कि वो मुसलमान है और भारतीय है ???? और वो हिन्दू नहीं है ????
>>> क्या भारतीय जनता पार्टी अपना नाम बदलकर हिन्दू जनता पार्टी रखेगी - या अपनी इच्छानुसार नाम नहीं बदलेगी ????
>>> क्या भारतीय रिज़र्व बैंक का नाम भी बदल हिन्दू रिज़र्व बैंक रखने की मांग तो नहीं करेंगे ????
>>> अतः हर भारतीय पर उसकी इच्छा के विपरीत "हिन्दू" शब्द थोपना क्या उपयुक्त है ????
// आज मैं सही में बहुत व्यथित हूँ क्यूंकि मेरे हिन्दू भाइयों को एक गलत बात को सही सिद्ध करने हेतु अपने धर्म की मर्यादा को दांव पर लगाते देख रहा हूँ //

हवा निकल रही है - रोकने का प्रबंध हो !!!!

August 9 - 2014
हवा निकल रही है - रोकने का प्रबंध हो !!!!
मैं दावे से कहता हूँ - भले ही ट्रॉय कोस्टा को बुलवा इंची टेप लगा नपवा लो .... मोदी जी का सीना सिकुड़ कर 56" से बहुत कम रह गया है - लगभग 46" से भी कम !!!!
कारण क्या हो सकता है ????
मेरे हिसाब से तो हवा निकल रही है .... पर क्यूँ और कहाँ से ????
लगता है उनके योग गुरु बाबा रामदेव कोई गलत आसन बता खुद गायब हो गए हैं .... बड़ी विकट स्तिथि है भाई .... ऐसे ही हवा निकलती रही तो .... कोई कुछ करो .... हवा रोकने का प्रबंध करो ....

बलि का बकरा तय होते ही दिल्ली चुनाव की घोषणा !!!!

August 6 - 2014
बलि का बकरा तय होते ही दिल्ली चुनाव की घोषणा !!!!
विजय गोयल , हर्षवर्धन , किरण बेदी , सतीश उपाध्याय सभी को अंततः भरोसा हो गया है कि वो दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते ! अभी और कोई नेता मुख्यमंत्री के लिए आगे आया नहीं है ! यानी भाजपा के पास हाले-फिलाले कोई भी CM चेहरा नहीं है ! इसलिए ही भाजपा में अभी कोई भी चुनाव के पक्ष में नहीं हैं !
अंदरखाने कि बात तो यह भी है कि चुनावों में हार के बाद हार का ठीकरा किस के सर पर फोड़ा जाएगा यह समझ नहीं पड़ रही है .... अब जब दिल्ली के सभी नेता ये ठीकरा अपने सर फूटने हेतु तैयार ही नहीं है तो मोदी जी को भी ये डर लगने लगा है कि कहीं हार का ठीकरा बैठे बैठाय उनके सर तो नहीं फोड़ दिया जाएगा या फूट जायेगा ?
इसलिय मोदी जी भी अभी चुनाव के पक्ष में नहीं हैं !!
लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र को चुनाव हेतु खरी खोटी सुना दी है तो शायद अब इस बात का निर्णय शीघ्र करके कि मोदी के अलावा किस पर हार का ठीकरा फोड़ा जाएगा और कौन होगा बलि का बकरा, चुनाव की घोषणा कर दी जायेगी .....

आज 'आप' की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है ....

August 5 - 2014
आज 'आप' की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है ....
दिल्ली में विधानसभा कब तक निलंबित रहेगी ????
सरकार बनाने पर क्या पहल हुई ????
विधायक कब तक घर बैठेंगे ????
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सचेत भी किया है ....
केंद्र सरकार स्पष्ट रुख अपनाये ....
भक्तगणों - प्रश्न बहुत उचित तीखे और मुश्किल हैं - नियत पर प्रश्नचिन्ह हैं - सांख दांव पर है - कृपया मोदी जी को उत्तर बनाने में मदद करें .... और हो हिम्मत तो आपके अनुसार उत्तर क्या होना चाहिए अभी बता दीजिये .... अब तो स्पष्ट रुख अपना लीजिये .... 
{ टीप : कृपया अरविन्द केजरीवाल को गालियां देना शुरू करना हो तो मुलाहिज़ा फरमाएं कि : -
"मुर्गी के अंडे चोरी होने लगे तो मुर्गी बाँझ नहीं हो जाती है" - आप अपनी बात करें तो बेहतर }

जसोदाबेन V/S जीतबहादुर !!!!

जसोदाबेन V/S जीतबहादुर !!!!
धर्मपत्नी V/S धर्मपुत्र !!!!
क्या ये दोनों ही विषय "निजी" हैं ? या नहीं हैं ? 
यदि नहीं तो क्यूँ ?
यदि हाँ तो जीतबहादुर सम्बंधित सारी निजता को ताक में रख स्वयं निजता के पक्षधर इतने अग्रसक्रिय क्यूँ ? क्या जितना जीतबहादुर के लिए बोला बताया जा रहा है उतना ही जसोदाबेन के लिए बोला जाय तो आपत्ति तो नहीं होगी ? जैसे की मोदी जी ने जीतबहादुर पर एहसान किया - तो क्या जसोदाबेन से अन्याय नहीं किया ?
आज जब मैं ये सब कुछ लिख रहा हूँ तो यक़ीन माने मेरा किसी की निजता पर बोलना या उपहास करना आशय नहीं है ! मैं ये इसलिए लिख रहा हूँ कि मुद्दे की सारी बातें वो सारे वादे हवा हो रखे है, महंगाई आसमान पर और गरीब दम तोड़ रहे हैं, पूरे देश में साम्प्रदायिकता का ज़हर घोला जा रहा है .... और सबका ध्यान जीतबहादुर पर .... जो कि राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा कदापि नहीं हो सकता !!!!
'लव-जेहाद' ????
बदनियती से इजाद की गयी इस नई बक़वास के विरुद्ध रोष प्रकट करने के लिए और क्या कहूँ ....
'इडियट्स-अहमक़' !!!!

निर्जीव कुर्सी को क्यूँ कोसना ? आसीन जीवित बिगड़ैल का इलाज क्यूँ नहीं ??

August 24 - 2014
निर्जीव कुर्सी को क्यूँ कोसना ? आसीन जीवित बिगड़ैल का इलाज क्यूँ नहीं ??
हमेशा से कहा जाता रहा है कि जब व्यक्ति सत्ता की कुर्सी पर बैठ जाता है तो कुर्सी उसे बिगाड़ देती है - उसमे तमाम दुर्गुण आ जाते हैं जैसे - घमंड लालच असहिष्णुता भ्रष्टाचार निरंकुशता चालाकी निकम्मापन आदि ....
वर्तमान सत्तासीनों के आचरण से प्रथम दृष्टया यह सही भी लगता है - पर अब मैं बदलती परिस्थितियों में इसे सही नहीं मानता और एक नया परिदृश्य देखता हूँ ....
मुझे लगता है कि अब ज्यादातर घमंडी लालची असहिष्णु भ्रष्ट निरंकुश चालाक निकम्मा टाइप बिगड़ा व्यक्ति ही सत्ता की कुर्सी तक पहुँच उस पर आसीन हो सकता है या हो पाता है .... और नाहक ही बेचारी कुर्सी बदनाम !!!!
और तो और इसके उलट मेरा तो यहाँ तक सोचना है कि ऐसा बिगड़ा दुर्गुणी व्यक्ति भी जब कुर्सी पर बैठता है तो कभी कभार कुर्सी की बदौलत ही सौम्यता सभ्यता शिष्टाचार का परिचय देने की कोशिश या नाटक करता है - या शायद अपने आप को नियंत्रित करने की कोशिश भी करता है ....
अतः मैं सोचता हूँ कि बेचारी निर्जीव कुर्सी को यूं ही बेकार कोसने के बजाय कुर्सी पे बैठे बिगड़े दुर्गुणी व्यक्ति का ही इलाज क्यूँ नहीं - उससे निजात पाने के उपाय क्यूँ नहीं - उसे अपदस्थ करने के प्रयास क्यूँ नहीं ????
और कुछ नहीं तो कम से कम खुल के निंदा ही कर राष्ट्रहित में अपना आंशिक योगदान तो दिया ही जाना चाहिए !!!! है ना !!!!

Saturday 23 August 2014

'विदित मान्य स्वयंभू तानाशाह' से भी बदतर और ख़तरनाक कौन ????

सरकार के समस्त निर्णयों में अपना एकाधिकार स्थापित कर लेना - मरणासन्न हारे हुए विपक्ष को उचित अनुचित तरीके अपनाकर पूर्ण रूपेण नेस्तनाबूद कर देना - पार्टी में अपना वर्चस्व स्थापित कर लेना - केवल स्वार्थवश गलत प्रकार के लोगों को भी पार्टी में ले लेना - सही गलत तरीकों से हर हालत में चुनाव जीतने को प्राथमिकता देना - वोट राजनीति के तहत साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देना या कम से कम लगाम न लगाना - सभी संवैधानिक संस्थाओं के स्वार्थवश पर क़तर देना - स्थापित मर्यादाओं का निर्वहन नहीं करना .... और अभी तक एक ऐसा निर्णय नहीं जो जनहित या गरीब हित में हो - और एक ऐसा कदम नहीं जो किये वादों या आश्वासन को पूरा करता दिखता हो - और एक ऐसा कदम नहीं जो स्वयं के चमचों या आकाओं या समर्थकों या भ्रष्टों या बाहुबलियों या गुनहगारों के खिलाफ हो .....
मुझे कुछ अच्छा अंतःबोध नहीं हो रहा है - बल्कि कुछ भयावह सी स्थिति का आभास हो रहा है ....
मैं देशवासियों को सजग करना चाहता हूँ कि ....
//// प्रजातंत्रवादी के भेष में एक अघोषित छद्म तानाशाह या मात्र स्वार्थी ही सही - एक विदित मान्य स्वयंभू तानाशाह से भी बदतर और खरतनाक हो सकता है ////

Friday 22 August 2014

अरुण जेटली का शर्मनाक बयान शर्मनाक सोच का परिचायक !!!!
"दिल्ली में रेप की एक छोटी सी घटना और उसको दुनिया भर में विज्ञापित करने के कारण भारत को पर्यटन के क्षेत्र में करोड़ों रुपये का नुकसान भुगतना पड़ा " !!!!
मेरे त्वरित प्रतिप्रश्न ....
क्या लालकिले से मोदी जी के शौचालय वाले बयानों से देश की छवि सुधरी ?
क्या उन बयानों से पर्यटन बढ़ेगा ?
क्या अब आगे से विदेशी भारत की तरफ खिचें चले आएंगे की चलो भारत में हग कर आते हैं ????

मोदी जी से अच्छे व्यवहार की अपेक्षा ????

PM - CM विवाद के चलते समाचार पत्रों और टीवी बहस में प्रायः सुनने देखने को मिला कि  - प्रधानमंत्री को अपने पद की गरिमा के अनुरूप ही पेश आना चाहिए - उन्हें सदैव सभ्यता सौम्यता शालीनता और विनम्रता का परिचय देना चाहिए - उन्हें बड़े भाई जैसा व्यवहार करना चाहिए - उन्हें पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए - उन्हें कटाक्ष उपहास और निंदा करने से बचना चाहिए - उन्हें विपक्ष एवं अपने आलोचकों का भी यथायोग्य सम्मान करना चाहिए - आदि !!!!
मोदी जी नैसर्गिक रूप से तेज तर्रार उग्र कठोर निरंकुश और दम्भी व्यक्ति प्रतीत होते हैं - और शायद उनकी इन्ही विशिष्टताओं के रहते वो आज राजनीति के शिखर पर पहुंचे हैं - शायद ज्यादातर लोगों को उनकी यही बातें अच्छी लगती हों - शायद यही बातें आज की राजनीति में सफलता के लिए आवश्यक भी हों !!!!
अतः कम से कम मैं तो उनसे वांछित व्यवहार की अपेक्षा बिलकुल नहीं रखता !!!!
मैं तो केवल यही कामना कर सकता हूँ की बस उनकी नीयत साफ़ हो और लक्ष्य उपयुक्त और उनके गुण-दुर्गुण देशहित में योगदान करें !!!!

लेकिन इस विषयक मुझे मोदी जी के अभी तक के निष्पादन से खुश या उत्साहित होने का तनिक भी कारण नहीं है !!!! हाँ थोड़ी बहुत आशा जैसी चीज़ ही बची है !!!!

Thursday 21 August 2014

अति दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियां निर्मित हो रही हैं या निर्मित की जा रही हैं !!!!

मोदी जी प्रधानमंत्री के रूप में आगामी चुनाव होने वाले प्रदेशों में शिलान्यास या उदघाटन करने पहुँच रहे हैं .... जहाँ सार्वजनिक समारोह में भाषण भी हो रहे हैं .... समारोह में प्रोटोकॉल और प्रचलन के नाते मुख्यमंत्री भी सम्मिलित होते रहे हैं .... पर भाषणों के दौरान मुख्यमंत्रियों की हूटिंग होती देखी गयी .... मोदी जी के भाषण में भी प्रोटोकॉल की अवहेलना दिखी क्योंकि भाषण में चुनावी तेवर के अंश भी दिखे .... उपरांत स्थितियां यहाँ तक बिगड़ीं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रोटोकॉल का निर्वहन करने से इंकार करते हुए मोदी जी के साथ कार्यक्रम में सम्मिलित न होने का निर्णय कर डाला !!!!
बहस छिड़नी थी और छिड़ी हुई है .... दलील दी जा रही है कि मुख्यमंत्री इतने अलोकप्रिय हो चुके हैं कि जनता उनकी हूटिंग कर रही है और मोदी जी दिन-ब-दिन इतने लोकप्रिय होते जा रहे हैं कि लोग केवल उनको ही सुनना और सराहना चाहते हैं !!!! यह बात सही हो सकती है और मुझे सही प्रतीत होती है .... यह भी कहा जा रहा है कि जब लोग मुख्यमंत्री कि हूटिंग करें तो प्रधानमंत्री इसमें क्या कर सकते हैं और उन्हें क्यों कुछ करना चाहिए .... जनता जाने और मुख्यमंत्री !!!!
पर इन सब बातों से भी अनेक समस्याएँ उत्पन्न होते दिख रही हैं विशेषकर राज्य केंद्र के संबंधों विषयक .... और मर्यादाओं विषयक .... और इसी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करने के लिए आपके सामने एक काल्पनिक स्थिति रखना चाहूंगा ....
कल्पना कीजिये कि पश्चिम बगल में मोदी किसी परियोजना के लोकार्पण हेतु जाते हैं जहाँ पहले ममता बैनर्जी भाषण देती हैं तो आधी जनता हूट करती है और उसके बाद जब मोदी जी भाषण देते हैं तो फिर आधी जनता हूट करती है .... और उसके बाद भीड़ आपस में भिड़ जाती है, बलवा हो जाता है, जान माल का नुकसान होता है .... इत्यादि ....
मैं पूछना चाहूंगा कि तब जवाबदार कौन, समस्या का समाधान क्या, और समाधान प्रस्थापित करने कि जिम्मेदारी किसकी ????
अस्तु मैं यह चेताना चाहूंगा कि भीड़ भले ही आपकी प्रशंसक हो या विरोधी पर अनियंत्रित नहीं होनी चाहिए .... और तब जबकि नेता द्वारा स्वतः किये जा रहे किसी भी आयोजन में भीड़ अपेक्षित हो, तो उसे नियंत्रण में होने की नैतिक जिम्मेदारी उस नेता की ही होनी चाहिए, अन्यथा ऐसे नेता को ऐसा कोई आयोजन नहीं करना चाहिए जिसमें भीड़ की चाहत हो और अनुमानित भी हो !!!!

बयानबाज़ी पर मेरा बयान !!!!

एक लम्बे अरसे के बाद पप्पू जी ने बयान दिया - " जो लोग आपको माता और बहन कहते हैं, जो मंदिरों में मत्था टेकते हैं, देवी की पूजा करते हैं, वही बसों में आपके साथ छेड़छाड़ करते हैं " !!!!
मेरे हिसाब से तो ये बयान गलत है और इस लिए स्वाभाविक रूप से विवादित भी .... और विवाद होने पर एक और बयान आएगा की "बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया" !!!!
मैं राजनीती में नहीं हूँ पर फिर भी ये बयान-सुधार-सुझाव दे सकता हूँ कि यदि पप्पू चाहते कि उनका बयान ज्यादा तोडा मरोड़ा न जा सके तो उनको कहना चाहिए था .... "जो लोग बसों में आपके साथ छेड़छाड़ करते हैं, हो सकता है ये वही लोग हों जो आपको माता और बहन कहते हैं, जो मंदिरों में मत्था टेकते हैं, देवी की पूजा करते हैं " !!!!
आशा करता हूँ भक्तों को मेरा बयान-सुधार बयान पसंद आया होगा !!!!
यदि हाँ तो टीप करें कि मैं चाहने पर मोहन भागवत जी एवं संघ परिवार से जुड़े भाजपा तथा अन्य संस्थाओं के नेताओं के बयान के संबंध में भी ऐसा ही बयान-सुधार-सुझाव दे सकता हूँ .... वो भी मुफ्त !!!! चाहें तो विवादित बयान सहित आवेदन करें .... धन्यवाद !!!!

Wednesday 20 August 2014

प्रधानसेवक जी केजरीवाल की राह पर !!!!

प्रधानसेवक जी ने योजना आयोग को बंद करने का निर्णय करने के बाद सभी नागरिकों से सुझाव मांगे हैं ....
मुझे याद पड़ता है कि जब अरविन्द केजरीवाल ने नागरिकों से सुझाव प्राप्त करने की बात कही थी तो भाजपा और भक्तों द्वारा उनकी निंदा ही नहीं बल्कि मज़ाक भी उड़ाया था .... वो भी गालियों के समावेश के साथ .... वो भी पढ़े लिखे लोगों द्वारा .... तब मुझे बहुत पीड़ा हुई थी !!!!
आज मुझे इस बात का संतोष है कि मेरी सोच और विशेषकर मेरे fb दोस्त माननीय श्री विष्णु श्रीवास्तव जी द्वारा लिखित ये पंक्तियाँ आज सही साबित होती दिख रहीं हैं ....
//// "अरविन्द जैसा व्यक्ति तो खुल कर कह रहा है कि मुझे राजनीति नहीं आती। लेकिन निश्चय ही वह भ्रष्ट पार्टियों से राजनीति नहीं सीखेगा। भ्रष्ट पार्टियां समय आने पर खुद अरविन्द से सीखेंगी कि अच्छी राजनीति कैसे की जाती है।" ////

कांग्रेस पार्टी के महिला सम्मेलन में आज सोनिया गांधी को हिंदी में भाषण देते सुना ....

August 20 - 2014
सोनिया की हिंदी v/s मोदी की अंग्रेजी !!!!
कांग्रेस पार्टी के महिला सम्मेलन में आज सोनिया गांधी को हिंदी में भाषण देते सुना ....
अच्छी हिंदी बोल रहीं थी .... इसलिए यूं ही दिमाग में आया कि सोनिया जी ने तो हिंदी सीख ली पर मोदी जी अंग्रेजी क्यूँ नहीं सीख पाये ????
मुझे ये बात अखरती है - उदाहरणार्थ कि उन्हें TROPHY और TOFFEE शब्दों का अंतर नहीं पता और अभी भी वो लगातार SKILL (स्किल) शब्द को "स्कील" उच्चारित करते हैं ....आदि !!!! और मुझे नहीं लगता कि वो अंग्रेजी में अच्छी तरह से भाषण देने या बातचीत करने में सक्षम हैं !!!! 
वैसे तो कोई भी यह वाज़िब तौर पर कह सकता है कि ये बात छोटी है और बहुत अखरने वाली भी नहीं, पर जो भक्त लोग सोनिया जी और दूसरे नेताओं के भाषणों का भाषा और विभिन्न तुच्छ कारणों से चुनाव बाद भी अभी तक मज़ाक बनाते हैं, मैंने भी सोचा एक चलताऊ सी टिप्पणी उनके नामे शायद उचित हो ....

सोनिया की हिंदी v/s मोदी की अंग्रेजी !!!!

कांग्रेस पार्टी के महिला सम्मेलन में आज सोनिया गांधी को हिंदी में भाषण देते सुना ....
अच्छी हिंदी बोल रहीं थी .... इसलिए यूं ही दिमाग में आया कि सोनिया जी ने तो हिंदी सीख ली पर मोदी जी अंग्रेजी क्यूँ नहीं सीख पाये ????
मुझे ये बात अखरती है - उदाहरणार्थ कि उन्हें TROPHY और TOFFEE शब्दों का अंतर नहीं पता और अभी भी वो लगातार SKILL (स्किल) शब्द को "स्कील" उच्चारित करते हैं ....आदि !!!! और मुझे नहीं लगता कि वो अंग्रेजी में अच्छी तरह से भाषण देने या बातचीत करने में सक्षम हैं !!!!
वैसे तो कोई भी यह वाज़िब तौर पर कह सकता है कि ये बात छोटी है और बहुत अखरने वाली भी नहीं, पर जो भक्त लोग सोनिया जी और दूसरे नेताओं के भाषणों का भाषा और विभिन्न तुच्छ कारणों से चुनाव बाद भी अभी तक मज़ाक बनाते हैं, मैंने भी सोचा एक चलताऊ सी टिप्पणी उनके नामे शायद उचित हो ....

Tuesday 19 August 2014

गडकरी जी की घोषणा .... RTO ऑफिस बंद किये जायेंगे ....

गडकरी जी की घोषणा .... RTO ऑफिस बंद किये जायेंगे .... कारण RTO ऑफिस में भ्रष्टाचार !!!!
वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी ???? बाद में बताएँगे ..... क्यों ???? .... कोई समाधान नहीं !!!!
फिर तो मेरा भी प्रधानसेवक जी को आदेश : -
>>> सारे नगर निगम कार्यालय और सरकारी अस्पताल बंद करने की घोषणा हो .... कारण वही भ्रष्टाचार .... वैकल्पिक व्यवस्था बाद में बताऊंगा !!!!
>>> नितिन गडकरी को परिवहन मंत्री के पद से हटायें .... कारण वही भ्रष्टाचार .... वैकल्पिक व्यवस्था बाद में बताऊंगा !!!!
अरे भाई ये कौन सा तरीका है सुर्खियां बटोरने का ?? ढाई तीन महीने से सरकार अकर्मण्य ही नज़र आ रही है .... यदि कुछ नहीं कर पाये हो तो फिर बेमतलब की फेकम-फांकी क्यों ?? क्यों नहीं पूरी योजना सम्पूर्ण रूप में यथासमय सबके सामने रखी जाय और फिर तदनुसार तुरंत क्रियान्वयन हो ????

अरुण जेटली का शर्मनाक बयान शर्मनाक सोच का परिचायक !!!!

August 22 - 2014
अरुण जेटली का शर्मनाक बयान शर्मनाक सोच का परिचायक !!!!
"दिल्ली में रेप की एक छोटी सी घटना और उसको दुनिया भर में विज्ञापित करने के कारण भारत को पर्यटन के क्षेत्र में करोड़ों रुपये का नुकसान भुगतना पड़ा " !!!!
मेरे त्वरित प्रतिप्रश्न ....
क्या लालकिले से मोदी जी के शौचालय वाले बयानों से देश की छवि सुधरी ?
क्या उन बयानों से पर्यटन बढ़ेगा ?
क्या अब आगे से विदेशी भारत की तरफ खिचें चले आएंगे की चलो भारत में हग कर आते हैं ????

"बहुनाम" में षड्यन्त्र !!!!

धर्म के ठेकेदारों ने ऊपर वाले को भी नहीं छोड़ा और उस सर्वशक्तिमान को अपने स्वार्थ के लिए इतने सारे नाम दे दिए कि अब तो वो खुद भी अपना असली नाम भूल गया होगा ....
ईश सांई ईश्वर खुदा जीसस भगवान अल्लाह ॐ गॉड रब परमात्मा रब्बा अल्लाह प्रभु परवरदिगार मालिक परमेश्वर विधाता आदि आदि ....
और इतिहास गवाह है कि इस तरह इन धर्म के ठेकेदारों ने ऊपर वाले के टुकड़े टुकड़े कर उसकी भी रेड़ मार दी और उसके अनन्य नामों पर अपनी अपनी दुकाने खोल खूब लूट खसोट करी और लोगों को आपस में लड़ाया भिड़ाया मरवाया कटवाया .....
और फिर नंबर आया देश का - जब पेट नहीं भरा तो इन ठेकेदारों ने देश एवं देश में रहने वालों के भी अनेक नाम दे दिए ! जैसे - इंडिया भारत इंडस हिन्दुस्तान इंडी भारती हिंदी इंडियन भारतीय हिन्दुस्तानी आदि .... और लेटेस्ट में "हिन्दू" !!!! और लगे तर्क कुतर्क करने और अपने अपने हिसाब से परिभाषा देने और व्याख्या करने ....
इसी "बहुनाम" की कुप्रथा एवं कुचेष्टा के पीछे सारे षड्यन्त्र छुपे हुए हैं जो सारे झगडे की जड़ है !!!!
मैं व्यथित हो इन सब ठेकेदारों से पूछता हूँ कि जब आप बार बार खुद ही यह अकाट्य अटल सत्य मान चुके हो कि - /// ऊपर वाला एक है और हमारा देश भी एक ही है /// - फिर इतने सारे नाम क्यूँ दिए और क्यूँ दिए ही जा रहे हो ????
क्या किसी ने अपने पिताजी और माताजी को अनेक नाम देने की कभी कुचेष्टा करी ????
जब वो एक ही है तो फिर हिन्दुओं के ठेकेदारों को अल्लाह से और मुसलामानों के ठेकेदारों को ईश्वर नाम से एलर्जी क्यूँ ????
जब देश एक है तो "हिन्दू" और "हिन्दुस्तानी" के नाम पर वैमनस्य फैलाने के कुत्सित भरपूर अनियंत्रित प्रयास अभी क्यूँ ????
धर्म के ठेकेदारों - कृपया सुधर जाओ - और अंततः हम सामान्यजन को उस उपर वाले सर्वशक्तिमान की छत्रछाया में हमारी इस मातृभूमि पर सुख चैन गर्व और भाईचारे से रहने दो !!!!
हम "हिन्दू" हैं या नहीं - और हैं तो क्यों और नहीं तो क्यों - इसका निर्णय हमें ही करने दो !!!! शायद हममें आपसे ज्यादा समझदारी है !!!! 

Monday 18 August 2014

बिहार में मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर फिर हादसा - 17 की दुखद दर्दनाक मौत !!!!

बिहार में मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर फिर हादसा - 17 की दुखद दर्दनाक मौत !!!!
प्रधानमंत्री मोदी जी से हाथ जोड़कर निवेदन है - और - प्रधानसेवक मोदी जी को आदेश है कि .... कृपया बुलेट ट्रेन जैसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट अभी दिमाग से निकाल कर कार्ययोजना से भी पृथक करें .... तथा पहले मूलभूत आवश्यक कार्य तुरंत हाथ में ले उन्हें पूर्ण करें ....
अन्यथा ऐसी दुर्घटनाओं के लिय आप भी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जवाबदार रहेंगे !!!!

मेरा मोदियाना सुझाव - दंगो में मृत ही को दोषी माना जाये !!!!

सहारनपुर मुजफ्फरनगर आदि अनेक दंगो की भी अब जब जाँच रेपोर्ट आने लगी हैं, तफ्तीश पूर्ण होने लगी हैं, तब धीरे धीरे ये पूर्वनिर्धारित तथ्य साफ़ होते जा रहा है कि - इन सभी दंगो में ना तो कांग्रेस ना भाजपा ना समाजवादी पार्टी ना बहुजन समाज पार्टी ना कोई अन्य पार्टी - ना कोई विधायक ना कोई सांसद ना कोई नेता - ना हिन्दू ना मुसलमान ना सिक्ख ना कोई और जाति का मनुष्य ही दोषी था - और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी ही सीधे सीधे दोषी था ....
अतः निश्चित रूप से ये ही प्रतिपादित एवं स्थापित होता है कि दोषी तो मरने वाले ही थे जो मर गए और अपने पीछे इतना बखेड़ा छोड़ गए .... अरे भाई यदि थोड़ी और सावधानी बरतते और बच जाते तो समाज और सरकार को ये दिन तो नहीं देखने पड़ते .... आखिर जीने का भी तो कोई शऊर होता है कि नहीं - और फिर मरने का शऊर भी तो जरूरी है कि नहीं ????
पर अब सारी समस्या ये आन पड़ी है कि इन मृत दोषियों को सजा कैसे दी जाय ???? .... जबकि प्रधानमंत्री से मंत्री तक सब ये कह चुके हैं की दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा !!!!
अतः इस घोर समस्या हेतु मेरे पास भी मोदी जी की ही शैली का एक सुझाव है कि - अब तक जो हुआ सो हुआ पर अब आगे से जब भी कोई दंगा हो तो दंगे में मरने वाले को तुरंत दोषी मानते हुए उसके परिवार से रुपये 1 लाख वसूल लिए जाएँ .... ऐसा करने से सभी लोग अपने परिवार वालों को दंगा करने हेतु जाने से रोकेंगे - और समस्या का समाधान शीघ्र ही अगले 20 साल में ही हो जायेगा - वो भी सरकार के कुछ किये बगैर !!!!
इस योजना को "जनभागीदारी द्वारा दंगारोधक" नाम भी दिया जा सकता है - या मॉडल कहें तो वही "PPP" !!!!
इस सुझाव का श्रेय भी मैं मोदी जी को ही दूंगा जिन्होंने कुछ दिन पहले माँ बाप को लड़के पर निगरानी हेतु सुझाव दिया था - जिससे प्रेरणा पाकर ही मैं ये सुझाव दे पा रहा हूँ !!!!
कहो भक्तगण .... है न मोदी जी से भी ज्यादा धांसू आईडिया !!!! और वो भी मोदियाना - है ना !!!!

अति दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियां निर्मित हो रही हैं या निर्मित की जा रही हैं !!!!

August 21 - 2014
अति दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियां निर्मित हो रही हैं या निर्मित की जा रही हैं !!!!
मोदी जी प्रधानमंत्री के रूप में आगामी चुनाव होने वाले प्रदेशों में शिलान्यास या उदघाटन करने पहुँच रहे हैं .... जहाँ सार्वजनिक समारोह में भाषण भी हो रहे हैं .... समारोह में प्रोटोकॉल और प्रचलन के नाते मुख्यमंत्री भी सम्मिलित होते रहे हैं .... पर भाषणों के दौरान मुख्यमंत्रियों की हूटिंग होती देखी गयी .... मोदी जी के भाषण में भी प्रोटोकॉल की अवहेलना दिखी क्योंकि भाषण में चुनावी तेवर के अंश भी दिखे .... उपरांत स्थितियां यहाँ तक बिगड़ीं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रोटोकॉल का निर्वहन करने से इंकार करते हुए मोदी जी के साथ कार्यक्रम में सम्मिलित न होने का निर्णय कर डाला !!!!
बहस छिड़नी थी और छिड़ी हुई है .... दलील दी जा रही है कि मुख्यमंत्री इतने अलोकप्रिय हो चुके हैं कि जनता उनकी हूटिंग कर रही है और मोदी जी दिन-ब-दिन इतने लोकप्रिय होते जा रहे हैं कि लोग केवल उनको ही सुनना और सराहना चाहते हैं !!!! यह बात सही हो सकती है और मुझे सही प्रतीत होती है .... यह भी कहा जा रहा है कि जब लोग मुख्यमंत्री कि हूटिंग करें तो प्रधानमंत्री इसमें क्या कर सकते हैं और उन्हें क्यों कुछ करना चाहिए .... जनता जाने और मुख्यमंत्री !!!!
पर इन सब बातों से भी अनेक समस्याएँ उत्पन्न होते दिख रही हैं विशेषकर राज्य केंद्र के संबंधों विषयक .... और मर्यादाओं विषयक .... और इसी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करने के लिए आपके सामने एक काल्पनिक स्थिति रखना चाहूंगा ....
कल्पना कीजिये कि पश्चिम बगल में मोदी किसी परियोजना के लोकार्पण हेतु जाते हैं जहाँ पहले ममता बैनर्जी भाषण देती हैं तो आधी जनता हूट करती है और उसके बाद जब मोदी जी भाषण देते हैं तो फिर आधी जनता हूट करती है .... और उसके बाद भीड़ आपस में भिड़ जाती है, बलवा हो जाता है, जान माल का नुकसान होता है .... इत्यादि ....
मैं पूछना चाहूंगा कि तब जवाबदार कौन, समस्या का समाधान क्या, और समाधान प्रस्थापित करने कि जिम्मेदारी किसकी ????
अस्तु मैं यह चेताना चाहूंगा कि भीड़ भले ही आपकी प्रशंसक हो या विरोधी पर अनियंत्रित नहीं होनी चाहिए .... और तब जबकि नेता द्वारा स्वतः किये जा रहे किसी भी आयोजन में भीड़ अपेक्षित हो, तो उसे नियंत्रण में होने की नैतिक जिम्मेदारी उस नेता की ही होनी चाहिए, अन्यथा ऐसे नेता को ऐसा कोई आयोजन नहीं करना चाहिए जिसमें भीड़ की चाहत हो और अनुमानित भी हो !!!!

मोदी जी से अच्छे व्यवहार की अपेक्षा ????

August 22 - 2014
मोदी जी से अच्छे व्यवहार की अपेक्षा ????
PM - CM विवाद के चलते समाचार पत्रों और टीवी बहस में प्रायः सुनने देखने को मिला कि - प्रधानमंत्री को अपने पद की गरिमा के अनुरूप ही पेश आना चाहिए - उन्हें सदैव सभ्यता सौम्यता शालीनता और विनम्रता का परिचय देना चाहिए - उन्हें बड़े भाई जैसा व्यवहार करना चाहिए - उन्हें पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए - उन्हें कटाक्ष उपहास और निंदा करने से बचना चाहिए - उन्हें विपक्ष एवं अपने आलोचकों का भी यथायोग्य सम्मान करना चाहिए - आदि !!!!
मोदी जी नैसर्गिक रूप से तेज तर्रार उग्र कठोर निरंकुश और दम्भी व्यक्ति प्रतीत होते हैं - और शायद उनकी इन्ही विशिष्टताओं के रहते वो आज राजनीति के शिखर पर पहुंचे हैं - शायद ज्यादातर लोगों को उनकी यही बातें अच्छी लगती हों - शायद यही बातें आज की राजनीति में सफलता के लिए आवश्यक भी हों !!!!
अतः कम से कम मैं तो उनसे वांछित व्यवहार की अपेक्षा बिलकुल नहीं रखता !!!!
मैं तो केवल यही कामना कर सकता हूँ की बस उनकी नीयत साफ़ हो और लक्ष्य उपयुक्त और उनके गुण-दुर्गुण देशहित में योगदान करें !!!!
लेकिन इस विषयक मुझे मोदी जी के अभी तक के निष्पादन से खुश या उत्साहित होने का तनिक भी कारण नहीं है !!!! हाँ थोड़ी बहुत आशा जैसी चीज़ ही बची है !!!!
जय हिन्द !! भारत ने पाकिस्तान से बातचीत रद्द की !!!!
यक़ीनन मैं मोदी जी के इस कर्म से संतुष्ट हुआ ....
मुझे लगता है कि मोदी जी आज इस ऐतिहासिक स्थिति में हैं कि वो देशहित में कुछ बहुत अच्छा कर सकते हैं ....
प्रार्थना और आशा करता हूँ कि जैसी कि मोदी जी से अपेक्षा थी आगे भी वो सचमुच ऐसे असरकारक कदम उठाएंगे जिससे भारत का गौरव और बढ़ेगा और पाकिस्तान से पुराने रगड़े झगडे का पटाक्षेप हो सकेगा ....
मैं यह भी आशा करता हूँ कि यदि मोदी जी का अब से आगे ऐसा ही रवैय्या बना रहता है तो हर भारतीय उनका तन मन धन से साथ देगा !!!! जय हिन्द !!
बिहार में मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर फिर हादसा - 17 की दुखद दर्दनाक मौत !!!!
प्रधानमंत्री मोदी जी से हाथ जोड़कर निवेदन है - और - प्रधानसेवक मोदी जी को आदेश है कि .... कृपया बुलेट ट्रेन जैसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट अभी दिमाग से निकाल कर कार्ययोजना से भी पृथक करें .... तथा पहले मूलभूत आवश्यक कार्य तुरंत हाथ में ले उन्हें पूर्ण करें ....
अन्यथा ऐसी दुर्घटनाओं के लिय आप भी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जवाबदार रहेंगे !!!!