Tuesday 30 June 2015

//// शाब्बाश मोदी जी शाब्बाश !! ....////


भाई मान गए मोदी जी ! मान गए !! .... इसे बोलते हैं दबंगता .... इसे बोलते हैं मन की बात - दिल दिमाग की गहराइयों से निकली बात .... इसे बोलते हैं ट्वीट - हर ट्वीट के अपने मायने - एक छुपा हुआ मकसद .... इसे बोलते हैं विदेश नीति - पूरे विश्व में एक धाक - पूरे विश्व का समर्थन .... इसे बोलते हैं वाक्-शक्ति - अपनी बातों को सबके समक्ष दक्षता के साथ रखना .... और सबका साथ ले आगे बढ़ना - फिर भले ही वो देसी हो परदेसी हो या विदेशी हो - पक्ष या विपक्ष का हो - पुरुष हो या महिला हो - बच्चा हो बच्ची हो - दोस्त हो दुश्मन हो - राजा हो महाराजा हो या टुच्चा हो - खिलाड़ी हो या अनाड़ी हो .... हर मामले में अग्रसर रहना - भले ही वो ट्वीट ईमेल ब्लॉग डिजिटल इ-डिस्प्ले इ-मेल का मामला हो - या 'जन-धन' की 'साफ़-सफाई' का मामला हो - या खेल में गंदगी का मामला हो - कालेधन का मामला हो - सब में अपनी लिप्तता रखना ....

और क्या बोलूं - शब्द कम पड़े जा रहे हैं - वाकई !! - शाब्बाश मोदी जी शाब्बाश !!!!

पर मित्रो अगर आप ये सोच रहे हैं कि मैं मोदी जी की तारीफ कर रहा हूँ - वो भी पहली बार - तो शायद आप सही सोच रहे हैं ....
आज पहली बार मैं मोदी जी की तारीफ करने पर मजबूर हूँ .... जी हाँ !! छोटे मोदी जी !! यानि ललित मोदी जी !!!!

कहीं आपने मेरी तारीफ़ बड़े मोदी जी के लिए तो नहीं समझ ली ?? नहीं ना ?? मुझे मालूम है आप तो कभी भी ऐसा सोच ही नहीं सकते .... बड़े मोदी की तारीफ और वो भी मेरे द्वारा - कदापि नहीं !!!!

तो बस अब तो मेरी यही कामना है कि छोटे मोदी जी कामयाब हों - और भंडा फूटे - भ्रष्टाचारियों की वाट लगे .... भगवान छोटे मोदी जी को सलामत रखे - इंग्लैंड में ही रखे - बोलता रखे - ट्वीटिंग रखे .... उन्हें भाजपा-कांग्रेस युक्त और उनकी पत्नी को भी कैंसर मुक्त रखे .... इस देश को तो बस अब उनसे ही उम्मीदें हैं .... अब तो केवल वो ही कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे भ्रष्टाचारी और भ्रष्टाचार उजागर हों और देश को राहत मिले ..... वरना बड़े मोदी जी ?? .. वो तो किसी काम के नहीं रहे - वो तो अब खुल कर बोल तक नहीं पा रहे - बेचारे !!!!

//// दिल्ली विधानसभा में आज 'मार्शल्स' को आराम ....////


अभी-अभी समाचार आया है कि वैट संबंधित बिल के विरोध को लेकर तमाम विपक्ष यानि पूरे-पूरे विपक्ष ने यानि भाजपा के सारे के सारे विधायकों ने यानि तीनो के तीनों विधायकों ने सदन में खूब हंगामा किया और बिल तक फाड़ दिया ....

पर भाजपा के सभी तीनों विधायकों की शराफत देखिए .... बदलाव स्वरुप आज तीनों के तीनों विधायकों द्वारा मानवता का अभूतपूर्व परिचय देते हुए स्वयं अपने पद पादों पर चलकर विरोध स्वरुप सदन से बहिर्गमन कर दिया ....

यानि सुकून की बात यही रही कि 'मार्शल्स' को आज आराम दिया गया !!!! प्रशंसनीय !!!!

//// एक बार मिल तो लें ....////


मोदी जी इस समय व्यस्ततम व्यक्ति हैं .... सुषमा वसुंधरा स्मृति पंकजा तावड़े व्यापम प्रकरण में उन्हें पूरी तहकीकात करने का वक्त नहीं मिला है - पूरी कायनात उनसे जवाब मांग रही है और उनसे जवाब तक देते नहीं बन रहा है - फिर अभी धारा ३७० राम मंदिर जैसे मुद्दे निपटाने हैं - लांच की गई बीमा योजनाओं की मार्केटिंग करनी है - अंबानी अडानी का कर्ज चुकाना है - वाराणसी जाना है - आडवाणी जी का मार्गदर्शन लेना है - यशवंत सिन्हा का ब्रेन वाश करना है - अगले 'मन की बात' की तैयारी करना है - दिल्ली में हार के कारणों का पता लगाना है - बिहार चुनाव में दरी बिछाने उठाने के छोटे कार्य से लेकर रैलियां करने का काम शुरू करना है .... आगे रक्षा-बंधन आ रहा है - बहनों को १२ रुपये वाली पालिसी टिकानी है .... और ललित भगवान को शांत प्रसन्न रखना है .... आदि ! इत्यादि !! ललित्यादि !!!

और ऐसे में ये केजरीवाल मोदी जी से इतना बड़ा काम करने का दबाव डाल रहे हैं .... बार बार उनसे कह रहे है .... एक बार मिल तो लें - एक बार मिल तो लें !!!!

मित्रो आप ही बताएँ कि क्या ये केजरीवाल की ज्यादती नहीं ? परेशान को और हद्द परेशान करना - भेरू बना देना .... या फिर ये केजरीवाल के साथ ज्यादती तो नहीं - कि एक बार मिल भी नहीं रहे ????

वैसे मैं एक बात और सोच रहा था कि यार ये केजरीवाल आखिर मोदी से मिलने के पीछे क्यों पड़े हैं ? वो मिल भी लेंगे तो क्या निहाल कर देंगे ?? साल भर में किसको निहाल कर दिया जो तुमको निहाल कर देंगे ????

पर फिर गूढ़ बात समझ आ रही है .... केजरीवाल को मालूम है कि मोदी मिलने वाले नहीं - इसलिए ही तो वे कह रहे होंगे - एक बार मिल तो लें - एक बार मिल तो लें !!!!

Monday 29 June 2015

//// चौकीदार का चुप्पासन ....////

 
साल एक भर पहले ही एक चौकीदार रखा था .... बंदा स्मार्ट दिखता था - चुस्त चपल हाज़िर जवाब .... हाथ जोड़ कर कहता था मालिक सेवा का मौका दें - मैं सारी व्यवस्था चाकचौबंद रखूंगा और तिजोरी पर किसी का पंजा नहीं पड़ने दूंगा .... कई लोगों ने उसकी सिफारिश भी करी थी !!!!

और शुरू में तो वो रात में जागता और चिल्लाता भी था - जागते रहो जागते रहो .... पर एकाएक वो आजकल गुमसुम हो गया है - चुप हो गया है ....

पूछा तो बोला मालिक चोरी हो गई .... ठीक है भाई हो गई तो हो गई - किसने करी ? बोला अपने वाले ही हैं - मेरे गाँव वाले ही हैं - मेरे रिश्तेदार ही हैं - पूरा गैंग है ....
यार ये बात तो ठीक नहीं - तुमने रोका क्यों नहीं ? .... रोकता कैसे - मेरी चौकीदारी की नौकरी भी तो उन्होंने ने ही लगवाई थी ....

तो फिर आगे क्या करना ? .......
चोरी तो रोकनी होगी - चोर को तो पकड़ना होगा ........ कुछ तो बोलो ?
अब क्या बोलूं ? .... बोलो कुछ तो बोलो .....

ठीक है आज मन की बात बोलता हूँ .... मौसम बहुत सुहाना है - बरसाती है - पानी रोको - झाड़ लगाओ - पकोड़े खाओ - शौचालय जाओ - योगासन करो - सेल्फ़ी खींचो - त्यौहार मनाओ - राखी पर बहना को बोलना ले पकड़ १२ रूपए का बीमा - मर गई तो परिवार को पैसे मिलेंगे ....

पर भाई इससे तुम्हारी चौकीदारी का क्या लेना देना ?? .... चोरों को तो भगाओ नहीं तो फिर तुम खुद भागो यहाँ से ....

५ साल का बांड है जनाब आप मुझे यूं नहीं भगा सकते - मैं कोई भगोड़ा नहीं - और यदि कोई भगोड़े की मदद करे तो इससे मेरा लेना देना भी नहीं .... इसलिए अब योग कर रहा हूँ - कृपया मुझे डिस्टर्ब नहीं करें - मैं चुप्पासन में लीन हूँ ....

इसलिए मित्रो सुझाव देना चाहूँगा कि .... चौकीदार के भरोसे नहीं रहें - अपनी सुरक्षा स्वयं करें - जागते रहें ....!!!!

Sunday 28 June 2015

//// सिर्फ अपने मन की बात ? बलात्कारी प्रवृत्ति नहीं ??....////


ना मालूम क्यों आज मुझे केवल अपने मन की बात करने वालों के प्रति नफरत का भाव पैदा हो रहा है ....

जिस व्यक्ति को किसी दूसरे पक्ष या तीसरे पक्ष के बारे में कोई संवेदना ना हो और वो केवल मैं मैं और मेरा मन और मेरे मन की बात ही करता रहे - और जो किसी अन्य के मन की बातें न कहे - जनता के मन की बातें न करे - तो क्या ऐसा व्यक्ति स्वयं तानाशाह होने या बलात्कारी प्रवृत्ति का होने का परिचय नहीं देता ????

जो मेरी बात से सहमत नहीं होंगे मैं मानता हूँ कि शायद उन्हें नहीं मालूम होगा कि ये बलात्कार बला क्या है - और जो करता है वो तो मन की बात करता होगा पर जिस पर करता है उसके लिए ये कितना भयावह और पीड़ा दायक होता होगा !!!!

यकीनन समय आ गया है कि इस देश में "मन की बात" बंद हो .... अब कुछ बात दिल और दिमाग की भी हो - कुछ बात ईमान की भी हो - कुछ बात विश्वास परोपकार की भी हो - कुछ कायदे कानून और नैतिकता की भी हो - और कुछ जवाबदारी और जिम्मेदारी की भी तो हो !!!!

अब बहुत हुआ ....

कांग्रेस मनमोहन सोनिया की बात बहुत हो गई - अब कुछ बात भाजपा मोदी संघ की भी तो हो ....
बहुत हुई राजा कलमाड़ी बंसल तोमर की बात - अब सुषमा वसुंधरा पंकजा ईरानी की बात भी तो हो....
बहुत हुई नरेंद्र मोदी की बात - आज ललित मोदी की बात भी तो हो ....
बहुत हुई ५६" सीने की बात - आज बिल में घुसने की बात भी तो हो ....
फेंकम फांक बहुत हुई - कुछ ज़मीनी बात भी तो हो ....
बेशर्मी बहुत हुई - शर्म की बात भी तो हो ....
बलात्कार बहुत हुए - अब बलात्कारी को सजा भी तो हो ....
है ना !!!!

//// रॉबर्ट वाड्रा और दुष्यंत सिंह के बहाने .... व्यक्ति की पहचान करें ....////


जिस व्यक्ति को रॉबर्ट वाड्रा और दुष्यंत सिंह के बारे में कुछ नहीं पता - वो तो बेचारा है - उसके बारे में बात करना बेकार है ....

जिस व्यक्ति को रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों के बारे में पता है पर दुष्यंत सिंह के बारे में नहीं - वो बुद्धू सो रहा है ....
जिस को रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों के बारे में नहीं पता है पर दुष्यंत सिंह के बारे में पता है - वो अभी बच्चा है कच्चा है नादान है ....
जिस को रॉबर्ट वाड्रा और दुष्यंत सिंह दोनों पर लगे आरोपों के बारे में पता है - वो सजग सतर्क सावधान है ....

जिस व्यक्ति को रॉबर्ट वाड्रा और दुष्यंत सिंह दोनों पर लगे आरोपों में समानता लगती है - वो तर्कसंगत है ....
जिस को रॉबर्ट वाड्रा और दुष्यंत सिंह दोनों पर लगे आरोपों में असमानता लगती है - वो अतार्किक है ....

जिस व्यक्ति को रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोप सही और दुष्यंत सिंह पर लगे आरोप गलत लगते हैं - वो भाजपाई समर्थक भक्त है ....
जिस को रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोप गलत और दुष्यंत सिंह पर लगे आरोप सही लगते हैं - वो पक्का कांग्रेसी है ....
जिस को रॉबर्ट वाड्रा और दुष्यंत सिंह दोनों पर लगे आरोप सही लगते हैं - वो सजग 'आप' समर्थक है ....

और जिस व्यक्ति को रॉबर्ट वाड्रा और दुष्यंत सिंह दोनों पर लगे आरोप गलत लगते हैं वो मूर्ख है .... हो सकता है वो आपको कहीं भी और यहां तक कि FB पर भी बदहवास हालत में अरविन्द केजरीवाल को गाली देता मिल जाए - उससे भिड़ने के बजाए उस पर तरस खा उसे इग्नोर मारें तो ही बेहतर - मैं तो ऐसा ही करता हूँ और बहुत प्रसन्न रहता हूँ !!!!
धन्यवाद !!!!

//// मौन मोदी जी !! लोगों का विश्वास सब्र और मौन टूट रहा है ....////


आज एक बार फिर मोदी जी की 'मन की बात' सुनी - लगा कोई चालाकी से इधर-उधर की कई हल्की-फुल्की खट्टी-मीठी बातें कह हमें फुसलाने का बचकाना प्रयास कर गया ....

बोले तो बहुत पर मौनी बाबा "मौन" अधिक रहे .... बोले पर बोलती बंद दिखी .... बोले पर - ऊँ आँ ऊँ आँ ऊँ आँ !!!!

आज फिर लगा कि मोदी अब 'मौन' हो चले - या 'मौन' कर दिए गए - अब उनके दहाड़ने बोलने के दिन लद गए !!!!

मुझे तो अब ऐसा विश्वास हो चला है कि अब "हल्की-फुल्की खट्टी-मीठी" बातें करने वाले हमारे मोदी जी को शीघ्र ही बहुत भारी- भरकम खरी-खोटी कसैली-कड़वी बातें भी सुनने को मिलने वाली हैं .... लोगों का विश्वास सब्र और मौन टूट रहा है - लोगों के मन में भी कई बातें उठ रही हैं - सावधान !!!!

Saturday 27 June 2015

//// विकल्प तो कोई "केजरीवाल" ही - पर कोई "मोदी" नहीं ....////


अब देश के आगे नेतृत्व का अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है ....

कारण - लोगों ने भ्रमित होकर या नाराज़ होकर या निराश होकर या त्रस्त होकर - या फिर आशान्वित होकर या गफलत में आकर - १० साल से सत्ता पर काबिज़ यूपीए सरकार को अपदस्थ किया था और नरेंद्र मोदी को सत्ता की बागडोर सौंप दी थी ....

मैं स्वयं मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक था - पर जैसे-जैसे समय बीतता गया था - चुनाव प्रचार और चुनाव की गतिविधियाँ सामने आने लगीं थीं - मैं निराश होता गया था - और अंततः मोदी विरोधी हो गया ....

पर पूरी ईमानदारी से आज आप सबके साथ ये बात शेयर करूंगा कि लाख विरोधी होने के बावजूद मैनें हमेशा दिल से यही चाहा कि मोदी सफल हों और मैं गलत साबित होऊं .... मैंने ऐसा इसलिए चाहा कि यदि मोदी सफल होते तो निश्चित ही इस देश का भला होता - और मेरा भी - क्योंकि मैं ऐसा ही मानता हूँ कि मेरा भाग्य भी इस देश के भाग्य से ही सीधे-सीधे जुड़ा है !!!!

पर आज घोर विफलता के बाद बेशर्म वादाखिलाफी के बाद जब "ललितगेट" सामने आया और मोदी जी का दयनीय शर्मनाक रोतला मौन देखने को मिला - तो जैसे बची-खुची आशाएं भी ख़त्म हो गई हैं .... और मुझे घोर निराशा हो रही है .... मुझे भाजपा और मोदी में सब कुछ वही दकियानूस गंदगी भरा पुरानापन दिख रहा है - नया कुछ भी नहीं !!!! 

अस्तु जब आज स्थापित हो चला है कि -  "भाजपा और मोदी"  "कांग्रेस और मनमोहन" से कहीं ज्यादा गए-बीते हैं - तो प्रश्न खड़ा होता है कि फिर विकल्प क्या ????

मेरे हिसाब से आज के परिदृश्य में सशक्त एवं विश्वसनीय विकल्प तो केवल अरविन्द केजरीवाल ही दिखते हैं ....

पर साथ ही एक और बात स्पष्ट कर दूँ कि - मान लेवें दुर्भाग्यवश अरविन्द केजरीवाल भी असफल हो जाते हैं - या षड्यंत्र पूर्वक असफल कर दिए जाते हैं - तो भी मेरा ऐसा मानना है कि इस देश का भला कोई "केजरीवाल" ही कर सकेंगे - निश्चित ही कोई "मोदी" कदापि नहीं !!!!

पर अन्य कोई "केजरीवाल" मिलेगा ?? ऐसा ही कुशाग्र बुद्धि मेहनती शरीफ ईमानदार जुझारू ज़िद्दी क्रांतिकारी मरने खपने वाला एक अनूठा अनोखा "आम इंसान" ?? मुझे तो लगता है असंभव !!!!

इसलिए मैं अरविन्द केजरीवाल को केवल एक नेता नहीं बल्कि इस देश के लिए एक जीती-जागती "उम्मीद" मानता हूँ .... और मेरा आदर्श !!!!
!!!! जय हिन्द !!!!

//// ललित बाबू !! .. तुम यहाँ धोखा खा गए ....////


ललित मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि - " हमारे पीएम बहुत समझदार हैं - उन्हें मेरी सलाह की आवश्यकता नहीं है - वो जब भी बैटिंग करते हैं बॉल पार्क के बाहर जाती है " ....

मेरी ट्वीटिंग प्रतिक्रिया ....

ललित बाबू !! तुम यहाँ धोखा खा गए .... अगर हमारे पीएम समझदार होते तो तुम ऐसे ट्वीट नहीं कर पाते .... समझे समझदार !!!!

वैसे गलत तो तुम भी बहुत ज्यादा नहीं बोले - तुम्हारी सलाह की उन्हें आवश्यकता नहीं है ....क्योंकि अमित भाई और जेटली हैं ना - और तो और फुर्सत में बैठे लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी यशवंत सिन्हा अरुण शौरी कीर्ति आज़ाद शत्रुघ्न सिन्हा आर.के. सिंह आदि भी तो सलाह देने में महारथी हैं .... और सबके इतर मैं भी तो जब तब उन्हें सलाह देता ही रहता हूँ ....

जैसे कि आज उन्हें फिर सलाह दे रहा हूँ कि मोदी जी समझदार बनो .... इस भगोड़े ललित मोदी और इसका साथ देने वाले तुम्हारे इर्द गिर्द सभी को एक झटके में ठिकाने लगा दो .... अन्यथा .... हो सकता है यही ललित मोदी ही ट्वीट कर कहेगा कि "हमारे पीएम तनिक भी समझदार नहीं ...."
और मुझे कहना पड़ेगा - "ललित बाबू - ये हुई न समझदारी की बात " ....

और तब जाकर तुम्हे मालूम पड़ेगा कि अंततः पार्क के बाहर क्या गया - बॉल या बल्लेबाज़ ????

Friday 26 June 2015

//// भाजपाई "तार-तार" खेल रहे हैं - जबकि "इ-इज़्ज़त" उतरने वाली है ..////


आज तो घबराई पस्त भाजपा को बाँछे खिलने की एक्टिंग करने का मौका मिल गया .... क्योंकि ललित मोदी ने बोल दिया कि वो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से लंदन में मिला था .... बस फिर क्या था - भाजपा को जैसे कोई नई ऊर्जा मिल गई हो - भाजपा ने इसे एक रहस्योद्घाटन माना - और उत्साह में उन्होंने ये भी दावा कर दिया कि ललित मोदी के "तार" सोनिया गांधी से जुड़े हैं ....

और अभी जब भाजपाई अपने "तार" के बंडल से लंबा तार निकाल उसे सोनिया गांधी से जोड़ने का प्रयास कर रहे थे लगभग उसी वक्त ललित मोदी ने पूरे भारत को तार-तार कर दिया .... बता दिया उसके तार ३-३ पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस और एक जाने माने जर्नलिस्ट प्रभु चावला और पूर्व पुलिस कमिश्नर त्यागी से भी जुड़े हैं .... 

मुझे भाजपाइयों पर एक बार फिर तरस आ रहा है .... जो रहस्य अब इस देश के बच्चे बच्चे को मालूम है उस पर इतना इतराना और फक्र करना जैसे कि खजाना हाथ लग गया हो ???? मुझे तो भाजपा की मक्कारी या अज्ञानता या भोलेपन या लल्लूपन पर तरस आ रहा है ....

और मैं देख रहा हूँ कि अब तो बच्चा-बच्चा उसे तार छुआ-छुआ करंट लगा रहा है .... और करंट भी ऐसा लग रहा है जैसा एक थर्ड ग्रेड के थर्ड डिग्री अपराधी को लगाया जाता है ....

तो इसलिए अभी तो आप तार-तार का मज़ा लें .... झटकों का मज़ा लें ....
पर आगे की भी कल्पना कर लें ....

ज़माना "बेतार" "वायरलेस" "वाई-फाई" "रिमोट कंट्रोल" का है .... ये भाजपाई तार-तार देखते रह जाएंगे और "भाई लोग" पलक झपकते रिमोट से इनके कपडे उतार इनका फोटो लेकर इंटरनेट पर डाल देंगे ....

तो अब आगे देखिये - इन "इ-गवर्नेंस" का दावा करने वालों की "इ-इज़्ज़त" कैसे उतरती है ....

//// "लमो" देश की सबसे ताकतवर और "नमो" सबसे कमजोर शख्सियत ..////


लगता है दुर्भाग्यवश आज इस देश की सबसे ताकतवर शख्सियत "लमो" ललित मोदी है ....
और इस देश की सबसे कमजोर शख्सियत मौन "नमो" नरेंद्र मोदी हैं ....

हाल ये हो चले हैं कि "लमो" यदि किसी बड़ी शख्सियत से अपने संबंध होने का खुलासा भर कर दे तो वो असहज हो जाता है - हड़कम्प मच जाता है - या मचा दिया जाता है .... जैसे उसने अभी कह भर दिया कि वो राहुल प्रियंका से लंदन में मिला था - बस हड़कम्प मच गया ....
और यदि "लमो" किसी छोटे व्यक्ति से अपने संबंध होने का खुलासा कर दे तो वो शख्स भी बैठे बिठाए प्रसिद्धि पा जाए .... जैसे यदि "लमो" ये रहस्योद्घाटन कर दे कि मैं (ब्रह्म प्रकाश दुआ) जब तब लंदन जाता हूँ तो ललित मोदी के यहाँ ही ठहरता हूँ - वो ही मुझे एयरपोर्ट लेने आता है और एयरपोर्ट छोड़ने जाता है - और वो मेरी बहुत इज़्ज़त करता है - तो यकीन मानें मैं मध्यप्रदेश किकेट संघ में एक बड़ा पद तो पा ही जाऊं और अपने दो चार चहेतों को रणजी ट्रॉफी टीम के लिए चयनित तो करवा ही दूँ !!!!

पर "नमो" का हिसाब किताब अब उल्टा हो चला है .... वो दुनिया भर में घूम-घूम कर कहते रहे हैं कि मेरा फलां-फलां से पुराना रिश्ता या संबंध है - बचपन से मैं इसे जानता हूँ या ये मुझे जानता है आदि !! - पर इन बातों का कोई असर होते नहीं दिखा .... यहां तक कि उनकी पत्नी माँ भाई बहन आदि तक का कोई महत्त्व देखने को नहीं मिला और उनके "पुत्तर" जंगबहादुर का क्या हुआ अब तो ये भी किसी को नहीं पता .... और जब से "नमो" बुखार उतरा है अब तो कोई भक्त भी नहीं कहता मिलता कि मेरे "नमो" से व्यक्तिगत संबंध हैं - क्या है कि अब इन बातों का कोई फ़ायदा तो होना ही नहीं है उल्टे रेपुटेशन ही खराब होनी है - इसलिए !!!! 

और मेरा दावा है कि .... यदि "नमो" मौन और कर्तव्यविमूढ़ बने रह गए और तत्काल कुछ भी नहीं किया गया तो ...."लमो" एक के बाद एक खुलासे करता रहेगा .... और खुलासे में जिसका नाम भी लेगा वो निपट जाएगा .... फिर भले ही वो गंजा "आस्तीन का साँप" या "नमो" ही क्यों ना हो - प्रकरण दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन या गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन का ही क्यों ना हो !!!! सावधान !!!!

तो आगे आगे देखिये होता है क्या ??
यानी "लमो" आगे करता है क्या ??
और "नमो" आगे बोलता है क्या ??

Thursday 25 June 2015

//// दिल्ली का बजट .... विघ्नसंतोषियों के लिए चुनौती ....////


दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा प्रस्तुत दिल्ली बजट का सीधा प्रसारण सुना .... जिसे प्रायः सभी चैनल्स ने लाइव प्रसारित किया ....  

सर्वप्रथम मुझे लगा कि निश्चित ही पूरा बजट एक ईमानदार प्रयास है और दिल्ली में कुछ अच्छा होने जा रहा है ....

पर इसके अलावा मुझे ये भी इत्मीनान हुआ कि केजरीवाल सरकार के समक्ष आई तमाम बाधाओं के बावजूद और साथ ही विघ्नसंतोषियों के द्वारा जानबूझकर खड़े किये गए अवरोधों के बावजूद ये सरकार और इसके सभी मंत्री और विधायक अपना काम मेहनत और ईमानदारी से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप करते रहे ....

और ये भी महसूस हुआ कि दिल्ली की केंद्र सरकार, भाजपा, कांग्रेस और जनाब LG साहेब तमाम अवरोधों को उत्पन्न करने में अपना समय ऊर्जा और साख नष्ट करने में ही लगे रहे ....

मुझे लगता है कि अब भी समय है - इन सभी विघ्नसंतोषियों को अपने रवैये में बदलाव लाकर दिल्ली सरकार को जनहित में पूर्ण सहयोग देना चाहिए .... और देना ही होगा .... अन्यथा केजरीवाल को सहयोग लेना भी आता है - वो भी पूरा श्रेय लेते हुए और अपश्रेय की टोपी पहनाते हुए !!!!

दिल्लीवासियों को बधाई !!!!
अब तो मुझे भी ऐसी चाह होने लगी है कि मध्यप्रदेश में भी सड़ी-गली भाजपा सरकार से मुक्ति मिले और ऐसी ही कोई ऊर्जा से भरी ईमानदार नई सरकार आए !!!!

//// राजनाथ सिंह ने सिद्ध किया - यूपीए नहीं एनडीए बेशर्म और बद्तमीज़ ....////


केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल ऐलान कर मारा - " यह कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार नहीं एनडीए की सरकार है .... हमारे मंत्री इस्‍तीफा नहीं देंगे " ....

ऐलान एकतरफा और शर्मनाक है क्योंकि ये स्वघोषित करता है कि यूपीए नहीं एनडीए बेशर्म और बद्तमीज़ है .... मेरा तर्क यह है कि - यूपीए सरकार के मंत्रियों से इस्तीफ़ा मांगने वाले तो एनडीए के लोग ही थे ना - और इस्तीफे ज़रूरी भी थे और दिए भी गए थे !!

इसलिए मेरा प्रश्न है कि एनडीए के दागी मंत्री इस्तीफे क्यों नहीं देंगे ? वादाखिलाफी क्यों ? सुधरते क्यों नहीं ? बेशर्मी क्यों ? जनता के साथ बद्तमीज़ी क्यों ????

//// तेरहवीं के उपलक्ष में - तीन योजनाएं ....////


आज मोदी सरकार की तेरहवीं है - 13 महीने पूर्ण हुए !!!!

और आज दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा ३ योजनाओं को लांच किया गया है ....
१०० स्मार्ट सिटी योजना .... प्रधानमंत्री आवास योजना .... अटल मिशन योजना ....

और इस मौके पर मौन मोदी जी का भाषण भी हुआ - मैंने सुना भी .... वही पुराना अंदाज़ पुरानी बातों को कोसना और फेंकम-फांक ....

१३ महीने बाद भी सरकार क्या करेगी कैसे करेगी इस पर कुछ ठोस और साफ़ नहीं .... बल्कि लुब्बेलुबाब ये लगा कि - सब कुछ जनता पर ही छोड़ दिया गया है .... कुछ थोपा नहीं जाएगा - शहर के लोग ही तय करेंगे कि शहर को स्मार्ट कैसे बनाया जाए - जैसा आप बोलोगे वैसा होगा .... ऐसा होना चाहिए - ऐसा नहीं होना चाहिए .... आदि !!!!

आज मुझे पुनः विश्वास हुआ कि - शहरों के चेहरे बदलने वाले नहीं .... हाँ मोदी जी अपने चेहरे जरूर बदलते रहेंगे - ऐसे ही - फेंकम-फांक करते - कभी विश्वास दिलाते कभी झूठ बोलते कभी पीड़ा का प्रदर्शन करते कभी ख़ुशी का इज़हार करते - और हमेशा दूसरों को कोसते !!!!

तेरहवीं के उपलक्ष में खेद के साथ - कुछ पंक्तियाँ भी समर्पित ....

तीन बुलाए तेरह आए - दे दाल में पानी ....
तेरहवीं आए तीन बताए - डूब मरो तुम पानी ....

//// मोदी द्वारा भी आपातकाल ?? क्यों मज़ाक करते हो यार !!....////


आज "इंदिरा आपातकाल" की ४०वीं बरसी है .... और आज मोदी सरकार पर आपातकाल मंडरा रहा है .... मोदी स्वयं असहज परेशान और मौन हैं .... इसलिए शायद आज "आपातकाल" की चर्चा फिर हो रही है ....

चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि "ब्रेन डेड" मान लिए गए भाजपा मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कुछ दिन पहले ही कुछ लोगों का "ब्रेन हिट" करते हुए राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी - कह दिया था कि ४० साल बाद आपातकाल फिर से लगा दिया जाए इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता ....

और बरसी के मौके पर दिमाग पर चोट खाए सन्न और कई दिनों से मौन मोदी आज ट्वीटें हैं - और आपातकाल के विरूद्ध कई बार कही गई घिसी पिटी बातें लिखे हैं .... शायद बताना चाह रहे हैं कि उनके द्वारा आपातकाल लगाने का प्रश्न ही नहीं उठता ....

वैसे मोदी आपातकाल लगा सकेंगे इसमें मुझे तनिक भी संभावना नहीं दिखती .... क्योंकि जिसके लिए स्वयं आपातकाल लग चुका हो - जो स्वयं ललित मोदी जैसे टुच्चे भगोड़े का सामना ना कर पा रहा हो - जो स्वयं पार्टी और सरकार में एकाधिकार रखता हो पर कुछ भी करने में अपने आपको अक्षम असहाय पाता हो - जो स्वयं मौन होने पर मजबूर हो चला हो - जो अपना इकबाल खो चुका हो - और जिसका काल केजरीवाल बिगाड़ चुका हो - वो आपातकाल नहीं लगा सकता !!!!

आपातकाल लगाना कोई बच्चों का खेल नहीं - और लालकृष्ण आडवाणी कोई बच्चे नहीं .... इसलिए मोदी द्वारा भी आपातकाल ?? क्यों मज़ाक करते हो यार !!!!

Wednesday 24 June 2015

//// आस्तीन का गंजा साँप "महिला विरोधी" भी है ?? ..////


भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद ने तो पहले से बता दिया था "आस्तीन के साँप" के बारे में - पर साथ ही उन्होंने प्रश्न पूछा था ये कौन है ??
और मैंने सार्वजनिक रूप से बता दिया था कि वो "गंजा" है !!!!

अब ताज़ा स्थिति निम्नानुसार है >>>>

>> वसुंधरा राजे .... ललित गेट में वसुंधरा राजे का हस्ताक्षरित गोपनीय हलफनामा सार्वजनिक हो गया है और सबके हलक उतर चुका है - अब उन्हें जाना ही होगा !!!!
>> सुषमा स्वराज .... ललित गेट में सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी की मानवीय मदद की बात किसी के हलक नहीं उतरी है और अब वसुंधरा के साथ उनको भी जाना ही होगा !!!!
>> स्मृति ईरानी .... शैक्षणिक योग्यता पर दिए हलफनामे तो न्यायालय के हलक ही नहीं उतरे - और क्योंकि तोमर का भूत सबके सर चढ़ कर बोलेगा - इसलिए स्मृति ईरानी को भी जाना होगा !!!!
>> पंकजा मुंडे .... महाराष्ट्र की मंत्री द्वारा २४ घंटे में २०६ करोड़ की सप्लाई के अनियमित आर्डर देना भी किसी के हलक उतरने वाला नहीं है - पंकजा मुंडे को भी जाना होगा !!!!

उपरोक्त के मद्देनज़र मैं आज दावे से कह सकता हूँ कि - भाजपा का "आस्तीन का साँप" केवल गंजा ही नहीं है बल्कि वो "महिला विरोधी" भी है !!!!

अतः मुझे लगता है बहुत जल्दी गंजे को भी जाना ही होगा !!!!

और फिर अंततः मोदी जी को भी ....

//// यदि आपकी "स्मृति" सही हो - तो बोलो "तोमर" की जय !! ..////


बकरे की माँ कब तक खैर मनाती - आखिर न्यायालय ने निर्णय दे दिया कि स्मृति ईरानी के विरुद्ध उनकी शैक्षणिक योग्यता संबंधित शिकायत में दम है - और इसलिय प्रकरण ग्राह्य किया जाता है - अब आगे न्यायिक प्रक्रिया चलेगी - यानि हमेशा की तरह कानून अपना काम करेगा ....

कानून तो काम करेगा पर अब यक्ष प्रश्न है हमारा मौन चौकीदार क्या करेगा ????

मुझे लगता है कि तोमर प्रकरण के कारण स्मृति ईरानी का इस्तीफ़ा भी होना ही चाहिए .... 
यानि आप कह सकते हैं कि - स्मृति "तो-मर गई" - यानि - "गई काम से" ....!!!!

तो यदि आपकी "स्मृति" सही हो - तो बोलो "तोमर" की जय !!!! हा !! हा !!

//// कालीन द्वारा उड़कर गडकरी के चरण स्पर्श करने का प्रयास ?? ..////


महान नेताओं के चरण कालीन पर पड़ते तो आपने अनेकों बार देखे ही होंगे ....
पर आपने कालीन को महान नेता के चरण स्पर्श करने के लिए उद्वेलित होते शायद कभी नहीं देखा होगा .... 

पूर्वी मिदनापुर में गडकरी का हेलीकाप्टर लैंड कर रहा था .... उनके स्वागत हेतु हेलिपैड पर कालीन बिछे पड़े थे - इस इंतज़ार में कि भारी भरकम चरणों का भार वहन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा .... लेकिन एकाएक हेलीकाप्टर के अंदर बैठे महान गडकरी के चरण स्पर्श हेतु कालीन उद्वेलित हो स्वयं उड़ने लगे .... पर हादसा टल गया !!!!

किस्मत हो तो ऐसी ....उड़ के हाथ लगी है भाई !!!!

//// "क्लीन-चीट" को "क्लीन-चिट" ?? काश !! अब "क्लीन-स्वीप" हो जाए ..////


क्रिकेट के बदनाम हो चले खेल से जुड़े ललित मोदी से जुड़े अनन्य कहानी किस्से विवाद घोटाले और अब ललित-सुषमा-वसुंधरा प्रकरण का रूप ले चुके और "ललितगेट" के नाम से प्रसिद्धि पा रहे तथा मोदी को "ललितासन" और "चुप्पासन" के लिए मजबूर कर दिए प्रकरण में अनेकानेक "क्लीन-चिट" मजबूरीवश स्वार्थवश दी जा चुकी हैं - दी जा रही हैं - दी जाती रहेंगी ....

जी हाँ "क्लीन-चिट" !! पर गंदे हाथों से - कीचड में सनी "क्लीन-चिट" !! ....
मैं व्यथित हो प्रश्न करता हूँ .... "क्लीन-चीट" को ये कैसी "क्लीन-चिट" ????

और आज व्यथित हो मैं बीमारू भारतीय क्रिकेट के स्वास्थ्य लाभ हेतु ये भी प्रार्थना कर रहा हूँ कि - एक शानदार खिलाड़ियों वाली उभरती बांग्लादेश टीम के हाथों सड़ांघ मारती भारतीय टीम की करारी हार हो और ऐतिहासिक "क्लीन-स्वीप" हो .... यानि हमारी ०-३ से शानदार हार हो !!!!

क्योंकि शायद इस हार के बाद निशाने पर आएं - कई खिलाड़ी कई अनाड़ी कई अगाड़ी कई पिछाड़ी - और कई कबाड़ी .... और एक के बाद एक कई "कुलीन" कई "चीट" और कई "डर्टी" लोगों की भी "क्लीन-स्वीप" हो !!!!  

मैं इसमें एक आशा की किरण भी देखता हूँ - शायद ऐसा होने से "क्लीन-चिट" देने वाले "क्लीन-चिट" पाने वाले सभी "क्लीन-चीट" के कुलीन परिवार और मित्रमंडली का भी "क्लीन-स्वीप" होने का मार्ग प्रशस्त हो .... और "ललितासन" पर बैठे मोदी जी का "चुप्पासन" हमेशा के लिए कायम हो हमें उनके बड़बोलेपन से मुक्ति मिले - और गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन सहित देश के अन्य खेल संगठनों को भी ऐसे "क्लीन-चीट" लोगों से मुक्ति मिले !!!!

आइये हम सब ऐसे ही "क्लीन-स्वीप" की कामना करें !!!! आमीन !!!!

Tuesday 23 June 2015

//// अब ये "भगोड़ा" बोलना भूल गए हैं - "फ्यूजीटिव" बोलने लगे हैं ....////


जब से ललित मोदी इंडिया से भागे हैं - ज्यादा चर्चा में नहीं थे .... वैसे तो ऐसे भागने वाले को "भगोड़ा" कहते हैं पर कोई उन्हें "भगोड़ा" नहीं कहता था .... ना मालूम क्यों ??

पर निकट पूर्व में अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे और ४९ दिन पद में रहने के बाद इस्तीफ़ा दे दिए थे .... बस फिर क्या था .... भाजपाइयों ने तो पाताल धरती आसमान सर पर उठा लिया था और शुरू हो गए थे - "भगोड़ा" - "भगोड़ा" - "भगोड़ा" .... और इनका बस चलता तो ये तो शब्कोश में लिख देते - "भगोड़ा" मतलब केजरीवाल !!!!

पर भाजपाइयों का वही चहेता "भगोड़ा" कहीं भागा तो था नहीं उलटे पलट कर आया और फिर एक बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बन गया .... और जनाब तब से ये भाजपाई "भगोड़ा" शब्द सुन कर लुप्त सुप्त लुंज पुंज हो जाते थे - बेचारे मायूस हो जाते थे - चेहरे पर मरणासन्न शोक छा जाता था - मुँह लटक छाती में घुस जाता था .... अस्तु भाई लोगों ने ये शब्द ही बोलना छोड़ दिया था .... या यूं कहें कि ये भाजपाई "भगोड़ा" शब्द से ही भाग खड़े हुए थे ....

पर इनकी बदकिस्मती देखें कि ताज़ा-ताज़ा धमाका हो गया - ललित मोदी जो भारत से भागा हुआ है यानि की शुद्ध रूप से "भगोड़ा" है उसका "ललित-काण्ड" सामने आ गया .... और देखते ही देखते ये "ललित-सुषमा-वसुंधरा" कांड बन भाजपा के गले की हड्डी बन गया ....

लेकिन अब मैनें एक बात नोट करी कि किसी भी भाजपाई ने ललित मोदी को "भगोड़ा" नहीं कहा - पर क्योंकि ललित मोदी है तो "भगोड़ा" तो क्या करते ? देखते देखते सब अंग्रेज की औलाद बन गए और आवश्यकता पड़ने पर बोलने लगे "FUGITIVE" .... और इस अंग्रेजी शब्द का हिंदी में मतलब है "भगोड़ा" .... जी हाँ वही विशुद्ध "भगोड़ा" !!!!

पर आज जब पहली बार भाजपा के ही एक सांसद और इस देश के पूर्व गृह सचिव अंग्रेजी के अच्छे ज्ञाता श्री आर.के. सिंह ने बिना लॉग-लपेट शुद्ध हिंदी में कह दिया कि - " ललित मोदी "भगोड़ा" है - और "भगोड़े" की किसी के भी द्वारा किसी भी प्रकार से की गई मदद गलत है " .... तो लगता है जख्म फिर हरे हो जाएंगे ....

और आज ही मैनें एक भक्त के मज़े ले लिए - मैनें उससे पूछा - ये ललित मोदी कौन है ?? "भगोड़ा" या "फ्यूजीटिव" ?? .... कस्सम से पहले सकपकाया फिर बोला "फ्यूजीटिव" फिर झेंप गया और चलता बना .... आप भी भक्तों के मज़े ले के देखिएगा .... मज़ा आएगा !!!!

//// "डिग्रीधारी भैंस" का नेतृत्व ?? ..////


आजम खान की खोई भैंसे मिल गई थीं - आज आरोपित चोर भी धरा गए हैं .... 

भैंसे मजे में हैं - पर अब उत्तरप्रदेश सरकार की साख खो गई है - पत्रकार मार दिया गया है - आरोपित मंत्री फरार है ....

दिल्ली की भाजपा इकाई 'आप' पार्टी के गिरिफ्तार फ़र्ज़ी डिग्री आरोपित मंत्री के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रही है ....
यूपी की भाजपा इकाई 'सपा' पार्टी के भगोड़े या आज़ाद हत्या आरोपित मंत्री के विरोध में धरना प्रदर्शन नहीं कर रही है ....

सिद्ध होता है कि भाजपा के लिए डिग्री का महत्व जीवन-मरण से भी ज्यादा है .... कोई हत्या कर दे चलेगा पर डिग्री फ़र्ज़ी नहीं चलेगी ....

और समाजवादी पार्टी के लिए भैंस का महत्व साख से भी ज्यादा है - साख खो जाए चलेगा पर भैंस नहीं खोनी चाहिए ....

मैं सोच रहा था कि लगता है आगे इस देश का नेतृत्व सचमुच कोई "डिग्रीधारी भैंस" तो नहीं करेगी .... बाप रे बाप !! .. मामला सीरियस है - ज्योतिषाचार्य से सीरियसली कन्फर्म करना पड़ेगा !!!!

Monday 22 June 2015

//// ये कुत्ते कुत्ताई से बाज़ नहीं आएँगे ....////


एक बार एक पालतू एल्सेशियन डॉग ने पॉश मोहल्ले से सटे झोपड़ियों में रह रहे गरीबों के समूह के एक बच्चे को काट लिया .... गरीब पुलिस थाने गए और भगा दिए गए .... सारे मोहल्ले वाले भोंकने लगे इन झोपड़ी झुग्गी वालों को यहां से हटाओ .... 

कुछ दिन बाद एक सड़क छाप खारिशी कुत्ते ने मोहल्ले के साहब के 'बाबा' को काट लिया .... मोहल्ले वालों ने चाऊं चाऊं कर आसमान सर पे उठा लिया - और मांग रख दी मोहल्ले के सारे कुत्तों को मार दिया जाए ....

आज जब मैं वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत कुमार पर भाजपाइयों और कोंग्रेसियों के वक्तव्य सुन रहा था तो पहले तो मुझे वाड्रा प्रकरण में भी कोंग्रेसियों और भाजपाइयों के वक्तव्य याद हो आए ....

और ना जाने क्यों - बस यूं ही - अकस्मात् ही - याद हो आए उपरोक्त कुत्तों वाले प्रकरण जो मैंने आपसे ऊपर शेयर करे ....

आशा है आप अच्छे से ये बात तो समझ गए होंगे कि ये कुत्ताई से बाज़ नहीं आएँगे .... कुत्ते कहीं के !!!!

//// इतनी चुप्पियाँ क्यों ? क्या IPL गुल्ली डंडे की प्रतियोगिता थी ??..////


क्रिकेट क्रिकेट और क्रिकेट .... यकीनन ललित मोदी - आईपीएल - बीसीसीआई इसी खेल से तो जुड़े हैं - जिससे जुड़े रहे हैं पैसा सट्टा सत्ता राजनीति ग्लैमर सेक्स भ्रष्टाचार अपराध आदि .... यानि इस खेल में यकीनन बहुत गंदगी है जो सर्वज्ञात है और सर्वसंज्ञान में है !!!!

तो ये गंदगी और सड़ांघ बढ़ती क्यों गई और बढ़ती क्यों जा रही है ?? .... आप कह सकते हैं कि गंदी राजनीति के कारण - या इस खेल से जुड़े पदों के माध्यम से मिलने वाले अथाह पैसे और सहूलियतों के कारण .... या इस खेल के प्रबंधक पदों पर टुच्चों के कब्ज़े हो जाने के कारण - या अन्य कई और कारण ....

ठीक है - ये तो बात हुई कारणों की - पर जवाबदारी किसकी ??
आज मेरी विवेचना इसी प्रश्न पर कि जवाबदारी किसकी ??

मुझे भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद की बात बहुत तर्कसंगत लगी कि "ललित काण्ड" की जवाबदारी तो बीसीसीआई के सभी जिम्मेदारों की बनती है - चाहे वो श्रीनिवासन हों या पंवार ललित मोदी या फिर यकीनन जेटली .... मुझे बात तर्कसंगत इसलिए लगी क्योंकि मैं देख पाता हूँ कि जो जिम्मेदार होकर भी आँखे खोले कान खोले दिमाग का ढक्कन भी खोले मुँह बंद कर पूरे अपराध के साक्षी बने रहे - या फिर हो सकता है अपराध में लिप्त रहे - उनकी जवाबदारी तो निश्चित ही मानी जाएगी !!!! 

पर मैं कीर्ति आज़ाद की तर्क संगत बात के आगे भी कुछ और देखता हूँ .... मैं आज बात करना चाहूँगा कभी क्रिकेट के पर्याय बन गए उस व्यक्ति की जिसका नाम है "सचिन तेंदुलकर" ....

मैं इस बात का यकीन रखता हूँ कि सचिन तेंदुलकर ने जितना क्रिकेट को दिया उससे कई-कई गुना क्रिकेट ने और इस देश ने और समाज ने सचिन को दिया - अथाह पैसा और प्रसिद्धि और आला पद - और सबके ऊपर सबसे बड़ा सम्मान "भारत रत्न" ....

और इसलिए मेरा प्रश्न है कि जब आज क्रिकेट में बहुत कुछ और सब कुछ गड़बड़ दिख रहा है तो श्रीमान सचिन चुप क्यों हैं ???? क्या उनकी कोई जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या खिलाड़ी के नाते भी कोई जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या राज्यसभा सांसद होने के नाते भी कोई जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या भारत रत्न होने के नाते भी कोई नैतिक जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या सचिन को क्रिकेट की गंदगी का कोई ज्ञान नहीं ?? ये गंदगी किसने फैलाई इसका भी ज्ञान नहीं ?? क्या सचिन भी तो इस गंदगी या ऐसी ही गंदगी के कर्ता या लाभार्थी तो नहीं रहे ?? क्या आईपीएल गुल्ली डंडे की प्रतियोगिता थी ?? क्या ललित मोदी गुल्लियाँ सप्लाई करते थे ?? यदि हाँ तो वो गुल्लियाँ गई कहाँ ????

मैं आशा करता हूँ मोदी के मौन के साथ साथ सचिन भी अपना अनैतिक मौन तोड़ेंगे - और इस खेल से जुड़े और इस खेल के अन्य लाभार्थी भी अपना मौन तोड़ेंगे - कुछ अच्छा कहेंगे करेंगे - निःस्वार्थ निष्पक्ष निडर - और अपनी जवाबदारी का निर्वहन करेंगे !!!!

//// मोदी योग पर न्यौते को लेकर राजनीति हो गई - या - बद्तमीज़ी ?? ..////


राम माधव - पक्के संघी - आजकल भाजपा प्रवक्ता - योग में सने .... सुना है एक गैरराजनीतिक (?) बात उछाल गए .... कल मोदी वाले योग कर्यक्रम में महामहिम उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी योग क्यों नहीं किया ?? बात बहुत मासूम सी और सच्ची सी थी ....

और सुना है उपराष्ट्रपति कार्यालय से भी टका सा मासूम सा सच्चा जवाब आ गया - उपराष्ट्रपति को न्यौता नहीं था !!!!

और राम माधव ने मार दी राजनीतिक पलटी .... ऐसा क्या ?? सॉरी सॉरी - माफ़ करें मुझे पता नहीं था ....

तो बस अब बात ख़त्म हो जानी चाहिए क्योंकि जब कोई भी भाजपाई स्वयं कुछ भी कह-बक देता है तो वो इस ब्रह्माण्ड में अंतिम होता है - जैसे कि ललित-सुषमा-वसुंधरा प्रकरण में भी देखने को मिला .... इसलिए ये बात यहीं समाप्त हो जानी चाहिए ....

और मेरा विश्वास करें ये भाजपा कहेगी कि क्योंकि खुद स्वयं राम माधव ने अपने मुहं से खुद होकर अपनी जुबान हिला अपने खुद के दाँत निपोर माफ़ी मांग ली है तो बस इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए .... खामोश ! शटअप !! .... और कांग्रेस को और अन्य राजनीति करने वालों को तो बात करने का अधिकार ही नहीं है ....  

पर जनाब मैं ठहरा शुद्ध राजनीतिक व्यक्ति - मैं हाथ में आया ऐसा स्वर्णिम अवसर हाथ से कैसे जाने दूँ ? और क्यों जाने दूँ ??  .... भाई मैं तो राजनीति करूंगा और डंके की चोट पर करूंगा ....

इसलिए मैं भी गैरराजनीतिक (?) प्रश्न पूछता हूँ >>>>

>> माधव भाई !! ये उपराष्ट्रपति को न्यौता क्यों नहीं दिया ?? बोलो जवाब दो - बोलो बोलो .... कहीं इसलिए तो नहीं कि वो एक मुसलमान हैं ??

>> या फिर इसलिए तो नहीं कि यदि उन्हें बुलाया जाता तो प्रोटोकॉल अनुसार मोदी को कई जगह पीछे रहना पड़ता और फिर पूरे आयोजन पर मोदी योग का ठप्पा ज़रा धूमिल हो जाता ??

>> तुम्हारे द्वारा बुलाए शायद और भी कई नहीं आए होंगे .... तो फिर केवल अंसारी जी के ना आने पर विशेष ध्यान और विशेष बकवास क्यों ??

>> क्या आयोजन में बुलाए गए लोगों की आवक अनिवार्य थी ?? 

>> क्या भाजपा राजनीति करती है या नहीं ?? या केवल योग - "घृणायोग" ??

>> माधव जी आपमें संघ के संस्कार तो कूट कूट कर भरे हैं ना ??

और अंत में मैं मेरी एक और गैरराजनीतिक टिप्पणी देना चाहूँगा - अभी तक तो मैं भाजपा को बेशर्म पार्टी मान रहा था - पर आज तो बद्तमीज़ी हो गई .... असहनीय !!!!

Sunday 21 June 2015

//// यक्ष प्रश्न - क्या योग करने से बेशर्मों की बेशर्मी कम होती होगी ??..////


अंततः निपट गए सुबह से योग और उसके बाद के भाषण - और योग पर बहुउपयोगी बहुबकबक वक्तव्य बहस बयान रिपोर्टिंग लेक्चर डेमोंस्ट्रेशन उपदेश कथा कहानियाँ - आदि इत्यादि ....

मैंने भी सब कुछ देखा फिर भांगड़ा किया - और योग संबंधित अत्यधिक ज्ञानवर्धन उपरान्त मैं हो गया प्रसन्न और तरोताज़ा ....

और फिर याद हो आया मुझे वही बहुचर्चित बहुलंबित बहुवचनीय ललित-सुषमा-स्वराज-बांसुरी-वसुंधरा-दुष्यंत-निहारिका प्रकरण .... ताज़ा ताज़ा तफ्सील से पता चला कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया भी पिछले साल जुलाई में ललित मोदी को मिलने लंदन तक चले गए थे - वो भी अधिकारिक यात्रा पर सरकारी खर्चे पर .... और ये भी कि सुषमा के पतिदेव श्री स्वराज कौशल वर्ष २००९ में और बिटिया बांसुरी कौशल वर्ष २०१३ में मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से सरकारी वकील नियुक्त हुए थे - सरकारी फीस प्राप्त करते हुए ....

अब जब मैं इसी प्रकरण के बारे में विचार कर रहा हूँ - मेरा दिमाग बार बार पुनः योग की तरफ ही जा रहा है .... और मेरे सामने एक यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है कि - क्या योग करने से बेशर्मों की बेशर्मी कम होती होगी ????

खैर मैं प्रश्नों से कभी घबराता नहीं - क्योंकि मैं प्रश्नों के उत्तर भी खोज ही लेता हूँ - बस कभी-कभी समय लग जाता है - जैसे की इस प्रकरण में मुझे लगता है कि २४-४८ घंटे में मुझे इस यक्ष प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा - इस्तीफे हुए तो "हाँ" - नहीं तो "ना" - है ना !!!!

//// आज से दिल्ली में शान्ति और सदभावना का योग !! ....////


माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी सहित देश के १२५ करोड़ देशवासियों को पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन हेतु साधुवाद एवं बधाई ....

आज इतिहास रचा गया है - और इतिहास गवाह बन गया है - दिल्ली का राजपथ आज योगपथ बन गया जहां से मोदी जी ने स्वयं मुख्य कार्यक्रम में भाग लेते हुए अपने सारगर्भित सन्देश में कहा - आज शान्ति और सद्भावना के नए युग की शुरुआत हो रही है ....

कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्पाल नजीब जंग भी स्वयं योग कर रहे थे ....

मैं आशा करता हूँ कि आज से ही दिल्ली सरकार को शान्ति और सद्भावना के साथ कार्य करने दिया जाएगा !!!!

Saturday 20 June 2015

//// योग के लाभ और असर .... थोड़ा हँस भी लें .. ////


केजरीवाल की तबियत बहुत ख़राब थी .... सब विरोधी उन पर हावी हो रहे थे .... उन्होंने १० दिन की छुट्टी ली और बैंगलोर पहुँच गए .... वहां उन्होंने अन्य इलाज के अलावा योग भी किया .... और वापस आते ही विरोधियों की छुट्टी कर दी ....

निश्चित ही सिद्ध होता है कि नैचरोपैथी आयुर्वेदा और योग जैसी प्रत्येक विधा बहुत लाभकारी है ....

पर योग हमेशा ही लाभकारी हो ऐसा भी आवश्यक नहीं .... यदि योग सही समय और सही स्थिति और परिस्थिति में नहीं किया जाएगा या योग्य मार्गदर्शन के बिना ही किया जाएगा तो हानिकारक भी हो सकता है .... 

अब केजरीवाल कल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर फिर योग करेंगे .... वो भी मोदी के साथ .... इसलिए देखना दिलचस्प होगा कि कल के योग के बाद विरोधियों पर क्या असर होता है ....
और कुछ लोग ऐसे भी हैं कि जो कल योग करेंगे और उसके बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ सकता है ....

और खतरा तो ये भी है कि कल के बाद योग की अनेक दुकाने चल निकलेंगी - ना ना प्रकार के व्यायामों को भी नए नए योगासनों का नाम देकर बताया जाएगा - या पुराने स्थपित योगासनों की रीपैकेजिंग भी होगी - आज जो "ललितासन" की बात कटाक्ष में हुई है कल को हो सकता है कि किसी नए या पुराने आसान को सही में ललितासन के रूप में पेश कर दिया जाएगा .... और समाज में मोदी कृपा से कई योगी - योग इंस्ट्रक्टर - योग फाउंडेशन - योग कॉलेज - योग यूनिवर्सिटी आदि का उदय होगा - यानि हो सकता है रिलायंस जमीन का तेल निकालने के बजाय आदमी का तेल निकालने का नया धंधा चालू कर दे - अडानी के साथ जॉइंट वेंचर में - रामदेव ललित मोदी की पार्टनरशिप में ....

और अंत में मेरा आग्रह है कि इस लेख को पढ़कर - गहरी सांस लें - आँखें बंद करें - सोचें विचारें कि योग के कितने फायदे हैं - और योग से "किन-किन" को फायदे हैं .... आँखें खोलें सांस छोड़ें - थोड़ा मुस्कुराएं - और फिर थोड़ा हँस भी लें .... क्या है योग के अलावा हँसने के भी अपने बहुत फायदें हैं ....
हा ! हा !! हा !! हा !! ....

//// दिल्ली सरकार का "रिश्वत बंद" वाला विज्ञापन १००% पैसा वसूल ..////


आजकल टीवी पर 'आप' का विज्ञापन "रिश्वत बंद" छाया हुआ है ....

जैसा कि 'आप' प्रवक्ता आशुतोष ने कहा - कई लोगों को मिर्ची लग गई है ....
और इस विज्ञापन के विरोध में निम्नानुसार आपत्तियां भी ली जा रही हैं >>>>

>> खिसियाई बकवासी भाजपा कह रही है कि ये विज्ञापन SC के निर्देशों के खिलाफ है ....
>> दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा बरखा सिंह इसे महिला विरोधी बता रही हैं - निहायत बकवास दलील के साथ कि इसमें एक महिला को ही घर के सारे कामों को करते बताया जा रहा है ....
>> इसे सरकारी पैसे की बर्बादी भी बताया जा रहा है ....
>> और खिसियाई बिल्लियाँ ये भी आपत्ति उठा रही हैं कि इसमें केवल एक व्यकि अरविन्द केजरीवाल का ही नाम ११ बार लेकर उनका ही महिमामंडन किया जा रहा है ....

सभी आपत्तियों पर मेरी प्रतिकिया ....

>> यदि ये SC के निर्देशों का उल्लंघन है तो इसे SC में चुनौती दे सारा खर्च 'आप' पार्टी से वसूला जाना चाहिए - और मैं सोचता हूँ कि ऐसा करने का दायित्व मोदी सरकार का बनता है !!!! वैसे मुझे पूर्ण यकीन है कि विज्ञापन SC के निर्देशों की अवहेलना नहीं है - और मोदी सरकार अपना कोई भी दायित्व पूर्ण करने में सक्षम नहीं है !!!!

>> विज्ञापन में यदि कुछ भी महिला विरोधी है तो राष्ट्रिय महिला आयोग में प्रकरण दायर किया जा सकता है - किया जाना चाहिए !!!! वैसे मुझे लगता है कि विज्ञापन में कुछ भी महिला विरोधी नहीं है - अपितु बरखा सिंह निष्पक्ष नहीं हैं एवं 'आप' विरोधी हैं - अतः अब तो इनको इनके पद से ही हटा देना चाहिए !!!!

>> विज्ञापन में पैसे तो लगते हैं - और इसलिए किसी भी सरकारी विज्ञापन को पैसे की बर्बादी माना ही जाना चाहिए - अतः मेरे हिसाब से तो सभी प्रकार के सरकारी विज्ञापनों पर पूर्ण सख्त रोक लगनी चाहिए !! .. पर हाल फिलहाल केवल 'आप' के विज्ञापन जो अभी पहली बार जुम्मे जुम्मे आने लगे हैं उस पर ऐसा विरोध सही होते हुए भी अनैतिक और हास्यास्पद है !! .... पर मैं अपेक्षा करता हूँ कि सभी सरकारी विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगाने हेतु सत्तासीन भाजपा तुरंत ही पहल करे .... पर भाजपा ऐसा करेगी ?? यकीनन नहीं करेगी !! .. क्योंकि इस पार्टी में नैतिकता बची ही नहीं है !!!!

>> विज्ञापनकर्ता का अधिकार होता है कि वो अपने विज्ञापन में अपनी सुविधानुसार इच्छानुसार और फायदे अनुसार नियमों एवं मानकों की परिधि में रहते हुए किसी भी वस्तु या व्यक्ति का महिमामंडन करे .... अब यदि दिल्ली सरकार के इस विज्ञापन में अरविन्द केजरीवाल के महिमामंडन पर भाजपा को आपत्ति हो रही है तो मैं इसे भाजपा की अब तक की सबसे फूहड़ बचकाना बेहूदा प्रतिक्रिया मानता हूँ - क्योंकि मैंने तो आज तक भाजपाई समर्थक सरकारों के विज्ञापन में अरविन्द केजरीवाल या अन्य को महिमामंडित होते देखा नहीं - इसलिए लगता है भाजपा की तरफ से ऐसी बचकाना आपत्ति उठाने वाले व्यक्ति निश्चित ही कई सारे संतुलन खो बैठे हैं !!!!  

कुल मिलाकर दिल्ली सरकार के सरकारी खर्चे पर किये जा रहे विज्ञापन का मैं सशर्त विरोध करते हुए मानता हूँ कि ऐसा विरोध सभी सरकारी विज्ञापनों का भी किया जाकर सभी विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगना चाहिए ....

पर दिल्ली सरकार की प्रशंसा भी करना चाहूँगा कि उसके द्वारा बहुत ही सटीक विज्ञापन किया जा रहा है - इतना सटीक कि सारे निशाने सही जगह साधे हैं - मिर्ची बहुत लगी है - संदेश सही गया है - यानि विज्ञापन १००% पैसा वसूल विज्ञापन है !!!! बधाई !!!!

लेकिन इस विज्ञापन पर अब मूर्खतापूर्ण विरोध कर विरोधियों ने इस विज्ञापन को और विज्ञापित कर दिया है - और इस प्रकार आगे यह विज्ञापन बिना दिल्ली सरकार के पैसे खर्च किये भी विज्ञापित होता रहेगा ....

और मैं बता दूँ कि फ्री में विज्ञापित होने की कला में अरविन्द केजरीवाल को महारथ हासिल है - तथा इसी कड़ी में 'आप' प्रवक्ता आशुतोष के "मिर्ची लगने" वाले बयान को देखना होगा - अरविन्द तो चाहते ही यही होंगे कि इस विज्ञापन पर खूब विवाद हो - और होता रहे !!!!

और ध्यान रहे - विवाद ठंडा होते ही शायद नया विज्ञापन आ जाए - फिर एक नए विवाद की सम्पूर्ण संभावनाओं के साथ .... "अरविन्द केजरीवाल जिंदाबाद" !!!!

Friday 19 June 2015

//// गिरगिट रंग बदलती थी - ये कैसी गिरगिट - चमड़ी बदल रही है ??..////


आज राजस्थान भाजपा की प्रेस कांफ्रेंस सुनी - और भाजपा पदाधिकारियों द्वारा वसुंधरा के बेटे और सांसद दुष्यंत के बचाव में दलीलें सुनी .....ये भी सुना कि दो प्रायवेट कंपनियों के बीच लेन-देन हुआ - बस !! .... और जब पूछा गया कि वो कंपनियों के तो एड्रेस भी बोगस हैं - तो वो कह बैठे ये उनका काम नहीं कि जिन कंपनियों ने हमारी कंपनी से सैंकड़ों के शेयर करोड़ों में खरीदे उनके पते की हम जानकारी रखें .... और मुझे ऐसा लगा कि भाजपा ने एक झटके में 'आप' पार्टी के दो करोड़ चंदे वाले मामले में क्लीन चिट दे दी .... जिस मामले में देश के प्रधानमंत्री ने और देश के वित्तमंत्री ने 'आप' पार्टी को अपराधी घोषित कर दिया था वैसे ही प्रकरण में ऐसी बेशर्मी भरी पलटी ????

और इसी प्रकरण में जब ये पूछा गया कि सैंकड़ो के शेयर करोड़ों में खरीदे गए तो उसका क्या ? .. तो भी यही जवाब कि दो प्रायवेट कंपनियों के बीच लेन-देन हुआ - और ऐसा हो सकता है - ऐसा होने में गलत क्या - बस !! .... और मुझे ऐसा लगा कि भाजपा ने एक झटके में रॉबर्ट वाड्रा के जमीन घोटाले वाले मामले में भी क्लीन चिट दे दी .... जिस मामले में मोदी जी और पूरी भाजपा जब तब चिल्लपों मचाती रही वैसे ही मामले में ऐसी बेशर्मी भरी पलटी ????

और उपरोक्त "छोटी सी" बातों के इतर भी भाजपा प्रवक्ता जिस प्रकार ३ दिन तकरीबन गायब रहते हुए जब तब टीवी पर आकर जो बकवास कर गए उस में भी ऐसी ही बेशर्मी परिलक्षित होती रही ....

और खुद वसुंधरा, बेटा दुष्यंत, बहू निहारिका तथा सुषमा स्वराज, पति स्वराज कौशल और बेटी बांसुरी तथा स्वयं मोदी जी सब के सब मौन हैं ....

और टीवी पर भाजपाई नेताओं के पुराने वक्तव्यों भाषणों बयानों आदि के क्लिप्स भी दिखाए जाते रहे हैं जो स्थापित करते हैं कि भाजपा ने हर स्तर पर क्या बेशर्मी भरी पलटी मारी है ....

और मैं सोच रहा हूँ - गिरगिट रंग बदलती थी - पर ये भाजपा कैसी गिरगिट निकली जो चमड़ी बदल रही है ?? और इस चमड़ी पर शुचिता नैतिकता शर्म और सत्य का रंग कभी दिखेगा - ऐसा लगता नहीं !!!!

//// इस्तीफे मांगे जाएंगे या दिए जाएंगे या लिए जाएंगे या हो जाएंगे ?? ////


वसुंधरा राजे सिंधिया अब ललित मोदी से अमानवीय तरीके से मदद लेने के बाद गोपनीयता वाली मदद देने के मामले में फंस गई हैं और शायद उन्हें इस्तीफा देना ही होगा ....

पर इस्तीफा स्वयं दिया जाएगा या माँगा जाएगा ये भी महत्वपूर्ण है .... राजनीति में होता ही है .... 

महत्त्वपूर्ण तो यह भी है कि यदि स्वयं दिया जाएगा तो क्या कहकर .... आत्मा की आवाज़ पर - नैतिकता के नाते - शुचिता के नाते - पार्टी के हित में - कमर में दर्द रहने के कारण - या - मोदी जी की छवि ख़राब ना हो इसलिए .....

और यदि माँगा जाएगा तो क्या सीधे-सीधे या दूत या मरदूत के मार्फ़त संदेशा प्रेमपत्र आदेश भेजकर ??

मेरा अनुमान ये कहता है कि वसुंधरा राजे का इस्तीफ़ा माँगा नहीं जाएगा .... ऐसा इसलिय कि ऐसा तब होता है जब इस्तीफ़ा देने वाले की औकात इस्तीफ़ा मांगने वाले की औकात से ज्यादा हो - या - इस्तीफ़ा देने वाले की औकात इस्तीफ़ा मांगने वाले की औकात को ठेस पहुंचाने की तो हो ही - या - इस्तीफ़ा मांगने वाला भी आला दर्जे का स्वयं दोषी हो .... मसलन यहाँ वसुंधरा राजे की औकात शाह से भले ही अधिक ना हो पर औकात ठिकाने लगाने की तो है ही - और शाह की असलियत भी कहाँ छुपी है .... यानि इतनी औकात तो है ही कि "हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे" .... और ऐसी स्थिति में ऐसे बदकिस्मती से धराए पदासीन का साथ छोड़ दिया जाता है .... वो थोड़ी बहुत उछल कूद करता रहता है - फिर थोड़ा विलाप - फिर थोड़ी डायलॉगबाजी - फिर उसमें एकाएक त्याग की भावना जागती है - और फिर अंततः वो पत्र लिख देता है .... "त्यागपत्र" .... 

तो इंतज़ार करते रहें - अभी थोड़ा और - अब पहले २१ को "मोदीयोग" होगा - कमर दर्द ठीक होगा - दिमाग संतुलित हो त्याग हेतु स्वप्रेरित होगा - और उसके बाद नैतिकता के नाते इस्तीफा होगा ....

और उसके बाद होगी गोपनीयता को तोड़ते हुए मानवीयता की बात .... और तब जाकर मानवीयता के नाते दी गई मदद पर सुषमा का इस्तीफ़ा होगा .... पर इस्तीफ़ा माँगा जाएगा या स्वयं दिया जाएगा - ये बात आगे फिर कभी ....

अरे हाँ एक बात अंत में याद आई - कई बार हाई-प्रोफाइल केस में इस्तीफ ना माँगा जाता है ना दिया जाता है - बस ले लिया जाता है - बस हो जाता है .... जैसे दिल्ली में तोमर का इस्तीफ़ा हुआ - हा ! हा !!

//// मोदी जी को चुनाव पूर्व वाला नरेंद्र मोदी या केजरीवाल बनना होगा ////


आज नरेंद्र मोदी के सामने कई झमेले संकट खड़े हो गए हैं .... सुषमा को निकालें या ना निकालें - वसुंधरा का त्यागपत्र लिया जाए या नहीं - आडवाणी का सामना कैसे करें - हिन्दू संगठनों की होती आ रही और हो रही बकवास का क्या करें - राम मंदिर मामले का क्या करें - रामदेव को कैसे काबू में रखें - अंबानी अडानी को धैर्य रखने के लिए कैसे कहें या अंगूठा कैसे दिखाएँ - जम्मू कश्मीर में लहराते पाकिस्तानी झंडों का क्या करें - लाजवाब हो रहे शहज़ादे का जवाब कैसे दें - केजरीवाल को काबू में कैसे करें - और लोगों को बेवकूफ कब तक और कैसे बनाए रखें .... यानि समस्याएं बहुत हैं और मोदी जी परेशान और खामोश !!!!

वर्तमान स्थितियों में मैं मोदी जी को सुझाव देना चाहता हूँ .... कृपया ध्यान करें मनमोहन सिंह के हालात - जब आप लोग उनके पीछे पड़े थे और वो सभी कुछ टालने का प्रयास करते रहे थे - और नतीजा सब को मालूम है - मनमोहन सिंह जी के साथ पूरी कांग्रेस भी गई काम से ....

पर आज मैं देख रहा हूँ कि इस बार आप भी तो सभी बातों को टाल रहे हैं और खामोश हैं .... लेकिन लगता है आप प्रत्याशित नतीजों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं ....

अब अगर आपकी स्वयं की नीयत में खोट है तो आपको सलाह देना भी बेकार ही है - उस स्थिति में या तो आप निपट जाओगे या इस देश के गरीब लोग निपट जाएंगे ....

पर यदि आपकी नीयत में खोट नहीं है तो आपको एक ही सलाह है - ५ मिनिट आँख बंद करें और याद करें कि आपने लोगों के सामने खुद को कैसा होने का विश्वास दिलाया था .... मसलन आपने बोला था कि ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा - भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करूंगा - मैं आपका सेवक - आपका चौकीदार - आदि .... और बस आगे का काम आसान है - फुला लें अपनी छाती पूरे ५६" तक और सही निष्पक्ष ईमानदार निर्णय करना शुरू कर दें .... बस !!!!

यानी मेरी सलाह है कि - // मोदी जी आप या तो चुनाव पूर्व वाले नरेंद्र मोदी बन जाएं - या कूवत हो तो केजरीवाल - बस !! //.... और मैं दावा करता हूँ कि यदि आपकी नीयत में खोट नहीं है तो आप ऐसा कर सकते हैं - और ऐसा करके आप सभी संकटों से पलक झपकते पार भी पा सकते हैं .... धन्यवाद !!!!

Thursday 18 June 2015

//// तोमर तो अमर हो गए ....////


दिल्ली के कानून मंत्री जीतेन्द्र तोमर की डिग्रियों का विवाद सामने आया था - उनको मंत्री रहते भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था - और फिर रिमांड में लेकर आजकल शैक्षिणिक संस्थाओं के इतने चक्कर लगवाए जा रहे हैं कि तोमर भी सोच रहे होंगे कि इतनी ही बार पहले आ जाता तो ये दिन नहीं देखने को मिलते ....

पर अब पूरे देश से फर्जी डिग्रियों के मामले सुर्ख़ियों में आ गए हैं .... और जहां से भी फर्जी डिग्री के समाचार आते हैं खबरिया चैनल के टाइटल होते हैं - महाराष्ट्र में भी तोमर - उत्तरप्रदेश में भी तोमर - बिहार में भी तोमर ....

बस गनीमत ये है कि अभी ऐसा नहीं कहा गया है कि स्मृति ईरानी भी तोमर .... पर हाँ स्मृति ईरानी का नाम भी उछल ही गया है - और जैसे पहले तोमर चुप थे अभी स्मृति ईरानी चुप हैं .... और मेरे आंकलन अनुसार उनकी उदघोषित शैक्षणिक योग्यताएं भी सही नहीं पाई जाएंगी !!!!

और अभी-अभी इसी जात का एक और समाचार आया है कि बिहार के मंत्री रहे रामदीन ने आरोप लगा दिया है कि सुशील मोदी की पत्नी की डिग्री भी फ़र्ज़ी है .... और सुशील मोदी का बड़ा ही रोचक जवाब भी सुनिए - बोले कि अब "यूनिवर्सिटी ही नकली डिग्रियां बांटने लगे तो मैं कुछ नहीं कह सकता" .... और जवाब मात्र से ही ये कल्पना की जा सकती है कि सच्चाई क्या होगी ....

अस्तु अब ये बात तय है कि पिटारा खुल गया है - और भविष्य में ऐसे कई प्रकरण आते ही रहेंगे - और शायद ऐसे हर प्रकरण में ये भी कहा जाएगा - "ये लो एक और तोमर" ....

यानि तोमर तो अमर हो गए .... अब क्या है 'आप' पार्टी की बात ही कुछ और है .... है ना !!!!

//// आडवाणी की आपातकालीन चेतावनी ....////


अब तो बहुत हो गया था - इसलिए बहुत दिन चुप बैठने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने आज बहुत कुछ कह दिया है .... और वो भी यथासमय - राजनीतिक दृष्टि से उपयुक्त समय !!!!

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताते हैं उन्होंने आपातकाल लगने की आशंका जताते हुए कहा कि - विश्वास नहीं होता कि फिर से आपातकाल थोपा नहीं जा सकता - लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता दिख नहीं रही है - मौजूदा नेतृत्व से उत्कृष्ट संकेत नहीं मिल रहे है .... आदि !!

मेरी प्रतिक्रिया ....

वयोवृद्ध आडवाणी जी को मुझे आपको और सबको मालूम होगा कि अब इस देश में आपातकाल तो लग नहीं सकता .... क्योंकि ना तो मोदी में इंदिरा जैसी ताकत है - और ना अब जनता निष्क्रिय अबोध या सोई हुई है .... इसलिए उस मायने में तो चिंता की कोई बात नहीं है ....

पर हाँ आडवाणी जी ने लगता है मोदी जी को संदेश दे दिया है कि - सुषमा स्वराज को हटाने की हिमाकत ना करें .... शायद इशारा कर दिया है कि तुम्हारी हैसियत अभी इतनी भी नहीं और तुम इतने उत्कृष्ट भी नहीं कि तुम से कहीं अधिक उत्कृष्ट नेता को पार्टी से हटा सको ....

मेरी दृष्टि में इसे परिपक्व अनैतिक राजनीति भी कहा जा सकता है ....

और इसलिए मुझे लगता है आपातकाल जैसे हालात देश के लिए तो नहीं पर भाजपा के लिए अवश्य ही उत्पन्न हो चुके हैं .... और मोदी जी को कुछ तो ना करते हुए कुछ तो करना होगा .... क्योंकि कुछ ना करते हुए भी कुछ तो करते दिखना ही होगा ....

आज पहली बार मुझे मोदी जी से सहानुभूति हो रही है .. बेचारे मोदी !!!!

Wednesday 17 June 2015

//// "मौनमोहन" कहने वाले मोदी स्वयं मौन हैं .. कहानी यहाँ ख़त्म ..////


आज दिन भर ललित मोदी - सुषमा स्वराज - वसुंधरा राजे और पुत्तर दुष्यंत के बारे में खबरिया चैनलों पर आ रहा सब कुछ देखा ....

मेरी आज की प्रतिक्रिया ....

मोदी की पोल खुल चुकी है - ये सिद्ध हो गया है कि मोदी में वो खूबियां नहीं है जो इस देश के नेतृत्व के लिए आवश्यक थीं .... और जो मोदी लोगों को समझा रहे थे कि वो सब खूबियां उनमें हैं ....

पर शायद मुझे बहुत पहले आभास हो गया था कि मोदी जी में भले ही बहुतेरी खूबियां हों - पर वो इस देश के प्रधानमंत्री होने लायक नहीं हैं और वो इस देश का भला भी नहीं कर सकेंगे ....

आज जो सबसे महत्त्वपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण बात मैंने टीप की है वो यह है कि - शायद मोदी की आँख की शर्म मर चुकी है - यकीनन इसलिए कि कभी पदासीन प्रधानमंत्री माननीय मनमोहन सिंह को "मौनमोहन सिंह" कहने वाले मोदी आज स्वयं मौन हैं ....

इसलिए मोदी की कहानी और मेरी बात यहीं खत्म हो जाती है !!!! धन्यवाद !!!!

//// देश या गरीब के अपराधी की मदद पाप से कम नहीं....////


इस देश में लाखों लोग होंगे जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित होंगे पर उतनी ही गंभीर गरीबी के रहते उनका इलाज नहीं हो पा रहा होगा और वो किसी मददगार का मुँह ताक रहे होंगे ....

और इस देश के मददगार हैं जो मानवीय आधार का तर्क दे ऐसे व्यक्ति की मदद कर रहे हैं जिसे सही मायने में किसी मदद की जरूरत है ही नहीं - वो तो स्वयं प्राइवेट जेट प्लेन में घूमता है - उसे पैसे की कोई कमी नहीं - देश के सैंकड़ों करोड़ों रूपए ले भागा हुआ है - पूरे विश्व में उसके कई धंधे फैले हैं .... वो तो उलटे सैंकड़ो हज़ारों लोगों का इलाज करवाने में सक्षम है ....

अतः मेरा मन आज बहुत व्यथित है .... मैंने सुषमा स्वराज को हमेशा इज़्ज़त के साथ देखा और उनका प्रशंसक रहा हूँ .... मैं यह भी मानता हूँ की भले ही उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से कोई अपराध ना किया हो पर जो कुछ किया है और अपने प्रतिरक्षण में जो सार्वजनिक दलील दी है वो तो किसी भी घृणित अपराध से कम नहीं ....

यदि जनता ने आपको गरीब की मदद करने हेतु जवाबदारी सौंपी थी तो आप गरीब को छोड़ एक आपराधिक प्रवृत्ति के अंतर्राष्ट्रीय अमीर और भारत के भगोड़े को मदद करने का प्रयास मात्र भी करें तो यह तो क्षमा योग्य हो ही नहीं सकता ....

खैर इलाज किसी का भी हुआ हो - और इलाज में मदद किसी ने भी करी हो - पर यह तथ्य है की भाजपा की मोदी सरकार की सेहत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा है .... और यदि बेशर्मी जारी रही तो इस सरकार को भी कैंसर घेर लेगा जिसका इलाज शायद लिस्बन में भी ना हो पाए - और इलाज के लिए कोई गज़ब दयालू मददगार भी न मिले ....

मैं शास्त्रों का ज्ञाता तो नहीं पर हाँ ध्यान आता है कि कहीं पढ़ा था कि - " अपात्र को दिया गया दान व्यर्थ है " .... पर इससे भी बढ़कर मैं तो ये मानता हूँ कि - // देश या गरीब के अपराधी की जाने अनजाने किसी भी रूप में की गई परोक्ष अपरोक्ष मदद पाप से कम नहीं // ....

अतः सुषमा जी - मोदी जी - और भाजपा को सावधान करना चाहूंगा - कृपया पाप का रास्ता छोड़ दें !!!!

//// कोई भी "मोदी" एहसान फरामोश नहीं ....////


सार्वजनिक जीवन में ३ "मोदी" ख्यात हैं .... उनके बारे में आज के ताज़ा मूल्यांकन अनुसार उनके महत्त्व के क्रम में उनके एहसान लेने देने संबंधित मेरी लघु गोपनीय टिप्पणियाँ >>>>

>> पहले नंबर पर ललित मोदी : - प्रत्यक्ष दिख रहा है कि बंदा चिल्ला चिल्ला कर कह रहा है - सुषमा स्वराज ने मेरी मदद करी - वसुंधरा राजे ने मेरी मदद करी - यहां तक की शरद पंवार प्रफुल्ल पटेल और राजीव शुक्ला ने मेरी मदद करी .... बन्दा एहसान तले दबा जा रहा है - बड़े बड़े लोगों के एहसान तले - और जिनसे एहसान लिया वो कितने महान हैं ये भी देखिये .... सुषमा कह रही हैं कैसा एहसान - ये तो मानवीयता है .... वसुंधरा राजे कह रही हैं - उन्हें तो कुछ याद ही नहीं कि कैसा एहसान किया .... शुक्ला कह रहे है - नहीं काहे का एहसान .... पंवार और पटेल भी अपने मुहं से अपनी तारीफ नहीं करना चाहते .... इन सब बातों से तो सिद्ध होता है कि ललित मोदी एहसान फरामोश नहीं !!!!

>> दुसरे नंबर पर आते हैं नरेंद्र मोदी : - प्रत्यक्ष दिख रहा है कि नरेंद्र भाई ने प्रधानमंत्री रहते एक भी वायदा पूरा नहीं किया जिसके कारण लोगों को एक अजीब सी चिंता सताने लगी है - गरीब तो बेहद परेशान और चिंतित है - और भक्त लोगों का भी अब दिमाग खराब होने लगा है .... और लगता है इसलिए नरेंद्र भाई ने सबके लिए "योग" का उपयोग करने का निश्चय किया है - ताकि सबको मानसिक संतुलन और संतोष प्राप्त हो सके .... इस एकमात्र तथ्य से तनिक आभास होता है कि नरेंद्र मोदी एहसान फरामोश नहीं !!!!!

>> तीसरे नंबर पर आते हैं सुशील मोदी : - बेचारे बहुत ही शरीफ और लो-प्रोफाइल व्यक्ति हैं - कभी कभी तो उनमें मनमोहन सिंह की छब आती है - पिछले १०-१५ सालों से एक जैसे बूढ़े बुझे दिखते हैं .... पर पार्टी है कि उनके नेतृत्व पर ही भरोसा करती आ रही है - पिछली जदयू  गठबंधन की सरकार में भी उन्हें ही उपमुख्यमंत्री बनाए रखा .... पर अब बिहार के चुनाव आ रहे हैं और सुशील भाई को पक्का यकीन है कि भाजपा इस बार हारेगी .... और एक अज्ञानी नेता अनंत कुमार हैं जो कल ही सार्वजानिक रूप से कह गए कि बिहार में पार्टी का चेहरा नरेंद्र मोदी होंगे - यानी तब तो साफ़ है कि हार का ठीकरा नरेंद्र मोदी के सर चढ़कर फट फ़टाफ़ट फटेगा फूटेगा .... अस्तु नरेंद्र भाई और भाजपा पार्टी के इतने एहसान तले दबे सुशील भाई ने तत्काल कह दिया - कि नहींssss नरेंद्र भाई नहीं होंगे बिहार में पार्टी का चेहरा .... इस एकमात्र तथ्य से सिद्ध होता है कि सुशील मोदी एहसान फरामोश नहीं !!!!!  

अतः सिद्ध होता है कि ये "मोदी त्रिमूर्ति" एहसान फरामोश नहीं - और इसलिए मैं आशा करता हूँ कि ये जल्दी ही देश द्वारा इन पर किये गए एहसानों के बदले इस देश को स्वयं से मुक्ति दिला देंगे .... आइये हम सब मिलकर कामना करें भगवान इनको सद्बुद्धि दे !!!!

Tuesday 16 June 2015

//// मानवता के नाते मेरी गोपनीय प्रतिक्रिया .... क्रिकेट के अट्ठे ....////


ललित मोदी प्रकरण .... ललित मोदी भगोड़ा ....
पहले सुषमा स्वराज .... मानवता के नाते ललित मोदी को मदद ....
अब वसुंधरा राजे .... ललित मोदी को गोपनीय मदद ....
और हमेशा से ही बड़बोले रहे नरेंद्र मोदी चुप .... पार्टी हित में या स्वहित में चुप .... 

मानवता के नाते मेरी आपके समक्ष गोपनीय प्रतिक्रिया ....

शssssssssssss !! कृपया मालूम होवे कि .... इस देश का बहुत बड़ा भ्रष्टाचार क्रिकेट एवं अन्य खेल प्रबंधन के साथ जुड़ा हुआ है - और इसलिए प्रत्येक खेल संगठन के ऊपर कब्ज़ा करने के प्रयास में माननियों सम्माननियों की उछल-कूद और नंगे नाच हम हमेशा से देखते आये हैं .... और यही कारण है कि १२५ करोड़ के इस देश में खेल के हालात दयनीय रहे हैं ....

और इसलिए आज मैं कहना चाहूँगा कि आपने किकेट में चौक्के छक्के तो बहुत देखें होंगे पर शायद अट्ठे नहीं देखे होंगे .... 
पर मैं आपको बताना चाहूंगा की क्रिकेट में बहुत सारे अट्ठे हैं - इन्हे आप "पुल्लू के अट्ठे" भी कह सकते हैं ....

और यदि इस देश में कोई थोड़ी सी भी ईमानदारी से बंद आँखों से भी छोटी-मोटी जाँच भी कर लेगा या करा लेगा तो देश के सामने कई और अट्ठे  भी आ जाएंगे .... शरद पंवार - श्रीनिवासन - जगमोहन डालमिया - अरुण जेटली - अनुराग ठाकुर - राजीव शुक्ला - ज्योतिरादित्य सिंधिया - अमित शाह ........ आदि आदि आदि इत्यादि ....

पर क्या ऐसी जांच होगी ???? .... शायद अभी तो असंभव .... पर हाँ जब कोई ईमानदार इस देश का प्रधानमंत्री बनेगा तो ऐसी जांच जरूर हो जाएगी .... तब आपको बहुत से अट्ठे देखने को मिलेंगे .... पर तब तक क्रिकेट के महान खेल के चौक्कों छक्कों को ही झेलते रहना होगा !!!! शssssssssssss !!

//// "ललित खेल" देखना नहीं भूलें - भरपूर मनोरंजन की ग्यारंटी मेरी....////


आपको याद होगा की ललित मोदी ही तो थे जिन्होंने अपने प्रबंधन कौशल से आईपीएल को इतना लोकप्रिय बना दिया था ....
आज भी पूरा विश्व उनकी इस काबलियत का लोहा मानता है - क्रिकेट को भारत में इतना लोकप्रिय बनाया और इसे नए आयाम दिए - इसमें ग्लैमर को भी जोड़ा - पैसे को भी - राजनीति को भी जो वैसे तो पहले से ही जुडी थी पर इसे क्रिकेट का एक अभिन्न अंग बना दिया - सट्टे को भी जोड़ा - भ्रष्टाचार को भी .... यानी खेल-खेल में खेल का ऐसा रूप ?? काबिले गौर है !!!!

और आज ही ललित मोदी ने कहा है कि "खेल तो अभी शुरू हुआ है" ....

अब क्या है ना - जो महान लोग होते हैं वो अपनी उपलब्धियों का कभी बखान नहीं करते - और मैं देख रहा हूँ कि ललित मोदी भी निश्चित ही महान हैं .... इतना खेल खेल चुके हैं खिला चुके हैं पर मजाल है जुबां पर दंभ अहंकार के साथ उसका ज़िक्र भी आ जाए .... आप खुद देखिये कि महान ललित आज भी क्या कह रहे हैं कि "खेल तो अभी शुरू हुआ है" .... काबिले तारीफ़ ????

इसलिए मैं तो आज बहुत उत्साहित हूँ - मैं कल्पना कर बेहद प्रसन्न हूँ कि क्या नायाब खेल होगा वो जो ललित मोदी अब शुरू करेंगे .... मैंने तो पक्के से ठान ली है कि अपने सारे काम छोड़ "ललित खेल" जरूर देखूँगा - भले ही महँगा टिकट खरीद कर स्टेडियम में देखने ना भी जा पाऊँ - पर घर बैठे ही टीवी पर तो जरूर देखूँगा ....
आप को भी सुझाव दूंगा कि आप भी "ललित खेल" देखना नहीं भूलें - भरपूर मनोरंजन की ग्यारंटी मेरी !!!!

//// सुषमा स्वराज को हटाने में समस्या क्या है ??....////


विदेश मंत्रालय का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देखते रहे हैं ....
प्रधानमंत्री का काम वित्त मंत्री अरुण जेटली देखते रहें हैं ....
वित्त मंत्री का काम अंबानी-अडानी देखते रहे हैं ....
अंबानी-अडानी का काम प्रधानमंत्री मोदी देखते रहे हैं ....

और स्पष्ट है कि इस तरह मोदी डबल चार्ज में हैं - विदेश मंत्रालय और अंबानी-अडानी का कार्य .... और वो अपने दोहरे दायित्व बखूबी निभा ही रहे हैं - कड़ी मेहनत ईमानदारी लगन के साथ - विदेश-विदेश भटकते हुए अंबानी-अडानी के साथ - दिन में १६-१८ घंटे काम कर के - लगातार पूरे वर्ष एक दिन भी छुट्टी लिए बगैर .... बिना रुके बिना झुके बिना थके ....

मित्रो ऐसे में मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि सुषमा के इस्तीफे को लेकर भाजपा सरकार इतनी परेशान क्यों हो रही है .... सुषमा से इस्तीफ़ा ले लो और उनकी जगह किसी को भी बोलो बैठ जा - फर्क क्या पड़ना है - कोई भी व्यक्ति चलेगा - बस ये ध्यान रखें कि वो मानवता-मानवता का नाम ले दानवों को मदद करने की गलती नहीं करे ....

बल्कि मेरा तो सुझाव है कि अबकी बार ऐतिहातन ऐसे व्यक्ति को विदेश मंत्री बना दो जिसका मानवता से दूर दराज कोई नाता ही ना हो - अब भाजपा में तो ऐसे कई होंगे .... फिर समस्या क्या है ????

Monday 15 June 2015

//// योग आपको बिंदास बनाता है - आइये २१ को भांगड़ा करें ....////


२१ जून को योग दिवस मनाया जाना है - जिसकी तैयारियों के साथ बहसबाजी - और वैमनस्य की राजनीति हो रही है - या की जा रही है - या कराई जा रही है ....

मैं देख रहा हूँ कि जिस किसी भी प्राणी को देखो जो इस विषय पर सार्वजनिक रूप से बहस करता पाया जाता है वो ये जरूर कहता पाया जाएगा कि - " मैं तो खुद योग करता ही हूँ "- और इसके आगे ही कहेगा - बट किन्तु परन्तु लेकिन यानिकि मेरा मतलब समझना असली मुद्दा ये है मुद्दा ये नहीं है ........ आदि इत्यादि ....

और योग के आसन और क्रियाएँ भी क्या होती हैं कोई रॉकेट साइंस नहीं और अब गुप्त विद्या भी नहीं - गूगल गुरु भी आपको काफी कुछ जानने में मदद कर ही देंगे .... और क्योंकि अब जब सबको ही योग का ज्ञान है और सब योग करते रहते हैं - और क्योंकि योग वैसे ही फैशन में आ चुका है - योग नहीं करने वाले तुच्छ दृष्टि से देखे जाने लगे हैं - उन्हें समुद्र में डूबने तक की सलाह मिलने लगी है - तो फिर २१ जून को या २१ जून के बाद ऐसा क्या हासिल हो जाएगा जिसके कारण आम जनता को कुछ फायदा मिले ????

तो मेरा प्रश्न है कि योग दिवस को सरकारी स्तर पर इवेंट के रूप में मना कर सरकारी पैसे खर्च करने का क्या औचित्य ?? और वो भी करोड़ों रूपए ??

और मुझे एक और बात बहुत विचलित करती है - इस देश का मेहनतकश गरीब मजदूर रोज़ ही मजबूरी में श्रम करता है - कमर तोड़ श्रम - और उसे ना तो योग करने का समय है - और ना ही आवश्यकता - और कोई कितना भी दावा कर ले मैं प्रतिदावा करता हूँ कि ये योग विधा उन अमीरों के लिए ही प्रासंगिक रह गई है जो श्रम नहीं करते हैं .... 

इसलिए आज मैं भी घिसी-पिटी मार्के की बात कहूँगा कि मैं योग का विरोधी नहीं - पर योग के लिए गरीब जनता के पैसे का दुरपयोग कर फ़ोकट के प्रचार के पक्ष में भी नहीं .... मेरी प्राथमिकता गरीब के पेट में पहले रोटी पहुंचे ये है - ना कि गरीब के पैसे से योग का प्रचार !!!!

और मेरी बात के समर्थन में मैं ये भी दावा करता हूँ कि दिल्ली के मुख्य समारोह में जिसमें १ लाख लोगों को एकत्र करने की बात कही जा रही है उसमें एक भी गरीब नहीं होगा - उसमें शिरकत करेंगे किरण बेदी सतीश उपाध्याय जैसे विशिष्ट लोग - या मजबूर सरकारी कर्मचारी और स्कूली बच्चे !!!! 

इसलिए मित्रो आपको सर्वप्रथम ये राज़ की बात पहली बार बताते हुए कि - मैं भी योग करता हूँ - अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ - किसी मानसिक दबाव में नहीं रहता - गलत को गलत और सही को सही कहता हूँ - इसलिए प्रसन्न रहता हूँ - बिंदास रहता हूँ - और इसलिए मैंने ख़ुशी ख़ुशी तय किया है कि आगामी २१ तारिख को मैं योग नहीं करूंगा - मैं तो भांगड़ा करूंगा !!!!

आप से भी निवेदन है कि आप भी योग करें - बड़े फायदे की चीज़ है - प्रसन्न रहें - स्वस्थ रहें - बिंदास रहें - और चाहें तो आप भी २१ को भांगड़े का मज़ा लें .... !!!! धन्यवाद !!!!