Saturday 31 December 2016

/.. उफ्फ्फ !! .. बचे मितरों बचे .. मोदी ने राष्ट्र के नाम अभी-अभी समाप्त किए अपने लम्बे संदेश में ऐसा कुछ नहीं कहा जिसे चिंतनीय कहा जा सके - और वो ऐसा कुछ कहते भी नहीं जिस पर चिंतन किया जा सके .. .. इसलिए मैं सोचता हूँ कि इसी ख़ुशी के साथ अफलातून २०१६ को विदाई दे दी जाए और २०१७ का बिंदास स्वागत किया जाए .. इस उम्मीद के साथ कि २०१७ 'कैशमय' ही रहे .. .. आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल मुलायम द्वारा पार्टी से निकाले गए अखिलेश आज वापस ले लिए गए .. .. अब अखिलेश कब फिर से निकाले जाएंगे पक्का पक्का कह नहीं सकता .. पर एक बात पक्की है कि आज शाम को यह तय हो जाएगा कि मोदी और मुलायम में पलटी मारने में कौन अव्वल ?? .. .. और मुझे लगता है कि यदि दोपहर तक शिवपाल इस्तीफ़ा दे दें - जो नामंज़ूर हो शाम तक वापस ले लिया जाए - तो फिर मुलायम मोदी से बाज़ी मार सकते हैं .. .. या फिर मोदी आज शाम घोषणा कर दें कि १ जनवरी से पुराना १००० का नोट पुनः वैध होगा - या फिर ऐसी ही कोई विचित्र घोषणा कर दें - तो बाज़ी मोदी जी के नाम ही रहेगी .. .. पर यदि रात तक अरविन्द केजरीवाल ये घोषणा कर दें कि वो भी उत्तरप्रदेश चुनाव में शिरकत करेंगे - तो फिर तो मुझे लगता है बाज़ी मुलायम और मोदी के हाथ से निकल जाएगी .. .. समझे ना !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल मुलायम बोले थे - अगला मुख्यमंत्री वो तय करेंगे .. मुलायम को सूचित हो कि मुख्यमंत्री का पद रिक्त ही नहीं हुआ है .. .. और कल ही भाजपा ने दावा किया था कि अगला मुख्यमंत्री भाजपा का होगा .. भाजपा को सूचित हो कि अखिलेश सपा से निकाले जाने के बाद भाजपा ज्वाइन नहीं करेंगे .. .. और कल ही मायावती ने भी दावा किया था कि बसपा ही जीतेगी .. बहनजी को सूचित हो कि लड़ाई बाप बेटे की है - इस बार बहन का स्कोप ना के बराबर है .. .. और कल पूरा दिन निकल गया कांग्रेस ने दावा तक नहीं किया कि अगली मुख्यमंत्री शीला दिक्षित होंगी .. कांग्रेस को सूचित हो कि उनकी सोच बिल्कुल सही है .. .. क्योंकि शायद कांग्रेस इस बार मुख्यमंत्री बनवाएगी .. ../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. उत्तरप्रदेश के घटनाक्रम की स्थितियां और परिस्थितियां अपेक्षानुसार ही अब परिलिक्षित हो रही हैं .. और लोग कह रहे हैं - "बेटा बाप पर भारी पड़ गया" .. .. ठीक भी है - मुलायम की मीटिंग में ११ विधायक पहुंचे हैं - और अखिलेश की मीटिंग में करीब २०० विधायक पहुँच गए हैं .. इसलिए मेरा मत है कि "बेटा बाप पर भारी पड़ गया" के बजाय ये कहना उपयुक्त रहेगा कि - "अकेले बेटे ने बाप चाचा और अंकल को दे पटक मारा रे !!!!" ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Friday 30 December 2016

/.. मुलायम ने अखिलेश को पार्टी से निकाल दिया है - और मेरे आंकलन अनुसार ..... अब पूर्व से संभावित राहुल और अखिलेश मिलकर चुनाव लड़ेंगे - और संभवतः समस्त गुणा-भाग के बाद अखिलेश ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे .. .. एक बात और .. अंततः जिस अंतिम मुद्दे पर पार्टी टूटी वो रहा दागियों और बाहुबलियों को टिकट देने या ना देने का - और अखिलेश ने यहां बाज़ी मार ली .. .. और शायद एक तो इस कारण से - और एक सहानुभूति की लहर के कारण - और फिर अखिलेश द्वारा मुख्यमंत्री रहते हुए कुछ अच्छे कार्यों का सफलतापूर्वक प्रचार होने के कारण - और अखिलेश द्वारा अपनी व्यक्तिगत छवि बना लेने के कारण - अखिलेश के ही जीतने की संभावना बढ़ गई है - और बद एवं बदनाम मुलायम-शिवपाल का पतन अब तय लगता है ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


// मोदी जी घोषणा कर ही दो कि अच्छे दिन आ गए .. शरमा इतरा क्यों रहे हो जी ?? ....//


नोटबंदी के ५० दिन पूरे .. और फायदे ही फायदे .. टैक्स ज्यादा आ गया .. कालाधन बाहर आ गया .. रवी की बुवाई भी अधिक ही हो गई .. पर्यटन भी बढ़ा .. आतंकवाद नक्सलवाद माओवाद की कमर टूटी .. पाकिस्तान का भी मुहँ टूटा .. म्यूच्यूअल फण्ड और लाइफ इंश्योरैंस में बढ़ोतरी हो गई .. अब लोगों को कोई परेशानी नहीं बची .. अर्थव्यवस्था पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ा नहीं .. रोज़गार कम होने वाला नहीं .. किसान का भला होगा - व्यापार करना भी आसान होगा .. रिज़र्व बैंक के पास पर्याप्त करेंसी उपलब्ध .. किसी ईमानदार को कोई फ़िक्र नहीं .. कोई बेईमान बेफिक्र नहीं ..  .. और तो और महँगाई भी काबू में आ गई .. विशेषकर सब्जियां सस्ती .. भाजपा चुनाव भी जीत गई .. यानि जनता भी खुश - सरकार भी खुश - बैंक भी खुश - बैंक के चोर ग्राहक भी खुश - कैशलेस और ई-पेमेंट में भी बढ़ोतरी .. और मोदी भी खुश .. .. अब क्या ढाई साल में एक चायवाले से इससे ज्यादा तनिक भी उपलब्धि संभव हो सकती थी ?? ....

तो मोदी जी अब तो घोषणा कर ही दो कि अच्छे दिन आ गए .. ऐसे छुई मुई नई नवेली ब्याहता जैसे शरमा इतरा क्यों रहे हो जी ?? .. .. बल्कि मैं तो सलाह दूंगा कि घोषणा कर दो कि अब तो अच्छों अच्छों के दिन आ गए .. .. और आ के लद भी गए .. ..

और एक मुफ्त वाली सलाह भी .. ख़ुशी के ऐसे आलम में पिछले ६०-७० साल का विलाप करना छोड़ दो - नहीं तो ऐसा लगता है कि सर्दियों की रात में कुत्ता फ़ोकट अलाप रहा है - मानों उसे ठण्ड लग रही हो !?!? .. ..

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Thursday 29 December 2016

// तो करवा लो जाँच - जो तुम में हो औकात .. समझे ?? ....//


मैं क्यों ना मानूं कि सहारा लेन-देन दस्तावेजों में क्योंकि मोदी के साथ शीला दीक्षित के अलावा और भी कई मुख्यमंत्रियों के नाम थे इसलिए ना कोई जाँच हुई - ना होगी .. और ना किसी की औकात जो कुछ कर ले .. और ना किसी जवाबदार को कुछ करने की आवश्यकता .. और ना किसी में हिम्मत .. और ना किसी में नैतिकता !! .. .. 

और क्योंकि ना जाँच हुई ना जाँच होगी - तो मैं क्यूँ ना मानूं कि मोदी समेत सभी ने सहारा से भारी रकम किसी रिश्वत के रूप में सादर ग्रहण करी ही होगी .. .. और मैं ये क्यूँ ना मानूं कि राहुल गाँधी ने केजरीवाल या प्रशांत भूषण द्वारा पहले ही सार्वजनिक किये जा चुके इस मुद्दे को केवल चेताने के लिए ही बखूबी उछाला कि -"हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे" !! .. ..

और मित्रो जब एक बार फिर कीर्ति आज़ाद ने अरुण जेटली पर सैंकड़ो करोड़ों की अर्जित दौलत पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं तो मैं क्यूँ ना मानूं कि जब तक कभी ना संभव होने वाली जाँच नहीं होती तब तक जेटली अपराधी .. ..

और क्योंकि बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टी १०० करोड़ से ज्यादा की रकम अपने बैंक खातों में डलवा देती है तो फिर क्या भाजपा जैसी पार्टी के पास कुछ भी धन ना रहा होगा ?? .. और रहा होगा तो क्या बसपा से कम या ज्यादा ?? .. और यदि बसपा से ज्यादा तो फिर भाजपा भी बसपा से ज्यादा दोषी या कम ?? .. या सभी पार्टियों निर्दोष और जनता मूर्ख ?? .. ..

और क्योंकि अब तक जेटली या मोदी के पद पर बने रहते यह तक मालुम ना पड़ने दिया गया है कि 13,860 करोड़ की अघोषित संपत्ति का खुलासा करने वाले महेश शाह के पास किसकी अघोषित संपत्ति थी तब तक मैं क्यों ना मानूं कि संपत्ति भक्तों या भाजपाइयों की ही थी ?? .. ..

और क्यों ना मानूं कि यदि मुंडे परिवार को भी किसी जाँच से बख्श दिया गया है तो फिर गड़बड़ तो होगी ही ?? .. ..

और क्योंकि अब तो स्वघोषित ५० दिन भी पूरे हो गए पर नोटबंदी से राहत तो दूर नोटबंदी के दुष्परिणाम और ज्यादा साल रहे हैं .. तो क्यों ना मानूं कि मोदी जी ने जनता के साथ किसी अन्य अनपयुक्त कारण के खिलवाड़ कर मारा ?? .. .. और क्यों ना मानूं कि इन्हीं कारणों से अभी तक एक भी अपराधी ना तो जेल गया और ना जाएगा - और जाएगा भी तो निकल आएगा - या निकलवा लिया जाएगा ?? .. ..  

क्या कहा ?? .. बिना सबूत कुछ भी मानना गलत ???? ..
तो फिर क्या बिना सबूत ये मान लिया जाए कि मोदी गंगा जैसे पवित्र ???? ..

यानि सबूतों की दरकार तो हर हालत में है .. पर बिना जाँच सबूत मिलने वाले नहीं - और जाँच होनी नहीं .. तो फिर किया क्या जाए ??

मित्रो मेरा दिल-दिमाग ये मानने को तैयार नहीं कि मोदी गंगा जैसे पवित्र - और भाजपा व भाजपाई निष्कलंक .. इसलिए मैं तो यही मानता हूँ कि मोदी पहले भी खाते रहे - अब भी खा रहे हैं - और खाने दे रहे हैं .... और जिसको मेरी बात से आपत्ति हो उससे मेरी प्यार भरी प्रार्थना .. .. तो करवा लो जाँच - जो तुम में हो औकात .. समझे ??

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Monday 26 December 2016


/.. प्रधानमंत्री छद्म वीर मोदी को जब विपक्ष के उनसे भी ज्यादा छद्म वीरों ने संसद में बोलने नहीं दिया - और जबकि मोदी नोटबंदी के विषय में बहस के लिए आतुर थे - तो मोदी ने भी वीरता का परिचय दे पूरे देश में रैलियों में दर-दर भटकते हुए जनता से सीधा एकतरफा संवाद कर मारा .. और विपक्ष के वीरों को बता दिया ठेंगा ?!?! .... पर फिर नोटबंदी फेल हुई - तो बारी आई कैशलेस की - और फिर जनता के दिमाग की बत्ती जल गई - और जनता पूछ बैठी - जब सबके लिए कैशलेस तो सभी पार्टियों के चंदे कैशलेस क्यों नहीं ?? .. और बस देखते-देखते सभी छद्म वीरों की फूँक निकल गई .. और जो बेचारे मोदी तथाकथित रूप से पार्टियों के फण्ड वाले मुद्दे पर संसद में बहस चाहते थे - इस बार टेका लगा गए .. यदि विपक्ष बहस से भाग गई तो कर भी क्या सकते हैं ?? .. .. और इसलिए मेरी प्रतिक्रिया .. क्यों वीर मोदी जी !! जनता तो तुम्हें धैर्य और भरोसे से सुनती है - तो फिर इस बार भी अपनी बात सीधे जनता से क्यों नहीं ?? .. कर दो ना एकतरफा घोषणा कि भाजपा आज से १००% कैशलेस .. .. या फिर मान लो कि वो तुम ही थे जो घोंचू जैसे संसद की बहस से भागते फिर रहे थे ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Sunday 25 December 2016

/.. दो दिन में "दंगल" ने कमाए लगभग ६० करोड़ रूपए .. .. वाह क्या बात है !! .. .. पर अब तक बैंक की लाइन में लोग खपते मरते रहे - बिन कैश तमाम परेशानियाँ झेलते रहे - कई लोगों के पास काम नहीं रहा - उनका धंधा चौपट हो चला - उनके पास कर्मचारियों और श्रमिकों को देने के लिए कैश नहीं था .. सब दुखी लाचार थे .. है ना !! .. .. तो फिर अब फ़िल्म देखने के लिए कैश कहाँ से आया - या फिर जिनके पास नहीं आया वे इ-पेमेंट करना भी सीख गए ?? .. .. तय हुआ कि इस देश का अमीर और मध्यमवर्गीय इतना सक्षम है कि फिल्म की टिकट की जुगाड़ कर ही लेता है - फिर उसके भूखे मरने का तो प्रश्न ही नहीं उठता .. .. पर यदि कोई मर रहा है तो वो है इस देश का गरीब मजदूर किसान जो दंगल देखने की हैसियत नहीं रखता - क्योंकि वो राजनीतिक भ्रष्टाचार के 'दलदल' में आकंठ डुबोया जा चुका है .. .. तो किया क्या जाए ?? .. .. मेरा उत्तर तो है - लगता है अब "दंगल" जरूरी हो चला है !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. बस ५० दिन पूरे होने वाले हैं .. और लगता है मोदी जी ने अभी से विफलताओं का ठीकरा फोड़ने की जुगाड़ करना शुरू कर दी है .. इसलिए ही तो चालाक मन की बात कह रहे हैं कि विपक्ष साज़िश कर रहा है .. .. खैर मोदी जी से तो कोई तर्क वाली बात हो नहीं सकती - इसलिए भक्तों से पूछ लेता हूँ .. क्या विपक्ष इतना सक्षम है कि मोदी की धाँसू नोटबंदी योजना को साज़िश कर विफल कर दे ?? .. और वो भी जबकि पूरे देश की जनता विपक्ष की सभी साज़िश समझती है और मोदी के साथ खड़ी है ?? .. और यदि विपक्ष योजना को विफल कर देने में सफल हो गया है तो इसका अपश्रेय किसे देंगे .. केजरीवाल को - राहुल को - या ओवैसी को ?? .. या फिर बुढऊ ब्रह्म प्रकाश दुआ को तो नहीं ना ?? .. .. या फिर मान लो कि मोदी की योजना सफल और मोदी बकवास कर रहे हैं .. या फिर मान लो तुम भक्तों को अभी कुछ सुविधाजनक समझ नहीं पड़ी है - शायद हमेशा की तरह ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ



// हैप्पी क्रिसमस !! .. क्या ईश्वरीय चमत्कार से सांता आज गिफ्ट बाँट पाएंगे ?? ..//


आज सुबह-सुबह एटीएम गया था .. लाइन में सांता क्लॉज़ भी खड़े मिल गए .. मैंने पूछ लिया ..
हैल्लो हैप्पी क्रिसमस - आप भी ?? .. ..
हैप्पी क्रिसमस .. आप कैसे ?? .. ..
बस जी पैसे निकालने आया था .. पर सांता जी आप क्यों ?? .. ..
मैं भी पैसे निकालने खड़ा हूँ लाइन में .. रात में सबको गिफ्ट जो बांटने हैं .. ..
पर मैं तो सोचता था कि आपको पैसे और गिफ्ट किसी ईश्वरीय चमत्कार से प्राप्त होते होंगे ?? .. ..
हाँ तो आप सही सोचते थे - यहाँ भी कौन पैसे ईश्वरीय चमत्कार के बिना मिलेंगे !!!! .. ..
ओह - आई - सी !!!! .. ..

और तभी एटीएम में कैश ख़त्म हो गया .. और ईश्वरीय चमत्कार से लोग संस्कारित संस्कृत में चीत्कार करते चीते की तरह निकल लिए .. ..

और मैं खाली एटीएम को ईश्वर के कार्यालय के रूप में नमन कर यह सोचता-सोचता खाली हाथ घर वापस लौट आया हूँ कि - क्या आज मोदी कृपा से ईश्वर को और ईश्वरीय चमत्कार से सांता को पैसे मिल जाएंगे ?? .. और क्या सांता आज गिफ्ट बाँट पाएंगे ?? .. .. हैप्पी क्रिसमस !! ..../

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Saturday 24 December 2016

/.. तमाम विरोध के बावजूद - बिना औचित्य बिना मांग बिना ज़रुरत के - मोदी जी द्वारा समुद्र में ३६०० करोड़ की लागत से कभी नहीं बननेवाले शिवाजी स्मारक का जल पर भूमिपूजन कर मारा .. मैं मोदी जी के इस कृत्य की भर्त्सना करता हूँ .. .. अब यह मत पूछना क्यों ?? .. क्योंकि ना तो मोदी ने मुझ से पूछ कर नोटबंदी करी थी - और ना ही मुझसे पटेल स्टेचू की अनुमति ली - ना ही बुलेट ट्रेन की और ना ही शिवाजी स्मारक की .. .. और ना ही गरीब जनता के लिए अब तक एक कौड़ी का काम किया .. और ना ही विकास का कोई कार्य .. .. और सनक ऐसी सवार हो जाती है कि यदि कोई ठस बुद्धि में ठसा दे कि यदि बुलेट ट्रेन की बजाय शिवाजी और पटेल के बीच हवा में एक अटल मोदी रोपवे ट्राली चलाई जाए तो दुनियाभर के बेवकूफ इसे देखने आएँगे - तो फिर क्या .. बेवकूफों के लिए समर्पित साहेब तो लटक अटक ही जाएंगे ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. अब कुछ जवाबदार गैरजिम्मेदाराना बोल रहे हैं कि नोटबंदी से गरीबों को नहीं अमीरों को परेशानी हो रही है .. अव्वल तो बेशर्मों को डंके की चोट पर बता दूं कि गरीबों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई .. और फिर पूछना चाहूँगा कि अमीरों को यदि परेशानी हुई तो इसमें बिंदास हो धूल में लोटने जैसी बात क्या है जिसका श्रेय ले रहे हो .. क्या अमीर इंसान नहीं - भारतीय नहीं - ईमानदार नहीं ?? .. इसलिए गैरजिम्मेदार जवाबदारों को बताना चाहूँगा कि आपकी योजनाएं और क्रियान्वयन ऐसा होना 'चाइये' था कि ईमानदार परेशान ना होते और बेईमान बच ना सकते .. 'चाइये' था कि नहीं 'चाइये' था ?? .. पर आप इसका उलट कर अब जनता को कभी अमीर- गरीब के जुमलों में तो कभी कैशलेस के जुमलों में उलझाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हो .. .. चेता दूं - गरीबों की बद्दुआ से अमीरों के हाथों बहुत कुटोगे यार ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मित्रो अफ़सोस - नोटबंदी के चलते क्रिसमस पर 'सांता क्लॉज़' नहीं आएगा - शायद वो भी किसी लाइन में जो लगा होगा .. पर इस बार क्रिसमस पर एक 'संत' टाइप अंटसंट जरूर आएगा और नोटबंदी का नया 'क्लॉज़' सुनाएगा .. फिर ऐंवई बहीखाते में आपके नाम एक लॉलीपॉप ई-ट्रांसफर कर जाएगा .. ३० दिसंबर तक देखते देखते चूसते रहना .. फिर ३१ दिसंबर को वही अंटसंट आपको नववर्ष की शुभकामनाएं देगा और ५० दिन लाइन में खड़े रहने के लिए धन्यवाद देगा .. आगे आपकी मर्ज़ी आपको जो करना हो कर लेना .. .. आपको एडवांस में हैप्पी क्रिसमस की शुभकामनाएं - और - अंटसंट को 'हैप्पी कैशलेस' की कामनाएं ताकि पवित्र मैली गंगा की कृपा से वो 'फ़कीर' हो ख़ुशी-ख़ुशी निकल पड़े - किसी गंगोत्री की ओर - चाय के ठेले की ओर - आमीन !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Friday 23 December 2016

/.. नोटबंदी घोषित हुई .. तकलीफें शुरू हुईं .. लाइनें लगीं .. बताया गया जम्मू काश्मीर में पत्थरबाज़ी बंद हुई .. सब खुश हुए .. लाइनें जारी रहीं .. .. पर पत्थरबाज़ी फिर शुरू हो गई .. जी हाँ वाक़या श्रीनगर के बाजीपोरा के हाजन गाँव का है जहां कल लोगों ने सुरक्षाबलों पर पथराव कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और गाँव में छुपे गोलीबारी करते आतंकियों को भगवा दिया .. .. खैर इधर अब हम कर भी क्या सकते थे .. हम तो लाइन में खड़े होने की मजबूरी जो काट रहे हैं .. .. लेकिन वैसे ही दिमाग में आया कि पत्थर फेंकने में भी क्या ५००-१००० के नोट लगते होंगे ?? .. तो क्या अब २००० के गुलाबी नोट में २०० पत्थर ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ



Thursday 22 December 2016

/.. अब एक नया शिगूफा सुनो .. .. नजीब जंग इस्तीफ़ा दे देंगे पहले ही भविष्यवाणी हो गई थी .. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी तथा देश की ग्रहदशा तथा कुंडलियों की जांच के बाद अधिकतर ज्योतिषियों ने यह भविष्यवाणी कर दी बताई जा रही है कि नोटबंदी के कारण भाजपा को बड़ा राजनीतिक झटका लगने वाला है .. खासकर आने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी को इस नोटबंदी के कारण हार का सामना करना पड़ेगा .. .. मुझे समझ नहीं आता कि ये भविष्यवाणी का गोरखधंधा कब बंद होगा .. क्योंकि बिना भविष्यवाणी पर भरोसा किये ही मेरा दिमाग और दिल ये कहता है कि भविष्यवाणी सही है .. पर इसका ये मतलब तो नहीं कि मैं मेरे दिल दिमाग पर भरोसा ना करते हुए ज्योतिषियों पर भरोसा करने लगूँ .. .. अब यदि कल को कोई ज्योतिष ये भविष्यवाणी कर दे कि स्मृति राष्ट्रपति जंग उपराष्ट्रपति स्वामी वित्तमंत्री अनुपम विदेश मंत्री बनेंगे तो क्या मैं विश्वास कर लूँ ?? .. या फिर कोई ज्योतिष ये भविष्यवाणी कर दे कि अगला प्रधानमंत्री केजरीवाल तो भी क्या मैं विश्वास नहीं करूँ ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मोदी ने वाराणसी से भाषण दिया .. बहराइच से राहुल ने भी अभी-अभी एक भाषण दिया .. मोदी में भ्रामक भाषण देने की कला है - राहुल में नहीं है .. राहुल मोदी से प्रश्न पूछ रहे हैं .. मोदी जवाब दे नहीं पा रहे हैं .. .. एक प्रश्न है - मोदी जी आपने सहारा बिड़ला से पैसे लिए कि नहीं ?? .. .. और इसके अलावा भी ढेर सारे पूरक एवं अन्य प्रश्न हैं - और ढेर सारे आरोप हैं .. पर मोदी जी सन्न हैं .. वो जवाब नहीं दे रहे हैं .... मेरी प्रतिक्रिया .... कला पर कटु प्रश्न भारी पड़ गया .. और शाने कलाकार पर एक पप्पू भारी पड़ गया .... भक्तों के मुँह पर ताला पड़ गया .. और देश पर एक बेईमान चौकीदार भारी पड़ गया ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. भक्त और उनके साहेब और उनके नेता और उनके छुटभैये - यानि पूरी गैंग अपने विरोधियों और विपक्ष का उपहास गालियों के अलावा अनुपयुक्त शब्दों वक्तव्यों और भावभंगिमा से करते ही आए हैं .. और आज भी हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने वाराणसी से उसी घटिया परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए खुद से लाख दर्जे अक्लमंद माननीय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और खुद से लाख दर्जे अधिक सौम्य राहुल का जिस तरह उपहास किया है - मोदी जी ने जनता और विरोधियों को भी स्वयं का उपहास करने का लाइसेंस दे दिया है .. .. इसलिए ही मेरे भक्त मित्र सूचित हों कि - इसलिए ही देश के अनन्य लोगों के साथ मैं भी प्रधानमंत्री मोदी जी की शान में बिंदास लिखने को प्रेरित और उन्मुक्त होता रहा हूँ .. इसलिए ही कृपया मेरी भाषा और भंगिमा से फ़ोकट विचलित ना हुआ करें .. और यदि हुआ भी करें तो कम से कम केजरीवाल की बातों पर चैं !! चैं !! चैं !! इतना भी चहक कर ना किया करें .. थोड़ी अक्लमंदी और सौम्यता का परिचय आप भी दिया करें .. .. और हाँ लगे हाथ एक प्रश्न .. यार ये तो बताओ कि सहारा बिड़ला से पैसे लिए थे कि नहीं ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मेरा शक यकीन में बदल रहा है कि मोदी ने सहारा बिड़ला से पैसे लिए ही होंगे .. अन्यथा केजरीवाल द्वारा बहुत पहले से और राहुल द्वारा बाद में लगाए वही सभी आरोपों पर सीधे-सीधे कुछ भी ना बोलते हुए या कुछ भी ना बोल पाते हुए आज मोदी वाराणसी से राहुल का मज़ाक नहीं बनाते - और यदि दम गुर्दे होते तो केजरीवाल का भी मज़ाक बनाते ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Wednesday 21 December 2016

/.. जो मक्कार कह रहा है कि - मोदी गंगा की तरह पवित्र हैं - उसे सूचित करता हूँ कि - हे अज्ञानी अहंकारी बेवकूफ बड़बोले - गंगा बहुल मैली हो चली है रे !! .. क्यूँ मोदी की रेड़ मार उन्हें गटर में धक्का दे रहे हो ?? .. और क्यों गंगा माँ को और अपमानित कर रहे हो ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. आजकल छापे तो खूब पड़ रहे हैं - और ना ना प्रकार की धन दौलत भी बरामद हो रही बताई जा रही है .. पर आगे क्या होता है - यानि ये धराए गए लोग सजा पाते हैं कि छोड़ दिए जाते हैं या छूट जाते हैं ये तो बाद की बात .. पर मैं यह नहीं समझ पा रहा हूँ कि इन छापों का नोटबंदी से क्या संबंध ?? .. क्या बिना नोटबंदी ही ये छापे नहीं मारे जा सकते थे ?? .. मसलन क्या तमिलनाडु के प्रमुख सचिव के यहां छापे की कार्यवाही क्या पहले नहीं की जा सकती थी ?? .. क्या सभी का वेतन खातों में जमा करने की बात पहले नहीं की जा सकती थी ?? .. इस प्रकार के धाँसू काम नोटबंदी की शर्मनाक विफलता के बाद ही क्यों ?? .. एक बात और .. यदि एक सचिव के यहाँ से १०८ करोड़ कैश और १८० किलो सोना निकल सकता है तो क्यूँ नहीं सबसे पहले देश के सभी सचिवों के यहां छापेमारी की जाए .. फिर ये गरीबों की फ़ोकट वाट क्यों लगा रहे हो मोदी जी ?? .. आप में अक्ल नहीं तो मैं गारंटी देता हूँ कि यदि अरबों का कालाधन नहीं निकले तो बता देना किस चौराहे पर आना है .. .. समझे शाने नासमझ !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मोदी सरकार पर हँसने को मजबूर करने वाला ताज़ा समाचार - ५००० रुपये मूल्य से ज्यादा के पुराने नोट बैंक में वापस जमा करने वाला सर्कुलर भी वापस .. .. और मैं सोच रहा हूँ कि जो एक मात्र तर्कसंगत बात टकले ने कही थी उस बात का अब क्या होगा ?? .. यानि जिसके पास पुराने नोट हैं वो एक बार ही बैंक में क्यों ना जमा कराए ?? .. बार-बार टुकड़ों में कराने का क्या औचित्य ?? .. .. मुझे लगता है कि किसी मित्र को असुविधा जरूर हो रही होगी और इसलिए कोई काला कीड़ा किसी के कहीं न कहीं जरूर रुक रुक कर काट रहा होगा .. यानि करोड़ों की आवक जावक जरूर चालू होगी .. अन्यथा तो ५६ इंची अपने निर्णयों पर अड़ियल ही रहते हैं .. नहीं क्या ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल हमारे क्रांतिवीर केजरीवाल ने जिसे भक्त प्यार से केजरी कहने लगे हैं - भोपाल में आरोपों की झाड़ियां झाड़ दीं और यहाँ तक कि मोदी के साथ-साथ शिवराज को भी लपेटते हुए उनपर भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने संबंधित आरोप दाग दिए .. और ऐसे आरोप वो पहले भी लगा चुके हैं .. पर मैं देख रहा हूँ कि सिवाय उनको गालियां देने के भक्तों ने या फिर मोदी ने या फिर शिवराज ने ही उपयुक्त पलटवार या प्रतिकार नहीं किया है .. .. अच्छा एक मज़े की बात और .. केजरीवाल ने कल फिर जांघ ठोंक कह दिया कि सभी पार्टियां आरटीआई के तहत आनी चाहिए - कोई चंदा कैश में ना हो - सभी पार्टियों की चंदे और चिन्दियों की जांच के लिए आयोग बने और सबकी हवा टाइट हो - आदि .. पर पलटवार या प्रतिकार एक तरफ - मैं तो देख रहा हूँ कि ये सारे झकोरे केजरीवाल की बातों का समर्थन तक भी नहीं कर पा रहे हैं .. बेचारे !! .. .. इसलिए कहना गलत ना होगा कि .. .. "मोदी अब कुछ कहने लायक नहीं - केजरी जो सही कहे वही सही" ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Monday 19 December 2016

/.. हमारे राष्ट्रीय चौकीदार को सूचित हो और टीप हो .. .. मैं एक इंदौरी हूँ . और मेरे इंदौर में आज एक चौकीदार के पद पर कार्यरत व्यक्ति के पास से ११ लाख से ज्यादा के 'नए नोट' बरामद हुए हैं .. इसलिए बताना चाहूँगा कि शर्म करो .. ये तुम कैसी चौकीदारी कर रहे हो जो नए नोट थोकबंद पूरे देश में यहाँ वहां सब दूर बड़ी आसानी से पहुँच रहे हैं .. तुम यकीनन असफल साबित हुए .. और मेरा इंदौरी चौकीदार सफल साबित हुआ - जो तुमसे मिलकर या तुमको बेवकूफ बनाकर हेराफेरी करने में सफल हो गया - और तुम पर भारी पड़ गया .. .. वैसे इंदौरियों की तो बात ही कुछ अलग है .. इसलिए सलाह देता हूँ कि मेरी गूढ़ बातों पर ध्यान दिया करो .. और ये चौकीदार के पद से इस्तीफ़ा दे दो - ये राष्ट्रीय चौकीदारी का काम तुम्हारे बस का नहीं .. और वैसे भी जुमले देने के अलावा तुम्हें कुछ और आता नहीं .. इसलिए उठाओ झोला और निकल लो .. वो भी पतली गली से जहां रास्ते में कोई चौराहा ना पड़ता हो .. नहीं तो .. .. .. समझे !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. पुराने नोट जमा करने पर कई उप-शर्तों और उपाउप-शर्तों के साथ नई शर्त - ५००० रुपये से ज्यादा रकम केवल एक बार ही जमा हो सकेगी बार बार नहीं - और Non-KYC खातों में ५०००० से अधिक नहीं .. .. मैं कहता नहीं था - ये कहते कुछ और हैं करते कुछ और हैं .. कहा था - "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" .. पर कर क्या रहे हैं - "ना निकालने दूंगा ना जमा करने दूंगा" .. .. वैसे एक बार फिर बता दूं .. नई शर्त तो शर्तिया उचित लगती है - पर शर्तें थोपने वाला यकीनन अनुचित ही है .. .. और नई शर्त इंगित करती है कि बैंकों में अनुमान से अधिक राशि जमा होने के कारण साहेब की खराब हवा और टाइट हो गई है - क्योंकि खोदने गए थे पहाड़ - पूरा पहाड़ खोद भी दिया - पर अब तक कारण नहीं तय कर पाए हैं कि पहाड़ क्यों खोदना था और क्यों खोद दिया ?? .. और फिर अंततः निकला क्या ?? .. और वो चुहिया कहाँ फरार हो गई ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. साल भर हो चला था .. टूटे मुंह उतरे हुए थे - लटके हुए थे .. पर आज कराहते हुए हौले-हौले उठे हैं - और एक आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल होने जा रहा है .. जी हाँ !! यकीन मानें - पठानकोट हमले के संबंध में पुख्ता आरोपपत्र .. जिसमें सबूत के बतौर हमारे 'वीर' सलविंदर तक की गवाही दर्ज करी गई बताई जा रही है .. .. .. अल्लाह खैर करे और ईश्वर कृपा .. परलोक पहुंचाए चारों आतंकियों को सजा जरूर मिले .. बाकी पीछे नीचे बचे उनके सहयोगियों को तो अब बख्शा नहीं जाएगा .. क्योंकि न्यायालय में आरोप पत्र जो दाखिल हो गए हैं - और साहेब के राज में जब कोई सफ़ेदधन वाला तक नहीं बचा तो फिर आतंकियों की क्या औकात ?? .. .. पर एक उलझन अभी भी बनी हुई है .. मरे आतंकियों की संख्या तो शायद यकीनन पूरे चार के लगभग ही थी .. पर यक्ष प्रश्न तो अब भी शोले भड़का रहा है .. अरे ओ साहेब !! "कितने आतंकी थे ????" ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. एक अजीब गरीब था .. यानि पक्का 'अजीबोगरीब' .. रहता राजसी ठाठ-बाठ के साथ था .. फिर एक दिन उसका ईमान गड़बड़ाया .. उसने गरीबों का रोकड़ धर दबाया .. सबको कैशलेस बनाया .. सबको भाइयों बहनों मितरों बुलाया .. खुद को फ़क़ीर बताया .. .. फिर गरीबों को कुछ समझ आया .. सबने उसे चौराहे पर निपटाने का मन बनाया .. .. कल एक चौराहे पर झोला टाँगे सफ़ेद दाढ़ी में एक फ़कीर दिखा .. मैं उत्साहित हुआ .. उसे दूर से बुलाया .. वो पास आया तो मैनें पूछा तेरा नाम क्या .. वो बोला "फ़कीरा" .. मैंने कहा धत्त तेरे की !! .. .. मैं हतोत्साहित हुआ .. पर यकीन मानें यदि वो वाला फेंकू झोला टाँगे किसी भी चौराहे पर मिल गया ना तो .. .. .. पर आपसे निवेदन .. मैनें गलती की आप मत कीजियेगा .. हर फ़क़ीर को शक़ की निगाह से मत देखियेगा .. और हर फेंकू को फ़कीर मान इज़्ज़त मत बख्श दीजियेगा .. समझ गए ना !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Sunday 18 December 2016

// एक निम्न कोटि के भक्त की पोस्ट पर मेरी विचारोपरांत प्रतिक्रिया ....//


पोस्ट पुरानी है पर आज फिर एक निम्न गुणवत्ता वाले भक्त ने भेजी है ....
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क्या कारण था मोहम्मद गोरी से अकेले पृथ्वीराज चौहान ने ही युद्ध किया.. बाकी पड़ोसी हिन्दू राजा क्या कर रहे थे..?
क्या कारण था अकबर से केवल मेवाड़ के महाराणा प्रताप लोहा ले रहे थे.. बाकी पूरे भारत के राजा कहाँ थे.?
क्या कारण था महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज अकेले अफजल खां और ओरगंजेब से युद्ध लड़ रहे थे, बाकी के हिन्दू राजा....?
जब हिंदुओं की आपसी फूट और घमंड ने इन शूरवीर राजाओं को कभी एकमत और एक साथ नहीं होने दिया तो.... !!
बेचारे अकेला मोदी क्या कर लेंगे..!!
सभी देशद्रोही मिलकर इसे भी गिरा ही देंगे।
ऐसे भी हमारा देश सैकड़ों-हज़ारों साल से विदेशी आक्रमणों को झेल रहा है। कभी हम सनातनी(हिंदु) पूरे विश्व पर फैले थे। आज इसी आपसी फूट के कारण  भारत में भी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये आखिरी मौका है। फिर कोई हिंदुवादी शासक नहीं मिलेगा।
विचार कीजिएगा!!!!
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मैंने विचार किया ....
और पाया कि ये पोस्ट लिखने वाला बहुत ही उच्च कोटि का भक्त है .. और इस पोस्ट को व्हाट्सअप पर डालने वाला मित्र एक निम्न गुणवत्ता का भक्त - जिसे बेचारे मोदी के गिरने का एहसास हो गया है .. जबकि उच्च कोटि के भक्त तो अब भी यही मानते हैं कि मोहम्मद गौरी अकबर अफजल खां और ओरगंजेब और समस्त घमंडी हिन्दू राजाओं आदि की औलादों और समस्त देशद्रोहियों से लोहा सोना पीतल चांदी ताँबा लेने का दम यदि किसी में है तो वो एकमात्र हिंदुवादी शासक सनातनी (हिन्दू) नरेंद्र दामोदरदास मोदी ही तो है .... 

और मैंने विचार कर यह भी पाया कि निश्चित ही हमारे देश में देशद्रोहियों की संख्या से अधिक संख्या ऐसे नामुराद झकोरों की है जो दिन रात समाज में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की जी तोड़ मेहनत करते रहते हैं .. और जिनका तोड़ शायद गिरते मोदी के पास भी नहीं है .. ..

चलो अब अंत में एक बात और .... ये जो निम्न और उच्च कोटि के भक्त और बेवकूफ टाइप नामुराद झकोरे हैं ना यही मिलकर मोदी को गिरा देंगे .. मोहम्मद गौरी अकबर अफजल खां और ओरगंजेब और समस्त घमंडी हिन्दू राजाओं आदि की औलादों और समस्त देशद्रोहियों की जरूरत ही नहीं है रे ....//
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Saturday 17 December 2016

/.. अत्यंत दुखद ब्रेकिंग न्यूज़ .. .. पंपोर में आतंकी हमले में हमारे ३ जवान शहीद .... मुहंतोड़ जवाब भी नहीं दिया जा सका .. और हमलावर भी भाग निकलने में सफल हो गए .. .. वीर मोदी जी !! .. क्या 'नोटबंदी' के बाद हम अब 'बेनामी संपत्ति पर चोट' की ही बाट जोहते रहें जिससे आपके अनुसार ये आतंकवादी घटनाएं रुकेंगी ???? .. .. या फिर हम किसी भी शर्मनाक कुतर्क को सुने बिना किसी असल असरकारक वाजिब मुहंतोड़ कार्यवाही की आशा करें ?? ../.. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. "मोदी की नोटबंदी" - और - "मोदी की नकदबंदी" जैसी २ बेवकूफाना योजनाओं की संक्षिप्त विवेचना कुछ यूँ की जा सकती है .. .. चले थे "नोटबंदी" करने - पर अपनी नैसर्गिक डेढ़ अक्ल के कारण कपड़े फाड़ते हुए पहुँच गए "नकदबंदी" पर .. .. "नोटबंदी" एक अच्छे मकसद को प्राप्त करने का एक अच्छा उपाय था - पर "मोदी की नोटबंदी" बेवकूफाना साबित हो गई .. क्यों ?? .. क्योंकि "नकदबंदी" वांछित 'इ-पेमेंट' को प्रोत्साहन देने के अच्छे मकसद के लिए एक बेवकूफाना सोच है - और "मोदी की नकदबंदी" यह साबित करती है कि बेवकूफों की सोच बेवकूफाना ही होती है जिसके परिणाम भी अफलातूनी तूफानी बेवकूफाना ही होते हैं ../.. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


// मैं धारक को एक भी रूपया अदा करने हेतु वचनबद्ध नहीं हूँ - गवर्नर वास्ते प्रधानमंत्री ..//


भारतीय रिज़र्व बैंक भी एक प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान था .. शायद अब नहीं .. अब तो यह संसद के समतुल्य हो चुका है .. क्योंकि किसी भी प्रकार की "वचनबद्धता" के पलीते लग चुके हैं .. .. 

और साथ ही क्योंकि बड़े ही शर्मनाक और हैरतअंगेज़ तरीके से करोड़ों के नए नोट मार्केट में गलत हाथों से जब्त हो चुके हैं - जिसके लिए कुछ बेवकूफ और समस्त भक्त बैंकों को दोषी मान रहे हैं बिना ये अकल खुरचे कि इतनी बड़ी धांधली बैंकों की ब्रांचों से संभव ही नहीं है - क्योंकि ऐसा कर गुजरने की उनकी औकात ही नहीं है .... और यदि धांधली हुई है तो भी बैंकिंग की संपूर्ण व्यवस्था भारतीय रिज़र्व बैंक के तहत ही तो आती है .... यानि भारतीय रिज़र्व बैंक करोड़ों के नए नोटों के मार्केट में गलत हाथों में पहुँचने के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार है .. ..

और संसद की प्रतिष्ठा इसलिए नहीं बची है कि उसने एक विचित्र व्यक्ति के नेतृत्व में भारतीय रिज़र्व बैंक जैसे प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान को अपनी सनक और बेवकूफियों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है .. ..

इसलिए तय होता है कि एक विचित्र व्यक्ति के वशीभूत ना तो संसद स्वायत्त संस्था रही है ना ही भारतीय रिज़र्व बैंक .. ..

और आज मुझे ये एहसास हो रहा है कि संस्थाएं व्यक्तियों की मोहताज हैं ना कि व्यक्ति संस्थाओं के मोहताज .. क्योंकि जिस भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रतिष्ठा को पिछले ७० सालों में अनेक योग्य व्यक्तियों ने स्थापित किया था उसे एक विचित्र व्यक्ति ने एक झटके में धूल धूसरित कर दिखाया .. .. 

इसलिए सावधान !! .. संस्थानों पर असीमित भरोसा ना करें और बेवकूफों की असीमित (अ)क्षमताओं को कदापि हल्के में ना लें .. अन्यथा हो सकता है कि शेमलेस कैशलेस भारतीय रिज़र्व बैंक इस उदघोषणा के साथ अपने एकमात्र शेष बचे नोट छपाई दायित्व का निर्वहन कुछ यूँ करे कि .. .. "मैं धारक को एक भी रूपया अदा करने हेतु वचनबद्ध नहीं हूँ - भूल चूक लेनी देनी" गवर्नर वास्ते प्रधानमंत्री .. .. ..

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Thursday 8 December 2016

/.. लाइनों में खड़े सभी बुद्धिजीवियों मजबूरों और बेवकूफों को आज सूचित कर दूं कि अभी-अभी एक हेयरलैस ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर आपसे ये अधिकारिक अपेक्षा कर दी है कि - यारों भूल जाओ ये या वो नोटबंदी क्या थी - कालाधन किस बला का नाम .. बस अब तो आप ध्यान दो कि ये डिजिटल पेमेंट क्या होता है - और कैशलेस क्या नई बला .. .. और मुझे लगा ये हेयरलैस शेमलैस भी है क्योंकि - जब ये प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ही रहा था ठीक उसी समय ये समाचार भी आया कि चेन्नई में ८ जगह पर छापों के दौरान १०० किलो सोने के साथ "७० करोड़ रूपए के 'नए नोटों' का कालाधन" पकड़ाया है .. .. और इसलिए मुझे लगा कि लाइनों में खड़े सभी बुद्धिजीवियों मजबूरों और बेवकूफों को आज सूचित कर ही दूं .. ../.. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


०८/१२/१६ /.. कुछ पढ़े लिखे से डकैती के लिए निकले .. और बड़े गोपनीय तरीके से एक जगह धावा भी बोल दिए .. पर कुछ भी कर पाते उसके पहले ही धरा गए .. .. लोगों ने गालियां निकाली तो पूरी बेशर्मी से हँसते रहे .. पूछा शर्म नहीं आती ?? .. बोले नहीं आती !! .. कोई अफ़सोस नहीं ?? .. किस बात का अफ़सोस ?? .. यानि जो किया सही किया ?? .. बिल्कुल सही किया - इरादे भी नेक थे - निर्णय भी सही था - बस "इम्प्लीमेंटेशन" में थोड़ी गड़बड़ी हो गई .. .. अभी और दिमाग चला रहे हैं .. ../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Wednesday 7 December 2016

/.. जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और पथराव करने वालों के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं .. .. उफ़्फ़ !! लगता है ये नामुराद पत्थर फेंकने वाले झकोरे अब २००० का नोट भी बंद करवाएंगे ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. बुझे-बुझे लाल आडवाणी जी कह रहे हैं कि जो संसद नहीं चलने दे रहे उनको वेतन मत दो .. यानि फिर मोदी तो बिन वेतन ही फक़ीर हो जाएंगे - और झोला ले निकल जाएंगे .. .. तो फिर नया प्रश्न उठता है कि जब संसद में प्रश्न पूछे जाएंगे तो उनका जवाब कौन देगा ?? .. .. वैसे फर्क भी क्या पड़ेगा - क्योंकि जवाब अभी भी कौन दे रहा है ?? .. हा!! हा!! हा!! .. .. मसलन है कोई भाजपा का लाल जो सबको जगजाहिर बात बता दे कि गुजरात के शाह द्वारा घोषित १३-१४ हजार करोड़ कालेधन का असली वारिस कौन ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल तो कह रहे थे कि - मोदी टाइम के पर्सन ऑफ द ईयर .. आज कह रहे हैं नहीं - ट्रंप टाइम के पर्सन ऑफ द ईयर .. .. ठीक भी है - पल्टियों के लिए पलटी - फर्क क्या पड़ता है .. दोनों ही एक जैसे डेरिंग डायनामिक डैशिंग दिखने वाले अजीब से नेता ही तो लगते हैं .. .. पर हाँ मोदी ने अपने आपको सिद्ध कर दिया है और ट्रम्प को सिद्ध होना बचा है कि वो अजीब हैं .. .. यानि भारत रो रहा है .. अमेरिका रोएगा .. .. ये टाइम ही तो है जो बदलता रहता है ..../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. भाइयों और बहनों .. आज मैं आपसे पूछना चाहता हूँ .. जवाब दोगे ?? .. .. जिस व्यक्ति के फोटो की कीमत पूरे ५०० रु हो क्या वो फ़कीर कहलाएगा ?? .. या फिर फ़कीर नहीं तो क्या भिखारी कहलाएगा ?? .. या फिर भिखारी नहीं तो क्या साहेब कहलाएगा ?? .. या साहेब नहीं तो क्या डेरिंग डायनामिक डैशिंग हीरो कहलाएगा ?? .. .. चलो छोडो - मुश्किल नहीं आसान प्रश्न पूछता हूँ .. जो व्यक्ति जो कहे वो ना करके जो कभी नहीं कहे वही करे वो क्या कहलाएगा ?? .. .. या चलो ये बताओ .. जो व्यक्ति अपनी औकात के बाहर करतब करे वो समझदार कहलाएगा या पागल ?? .. .. क्या कहा कुछ नहीं मालूम ?? .. तो जनाब आप जान लीजिये कि अभी आप मोदी जी को पहचानते नही हैं या पहचानने में भूल कर गए हैं .. ../.. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Tuesday 6 December 2016

/.. ब्रेकिंग न्यूज़ - महामहिम राष्ट्रपति स्व. जयललिता जी के अंतिम संस्कार हेतु चेन्नई जा रहे थे .. लेकिन उनका प्लेन आधे रास्ते से वापस दिल्ली लौटा .. कारण !! .. प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई थी .. .. मनुष्य यदि चाहे तो छोटी छोटी घटनाओं से भी काफी कुछ सीख सकता है .. मसलन नोटबंदी के कारण अनेक तकनीकी खराबियों के सामने आते ही पलटी मार लेने में ही समझदारी थी .. पर दिक्कत ये है कि समझदार सीखने को तैयार हो तब ना !! ..../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. श्रद्धांजली !! .. श्रद्धांजली !! .. जिनके देहावसान को आज देश भुला-भुला सा रहा है .. सीमा पर शहीद हुए वीर जवानों को - और नोटबंदी के कारणों से संतप्त और परेशान हो अपने प्राण गंवाने वाले अनेक नागरिकों को मेरी श्रद्धांजली !! .. .. साथ ही गरीबों की श्रद्धा पात्र तमिलनाडु की आम जनता की "अम्मा" लोकप्रिय नेता सुश्री जयललिता जी को श्रद्धांजली !! .. ../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Monday 5 December 2016

/.. नोटबंदी एवं अन्य कारणों से देश की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई थी .. एवं सारे टीवी चैनल लगातार बिना रुके हांफ-हांफ कर और दे पटक दे पटक सारे समाचार अपने आकाओं की चाहत अनुसार परोस रहे थे .. .. पर आज वो सारे समाचार हवा हुए .. लगता है देश के हालातों में बदलाव आ गया होगा ?? .. .. पर आज जयललिता की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई है !! .. .. ईश्वर से प्रार्थना है देश और जयललिता का भला हो ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. नोटबंदी - कालाधन - नोटबंदी - कालाधन .. नहीं नहीं नहीं - सॉरी सॉरी सॉरी - कैशलेस - कैशलेस - कैशलेस .. मुहीम छेड़ दी गई है - करोड़ों के विज्ञापन जारी किये जा रहे हैं - कंपनियों से सेटिंग हो गई है - अब देखना पूरा देश कैशलेस की ओर तेजी से बढ़ेगा .. और जल्दी ही इसके धाँसू परिणाम आएँगे .. .. देश का गरीब मजदूर किसान व्यापारी 'कैशलेस' कर दिया जाएगा .. .. मोदी जी !! सदियों से चल रही व्यवस्थाएं महीनों में बदलने का दावा ?? .. बहुत अच्छे - क्या बात है - गज़ब का कॉन्फिडेन्स है भाई - पूरी ५६ इंच की छाती है भाई !! .. .. पर फिर ये ७० साल के कुशासन के दुष्परिणामों को सलटाने में ढाई साल तक फुस्स्सस्स क्यों ???? .... क्या इसके लिए अगले १४० साल नहीं लगेंगे ???? .... और एक बात बताओ - कि जो तुम भी देश से दगा कर रहे हो तो इस देश को तुम्हारी बेवकूफियों से उबरने में कितने साल लगेंगे ???? .... उपरोक्त प्रश्न मोदी के लिए नहीं हैं - क्योंकि वो लाजवाब हैं .. पर हाँ ये प्रश्न आपके विचार विमर्श को झकझोरने के लिए ही हैं .. धन्यवाद !! ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Sunday 4 December 2016

/.. चीनी के लिए लाइन ?? .. मिटटी के तेल के लिए लाइन ?? .. पिछले १५-२० साल में किसने देखी ?? .. मैंने तो देखी नहीं .. हाँ यदि गुजरे जमाने में किसी ने देखी हो तो वो यह भी जान ले कि चीनी की लाइन में चीनी मिलती होगी - मिटटी के तेल की लाइन में मिटटी का तेल भी मिलता होगा .. राशन के हिसाब से मिलता होगा .. सरकारी मिलता होगा .. सस्ता मिलता होगा .. है ना !! .. .. पर मोदी उन लाइनों की तुलना नोटबंदी वाली अभी की लाइनों से कर रहे हैं ?? .. यानि ये तो गजब बेवकूफ बना रहे हैं !! .. क्योंकि इन बैंको की लाइनों में आपको मिल क्या रहा है ?? .. भारी मशक़्क़त करने के बाद आपका अपना ही मशक़्क़त से कमाया पैसा - वो भी सरकारी राशनिंग के हिसाब से !! .. या फिर मिल रहा है बाबा जी का ठुल्लू !! .. .. उल्लू किसे बना रहे हो मोदी जी ?? .. और ये उल्लू बन कौन रहा है ?? ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. बताया जा रहा है कि पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ है .. और ऐसा महसूस भी होता है - और लंबी लंबी संयमित लाइनें भी इसकी पुष्ठि करती हैं कि लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं .. .. पर भ्रष्टाचार तो हो रहा है .. तो फिर प्रश्न उठता है कि ये भ्रष्टाचार कर कौन रहा है ???? .... तो जो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं उन तमाम लोगों को समझाने का मेरा एक छोटा सा प्रयास .... मित्रो !! - जिस व्यक्ति को भ्रष्टाचार मिटाने की जिम्मेदारी ढाई साल पूर्व बाजे गाजे के साथ सौंप दी गई थी यदि वो आज भी यही पूछने की धूर्तता कर रहा है कि - "बताओ भ्रष्टाचार मिटाना चाहिए कि नहीं मिटाना चाहिए ??" .. तो पक्का समझ लीजिये भ्रष्टाचार तो वही मक्कार कर रहा है .. वरना क्या ये बात भी पूछने की है ???? .. तुम्हें भ्रष्टाचार मिटाने के लिए अधिकार एवं दायित्व नहीं दिए थे तो क्या भुट्टे सेकने के लिए दिए थे ?? .. और यदि पूछना ही था तो सत्ता सम्हालने के पहले पूछ लेते - ढाई साल बाद क्यों ?? .... भ्रष्टाचार के नाम पर अब तक भुट्टे क्यों सेंकते रहे हो मोदी जी ?? ..../


Saturday 3 December 2016

// मोदी जी !! अब जाकर आप अपना दिमाग लगा रहे हो ???? ....//


आज मोदी जी ने मुरादाबाद में खुल्लमखुल्ला कह दिया कि उन्हें अब ये मालूम पड़ा है कि कालेधन वाले चोर अपना कालाधन गरीबों के जनधन खाते में डलवा दिए हैं और डलवा रहे हैं .. और अब मोदी जी अपना दिमाग लगा रहे हैं .. .. जबकि मैनें तो ये बात ०८/११/१६ को ही रात १० बजे अपने पोस्ट में बता दी थी .. मुलाहिज़ा फरमाएं .... 
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०८/११/१६
/.. अब समझ आया .. जनधन में खुले 0 बैलेंस के करोड़ों अकाउंट काले धन को वापस जीवित करने के लिए कितने काम आएँगे .... अब से हर एक 0 बैलेंस अकाउंट भी बहुमूल्य .... तो क्या गरीब भी अमीर ?? .. तौबा !! .. क्यों मज़ाक करते हो साहेब !! ..../
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पर मोदी जी !! आप मेरी तो सुनते नहीं - बस भक्तो के भरोसे टिके रहते हो - जबकि भक्तों में तो अकल का खाँचा ही नहीं है .. इसलिए भक्तों की मत सुनो - मत सुनो - मत सुनो मोदी जी !! .. अपना दिमाग लगाओ .. जो हुआ सो हुआ - सब भूल जाओ - और मेरे पोस्ट पढ़ो .. और ये नोटबंदी को वापस ले लो .. .. और फ़कीर बन झोला लेकर निकल लो .. ..

बाकी देश के प्रति आपके द्वारा फांकी गई सभी अच्छी इच्छाएं केजरीवाल पूरी कर ही देंगे .. मेरा विश्वास करना .. प्लीज़ !! ....//

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/.. यदि पुलिस डरने लगे कि चोर धमकी देता है .. यदि जज दलील देने लगे कि मुजरिम ने उसके साथ अन्याय कर दिया .. यदि मीडिया ही शिकायत करने लगे कि उसके विरुद्ध अफवाह फैला साज़िश हो गई .. यदि बहुमत से चुनी सरकार कपडे फाड़ने लगे कि विपक्ष उसका विरोध क्यों कर रहा है .. और यदि मोदी रो दें कि केजरीवाल उनके द्वारा की गई नोटबंदी का विरोध क्यों कर रहे हैं .. तो इसका मतलब ये है कि .. पुलिस जज मीडिया सरकार सब बेकार और मोदी केजरीवाल से हार मान गए हैं .. .. क्या है कि केजरीवाल कुछ अलग ही संवैधानिक चीज़ हैं मेरे भाई .. .. जय हिन्द !! मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. आज बड़ा अच्छा लगा भाजपाइयों को केजरीवाल के घर के बाहर उग्र प्रदर्शन करते देख - वो भी नोटबंदी का विरोध करने के विरोध में .. .. अच्छा इसलिए लगा कि चलो ये तथ्य सत्य तो मान लिया गया कि विरोध केवल केजरीवाल ने किया .. बाकियों ने किया भी तो मतलब का नहीं .. और बाकियों ने नहीं भी किया तो उनमें दम भी नहीं .. .. अतः आजकल के ५०-५० के फैशन के अनुरूप मैं केजरीवाल के विरोध में भाजपा के विरोध का ५०% विरोध और ५०% स्वागत करता हूँ .. .. और साथ ही चाहूँगा कि भाजपा केजरीवाल को ही सशक्त विपक्ष का सम्मान देते रहे .. और लोकतंत्र को मज़बूत करे .. .. और साथ ही यह ध्यान भी करे कि यदि भाजपा ने ७० साल में केजरीवाल जैसा विपक्ष का रोल निभाया होता तो देश और भी कहीं आगे होता .. और यदि ढाई साल में भी वायदे अनुसार कुछ भी अच्छा किया होता तो केजरीवाल को विरोध करने का मौका नहीं मिलता और आपको केजरीवाल के विरोध का विरोध करने की नौबत नहीं आती .. जय हिन्द !! ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


//.. 'नोटबंदी' के बाद अब 'बेनामी संपत्ति' की जाँच ???? .. सावधान !! ....//


मेरा दिमाग ये कहता है कि किसी भी संपत्ति की सामान्य सी जांच कर बड़ी आसानी से ये पता लगाया जा सकता है कि संपत्ति 'नामी' है या 'बेनामी' .. और यदि जांच में संपत्ति बेनामी निकले तो कर लो राजसात - कर डालो नियमानुसार पुख्ता कार्यवाही .. लेकिन जब मालुम ही हो कि संपत्ति बेनामी है तो फिर किस जाँच की जरूरत ?? .. यानि 'बेनामी संपत्ति' की कैसी जाँच ?? ....

इसलिए आपको सावधान कर रहा हूँ .. .. ये मोदी जी हैं ना रोज़ नए-नए शिगूफे छोड़ने के माहिर हैं .. ये नोटबंदी से आपको सफलतापूर्वक बेवकूफ बना अति उत्साहित दिख रहे हैं .. क्योंकि आखिर इन्होंने "कालेधन" पर कार्यवाही करने के नाम पर पूरे देश के पूरे धन पर ही कार्यवाही पेल दी - और खड़ा कर दिया पूरे देश को लाइन में - और आपको आपके ही सफ़ेद धन तक से वंचित कर दिया .. .. पर आज दिन तक एक भी कालेधनधारी का नाम तक सामने नहीं आया - और एक भी पैसे का कालाधन पकड़ा नहीं गया - और एक भी अमीर या नेता या अपराधी परेशान होता नहीं दिखा .... लेकिन देशप्रेम की ऊंची-ऊंची बातें और लाइन में लगे देशवासियों की प्रशंसा बदस्तूर जारी रही .... 

और इसलिए नोटबंदी की सफलता (या असफलता) के बाद अब साहेब एक नया शिगूफा छेड़ रहे हैं - "बेनामी संपत्ति की जाँच" का ....

और मुझे लगता है कि ठीक कालेधन के घालमेल और गोलमाल की ही तरह ये 'बेनामी संपत्ति' पर सीधे-सीधे 'कार्यवाही' नहीं करते हुए आम जनता की संपत्ति की सर्वव्यापी जांच जरूर करेंगे - और आपको अपने घर से भी बेघर करने की कोई नई स्कीम जरूर ले आएँगे .. .. और नोटबंदी जैसे ही आपको एक बार फिर लाइन में खड़ा करेंगे और कहेंगे सिद्ध करो जिस कच्चे पक्के मकान में तुम रहते हो या अपनी दुकान चलाते हो वो बेनामी हो किसी धन्नासेठ या गुंडे बदमाश की तो नहीं - या फिर सरकारी संपत्ति तो नहीं ?? ....

तो निर्णय आप स्वयं करें कि बेवकूफ कब तक बनना है - और बनना भी है कि नहीं ?? ....

वैसे एक बात बता दूं कि जिस तरह "कालाधन" देश के लिए घातक है ठीक वैसे ही "बेनामी संपत्ति" भी घातक है .. और मुझे लगता है ठीक वैसे ही ये "सरकार" भी बहुत घातक है भाई ..../

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Friday 2 December 2016

/.. अभी कई रिपोर्ट्स आ रही हैं - स्टिंग आ रहे हैं - धार्मिक संस्थानों के क्रियाकलाप सामने आ रहे हैं - जिनसे मुझे पूर्व से ज्ञात अकाट्य सत्य पता चल रहा है कि मेरे अनुमान और मेरी प्रत्याशा अनुसार ही कई धार्मिक संस्थानों के ठेकेदार सरकारी सहयोग के चलते काले धन रुपी ५००-१००० नोटों को सफ़ेद धन में बड़ी ही आसानी से बदल देने में सफल हो गए .. और धंधा धड़ल्ले से चालू है .. और अभी भी कई धर्मालुओं की मदद की जा रही है .. और ऐसे धर्मालुओं में समाज के सभी वर्ग शामिल रहे - जिनमें नेता भी शामिल रहे जिन नेताओं में सत्ताधीश भी शामिल रहे .. .. यानि लाइन में लगे लोग तो बेचारे भगवान् तक से ठगे गए .. .. अब ये सब भगवान् के मारे - 'भगवन भगवन भगवन' या 'मोदी मोदी मोदी' कहें - क्या फर्क पड़ता है .. .. आखिर तो भगवान् और मोदी की स्पष्ट 'किरपा' से ही तो सब संभव हो पाया .. .. है ना ..../ मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


// तुम बहुत पिटोगे यार !! ....//


तुमने कहा सभी वादे जुमले - सबने कहा चल कोई बात नहीं ....
तुमने कहा स्वच्छता पर ध्यान दें - सबने कहा बिल्कुल सही ....
तुमने कहा खुल्ले में नहीं - सबने कहा विद्या बालन सही ....
तुमने कहा विकलांग नहीं - सबने कहा दिव्यांग सही ....
तुमने कहा योग करो - सबने कहा और हुकुम करो ....
तुमने कहा पाक को मारा - सबने कहा वाह क्या मारा ....
तुमने कहा बस गरीब की परवाह - सबने कहा सही राह ....
तुमने कहा ५००-१००० नहीं - सबने कहा क्या बात कही ....
तुमने कहा लाइन लगाओ - सबने कहा हुकुम बजाओ ....
 तुमने कहा बस इतने ही मिलेंगे - सबने कहा इतने ही चलेंगे ....
तुमने कहा बस ५० दिन - सबने कहा कोई परवाह नहीं ....
तुमने कहा कोई चोर नहीं बचेगा - सबने कहा ये हुई ना बात !! ....

पर अब तुमने कह दिया - तुम लाइनों में खड़े हो - अपना पैसा लेने के चक्कर में पड़े हो - खप मर रहे हो - पैसा मिल नहीं रहा - फिर भी चुपचाप खड़े हो - शाब्बाश !! ....
अब बस चुपचाप खड़े रहना - अब कोई चोर नहीं फंसेगा - चोरी का माल भी ५०-५० !! ....

और अब सबने क्या कहा ?? ....

अरे यार अभी तो सब लाइन में ही खड़े हैं - पर सबका धैर्य अब टूट रहा है .. इसलिए सबकी छोडो .. अब तुम मेरी भी सुन लो यार .... 
सुधर जाओ !! नहीं तो .. .. तुम बहुत पिटोगे यार !! ..../

Brahma Prakash Dua
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/.. जिन्होनें भी सर्जिकल स्ट्राइक होने के और उसके प्रभाव पड़ने के दावों पर प्रसन्नता और संतोष किया था वे सभी देशभक्त और देशप्रेमी थे .. पर जिन्होनें भी सर्जिकल स्ट्राइक होने के ही दावों पर शंका का इज़हार किया वो 'सजग' नागरिक थे .. और जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक से पड़ने वाले प्रभाव पर अपनी शंकाओं का इज़हार किया वे 'समझदार' थे .. और जिन्होंने 'सजग' 'समझदार' नागरिकों पर प्रश्न खड़े किये वे 'भाजपाई' थे .. और जिन्होंने 'सजग' 'समझदार' नागरिकों को गालियां दी और भाजपाइयों का समर्थन किया वे 'भक्त' थे .. और जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का शिगूफा छेड़ फेंकमफाँक करी वो 'भक्तों' के 'साहेब' थे .. वही 'साहेब' जो आजकल गरीबों के कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर अमीरों के काले से सफ़ेद हुए धन की बन्दरबाँट में व्यस्त हैं .. .. और जो लोग आज भी साहेब के साथ हैं वे निरे नासमझ हैं जो बिना अकल लगाए देश अहित के सहभागी बन रहे हैं .. और यकीनन में आज गर्व के साथ कहता हूँ कि मैं एक 'सजग' 'समझदार' नागरिक हूँ .. .. किसी समझदार को कोई शक ?? .. किसी नासमझ को कोई आपत्ति ?? ..../


Thursday 1 December 2016

/.. पहले तो पाकिस्तान ने ही नकार दिया कि भारत ने कोई सर्जिकल स्ट्राइक करी .. पर सबने कह दिया - कर दी कर दी कर दी !! .. .. केजरीवाल कहते रह गए कि उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत नहीं मांगे - पर भक्त पिल पड़े - मांगे मांगे मांगे !! .. .. पूरा विपक्ष कहता रह गया कि वे नोटबंदी के खिलाफ नहीं हैं - पर भक्त पिल पड़े - खिलाफ है खिलाफ है खिलाफ है !! .. .. पूरा विपक्ष कहता रह गया कि उन्होंने भारत बंद का आह्वाहन नहीं किया - पर भक्त पिल पड़े - किया किया किया !! .. .. पूरा विपक्ष कहता रह गया कि - बैंकों में नोट ही नहीं हैं - पर भक्त पिल पड़े - नोट हैं नोट हैं नोट हैं !! .. .. यानि आलम ये है कि यदि विपक्ष ये कह दे कि मोदी मित्रों के पास कालाधन नहीं बचा - या भाजपा का कालाधन बोठ हो गया - या मोदी बिल्कुल खुराफाती नहीं है तो ?? .. .. तो आप अनुमान लगा लें कि "थोपने" की कला में निपुण ये "थोपनहार" क्या-क्या सत्य "थोप" देंगे .. .. ../


/.. पाकिस्तानी समस्या का एक समाधान ये भी .. मंत्री से लेकर संत्री तक सभी पर प्रतिबंध लगा दो कि कोई बयानबाज़ी नहीं करेगा .. अपनी छाती नहीं ठोकेगा - हवाबाज़ी नहीं करेगा - फांकेगा नहीं फेंकेगा नहीं .. और कोई मुच्छड़ टीवी पर सूरमा होने का प्रदर्शन भी नहीं करेगा .. .. और जो करना है सेना करेगी - अपना कर्त्तव्य और दायित्व समझ कर करेगी - अपनी औकात और दुश्मन की औकात अनुसार बिना किसी उकसावे के करेगी .. .. और जनता हार पर दुःख और जीत पर जश्न मनाते रहेगी - टीका-टिप्पणी भी करते रहेगी - ठीक वैसे ही जैसे कि क्रिकेट मैच की जीत हार के बाद .. .. अब रही बात सेना के मनोबल को उठाने और गिराने की .. तो मेरा मत है कि अपने आपको जवानों के साथ बताकर फ़ोकट लफ़्फ़ाज़ी करने से भोंडा मनोबल टुच्चे नेताओं और भक्तों का ही बढ़ता होगा .. वीर जवानों को तो क्या फर्क पड़ता होगा .. .. और स्पष्ट कर दूं कि यदि जवानों का मनोबल बढ़ाना हो तो उन्हें उपयुक्त सैन्य उपकरण उपलब्ध कराएं ना कि दिवाली त्यौहार उनके नाम कर उन्हें लॉलीपॉप दिखाएं ..../


/.. नोटबंदी के निर्णय से उपजी तमाम समस्याओं के सामने आते ही तोते उड़ने लगे और इसलिए कालेधन भ्रष्टाचार नकली नोटों के बजाय ढोल पीटना शुरू हुआ "कैशलेस" का - "प्लास्टिक मनी" का - डिजिटल" का .. .. यानि कुछ ऐसा बताया जाने लगा कि नोटबंदी का असली मकसद तो कुछ और था .. .. और इसलिए अब चुपचाप लाइन में खड़े रहो .. "कालेधन" के नाम पर ना सही "कैशलेस" के नाम पर खड़े रहो .. तत्काल लाभ को देखने के लिए ना सही दीर्घ लाभ की आशा में खड़े रहो .. .. और लोग खड़े रहे .. और लोग खड़े हैं .. .. पर आज मेरे दिमाग में कुछ प्रश्न भी खड़े हो रहे हैं .. कि जब राहुल गाँधी और कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट हैक हो सकते हैं तो गांव खेड़े के खातों में डिजिटल हेरा फेरी या चोरी चपाटी नहीं हो सकेगी ?? .. उनके कार्ड्स की क्लोनिंग या पासवर्ड की चोरी नहीं हो सकेगी ?? .. .. अरे जनाब हो सकेगी .. इसका मतलब ये तो नहीं कि उन्नति नहीं करें .. देशहित में गरीबों को सब सहना होगा .. समझे ?? .. अब चुपचाप खड़े रहो ..../


Wednesday 30 November 2016

/.. सीमा पर गोलियां चलती रहीं .. शहादत होती रहीं .. .. सत्तासीन उग्र दिखते रहे .. नकारा सिद्ध होते रहे .. .. प्रश्न उठाने वर्जित रहे .. श्रेय अर्जित होते रहे .. .. यूँ ही खून खौलते रहे .. दोषारोपण होते रहे .. .. हम आप गालियां खाते रहे .. जवान गोलियां खाते रहे .... जवान अब भी सीमा पर खड़े हैं .. हम आप लाइनों में खड़े हैं .. .. शाने बेचारों के पीछे पड़े हैं .. और साहेब हैं कि अब भी अड़े हैं ..../


/.. किसी भी मनोचिकित्सक अनुभवी प्रशासक या मानव संसाधन विशेषज्ञ से पूछ लें - सब एक मत से कहेंगे कि .. काम के बीच-बीच में अंतराल - वातावरण बदलाव - मनोरंजन - शरीर को आराम आवश्यक है - और मानसिक आराम भी अत्यावश्यक है .. .. पर मैं देख रहा हूँ इस निर्दयी देश ने अपने प्रधान सेवक और चौकीदार को लगातार काम करने के लिए मजबूर कर रखा है - और वो लगातार ३० माह से बिना किसी अवकाश के रोज़ १८-१८ घण्टे लोगों के काम लगा रहा है .. .. स्वाभाविक है मानसिक सन्तुलन तो बिगड़ना ही था - सो बिगड़ गया - जो नोटबंदी के निर्णय और क्रियान्वयन के तरीके से स्पष्ट हो जाता है .. .. इसलिए देशहित में मेरी देशवासियों से मानवीय आधार पर अपील - इस बेचारे 'सामान्य मानवी' की अब छुट्टी करो यार .. और किसी काबिल संतुलित मानस के व्यक्ति को बागडोर सौंप दो भाई .. देशहित में ..../


Tuesday 29 November 2016

/.. अभी-अभी दुखद समाचार आया है .. जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में आतंकियों ने सेना के परिवारों की २ महिलाओं और २ बच्चों और १२ जवानों सहित १६ को बंधक बना लिया था .. और उन सभी बंधकों को आतंकियों के चंगुल से बचा लिया गया .. पर मुठभेड़ में हमारे ७ जांबाज़ जवानों ने अपनी शहादत दे दी .. .. शायद इससे ज्यादा दुखद भी और "जांबाज़ी" की भी और दूसरी घटना नहीं हो सकती .. .. आज केवल श्रद्धांजलि !! रोते दिल से श्रद्धांजलि !! पूरी श्रद्धा के साथ श्रद्धांजलि !! .. क्योंकि इसके सिवाय और कुछ करना मेरे बस में नहीं .. पर जवाबदारों और जिम्मेदारों के अगले कदम का इंतज़ार जरूर रहेगा .. जय हिन्द !! ..../


/.. बस आज ऐसे ही याद आया कि कुछ दिन पहले ही साहेब ने कहा था - नोटबंदी का निर्णय कठिनाइयों से भरा था .. .. उस समय बात समझ नहीं आ रही थी कि कठिनाइयां वो भी खुद साहेब को ?? .. पर पूरी बात अब समझ आई जब जनता को भरपूर कठिनाइयों का सामना करते देख रहा हूँ .... वाकई नोटबंदी का निर्णय सिर्फ कठिनाइयों से ही तो भरा निकला .. .. और फिर मुझे ये भी याद आ गया कि २०१४ में मोदी के प्रधानमंत्री बनने का निर्णय भी तो कितनी कठिनाइयों से भरपूर था .. है ना ..../


/.. यार हद्द हो गई .. अब गधे सियार लोमड़ लंगूर बेशर्म बेअक्ल बेवकूफ सब इतरा कर बोल रहे हैं .. सरकार ने और छूट दी .. अब आप बैंकों में जो भी पैसा मान्य नोटों में जमा करवाओगे २४ हज़ार रु प्रति सप्ताह के अलावा वो भी निकाल सकोगे .. .. यानि यदि जमा कर निकालने या निकाल कर जमा कराने का शौक चर्रा जाए तो कोई भी अपनी सनक या शौक पूरा कर ले .. .. मेरी प्रतिक्रिया .. ये मोदी जी भी भक्तों के लिए विशेष नई-नई स्कीम लाते हैं - इसलिए मेरी भी नगद में कुछ और गालियां जमा कर निकाल देने की इच्छा हो आई तो निकाल दी .. कृपया बुरा नहीं मानें .. और जिन्हें बुरा लगा हो उन्हें सलाह .. जाओ लाइनों की शोभा बढाओ .. जमा करो और निकालो .. मोदी राज में ऐश करो .. और हो सके तो बाद में दिमाग में भी थोड़ा जमा खर्च कर लेना ..../


/.. हुर्रे हुर्रे नमो नमो !! .. .. अभी-अभी टीवी पर लंबे सूखे के बाद भक्तों के लिए संजीवनी जैसा समाचार आया है .. "मोदी ने बीजेपी के सांसदों और विधायकों से बैंक खातों का ब्यौरा माँगा" .. वैसे तो मेरा दिमाग कहता है कि मोदी भरोसे लायक नहीं .. पर फिर भी .. .. मैं दिल से चाहता हूँ कि काश मोदी कुछ सही करने का इरादा रखते हों - और बिना मूर्खतापूर्ण क्रियान्वयन के कुछ तो ऐसा कर जाएं जिसका वो आश्वासन देते आए थे - और नोटबंदी की लाइन में खड़े करोड़ों लोग बड़े ही धैर्य के साथ जिसकी आशा कायम रखे हुए थे .. और जिस कारण भक्त फिर से चहक सकें - हुर्रे हुर्रे नमो नमो !! ..../


// कुछ तो बदल रहा है .. बदलाव आ रहा है ....//


ट्रेन में मैनें कुछ यूँ कह दिया - मोदी राज में हालात देखो - टॉयलेट कितने गंदे पड़े हैं ....
एक भक्त मुसाफिर भड़क गया और बोला - कांग्रेस के समय साफ़ होते थे क्या ??   

फिर यूँ ही माहौल ठंडाने के लिए मैनें कहा, भाई इस साल सर्दी बहुत है .... 
भक्त फिर भड़क गया, और बोला- काँग्रेस के समय नहीं थी क्या ?? 

इतने में एक और मुसाफिर बोला - मोदी शाना निकला, अपना पैसा ठिकाने लगा नोटबंदी कर दी ....
भक्त फिर भड़क गया और बोला - तो क्या कांग्रेस में शानों की कमी थी क्या ??

एक अन्य मुसाफिर बोला .. सही कहते हो भक्त .. ना गंदगी साफ़ हुई - ना माहौल बदला - ना शानपत कम हुई .. .. कुछ भी तो नहीं बदला ....

और फिर सभी यात्री मुस्कुरा रहे थे - और भक्त भी ....

मुझे लगा - कुछ तो बदल रहा है - अब जाकर भक्तों में भी बदलाव आ रहा है  ..../

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Monday 28 November 2016

/.. अब फिर से साहेब का वित्त सेवक जेटली कालेधन को सफ़ेद करवाने के लिए नई ५०% वाली स्कीम ले आया जिसका बिल होहल्ले के बीच आज लोकसभा में पेश किया गया .. .. यानि बेवकूफों को लाइन में खड़े रहने दो - आप तो १०० % काला धन ठपके से अभी भी जमा कराओ - ५०% सरकार का ५०% आपका .. .. गौर फरमाएं कि अगर ये स्कीम नहीं लाते तो नोटबंदी के फलस्वरूप तो अंततः पूरा १००% सरकारी खाते में ही जाता .. इसलिए ऐसी स्कीम के पीछे धूर्तता और कुछ विशेष स्वार्थ तो स्पष्ट होते हैं .. .. मुझे लगता है कि इसके कुछ सुस्त रिश्तेदार कालाधन सफ़ेद करने से चूक गए होंगे और इसलिए इसे पीड़ा हुई होगी - अन्यथा किसी गरीब के लिए कोई स्कीम इसके दिमाग में घुस जाए इसकी खुपड़िया इतनी बड़ी भी नहीं .. .. बल्कि मुझे तो लगता है कि जब यमराज इसको लेने आएगा तो ये उससे भी कुछ ऐसा ही कहेगा .. यार सारा यहां छूट जाएगा तो सब बोठ हो जाएगा - ना मेरे काम आएगा ना तेरे - चल पूरा ले चलते हैं - ५०% तेरा - ५०% मेरा .. .. यानि ये मरते दम तक भी सुधर जाएगा लगता नहीं ..../


/.. भक्तों बताओ तो .. ये कौन कौन बेवकूफ थे जो "भारत बंद" की बात कर रहे थे ?? .. बता भी दो यार .. अब शर्म कैसी ?? .. .. कल के भाषण तो सुने ही होंगे ना .. साहब भी तो कुछ-कुछ बोले थे .. क्या बोले थे ?? .. क्यों बोले थे ?? .. अफवाहों का बाजार गर्म क्यों ?? .. गरीब परेशान क्यों ?? .. अमीर मस्त क्यों ?? .. धंधे चौपट क्यों ?? .. लाइनें लम्बी क्यों ?? .. नोटों का टोटा क्यों ?? .. संसद ठप्प क्यों ?? .. भारत बंद सा क्यों ?? ..../


/.. मैं कहता नहीं था .. दिल्ली पुलिस दुनिया की सबसे बेकार पुलिस है .. अब देखिये ना .. पकड़ लिया ना पंजाब की नाभा जेल से भागे मिंटू आतंकी को .. अब करते रहो केस तारीख पेशी .. रखो इसे जेल में - खिलाओ रोटियां .. .. इन्होंने भोपाली पुलिस तक से कुछ नहीं सीखा जिसने ८ का एनकाउंटर किया था .. ये तो एक को नहीं निपटा पाए .. छि: !! .. लगता है राजनाथ सिंह को अब दिल्ली पुलिस के बारे में गंभीरता से सोचना पड़ेगा .. .. मेरा सुझाव है दिल्ली पुलिस को केजरीवाल के हवाले कर दो .. साहेब की कसम एनकाउंटरों की भरमार ना लगा दे तो शिकायत करना .. .. वैसे ऐसा ना भी करो तो ठीक है - थोड़ा इंतज़ार भर कर लो - केजरीवाल के पंजाब जीतने के बाद यही पंजाब पुलिस क्या करती है वो भी देखना सुकून भरा हो सकता है .. .. दे !! दे !! दे !! .. .. हा !! हा !! हा !! ..../


/.. विश्व में ऐसी लोकतान्त्रिक सरकार कहीं नहीं होगी - जो राजाओं और तानाशाहों को भी लजा दे - लोकतंत्र के मायनों की धज्जियाँ उड़ा दे .. क्यों ?? .. क्योंकि साहेब और भक्त कहते हैं .. हमारी नीतियों पर कुछ ना बोलें - हमारी नीयत पर तो प्रश्न खड़े करना ही नहीं - हमारे गुंडों और दागियों पर लांछन नहीं लगाएं - हमारे नेताओं के चरित्र और ठाठ-बाठ पर कोई कटाक्ष ना हो - हमारे चंदों के बारे में कोई ना पूछे - हमारे कालेधन पर कोई बात ना हो - हमारे खर्चों पर कोई जलन ना हो - हमारे दोस्तों पर कोई आँच ना हो - और सावधान !! .. हमारे पर कोई केस ना हो .. हमारे कुकृत्यों पर कोई बात भी ना हो .... और अब तो हद्द हो गई !! .. खबरदार !! .. हमारा कोई विरोध तक ना हो - विपक्ष भी हमारा सहयोग करे - और जनता चूं-चपड़ भी ना करे .. क्यों ?? .. क्योंकि .. ७० साल में जो कुछ हुआ सब बेकार .. जो हमने किया बस वही कारगार .... और मैं सोच रहा हूँ कि ये मक्कार झकोरों का समूह है या सरकार ?? ..../


Sunday 27 November 2016

// अरे बेवकूफों अब तुम्ही बताओ कि तुम्हारी बेवकूफियों का विरोध कैसे किया जाए ?? ..//


स्पष्ट कर दूं कि मैं भारत बंद के आह्वाहन के पक्ष में नहीं .. क्योंकि भारत तो वैसे ही नोटबंदी के कारण बंद ही तो चल रहा है .. तो बंद को बंद कराने का क्या औचित्य .. मरे को मारने में क्या बहादुरी .. और समझे को समझाने में क्या समझदारी .. समझदारी तो बेवकूफों को समझाने में है .. पर बेवकूफों को समझाने के लिए यदि एक बार फिर गरीब की दिहाड़ी या रोज़ी-रोटी पर आघात हो तो अच्छी बात नहीं .. बेहतर होगा भारत बंद की बजाय हम बेवकूफों की बेवकूफियां बंद कराने के समझदारी वाले अन्य तरीके खोजें और अपनाएं .. ..

पर फिर मैं सोचता रहा कि बेवकूफों की बेवकूफियों का विरोध करने के लिए "बंद" के अलावा बेहतर तरीका और क्या हो सकता था ?? .. और मुझे कुछ सूझा नहीं .. बल्कि उल्टे समझ आया कि विरोध दर्ज कराने का यही वो पुराना तरीका है जिसे पक्ष विपक्ष समझदार बेवकूफ सालों से अपनाते आ रहे हैं .. .. वो भी न्यायालयों की कई बार लताड़ के बावजूद ....

इसलिए आज मेरा पलटवार भी .. अरे बेवकूफों अब तुम्ही बताओ कि तुम्हारी बेवकूफियों का विरोध कैसे किया जाए ?? ....

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/.. एक भक्त गरीब भी था - ईमानदार भी .. एटीएम की लाइन में लगता था .. लाइन में लगे-लगे गुजर गया .. .. शवयात्रा में तुक्केबाजी हो रही थी .. .. हार्टफेल हुआ होगा .. उसे डाइबिटीज़ हो गई थी .. नहीं उसका बीपी बहुत हाई रहता था .. कोई बता रहा था लंग्स में कैंसर था .. अब उसकी उम्र भी हो चली थी ५६ बसंत देख चुका था .. उसका कज़िन बता रहा था किडनी में स्टोन हो गए थे .. मैंने सुना है उसे मिर्गी की बीमारी थी .. पडोसी बता रहा था डॉक्टर ने पहले ही कह दिया था ये ज्यादा ज़िंदा नहीं रहेगा .. उसे बुखार था पर वो हमेशा लापरवाही करता था .. डॉक्टर ने उसे बाईपास के लिए कहा था लेकिन फिर क्या हुआ मालुम नहीं .. .. तभी एक लड़के ने कहा .. बीमारी तो उन्हें कोई नहीं थी .. बस भूखे प्यासे लंबे समय से एटीएम की लाइन में खड़े थे - टेंशन में आ गए थे .. .. और लोग उस लड़के को घूर रहे थे - जैसे वो देशद्रोही हो ..../


/.. पंजाब के नाभा जेल पर १० हथियारबंद आतंकियों ने हमला कर दिया और ६ कैदियों को भगा ले गए .. .. फिर पंजाब की होशियार बहादुर सतर्क पुलिस आ ही गई "हरकत" में .. और किसी अपराधी की शंका मात्र में एक मारुती स्विफ्ट कार पर कर दी गई फायरिंग .. और एक "और मासूम" निर्दोष लड़की मारी गई .. .. मैंने एक "और मासूम" इस लिए लिखा कि कालेधन की शंका में भी अब तक कई दर्जनों मासूम निर्दोष लोग मारे गए हैं .. और संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं .. उस संविधान की जो कहता था कि भले ही १०० गुनहगार छूट जाएं १ भी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए .. .. मेरी ईश्वर से प्रार्थना .. सभी निर्दोष देशवासियों को जेल से भागे हथियारबंद कुख्यात अपराधियों से कुख्यात पुलिस से और कुख्यात सरकार से सुरक्षित बचा लेना प्रभु !! ..../


/.. मेरा दावा है कि जिस दिन मोदी जी ने यह कह दिया कि - वो बिना कालेधन के ही चुनाव जीत प्रधानमंत्री बने थे - बस उस दिन से ही भक्त तत्काल प्रभाव से मान लेंगे कि फेंकू बहुत फांकता है .. .. .. और जब तक मोदी जी यह नहीं कह देते कि - वो बिना कालेधन के ही चुनाव जीत प्रधानमंत्री बने थे - मैं यह मानने के लिए तैयार नहीं कि फेंकू फांकता नहीं .... आपकी राय ?? ..../


/.. मोदी जी ने मन की बात में भी मनमानी कर ली .. नोटबंदी के लुभावने पक्ष को बखूबी परोस दिया .. और भयावह पक्ष को मन में ही दबा गए .. यहां तक कि लाइनों में खड़े लोगों की मृत्यु तक पर एक शब्द नहीं .. .. इसलिए मेरा मन तो कहता है मुझे मेरा दिमाग मुबारक .. जिसके पास दिमाग ना हो उसे मोदी का मन मुबारक ..../


/.. मेरे भी प्यारे १२५ करोड़ देशवासियों !! .. ये नोटबंदी सही होती है या गलत पहले इस उलझन से बाहर आ जाएं .. और अब कृपया आंकलन शुरू करें कि - नोटबंदी के परिणाम कैसे रहे ?? .. और फिर मनन कर निर्णय पर पहुंचें कि - क्या नोटबंदी का निर्णय सफल रहा या असफल ?? .. .. और जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाए तो फिर केजरीवाल को या फिर मोदी को बुरा भला जो उचित लगे कह लेना .. .. तो क्या इसका मतलब ये कि नोटबंदी पर अभी मौन साध लिया जाए ?? .. अरे जनाब ऐसी गलती मत करना .. यदि आपको नोटबंदी से अब तक कोई ठोस अच्छे परिणाम दिख गए हों तो देशहित में अपने सेवक की सेवा में अर्पित हो जाएं .. पर यदि आपको अब तक परिणाम भयावह लगे हों तो जमकर लताड़ें .. अन्यथा नोटबंदी के असफल होते हुए भी नोटबंदी करने वाला सफल हो जाएगा .. और देश का अहित .. .. और हाँ यदि अभी तक कुछ संपट नहीं बैठी हो तो चुपचाप लगे रहें लाइन में .. आप सही जगह खड़े हैं ..../


Saturday 26 November 2016

/.. ईमानदारी से कहूँ तो नोटबंदी से तो मज़ा नहीं आया .. क्योंकि ईमानदार गरीब की मट्टी पलीत हो गई - ईमानदार मध्यमवर्ग भी नाहक परेशान ही हुआ - बेईमान अमीर का अभी तक कुछ पता नहीं चला - और कालाधन किस-किस का निकल ठिकाने लग चुका - या किसका नहीं निकल पाएगा - या आपाधापी में किस के पास उलटे जुड़ गया - ये भी तो पता नहीं चला .. .. .. खैर जैसा कि मोदी जी ने बताया था .. अब तो अगली सर्जिकल स्ट्राइक का इंतज़ार है .. .. पर यदि उसमें भी कुटाई ईमानदार गरीब की ही होनी है तो मोदी जी जरा रुक कर .. थोड़ी सांस लेने देना .. और यदि बेईमान पर भी होनी है तो ७२ घंटे से ज्यादा तो हो चुके हैं आपको बोले - तो फिर तो तैयारी भी हो ही चुकी होगी .. तो अब क्या ?? .. ठीक है इस बार भक्तों को समझा देना कि 'मोदी मोदी मोदी' कम से कम थोड़ा परिणाम देख समझ कर ही बोलें .. क्या है अब आपकी नहीं तो क्या आखिर उनकी रेपुटेशन का भी तो सवाल है .. है ना ?? ..../


/.. आज मोदी का आधा कार्यकाल निरंक कार्यकला के बल पूरा हुआ .. यानि कार्य निरंक - कला ही कला .. .. समझ नहीं आता कि ईश्वर का धन्यवाद करुँ या अपना माथा ठोकूं .. क्योंकि कभी लगता है कि चलो आधा तो जैसे तैसे कटा - और कभी लगता है - हे प्रभु अभी भी आधा बचा है !! .. .. .. खैर आधा कट गया .. और आधा भी ऐसे ही कटेगा असंभव .. और बचा आधा तो अब तब कटेगा जब .. कार्य ही कार्य होंगे बिना किसी कलाकारी के .. अन्यथा पत्ता कब कट जाएगा भरोसा रखें पता भी नहीं चलेगा .. .. .. लेकिन कलाकार मोदी के कार्यकाल में काम ?? .. क्यों हंसी ठट्टा लगाए हो जनाब .. अब तो लगता है भक्तों ने भी उम्मीदें छोड़ दी हैं .. वर्ना ढाई साल पूरा होने के उपलक्ष में करोड़ों के काले-सफ़ेद सलेटी धन से छोटा मोटा जश्न तक नहीं ?? .. .. समझे साहेब ?? .. जश्न भी नहीं !! .. हा !! हा !! हा !! ..../


//.. क्या कालाधन जमा करा सफ़ेद कराने वाले हरामखोरों के नाम सार्वजानिक होंगे ?? ..//


पहले कहा था जिसका १ करोड़ रु. का कालाधन पकड़ा जाएगा उसे ३० लाख का टैक्स लगेगा ६० लाख की पेनल्टी - बाकी १० लाख होगा उसका - और और और - १ से ७ साल की जेल भी हो सकती है ....

उफ्फ!! इतना कठोर नियम - इतना अन्याय - नहीं नहीं नहीं !! .. .. इसलिए अब कह रहे हैं कि जो १ करोड़ रु. का स्वघोषित कालाधन जमा कराएगा उसे ५० लाख टैक्स लगेगा - बाकी ५० लाख उसका होगा - पर उस ५० लाख में से २५ लाख वो ४ साल तक निकाल नहीं सकेगा - लेकिन लेकिन लेकिन - कोई जेल वेल नहीं जी - ऐसे अपनेवाले सगे भक्तों को जेल की फ़ोकट परेशानी क्यों ?? .. २५ लाख लो और ऐश करो और २५ का ५० का १०० का २०० फिर कर लेना - सरकार आपको फिर सहयोग करेगी ....

बाकी परेशान और दोहन करने के लिए गरीब हैं ना !! .. जो बेचारे अपने हक़ हलाल के मात्र सैंकड़ों और हज़ारों के लिए लाइनों में खप मर रहे हैं - और तमाम अफवाहों और आशाओं के साथ इन्हें दुआएं दे रहे हैं कि - वाह सितम भी हुए तो बस इतने से .. देशहित में सह लेंगे !! ....

और मैं सोच रहा हूँ कि धूर्तता की इतनी शानदार स्कीमें इनके दिमाग में घुसाता कौन होगा ?? .. या कहीं ये खुद साहेब की 'डेढ़ अकल' तो नहीं ?? ....

और क्या लाइन में खड़े लोगों को कभी ये बताया जाएगा कि उनके सभ्य समाज में उनका ही शोषण करने वाले वो कौन हरामखोर थे जिन्होंने ठपके से बिना लाइन में लगे अपना कालाधन जमा करा सफ़ेद करवा लिया ?? .. कहीं उन हरामखोरों में वो नेता और उनके चंगू मंगू भक्त आदि भी तो नहीं जो उनकी रहनुमाई करते हुए देश और जन सेवा का दावा करते रहे - और नित नई स्कीमें लॉन्च करते रहे - सबकी आखों में धूल झोंकते रहे ?? ....

मित्रो यदि कालाधन जमा कर उसे सफ़ेद कर लेने वाले उस प्रत्येक हरामखोर का नाम सार्वजनिक हो प्रचारित और प्रसारित भी होना अनिवार्य हो तो फिर तो मैं इस नई स्कीम तक को समर्थन दे सकता हूँ - अन्यथा तो शब्दकोष में हरामखोर के अलावा उर्दू संस्कृत फ़ारसी के कुछ नए-नए शब्द खोजने पड़ेंगे - ऐसा ही लगता है ....//

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Friday 25 November 2016

/.. साहेब कह रहे हैं पूरा विपक्ष इसलिए हैरान परेशान है कि उन्हें सम्हलने का मौका ही नहीं मिला .. यदि उन्हें ७२ घंटे भी मिल जाते तो वो पूरा कालाधन ठिकाने लगा देते .. .. मेरी प्रतिक्रिया .. .. सही कहा .. विपक्ष में ये क़ाबलियत तो है - और उन्हें मौका नहीं दे आपने सही किया - जिसके लिए आपको बधाई और धन्यवाद .. .. पर क्या भाजपाइयों में ये क़ाबलियत भी नहीं ?? .. उन्हें तो ७२ दिन पहले से मालूम था पर फिर भी कालाधन सही तरह से ठिकाने नहीं लगा पाए ना ?? .. क्योंकि ठिकाने लगाने के आरोप लगे हैं - कुछ सबूत भी सामने आने लगे हैं .. और भाजपा जवाब देने की बजाय हमेशा की तरह भागते हुए गाली गलौज पर आ गई है !! .. .. खैर अब कोई यह बेवकूफी की बात मत कर देना कि भाजपा और भाजपाइयों के पास तो कालाधन था ही नहीं .. .. इसलिए ठिकाने लगा दिए तो टुच्चे - और सही तरीके से नहीं लगा पाए तो गेले .. निर्णय भक्तों पर छोड़ते हैं ..../


/.. अब नई पोल खुली .. नए नोटों की छपाई में भी कई घोर चिंताजनक आपत्तिजनक खामियां .. और समाचारों के अनुसार आरबीआई ने अपनी इस गलती को स्वीकार कर लिया है .. .. मेरी प्रतिक्रिया .. .. हमारा आरबीआई एक ऐसी उत्कृष्ट संस्था है जिसकी अपनी एक साख रही है .. और इसलिए नोटबंदी की आपाधापी में नोट छापने में हुई गलतियों को उसने तत्काल स्वीकार कर लिया है .. .. .. काश हमारे प्रधानमंत्री की भी कुछ साख होती और वो नोटबंदी पर हो रही या करवाई जा रही या होने दी जा रही आपाधापी पर अपनी गलती स्वीकार कर लेते ..../


/.. सावधान !! .. जो लोग आदरणीय डॉ मनमोहन सिंह को राज्यसभा में बोलने के बाद उनका उपहास करते हुए उन्हें "गूंगा" कह रहे हैं - ये वे "अक्ल के दिव्यांग" हैं जिन्हें यकीनन ये नहीं मालुम होगा कि आखिर मनमोहन सिंह ने बोला क्या ?? .. .. ऐसे दिव्यांगों को मेरी चेतावनी !! .. कृपया सचेत रहें .. जिन्होंने यह भी सुना समझा है कि मनमोहन सिंह जी ने बोला क्या है वो यह समझ चुके हैं कि - साहेब बहुत बोलते हैं भाई - बहुत ही बोलते हैं - पर सुनते किसी की नहीं .. .. और जो सुनते नहीं उन्हें "बहरा" कहा जाता है .. .. और मेरा विश्वास है कि "गूंगा" बिना बोले भी बहुत कुछ सार्थक कर गुजरने की क्षमता रखता है .. पर "बहरा" बिना कुछ सुने समझे हमेशा अनर्थ पटकने की संभावना को ढोते रहता है .... इसलिए "अक्ल के दिव्यांगों" को मेरी सलाह .. "गूंगे" की सुनो .. और "बहरे" को सुना दो कि - दिन फिरते देर लगे जरूरी नहीं .. कभी-कभी तो घंटो में ही दिन फिर जाते हैं ..../


/.. नोटबंदी से हर व्यक्ति परेशान ही हुआ है .. पर हर व्यक्ति इस बात से भी हैरान परेशान है कि फिर हर व्यक्ति क्यों कह रहा है कि नोटबंदी सही है .. .. मेरी विवेचना .. .. क्या कोई धर्म या धार्मिक व्यक्ति या धर्म का ठेकेदार या आस्तिक या नास्तिक कभी ये कहता है कि चोरी करना अच्छी बात है ?? .... नहीं ना !! .. चोर हो या साहूकार कभी ये नहीं कहेगा कि चोरी करना अच्छा है .. .. तो बस समझ लीजिये कि इसी तरह कालेधन से फायदा कूटने वाला या नुक्सान झेलने वाला हर व्यक्ति चाहे वो गरीब हो या अमीर यही कहेगा कि "नोटबंदी" सही है .. क्योंकि यदि "नोटबंदी" कालेधन का तोड़ है तो सही है ही .. अब रही नोटबंदी से नाहक परेशानी की बात तो जान लीजिये कि - कोई भी चोर या कालेधन से फायदा कूटने वाला शातिर इस विषयक बात नहीं करेगा .. वो भागता फिरेगा .. अपने प्रधान सेवक चौकीदार की तरह ..../


Thursday 24 November 2016

/.. तो अब बताओ "भगोड़ा" कौन ?? .. .. .. और तय करो कि ये भाग क्यूँ रहा है .. भाग के जाएगा कहाँ ?? .. और इसे भगा कौन रहा है ?? .. आखिर माजरा क्या है ?? .. .. .. माजरा ये है जनाब कि वो दिल्ली में जमकर बैठा मफलर टोपी झाड़ू वाला अब इसके पीछे पड़ा है .. .. .. और इसलिए ये भाग रहा है .. और मुझे लगता है ये भाग खड़ा भी होगा .. .. .. आमीन !! ..../


/.. मोदी जी के विपरीत अत्यंत सौम्य गंभीर सुशिक्षित निपुण ज्ञानी आदरणीय और पारंगत अर्थशास्त्री भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने तो आज राज्यसभा में बोलते हुए नोटबंदी के क्रियान्वयन को घोर कुप्रबंध से ग्रसित संगठित लूट करार दे दिया है .. .. .. तो भक्तों क्या इतनी शर्म भी नहीं बची कि उन्हें भी देशद्रोही कहो .. या अब इतना तो कह ही दो कि आज सिद्ध हो गया कि मनमोहन सिंह के पास पूर्व के घोटालों के करोड़ों रूपए ५००-१००० के नोटों में पड़े होंगे - इसलिए वे बौखला रहे हैं .. .. कह दो यार कहने में क्या जाता है .. अब तुम्हारी इज़्ज़त भी कितनी बची है जो संकुचित होने की आवश्यकत पड़े .. खुल के बोलो बिंदास बोलो छूट बोलो .. और बोलते रहो .. .. अच्छा लगता है ..../


/.. लगता है हमारे बेचारे देशवासियों को पहले सामने खड़ी बाधा रुपी ऊँची दीवार का एहसास कराया गया .. फिर दीवार दिखा दी गई .. फिर टूटी फूटी तिकड़मी सीढ़ी लगा दी गई .. फिर कहा गया .. तुम्हें ये बाधा पार करनी ही पड़ेगी - और कोई विकल्प नहीं .. चढ़ जाओ सीढ़ी .. .. बेचारे देशवासी चढ़ते गए चढ़ते गए .. दीवार के ऊपर पहुंच गए .. अब कह रहे हैं कूद जाओ .. और कुदाई जारी है .. .. अब गिरते पड़ते मरते सबको भगाया जाएगा .. और फिर पीछे से दाग दिया जाएगा .. .. .. मुझे पूरा दृश्य 'भोपाली एनकाउंटर' के समानांतर ही दिख रहा है .. बस अंतर इतना सा है - तब हताहत आतंक के आरोपी हुए थे .. अब हताहत और हलाकान आतंकित देशवासी हो रहे हैं .. .. .. वो भी आतंक का एक चेहरा था - ये भी तो आतंक का ही एक नया चेहरा लगता है - शायद उससे भी भयावह ..../


Wednesday 23 November 2016

/.. मेरा यकीन मानें .. मोदी जी के चेहरे पर लिखा गया है - और भक्तों के पूरे शरीर पर गुदा गया है कि - नोटबंदी का कदम सिर्फ फुस्स्स ही नहीं बेकार ही नहीं घातक और फ़ोकट परेशान करने वाला 'मोदिया' सिद्ध हो गया है .. .. .. और मुझे लगता है इसे आंशिक या पूर्ण रूप से परोक्ष अपरोक्ष रूप से वापस लेना पड़ सकता है .. पर ऐसा करते 'मोदिया' स्टाइल में ठीकरा भी किसी ना किसी के सर फोड़ा जाएगा .. .. अभी मुझे २-३ सर तो दिख रहे हैं जिस पर ठीकरा फोड़ा जाना संभावित है .. पहला अर्थक्रांति वाले बेचारे अनिल बोकिल साहब .. दूसरा दोस्त के रिश्तेदार उर्जित पटेल .. या फिर नाकाम कोशिश दुश्मन नंबर १ केजरीवाल पर भी हो सकती है .. .. .. अतः सभी को चेतावनी !! .. हेलमेट पहन के घूमें नहीं तो कब कहाँ ठीकरा फूटेगा कह नहीं सकते .. समझे ..../


/.. क्या आपको "शहीद" की आधिकारिक परिभाषा मालुम है ?? .. नहीं ना !! .. पर शहीद का मतलब तो अच्छे से मालुम होगा .. .. .. तो क्या आपको भक्त की परिभाषा मालुम है ?? .. मालुम है ना !! .. पर भक्त का असल व्यवहारिक मतलब शायद नहीं मालुम होगा .. .. .. तो मैं बता देता हूँ .. .. भक्त मतलब जो मोदी पर शहीद हो जाने को तैयार दिखे और आज की तारीख में "नोटबंदी" बोलने पर भाग खड़ा हो ..../


/.. सीमा पर जवान शहीद होते ही रहे .. यकीनन हर शहादत के बदले में मुंहतोड़ जवाब की दरकार है .. .. सीमा के अंदर साहेब ने नोटबंदी की लाइन लगवा दी .. लाइन में भी निर्दोष नागरिक खपते मरते ही रहे .. .. क्या हर मौत पर मुंहतोड़ जवाब की दरकार नहीं ?? .. क्या कोई राष्ट्रवाद की अपनी ही संकुचित परिभाषा गढ़ के किसी भी मौत पर मुंहतोड़ जवाब के बदले अपना मुंह मोड़ सकता है ?? .. और क्या हमने मुंहतोड़ जवाब दे दिया था ?? .. और क्या कोई अपना मुंह नहीं मोड़ रहा ?? .. और क्या सेना के हर जवान की शहादत पर यदि हर नागरिक का सर झुकता है तो क्या हर निर्दोष नागरिक की दुःखद मृत्यु पर भी हर नागरिक का सर नहीं झुकना चाहिए ?? .. क्या टीवी बहस में हमारे पूर्व सैनिकों ने जवान-जवान ही बोलने की कसम खाई है - क्या कुछ अतिरिक्त शब्द निर्दोष नागरिकों के लिए निकालने में भी अतिरिक्त शौर्य की आवश्यकत होगी ?? .. और क्या निर्दोष मृत नागरिक को दुखी होकर भावावेश में शहीद कह देना गुनाह माना जाएगा ?? .. तो क्या भारत सरकार "शहीद" की परिभाषा प्रस्तुत करने के लिए तैयार है ?? ..../


Tuesday 22 November 2016

/.. अरे यार !! .. अबे यार !! .. .. ये देश की राजनीति में सास बहू टाइप रोने-धोने वाला ससुरों का नया सीरियल क्यों चालू हो गया मेरे भाई ??.. या फिर ये कहीं रियलिटी शो तो नहीं ?? ..../


/.. मोदी जी ने अब देश से नोटबंदी पर राय मांगी है .. मेरी प्रत्येक देशवासी से अपील है कि अपनी राय मोदी जी के और नोटबंदी के पक्ष में ही दें .. इस के दीर्घकालिक अच्छे परिणाम निकलेंगे .. अन्यथा हो सकता है आपकी राय का बहाना बना मोदी जी नोटबंदी निरस्त कर बच निकलें .. और देश फिर किसी अन्य तुगलकी फरमान को झेलने के लिए अभिशप्त बना रहे ..../


/.. नोटबंदी का श्रेय केवल मोदी जी को !! .. इस पर इतराए इतराए मोदी जी जापान से इस विषयक बकवास करते हैं .. फिर गोवा से बयानबाज़ी फिर गाज़ीपुर से भी बयानबाज़ी करते हैं .. .. .. पर इस अभूतपूर्व प्रभावकारी राष्ट्रीय जनहित के मुद्दे पर एक सांसद होकर और प्रधानमंत्री होकर भी अब घबराए घबराए सदन में घुसने तक से बचते नज़र आ रहे हैं .... शायद सही कर रहे हैं .. वो देशहित में नोटबंदी की ये लड़ाई भले ही हार जाएं - पर "मोदी" के नाम पर किसी भी प्रकार का बट्टा लगते नहीं देखना चाहते .... क्योंकि "मोदी" के खत्म होते ही बहुत कुछ ख़त्म हो जाएगा .... आमीन !! ..../


// मोदी जी पलटना नहीं .. बस आगे बढ़ो .. बढ़ते चलो .. और अब बढ़ ही लो ..../


मोदी जी "जिओ" .. आपने नोटबंदी कर दी .. एक झटके में .. अभूतपूर्व साहसिक कदम .. यानि अब तक का सबसे साहसिक कदम .. दुस्साहस से कूट-कूट कर भरा साहसिक कदम .. सब सन्न .. सन्न ही नहीं सनन सनन .. बहुत अच्छा किया - गजब किया .. पूरा देश आपके साथ .. आपके भक्त सभी अभिभूत .. यानि अभी भूत जैसे छाए .. सभी का मानना है कि आपके इस साहसिक कदम से देश का भाग्य बदल जाएगा .. पूरा देश सुखी हो जाएगा .... और इसलिए आपके इस नोटबंदी के निर्णय में पूरा देश आपके साथ खड़ा रहा .. और मैं भी खड़ा ही रहा ....

पर अब एक शर्त - एक प्रार्थना - एक सुझाव - और वो सौ बात की एक बात है कि .. .. 

मोदी जी आगे बढ़ो - बढ़ते चलो .. ये विपक्ष के सभी लोग तुम्हें गालियां देंगे - सहन कर लेना .. कई लोग तुम्हें फ़ोकट ज्ञान देंगे - ध्यान ही मत देना .. कई लोग तुम्हें ना ना प्रकार के सुझाव देंगे - सुनना ही मत .. बस तुम तो दृढ़निश्चित हो ढीठ हो अड़ियल हो जरा भी डिगने की सोचना भी मत .. थूक के कहीं चाट ना लेना .. पलटी मत मार देना .. पलटी तो क्या पीछे पलट कर भी मत देखना - अच्छे परिणामों के संकल्प के साथ दुष्परिणामों पर गौर तक मत करना .. बस पूरे साहस के साथ आगे बढ़ते रहना .. बढ़ते ही रहना .. और फिर बढ़ ही लेना .. ..

फिर भले ही निकल लेना किसी पतली गली से .. पर पीछे मत हटना .. पलट कर अपना मुंह भी मत दिखाना .. अब पूरा देश तुम्हारे पीछे खड़ा है .. पीछे पड़ा है .. मैं भी तुम्हारे पीछे पड़ा हूँ .. अब बेहतर तुम तो इस्तीफ़ा दे ही देना .. बोले तो मर मिटना - शहादत दे देना .. देशहित में .... आमीन !!

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Monday 21 November 2016

/.. इंदौर-पटना रेल दुर्घटना में घायलों को रेलवे ने पुराने ५००-१००० के नोटों में मुआवज़ा बाँट दिया .... तो अब मेरा निष्कर्ष अच्छे से समझ लीजियेगा कि .. .. .. रेल प्रभु भरोसे - देश अल्लाह भरोसे - मोदी भक्त भरोसे ..../


/.. नोटबंदी भी "सर्जिकल स्ट्राइक" ?? .. और नोटबंदी से हर देशवासी भी प्रभावित ?? .... मासूम से भक्तो !! एक ज्ञान की गूढ़ बात ध्यान से समझने की पूरी कोशिश करना .. .. .. नोटबंदी "सर्जिकल स्ट्राइक" नहीं है .. इसे हिंदी में "धूल में लट्ठ चलाना कहते हैं" .. .. .. क्या है कि सुना तो होगा ना - अंग्रेज चले गए औलाद छोड़ गए .. ये कुछ वही अधपढ़े लोग हैं जोे तुम्हें भी लाइन में लगा "सर्जिकल स्ट्राइक" के नाम पर "डौंकी" बना रहे हैं .. समझे ?? ..../


Sunday 20 November 2016

/.. जिस देश में विश्व के सबसे विस्फोटक नेता को अपने गरीब पिछड़े शोषित वंचित अशिक्षित लोगों को इतनी सामान्य सी केवल एक बात समझाने में ढाई साल लग गए कि शौच शौचालय में करनी चाहिए .. समझ में नहीं आता कि किस बेवकूफ की बची-खुची टेढ़ी अकल चल निकली कि वही लोग शौचालय में बैठे-बैठे हल्के होते ही पूरा ई-अर्थतंत्र बस यूँ ही समझ जाएंगे ?? .... शौचालय ना हुआ सोचालय हो गया !! ..../


/.. मितरोंssss !! .. ५० दिन की जिंदगी है .. जीना मरना लगा हुआ है .. .. .. पहले "जिओ" ले आया था .. अब "मरो" ..../


/.. अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी यदि आज मोदी का गुलाबी नोट देख लेते तो हाथ में पकड़ी लाठी अब तक भांज दिए होते .. खुद सूट पहन लेते और .. और मोदी करमचंद जैसे दिख रहे होते .. .. और ना जाने क्या-क्या .. .. .. कभी कभी हिंसा की कल्पना भी सीमित करनी पड़ती है भाई ..../


/.. सोनम गुप्ता बेवफा क्यों ?? ... बाग़ों में बहार है ?? ... बाहुबली ने कटप्पा को क्यों मारा ?? .... भक्तों के लिए स्वर्णिम अवसर .. उपरोक्त ३ सरल प्रश्नों में से किन्ही भी २ प्रश्नों का उत्तर दें .. या फिर केवल १ कठिन प्रश्न का उत्तर दे दें कि .... मोदी २००० का नोट क्यों ले आए ?? ?? ?? .. .. .. सही उत्तर देने वाले प्रत्येक भक्त को मेरी तरफ से बैंक की लाइन में खड़े हो राष्ट्रहित में अपना योगदान प्रदर्शित करने का सौभाग्य प्राप्त करने का १ स्वर्णिम मौका दिया जाएगा ..../


Saturday 19 November 2016

/.. नोटबंदी के पक्ष में पटर-पटर किए गए दावों पर ज़रा गौर फरमाइए .... नोटबंदी से आतंकवाद उग्रवाद नक्सलवाद में कमी आएगी - गरीब और अमीर के बीच की खाई कम होगी - देश में से कालाधन ख़त्म हो जाएगा - देश की सभी विपक्षी पार्टियां कालेधन के अभाव में आगामी सभी चुनाव हार जाएंगी - देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो जाएगी - एवं नोटबंदी का सबसे ज्यादा फायदा गरीब मजदूर किसान मध्यवर्ग का होगा .... और इसलिए मैं सोच रहा था कि इतना छोटा सा एक कदम किसी भी बेवकूफ ने पिछले ६० साल में क्यों नहीं ले लिया ?? .. और ये कदम मोदी जी के द्वारा ही क्यों लिया गया ?? .. शायद प्रश्न में जवाब भी कालेधन जैसा ही छुपा है .. सोचियेगा तो जान जाइयेगा .. धन्यवाद !! ..../


// कुछ-कुछ बदलेगा - कुछ बदला ना जाएगा .. बदलाव तो पंजाब चुनाव के बाद आएगा ..//


साहेब ने रोते चिल्लाते बिलखते ५० दिन मांगे थे .. देश को देने ही थे सो छोड़ दिए थे - उन्होंने लेने ही थे सो झपट लिए थे .. और अब तक उन ५० में से १० दिन बीत गए हैं .. यानि बचे ४० दिन .. तो क्या ४० दिन बाद सब कुछ बदल जाएगा - या बदला जाएगा ?? .. .. ..

मुझे लगता है कि नोटों की किल्लत तब तक खत्म हो चुकने में होगी .. परेशान ज़िन्दगी कुछ सामान्य हो रही होगी .... गरीब हो या अमीर - मज़दूर हो या मालिक - कालाधन रखने वाला माननीय अपराधी हो या ईमानदार - सबका नुक़सान हो चुका होगा .. और ऐसे सभी लोग नुक़सान पर पछता रहे होंगे .. साहेब को बुरा-भला कह रहे होंगे .. .. ..

पर कुछ लोग नए चूर्ण-लाटरी छाप गुलाबी नोटों की गड्डियां हड़प झड़प कर इतरा भी रहे होंगे - और मोदी मोदी मोदी का जाप करते हुए केजरीवाल हाय हाय कर ही रहे होंगे .. .. ..

यानि नोटों की ही तरह बहुत सारे पुराने भक्त प्रचलन में नहीं होंगे और कुछ नए भक्त जन्म ले चुके होंगे .. और इसलिए तब तक कई नए शिगूफे भी छूट चुके होंगे .. .. ..

और अंततः इस तरह ५० दिन निकल चुके होंगे .. और लोग पिछले वर्ष की ही तरह एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दे रहे होंगे .. .. ..

यानि कुछ-कुछ बदलेगा - पर कुछ बदला ना जाएगा .. .. ..
बदलाव तो पंजाब चुनाव के बाद ही आएगा .. .. .. हा !! हा !! हा !! .. .. .. जय हिन्द !!

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Friday 18 November 2016

/.. नोटबंदी से लगता है अब काफी लोगों को कष्ट होने लगा है और इसलिए केजरीवाल से कष्ट पाने वालों का कष्ट भी कई गुना बढ़ गया है .. .. .. और लोगों को कष्ट अब इसलिए होने लगा है कि उनमें से कई लोगों को अपने रूपए निकालने के लिए सरकार द्वारा बनवाई गई लाइन में खड़े-खड़े बिना पैसे पाए सीधे देवलोक गमन करना पड़ गया है - और भक्त समझाते रहे कि साथ कुछ नहीं जाता - रुपया पैसा सब यहीं रह जाता है .. बात भी सही है .. .. .. पर भक्तों का कष्ट इसलिए बढ़ गया है कि केजरीवाल ने कह दिया कि समझदारों ये सब तुम्हें बेवकूफ बना रहे हैं - और कुछ बेवकूफों में समझ का संचार होते दिखने लगा है .... बस !! .. बात इत्तू सी छोटी सी - इस बहुत बड़ी निर्मित समस्या के मद्देनज़र ..../


/.. भक्तों यदि आप ये सोचते हैं कि धार्मिक संस्थाओं और धार्मिक ठेकेदारी में भ्रष्टाचार व्याप्त नहीं है - तो मेरा दावा है कि आप गलत ही सोचते हैं .. और यदि आप गलत नहीं सोचते हैं तो जवाब दें .. .. क्या ऐसा संभव नहीं कि - धार्मिक स्थलों में जो लाखों करोड़ों के दान चढ़ावे - जो छोटे वैध नोटों या सिक्कों या फिर ५००-२००० के नए वैध नोटों में प्राप्त हो गए होंगे - और हो रहे होंगे - उसे बंद किये गए ५००-१००० रूपए के कालेधन से बदला नहीं जा सकता ?? .. और बदल नहीं दिया गया होगा ?? .. और बदला नहीं जा रहा होगा ?? .. और बदला नहीं जाने वाला होगा ???? .... केजरीवाल को गालियां फिर कभी .. इस राष्ट्रीय मुद्दे पर यदि 'गाली-रहित' जवाब हो तो ही दें - नहीं तो आपकी गालयों से आपको ही पटकनी देने की कला केजरीवाल को बहुत अच्छे से आती है .. समझे ?? ..../


नोटबंदी के बाद पहले पुराने नोट बदलने की सीमा घोषित हुई ४००० रूपए .. फिर इसे बढ़ाकर किया ४५०० रूपए .. क्यों ?? .. होगा कोई कारण - हमें क्या ?? .. .. फिर अब इसे घटा कर कर दिया २००० रूपए .. क्यों ?? .. होगा कोई कारण - हमें क्या ?? .. .. ये १००० का नया नोट अब नहीं लाएंगे .. क्यों ?? .. होगा कोई कारण - हमें क्या ?? .. .. ये ५००-१००० के नोट बंद कर २००० के नोट लाए .. क्यों ?? .. .. होगा कोई कारण - हमें क्या ?? .. .. हम तो मोदी को चुन उस पर भरोसा कर लाइन में लगे हैं .. नोटबंदी के राष्ट्रीय त्यौहार का मज़ा ले रहे हैं .. मोदी !! मोदी !! मोदी !! .... मैं कहता नहीं था कि इस देश के लोग बहुत अच्छे हैं - देशभक्त हैं - ईमानदार हैं - सहिष्णु हैं - सीधे हैं .. और यदि कहीं खोट कमी है या कहीं मक्कारी बेईमानी पसरी है तो इस देश के नेताओं में .. मेरा आंकलन गलत तो नहीं ?? ..../


Thursday 17 November 2016

/.. साहेब ने बताया था कि पाकिस्तान द्वारा नकली नोट छापने और भारत में भेजने और आतंकवादी गतिविधियों में उपयोग करने के कारण नोटबंदी जरूरी हो गई थी .. और अपने भक्तों से कहलवा भी दिया है कि नोटबंदी से पाकिस्तान की हवा निकल गई है .... निकल गई होगी - पर हिंदुस्तानियों की हवा तो टाइट हो गई दिखती है .. और देश की हवा ख़राब .... क्या करें भाई - सब कुछ हवा हवाई ..../


/.. कब अपना धन पराया हुआ पता ही नहीं चला - कब गरीब का छुपा सफ़ेद धन भी काला-काला सा हुआ पता ही नहीं चला - कब अमीर का काला धन झटके से सफ़ेद हुआ होगा पता ही नहीं चला .. और कब पुराना-नया १००० का नोट विलुप्त हुआ पता ही नहीं चला - कब २००० का नया गुलाबी नोट भी काला हुआ पता ही नहीं चला .... पता चला तो जनाब बस ये कि .... अपने सफ़ेद नोटों के लिए दिन-ब-दिन लाइन में खड़े-खड़े एक के बाद एक करीब ३०-४० गरीब निपट गए - और धीरे-धीरे हौले-हौले आहिस्ता-आहिस्ता कितने ही बेमौत मरणासन्न हुए .. और साहेब को अब तक सब कुछ पता होते हुए भी कुछ पता ही नहीं चला ..../


/.. अब तो ९-१० दिन हो गए .. लोग रोज नई पुरानी बातें सुन रहे हैं - कभी राहत देने वाली तो कभी परेशान करने वाली - कभी लगता है वे राष्ट्रहित में सहन कर एक अच्छे निर्णय में अपना योगदान दे रहे हैं - तो कभी लगता है कि वे बेवकूफ बन रहे हैं या ठगे जा रहे हैं .. कभी लगता है कि सामान्य दिन शीघ्र लौटेंगे - कभी लगता है शीघ्र तो नहीं - लौटेंगे भी कि नहीं पता नहीं .... और इस समस्त उहापोह के बीच पहले अधिकांश लोग नोटबंदी के निर्णय को बढ़िया साहसिक मान रहे थे - तो अब उसी निर्णय के क्रियान्वयन को हद्द दर्जे का बेकार और शर्मनाक .. .. .. पर कुल मिलाकर अब मुद्दे की एक अकाट्य बात बता दूं .. अब लोग केवल सुन और सोच ही नहीं रहे हैं - अब लोग "तन-मन" से कुछ-कुछ और बहुत कुछ महसूस भी कर रहे हैं .. और वो कैसा महसूस कर रहे हैं ये आप आसानी से सोच सकते हैं - क्योंकि सोचना बंद कर देना भी कहाँ की समझदारी है .. है ना !! ..../


Wednesday 16 November 2016

/.. आज के हालात में बस यूँ ही ध्यान में आया कि .... यदि कुत्ते को खम्बा मिल जाए - तो धार उसी पर .. यदि नेता को गरीब मिल जाए - तो मार उसी पर .. .. .. वैसे आप सोचियेगा कि क्या खम्बे और गरीब में कोई संबंध है ?? .. और क्या कुत्ते और नेता में कोई संबंध नहीं ???? ..../


/.. उफ़्फ़ !! - ये तो सारे देशद्रोही हैं जो नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं .. यानि इस देश की केंद्र सरकार में अनेक शिवसेना के सांसद और महाराष्ट्र की सरकार में अनेक शिवसेना के विधायक देशद्रोही हुए .. और मोदी सरकार और फडणवीस सरकार को बिन मांगे समर्थन दे रहे हैं ?? .... पर मुझे पूरा विश्वास है कि आज मोदी और फडणवीस जी देशद्रोहियों का अनमाँगा अनचाहा समर्थन ठुकरा देंगे .. पर मुझे यह भी पूरा विश्वास है कि लाख ठुकराए जाने के बाद भी लाख बेइज़्ज़त होने के बाद भी शिवसेना अपना समर्थन वापस नहीं लेगी .. क्यों ?? .. क्योंकि समर्थन भी तो बेइज़्ज़तों को ही है .. यूँ बेइज़्ज़त होकर बेइज़्ज़तों के कारण यूँ ही बर्बाद होना या बर्बाद करना कहाँ की समझदारी ?? .... समझे समझदारों ?? ..../


/.. DEMONETISATION starts with DEMON .. कोई शक़ ?? ..../


Tuesday 15 November 2016

// ये कैसा संयम ?? .. ये कैसी परीक्षा ?? .. ये कैसा न्याय ?? ....//


आज नईदुनिया अखबार में छपी खबर से मैं विचलित हो उठा हूँ ....
खबर अनुसार - उच्च न्यायालय के तत्कालीन जस्टिस दिलीप रावसाहेब देशमुख २०१२ में दतिया से भोपाल जा रहे थे - उनकी आरक्षित बर्थ किसी और को आवंटित हो गई - और उन्हें दूसरे कोच में बर्थ दी गई जो उन्हें नागवार गुजरी - और बस माननीय न्यायमूर्ति महोदय जी ने रेलवे पर केस ठोक दिया ....

और खुद जज साहेब का केस - तो आप अंदाजा लगा लें - क्या हुआ होगा .. जी हाँ !! पहले जिला उपभोक्त अदालत ने उनके पक्ष में रेलवे को ६० हज़ार रूपए मुआवज़ा देने का "न्यायसंगत" निर्णय दिया - जिसे अब दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने भी "न्यायसंगत" ही मानते हुए बरक़रार रखा ....

और इस निर्णय के मायने कि आपके हमारे सरकारी पैसे से माननीय न्यायमूर्ति महोदय जी को ६० हज़ार रूपए का मुआवज़ा दिया जाएगा ....

और जब मैं अपने ही पैसों के लिए लंबी लाइनों में लगते खपते मरते लाखों करोड़ों गरीबों को देख रहा हूँ तो सोच रहा हूँ कि ये कैसे कानून - कैसी व्यवस्था - कैसे उपभोक्ता - कैसा मुआवज़ा - कैसे न्यायालय - कैसा न्याय - कैसे न्यायमूर्ति - कैसे नेता - कैसी शर्म - कैसा पक्षपात - कैसी लूट - कैसी दादागिरी - कैसी सोच ???? .. और मैं यह भी सोच रहा हूँ कि उस न्यायमूर्ति को कुछ घंटे की यात्रा में अपनी आवंटित बर्थ के एवज़ में अन्य किसी बर्थ पर अपने शरीर को आराम देना पड़ा तो कितना बड़ा अनर्थ हो गया ?? .. और लाखों करोड़ों गरीबों को अपना पेट भरने की मजबूरी में अपने पैसे प्राप्त करने हेतु घंटो खड़े रह कष्ट झेलने में कुछ भी अनर्थ नहीं हुआ ना !! .. वो तो खड़ा है - तो आराम से खड़ा रहे - देशहित में खड़ा रहे - खड़े-खड़े भी ऐश करे .. और हाँ "संयम" से ही खड़ा रहे ???? ....

इसलिए आज विचलित हो यह भी सोच रहा हूँ ... कि ये कैसा "संयम" ???? ....
आज देखूँगा और समझूंगा ये "संयम" क्या बला है - इसके क्या मायने - और इसके क्या गुंताड़े ?? .... 

क्योंकि मेरा संयम तो टूट सा रहा है .. पर संयमित हो जो कर सकता था कर दिया - दुखते दिल से ये लेख लिख दिया .. अब आप चाहें तो मेरे संयम को धिक्कार भी सकते हैं सराह भी सकते हैं .... पर मैं ऐसी भीड़ के ऐसे संयम पर तरस ही खा सकता हूँ - और ऐसे संयम की परीक्षा लेने वाले को एक बार फिर धिक्कारता हूँ .... और मांग करता हूँ कि यदि उस न्यायमूर्ति को ६०००० रूपए का मुआवज़ा देय है - तो वैसे ही प्रत्येक गरीब को भी प्राप्त कालेधन में से ही ६०००० रूपए का मुआवज़ा देय हो .... और ऐसे संयम की परीक्षा लेने वालों को "मध्यप्रदेश के मंत्रीपुत्र के फॉर्मूले अनुसार पानी में गीली कम से कम एक चप्पल" तो रसीद हो ....

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Monday 14 November 2016

/.. अरे ओ मोदी जी बहुत गर्राए भर्राए टर्राए हो भाई !! .. लगता है गजब कर दिए हो - मास्टर स्ट्रोक लगा दिए हो - सर्जिकल स्ट्राइक कर दिए हो - ब्रह्मास्त्र छोड़ दिए हो - शाब्बाश - बहुत खूब - हुर्रे !! .. .. .. तो अब मान के चलूँ कि ३१ दिसंबर को आटे दाल चावल प्याज टमाटर नमक शक्कर तेल घी दूध पेट्रोल और डीजल के भाव २६ मई २०१४ के बराबर आ जाएंगे ?? .... हाँ ना ?? .. बोलो हाँ ना ?? .. हाँ बोलो ना !! .. अरे यार मोदी जी ऐसा क्या टपोरी जैसा कर रहे हो - हाँ कर दो ना !! .. प्लीज मोदी जी प्लीज - आपको १२५ करोड़ देशवासियों की कसम - हाँ कर दो ना !! .. .. .. क्या कहा शायद नहीं कर पाओगे ?? .. अरे यार तो इतना घबरा क्यों रहे हो - ना तो ना सही !! .. हम कौन विश्वास कर लेंगे - और ३१ दिसंबर को तुम्हे पकड़ कर चौराहे पर पीट देंगे !! .. हम भी तो बस यूँ ही लफ़्फ़ाज़ी कर रहे हैं - समझे ?? .. पर ठीक भी है जनता का क्या भरोसा .. है ना ?? ..../


/.. आजकल काफी लोग देशप्रेम प्रदर्शित करने के स्वर्णिम मौके के रूप में भावनात्मक डायलॉग दे रहे हैं कि - हमारे जवान सीमा पर खड़े हैं और गोली खा रहे हैं तो क्या हम १-२ दिन लाइन में खड़े नहीं हो सकते ?? .. .. .. मेरा उनको जवाब .. जवान देश के लिए खड़े हैं तो क्या हम अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए बैठ कर देशहित की बात नहीं कर सकते ?? .. क्या जरूरी है कि जवान सीमा पर गोली खा रहे हैं तो हम उनका मनोबल बढ़ाने के लिए अपनी कनपटी पर पिस्तौल रख कर चला दें ?? .. और क्या सीमा पर खड़े सैनिकों के परिवारों को भी लाइन में खड़ा कर परेशान करना देश को शोभा देता है ?? ..../


/.. मैं यकीनन मानता हूँ कि ५००-१००० के नोट बंद करने का निर्णय उपयुक्त था पर २००० के नोट चालू करने का निर्णय कहीं अधिक गलत .. मैं यह भी देख रहा हूँ कि देश के अधिकांश लोग तमाम कष्ट झेलते लाइन में लगे मोदी के इस अभियान को अभूतपूर्व बिना शर्त समर्थन देते बताए जा रहे हैं .. मैं यह भी देख रहा हूँ कि मोदी के इस अभियान को सफल बनाने में सभी बैंक भरपूर सहयोग दे रहे हैं - और मीडिया भी मोदी के पक्ष को बखूबी प्रसारित कर रहा है - और मोदी अपने दांव पर कायम दिख रहे हैं .. .. .. तो फिर समस्या क्या है ?? .. मोदी इतने उतावले क्यों - विपक्षी पार्टियों को गालियां क्यों - और भक्त सोशल मीडिया पर इतने परेशान और आक्रामक क्यों ?? .. कहीं ऐसा तो नहीं कि अब खुद समझ आ रहा है कि कहीं ना कहीं गच्चा खा गए ?? .. या गच्चा देने में असफल हो गए ?? ..../


/.. मेरे परम प्रिय मित्र (स्वर्गीय भगवान सिंह सिसोदिया) हमेशा कहते थे कि .. "गरीब अपनी कुटिया में खुश रहते हैं ये अफवाह हमेशा से धूर्त अमीर ही फैलाते रहे हैं" .. आज मोदी जी बोले - "गरीब चैन की नींद सो रहा है" .. .. .. सही बोलते थे मेरे दोस्त - तुमको हज़ार नमन !! ..../


/.. गाजीपुर की रैली से साहेब का मूल्यहीन धाँसू सीधा प्रसारित भाषण सुना .. जिसमें सभी पुरानी बातें पुरानी शैली में सुनने को मिलीं - पर एक नई विकट बात मेरे दिमाग में बड़ी सहजता और आसानी से यूँ ही आ गई कि - इतनी बड़ी रैली के लिए रोकड़ भाजपाइयों के पास कहाँ से आ गई - वो भी राहुल गाँधी जैसे बिना लाइन में लगे ?? .... उत्तर भी मुझे मालुम है .. और यह भी मालुम है कि आपको भी मालुम है .. और मुझे तो लगता है कि शायद कुछ सामान्य टाइप भक्तों तक को भी मालुम होगा कि इंतज़ाम बहुत पहले से हो चुका था .. है ना !! .. ये पोस्ट तो मैने इसलिए लिखी कि मेरा एक मित्र मुझ पर इलज़ाम लगा रहा था कि मुझे ये बात नहीं मालुम है .. मूर्ख कहीं का !! ..../


/.. ८ तारीख को साहेब नोटबंदी का धाँसू फरमान पटक जापान निकल लिए थे .. वहां से लौट भयंकर भाषण बाज़ी कर रहे हैं - आम जनता त्रस्त है - पर साहेब रुंधे गले से रो भी रहे हैं हंस भी रहे हैं और बात कर रहे हैँ रूपए - पैसे - नोट - धन - मैं मोदी - मैं देख लूँगा - मैं निपटा दूंगा - मैं मैं - मैनें मैनें - मैं मैं .... उफ्फ़!! .. मेरे प्यारे देशवासियों !! .. इसी दौरान सीमा पर हमारे ६-७ जवान भी शहीद हो गए .. पर साहेब ने शहीद या श्रद्धांजलि का "श" तक नहीं बोला .... शsssssss .. शांति - चुप - "नेशनल इंटरेस्ट" में साहेब के साथ अधिकांश लोग खड़े हैं - कहीं सुन ना लें .. फ़ोकट सुलग जाएगी ..../


/.. क्या है कि फटे में रफू तो होती है .. पर फटे में रफू जैसा थेगड़ा लगाना ज़रा मुश्किल होता है .. और थेगड़े में रफू करना तो और मुश्किल .. पर फिर रफू को भी रफू करना .. बाप रे बाप !! .. पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ये सब बखूबी कर लेते थे .... लेकिन लगता है किसी ने फटे में टांग डाल दी है - थेगड़ा लगाना असंभव हो गया है .. और किसी ने पूछ लिया है - बागों में बहार है ?? .... किसी को कुछ मालुम हो तो बताने की दरकार है .. किसी को मिले तो १०० रूपए दे देने की दरकार है .. आज सोमवार है - शायद वो पिछले कई वार से फरार हैं ..../


/.. "नोटबंदी" की घोषणा "गोपनीय" थी .. बहुत अच्छे !! .. पर "बेनामी संपत्ति पर चोट" की घोषणा बिना गोपनीयता खुल्ले में ?? .. जैसे कि उल्टी दस्त खुल्ले में !! .. बताया था ना खुल्ले में शौच नहीं .. फिर ये आर्थिक शौच खुल्ले में क्यों ?? .. चुपचाप अपना काम क्यों नहीं करते ?? ..../


/.. कल मोदी जी ने जनता को मक्कारी से लतपत ऑफर दिया था कि - "यदि गलत निकला तो चाहे जिस चौराहे पर मुझे सज़ा दे देना" .. .. .. मेरा आदेश .. .. .. किसी चौराहे पर नाटक-नौटंकी करने की जरूरत नहीं - चुपचाप इस्तीफ़ा दे देना .. समझे ?? ..../


Sunday 13 November 2016

/.. मेरे प्यारे झकोरों और भक्तों !! .. फेंकू घबरा रहा है - बौरा भी रहा है - ५० दिन मांग रहा है - और भरोसा दिला रहा है कि वो ५० दिन में कालाधन खल्लास करवा देगा .... तो क्या तुम उसकी गारंटी देते हो कि यदि तुम्हारे पास भी कालाधन होगा तो वो तुन्हें भी नहीं छोड़ेगा ?? ..../


/.. मेरे प्यारे देशवासियों !! .. फेंकू ५० दिन मांग रहा है - बेवकूफ बना रहा है .. पर फिर भी दे दो .. दे दो !! .... पर लिखित वचन पत्र भी देने के लिए कह दो .. कह दो लिख के दे कि .. ५० दिन बाद सबसे ज्यादा कालाधन रखने वाले कम से कम ५० कलाकारों को देश के सामने नंगा खड़ा कर देगा ..../


/.. बहुत तुर्रमखां बन रहे हैं ?? .. और हाथ ऊँचे कर दिए हैं कि कालेधन को पकड़ने के लिए सफ़ेद धन वाले करोड़ों गरीब ईमानदार लोगों को नाहक परेशान किये हुए इनके पास कोई विकल्प नहीं है .. इनकी सीबीआई पुलिस इनकम टैक्स और सभी विभाग गुप्चार एजेंसियां फेल हैं .. यानि पूरी सरकार विफल है .... और ज़रा ध्यान देवें !! .. ये छुछुंदर ज्यादा से ज्यादा कालेधन को नष्ट करवा देने का दावा कर रहे हैं - पर क्या कालाधन रखने वालों को पकड़ने की बात कर रहे हैं ?? .. नहीं !! .. एक भी दुष्ट को अब तक इन्होंने पकड़ा नहीं है - ना पकड़ने का प्रयास दिखा है ना नीयत दिखी है ना कोई योजना ना दावा .... इसलिए मैं कहता हूँ ये तुर्रमखां नहीं छुछुंदर हैं .. किसी चूहे की तुलना में भी लुंजपुंज .. छि: ..../


/.. मैं गवाह हूँ - हर देशवासी चुनाव आयोग राष्ट्रपति और इतिहास गवाह है कि - देश द्वारा २८ मई २०१४ को मोदी को पूरे ५ साल यानि १८२५ दिन दे दिए गए थे - और अभी केवल ९०० दिन गुजरे हैं - और आज की तारीख में भी पूरे ९२५ दिन मोदी के पास हैं जो बात मोदी अच्छे से जानते हैं .... पर मोदी हैं आज गोवा से बार-बार चिल्ला-चिल्ला फोकटिया गुहार लगा रहे थे .. "देशवासियों मैं आप से केवल ५० दिन मांगता हूँ - मुझे केवल ५० दिन दे दो - ५० दिन - केवल ५० दिन" .... और मुझे इसलिए एक बार फिर लगा - शायद मोदी घबरा गए हैं क्योंकि वो अभी तक असफल रहे हैं - और ये मक्कारी इस बात का द्योतक है ..../


/.. अभी-अभी गोवा से मोदी का अभी तक का सबसे ओजस्वी और धाँसू भाषण सुना .. वो बहुत अच्छा बोलते हैं पर आज अच्छे के साथ बहुत ज्यादा 'नाटकीय' भी बोले और थोड़े घबराए और परेशान भी दिखे .... और क्योंकि मैं उनके कई भाषण सुन और उनकी करनी देख उन पर विश्वास खो चुका हूँ - आज की नाटकीयता के पुट से परिपूर्ण उनकी बातों पर तो मुझे तनिक भी विश्वास नहीं हुआ .. पर आम हिंदुस्तानी की तरह आशावादी होते हुए आज केवल इतना ही कहूँगा कि काश देशहित में मोदी जैसा बोले वैसा कम से कम अब तो कर ही दिखाएं ..../


/.. तो बैंकों के बाहर लगी भूखी प्यासी थकी संयमित लंबी लाइनों से आज तो स्थापित हो जाता है कि - जो बोलते थे इस देश के कई लोग घटिया - स्वार्थी - देशद्रोही - अराजक - पाकिस्तानी - नक्सली - जिस थाली में खाते उसमें छेद करने वाले दोगले - आराम पसंद - मक्कार - असहिष्णु - भ्रष्ट - आदि - इत्यादि .. वो स्वयं निहायत झूठे - अफवाहबाज - जुमलेबाज - और बिना अक्ल और तर्क वाले बेवकूफ हैं .. जिन्हें एक शब्द में भक्त कहा जाता है .... और जो जनता के संयम की परीक्षा ले अक्षम्य गुनाह कर रहे हैं ..../


Saturday 12 November 2016

/.. साहेब और चंगू कह रहे हैं - नोटबंदी के बहुत बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे - बस देशहित में आप सब आज हो रही सारी तकलीफ सहन कर लो .. .. .. मेरी प्रतिक्रिया .. .. .. कसम २००० के नए नोट की - जब बेहतर परिणाम आ जाएंगे तो हम आपकी भूरी-भूरी प्रशंसा करेंगे साहेब .. बस देशहित में आप आज हमें हो रही तकलीफ के लिए सहर्ष सारी गालियां शराफत से अपने गले उतार लो ..../


/.. वित्त वाले भैया की पत्रकार वार्ता .. कई पत्रकारों ने महाशय से जनता को हो रही अभूतपूर्व परेशानियों के बारे में प्रश्न पूछे .... आँख मिचका-मिचका ऊपर देख बोला .. काम बहुत बड़ा है - ऐसा ही होना था - इसका तो अंदाज़ भी था .. अभी एटीएम मशीनों को चालू करने में २-३ सप्ताह और लगेंगे ये भी पहले से ही पता था .... और मित्रो कस्सम से - मुझे भी ये पहले से पता था कि ये आदमी नहीं पायजामा है ..../


/.. मेरे भारत के प्रधानमंत्री जापान में बोले हैं - ईमानदार लोगों को डरने की जरूरत नहीं .... मेरा जवाब .... आदरणीय मोदी जी !! .. भारत में ईमानदार लोग डर नहीं रहे हैं - वे बेहद परेशान हो रहे हैं .. भारत लौट कर आपको पूर्व से ज्ञात इस ज़मीनी सच का पता चल जाएगा - ऐसी नाउम्मीद रखता हूँ ..../


/.. जो इस अपुष्ट बात पर बौरा रहे हैं कि मोदी के नोटबंदी से पाकिस्तान की हवा निकल गई है - शायद उन्हें हवा के रुख का कोई इल्म ही नही हैं .... और ऐसे लोग हवा हवाई हवाबाज़ी करने के पुराने रोगी रहे हैं .. इनका इलाज मैंने aerodynamics की एक किताब में पढ़ा था - इन्हें २०० रूपए किलो के नमक के साथ हींग का सेवन करा उल्टा टांग डकार दिलवा इनकी हवा निकालना शायद मुफीदकारक रहेगा ..../


/.. बहुत गंभीरता से लिख रहा हूँ .. जो पागल नोटबंदी को अब तक भी मोदी का 'मास्टर स्ट्रोक' बता रहे हैं असल में वो एक 'मास्टर' का 'स्ट्रोक' है - जबकि 'मास्टर' बहुत धूर्त है - और 'स्ट्रोक' बहुत पीड़ा दायक .. और यह बात अब हर गरीब और आम आदमी के चेहरे पर भी लिखा गई है .. क्योंकि इस 'स्ट्रोक' का असर कालेधन से पहले हक़-हलाल के सफ़ेद-धन पर हो गया है ..../


Friday 11 November 2016

/.. मोदीजी के ५००-१००० के नोट बंद करने मात्र से अति उत्साहित मध्यप्रदेश के वनमंत्री पुत्र मुदित शेजवार ने फेसबुक पर पोस्ट डाली - "अब किसी ने पूछा की अछे दिन कब आएँगे , तो चप्पल गिली करके चिपकाऊँगा" .... अपनी पोस्ट में अनपढ़ लोग ऐसी ही गलतियां और खिसियाए लोग ऐसी ही बातें करते रहते हैं इसलिए इनके मुंह लगना फ़िज़ूल .... इसलिए मंत्री पुत्र से फ़िज़ूल में ये तो नहीं पूछूँगा कि "अच्छे दिन कब आएँगे" - पर ये तो ज़रूर पूछूँगा - नए नोट मिल गए ?? .. और फिर उनके भक्तों से सविनय पूछना चाहूँगा कि ५००-१००० के पहले अब तक की नाकामियों के लिए क्या उन्हें या उनके नेतापुत्र को किसी ने सूखी या गीली चप्पल चिपकाई थी ?? ..../


/.. हे भगवन ज़रा गौर फरमाएं - और जवाब दें .. .. .. भगवन मोदी को तो आप जानते ही होंगे .. ८-९ नवम्बर की दरम्यानी रात से ५००-१००० के नोट बंद कर दिए - यानि ५००-१००० के नोट देना या लेना अवैधानिक .. भगवन समझे ना !! .. .. .. पर भगवन अब यदि आपको कोई मंदिर दरगाह पर आज ११/११/१६ को पुराना अवैध ५००-१००० का नोट चढ़ा जाता है तो फिर आप या आपके भक्त क्या करेंगे ?? .. और मोदी क्या करेंगे ?? .. और वैधानिक क्या ?? .. और क्या आप अवैधानिक गतिविधि के भागीदार होना पसंद करेंगे - क्या ७ साल तक जेल जाएंगे .. .. .. भगवन आप बहुत मौन रह लिए .. क्या अब जवाब देंगे ???? ..../


/.. ये जो एक वित्त वाले मंत्री हैं - कल बताए कि ढाई लाख से ज्यादा किसी ने कालाधन जमा कराया तो टैक्स भी वसूला जाएगा और उस पर २००% पेनल्टी भी लगेगी .. और मोदी ने पहले बताया हुआ है कि अर्थ अपराधी को ७ साल की सजा होगी .... अब जानिये कि यदि जेटली का कोई नौकर १०० लाख रुपए बैंक में जमा कराता है तो उसे ८४,७५,०००/- की पेनल्टी भरनी पड़ेगी और उसके हाथ रह जाएंगे १५,२५,०००/- और साथ ही एफआईआर डंडे घिसाई रगड़ाई बदनामी जगहंसाई भी और ७ साल की जेल भी .. जबकि १०० लाख के १५-१६ लाख से कहीं ज्यादा उसे बाजार में आज भी मिल सकते हैं - और कल भी .... मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि मोदी जेटली शाह ने ये कैसे मान लिया कि देश के वित्त अपराधी गली के भक्तों जितने पगले हैं .. या इसे मासूमियत समझा जाए या शानपत या मक्कारी या ..?? ..../


/.. माना कि २ दिनों की दादागिरी और बेवकूफी पटकने के बाद आज तुमने जनता को २००० के नए नोट दे दिए .. पर इन २००० के नोट से १० रूपए का 'कमल पसंद गुटखा' या ५० रूपए की भांग या तुम्हारे लिए ५ रूपए के धतूरे के बीज या १०० रूपए का लट्ठ कैसे खरीदा जा सकेगा ?? - खुल्ले कहाँ से आएँगे ???? .. और ये तो बताओ तुमने अपना ईमान कितने में बेचा ?? .. और भक्तों ने अपनी अक्ल कितने में बेच खाई ?? ..../


// करे कोई भरे कोई मरे कोई .. ऐसा व्यवहार न्यायोचित नहीं ....//


बचपन से सुनते आए कि फलां-फलां केस में आरोपी को 'शक के लाभ' में या 'सबूतों के अभाव' में बरी कर दिया जाता रहा - और ये भी कि कानून अँधा होता है - आदि !! ....

फिर दलील सुनते कि हमारे देश का कानून कुछ यूँ है कि भले ही ९९ दोषी छूट जाएं पर एक भी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए .. .. ..

पर आज देख रहा हूँ कि ५००-१००० के नोट बंद करने के सही कदम के तुगलकी फरमानों और बेवकूफाना क्रियान्वयन के कारण अब तक कालेधन्नासेठ प्रभावित नहीं दिखे पर सफ़ेद धन वाले आम जन हलाकान दिखे .. बुरी तरह प्रभावित दिखे .. चिंतित दिखे .. ठगे दिखे .. रोते दिखे .... 

मुझे यह भी महसूस हुआ कि कालेधन्नासेठ को १०० के नुक़सान से भी उतनी परेशानी नहीं होनी है जितनी कि एक गरीब को १ के नुक़सान से होनी है .. क्योंकि धंधे चौपट हो गए और गरीब में १ के नुक़सान उठाने की क्षमता नहीं है .... इसलिए मार तो गरीब को ही पड़ी है .. वो भी बिना किसी अपराध या फिर उचित या वैधानिक कारण के ....

यानि साफ़ दिखा कि ....

करे कोई भरे कोई मरे कोई ..
निर्दोष की कोई सुने नहीं ..
दोषी को कोई असर नहीं ..
चौकीदार भारत में नहीं ..
सरकार में अक्ल नहीं ..
बागों में बहार नहीं ..
और ....
ऐसा व्यवहार न्यायोचित नहीं ..

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Thursday 10 November 2016

/.. अरे ये क्या लगा रखा है - चिन्दियों जैसी हरकत - झकोरों जैसी फितरत .. पहले 'कुछ-कुछ' कुछ को बताया २००० का नोट आ रहा है - लेकिन बंद कर दिए ५००-१००० के नोट .. फिर बोले २००० का नोट आएगा .. फिर आ गए ५००-२००० के नए नोट .... और अब कह रहे हैं १००० के भी नए नोट शीघ्र लौटेंगे .. .. .. .. ठीक है आप ऐसा ही करते रहें आपका अधिकार .. पर ध्यान रहे जनता भी आपको टुकड़ों टुकड़ों में प्रतिबंधित कर एक झटके में नई सरकार ले आएगी .. और फिर आप कभी लौट भी ना सकोगे .. समझे ..../


/.. नईदुनिया में आज फोटो सहित खबर छपी है कि ईओडब्लू के एक एसपी मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात इंदौर के एक प्रतिष्ठान में ठुसी भीड़ में सम्मिलित हो सोना खरीदते दिख रहे हैं .. कल्पना करें कि इन श्रीमान और इन जैसे अन्य टुच्चों के सौजन्य से कितने बड़े अपराधी छोड़े गए होंगे और कितने छोटे अपराधी या निरपराधी परेशान किए गए होंगे .... तो क्या इनका 'भोपाली एनकाउंटर' नहीं होना चाहिए ?? .... वैसे याद करें वो कौन फाँकू था जिसने हमें विश्वास दिलाया था .. "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" ..../


/.. अमेरिका में ट्रंप जीत गए .... अब जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू .. विरोधी खिसिया रहे हैं - गुस्सा कर रहे हैं .. यानि विरोधी कपड़े फाड़ रहे हैं .... दिल्ली में केजरीवाल जीत गए थे .. विरोधी आज तक कपड़े फाड़ रहे हैं .... ये हालत है दुनिया की दो सबसे बड़ी डेमोक्रेसी की ऐसी की तैसी की .... समझे क्या ?? ..../


/.. क्या बकर चकर करने वाले चुप देशभक्तों को मालुम है कि कल बुधवार को कुपवाड़ा सेक्टर में हमारा एक और जवान शहीद हो गया ?? .. नाम सतनाम सिंह .. .. .. वैसे इन्हें यह तो मालुम ही है कि आज गुरूवार से बैंकों में पुराने नोट बदले जा रहे हैं .... जय हिन्द !! ..../


/.. बकर चकर मगर फकर - घंटा भर लगा समझाया कि ५००-१००० के नोट बंद क्यों .. २ मिनिट और समझाना था ना २००० के नोट चालू क्यों ?? .. .. .. ओ दाजी !! .. जल्दी में था - धंधे का समय हो रहा था - जापान जाना था ना !! ..../


Wednesday 9 November 2016

// हुर्रे-वुर्रे .. नहीं !! .... अब तो मोदी जी - हुर्र !! हुर्र !! हुर्र !! ....//


कल मोदी ने कहा ५००-१००० के नोट बंद - अपन ने कहा .. हुर्रे !! हुर्रे !! हुर्रे !! .. मोदी जी धन्यवाद !! ....

फिर पता चला - २ दिन बाद २००० के नोट चालू होंगे - अपन ने कहा .. धत्त तेरे की - गई भैंस पानी में ....

फिर किसी ने और भक्तों ने और कइयों ने सूचना दी कि २००० के नोट में चिप लगी होगी जिसके कारण २००० के हर नोट का मूवमेंट पता किया जा सकेगा - और इसलिए पुनः कालेधन संग्रह का कारण नहीं बन सकेगा .... और अपना दिमाग चला और सोचने लगा - हाय रे कुर्बान जाऊं ऐसी बात पर जैसे मैं कुर्बान हो गया था ऐसी ही बात पर कि टूथ ब्रश को रोटी से जलाकर जेल के ताले की चाबी बना कैदी फरार हो गए थे .... चल हट बे !! ....

पर सुबह जब २००० के नोट पर चिप वाली बात दैनिक भास्कर अखबार में पढ़ी .. तो दिमाग फिर चकराया .. जिसे शांती तब जाकर मिली जब मोदी के वित्तमंत्री डीडीए वाले भैया जेटली जी ने पहली बार स्पष्ट और सत्य बात बोली और बता दिया - २००० के नोट में कोई चिप-विप नहीं .. यानि चिप भी एक जुमला है जो चिपक नहीं रहा है ....

यानि तय हुआ कि २००० के नोट कालेधन संग्रह के काम में बखूबी आएँगे .... इसलिए आज मोदी जी को - हुर्रे !! हुर्रे !! हुर्रे !! के स्थान पर - हुर्र !! हुर्र !! हुर्र !! ....

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/ अमेरिका शाना - उसका मीडिया शाना - उसके पोलस्टर्स शाने - यानि शानों का जमावड़ा - और शानों ने प्रीपोल में बता दिया था हिलेरी जीतेंगी ट्रम्प हारेंगे .. लेकिन ठीक उलट - ट्रम्प जीत गए .. .. .. शानों की कमीं हमारे यहाँ भी नहीं - हमारे यहाँ तो डेढ़ शाने भी बहुतायत में - और वो कह रहे हैं यूपी में भाजपा - और पंजाब में कांग्रेस आगे रहेगी .... हे भगवान !! ये बात शाने समझेंगे कि नहीं ?? ..../


/.. कल शाम से देख रहा हूँ - इंडिया पाकिस्तान की बॉर्डर पर हो रही मुंहतोड़ गतिविधियों पर कोई नियंत्रित तड़ातड़ समाचार नहीं .. और ना ही 'दिल्ली सरकार वाली दिल्ली' के प्रदूषण पर .... और समाचार केवल ५००-१००० पर और - भक्त मीडिया की अमरीकन बुआ ताऊ के बीच के कांटाफोड़ चुनाव पर .. .. .. इससे तय हुआ हम कितने देशभक्त हैं - और कितने दिल्ली प्रिय .... और हमें सैनकों के प्रति कितनी श्रद्धा है और दिल्ली वासियों के स्वास्थ्य का कितना ख्याल .... और ये ना ना प्रकार के भक्त कितने खुदगर्ज़ हैं ..../


/.. 500-1000 रूपए के नोट बंद करने के मोदी के अप्रत्याशित निर्णय के कारण 'आज कल या कुछ दिन' तक 'कुछ लोग' परेशान होंगे .. जिसके लिए खेद और सांत्वना .. .. .. पर मुझे लगता है पिछले 'कई दिनों' से ऐश कर रहे 'कई लोग' आने वाले 'कई दिनों' तक हलाकान रहेंगे .. जिसके लिए हर्ष और .. टिल्ले-लिल्ले !!!! ..../


Tuesday 8 November 2016

/.. अब समझ आया .. जनधन में खुले 0 बैलेंस के करोड़ों अकाउंट काले धन को वापस जीवित करने के लिए कितने काम आएँगे .... अब से हर एक 0 बैलेंस अकाउंट भी बहुमूल्य .... तो क्या गरीब भी अमीर ?? .. तौबा !! .. क्यों मज़ाक करते हो साहेब !! ..../


/.. धत्त तेरे की !! .... ५००-१००० के वर्तमान नोट बंद .. पर फिर उसके बाद जल्दी ही ५०० और २००० के नए नोट जारी होंगे .... यानि कालेधन का कारोबार हवाला भ्रष्टाचार फिर एक बार चालू ?? .... गई भैंस पानी में ..../


/.. हुर्रे !! हुर्रे !! हुर्रे !! .. मोदी जी धन्यवाद !! .... आज पहला काम आपने सही किया .. ५०० - १००० के नोट बंद .. और आपका यह कदम अभूतपूर्व है .. धाँसू है .. ५६ इंची छाती का परिचायक है .. और मुझे यकीन है कि इससे भ्रष्टाचार और काले धन पर लगभग पूर्ण रोक लग जाएगी .. मैं आज लंबे समय के बाद इस कदम पर आपके साथ हूँ ..../


/.. पंजाब के ‘शाहों’ ज़रा ध्यान से समझना .... गुजरात के ‘मोदी के शाह’ डियर डायर ने जुमला छोड़ा है - यदि वो यूपी में जीतते हैं तो वो यूपी को नम्बर १ राज्य बना देंगे .... यानि अब उन्होंने मान लिया कि वो पंजाब तो नहीं जीत रहे हैं .... बधाइयां !! .... वैसे बधाइयां तो ‘यूपी के भैय्यों’ को भी - क्योंकि वो यूपी भी कहाँ जीत रहे हैं .. हा !! हा !! हा !! ..../


/.. 'मुंह एक जुमले अनेक' .... और .... 'जुमला एक मुंह अनेक' .... बूझो तो जानें !! .... .... .... .... मोदी .... और .... #बागों_में_बहार_है ..../


Monday 7 November 2016

/.. भोपाली मुठभेड़ में ८ आरोपित आतंकियों को ढेर करने वाली भोपाली पुलिस को दिल दिमाग सर्वस्व दे चुके हमारे शिवराज चौहान ने पहले हड़बड़ाहट में उगल दिया था कि NIA के द्वारा जांच होगी .. पर फिर व्यापम के जरिये प्राप्त व्यापक अनुभव के कारण पलट गए - यानि अब NIA से जांच-वांच नहीं होगी .... तो अब ये कैसे पता चलेगा कि - फर्जी एनकाउंटर का स्क्रिप्ट कौनहूँ भोपाली टपोरी लिखा था या खुद भोपाली मामा शिवराज ???? ..../


/.. बता रहे हैं कि वो पंजाब के खेंतों में "खूँटी" जला रहे हैं - और दिल्ली का वातावरण ख़राब है .... मुझे पूरा पुख्ता पक्का यकीन है .... ३ महीने बाद जब वो पूरे पंजाब में "खूँटे" उखाड़ेंगे - तब दिल्ली का वातावरण सुधर जाएगा ..../


// चट्ट्टाक !! ....//


( मेरा ये लेख #NDTV_इंडिया के रवीश कुमार की उच्च पत्रकारिता को समर्पित )

क्या आप मौन रहकर सवाल पूछ सकते हैं ???? ....

जवाब में मेरा प्रतिप्रश्न ....

क्या आप बिना हाथ उठाए टुच्चों को चांटा मार सकते हैं ???? .. चट्ट्टाक !! ....

वस्तुतः शायद नहीं ना !! ....
इसलिए यदि आप मेरी मानें तो आप मौन रहकर कम से कम टुच्चों से सवाल तो नहीं पूछ सकते हैं !!

तो सवाल तो उठते हैं कि - क्या मौन रहना उचित ?? .. यानि क्या सवाल पूछना जरूरी नहीं ????

सोचियेगा !! अन्यथा भविष्य में टुच्चों का चांटा आपको भी पड़ सकता है .. चट्ट्टाक !! ..

और यदि आपने बिना मौन हुए सवाल पूछने की अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर दिया .. तो मान के चलिएगा आपने टुच्चों को चांटा मार दिया .. वो भी यकीनन बिना हाथ उठाए .. चट्ट्टाक !! ..

धन्यवाद !!

पुनश्च : वैसे मुझे सुखद अहसास हो रहा है कि शायद मैंने अभी-अभी बिना हाथ उठाए किसी टुच्चे को चांटा मार दिया है .. चट्ट्टाक !! ..

हा !! हा !! हा !! .... 

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Saturday 5 November 2016

/ मोदी जी !! .. शत्रुघन सिन्हा ने ट्विटर के जरिए भोपाल और दिल्ली में पुलिस और प्रशासन के रवैये को शर्मनाक बता दिया है .... और वो हमेशा आपको डेरिंग डैशिंग डायनामिक कहते हैं .... इसलिए सवालों का सवाल .. शत्रु भाई आपके शत्रु हैं या हितैषी ?? .... खामोsssssश !!!! ..../


/ NDTV इण्डिया पर कल रात प्राइम टाइम में रवीश कुमार का नायाब प्रोग्राम देखा .. आज फिर देखा .. और भी कई बार देखना चाहूंगा .... और सवाल पूछने पर सवाल क्यों ?? पर उच्चकोटि के कलात्मक मुंहतोड़ कटाक्ष को देख मेरे दिमाग में भी एक सवाल कौंध गया है .. क्यों मोदी जी रवीश का प्रोग्राम कैसा लगा - और कहाँ लगा ?? ..../


Friday 4 November 2016

/ मोदी सरकार द्वारा NDTV के प्रसारण पर १ दिन की पाबंदी लगाने की एक और बेवकूफाना हरकत की गई है .. इसलिए ये प्रमाणित हो गया कि NDTV के समाचारों पर अन्य चैनलों की तुलना में अधिक भरोसा किया जा सकता है .. और आप अर्नब गोस्वामी की चिल्लाहट और मोदी की लफ़्फ़ाज़ी की अपेक्षा रवीश कुमार की पत्रकारिता पर कहीं अधिक भरोसा कर सकते हैं ..../


// फर्जी चूक - फर्जी मुठभेड़ - असल साज़िश .... एक और "भोपाली मुठभेड़" की दरकार ..//


भोपाल जेल से कैदी भागे थे या भगाए गए थे .. और इसे "चूक" बताया जा रहा है .. पर मैं इसे चूक नहीं 'फ़र्ज़ी चूक' निरूपित करता हूँ .. क्योंकि मैं अक्ल रखता हूँ और समझता हूँ कि मुख्यमंत्री सहित समस्त बड़े-बड़े टुच्चे अधिकारियों के बंगलों पर जेल प्रहरियों से गैरकानूनी मजदूरी पूरी बेशर्मी के साथ करवाई जा रही थी जो केवल "चूक" की श्रेणी में नहीं आती .. ये चूक तो "फ़र्ज़ी चूक" ही कहलाएगी .. और अपराध भी - वो भी जघन्य अपराध - वो भी शायद आतंकियों के अपराध से बड़ा अपराध .... क्योंकि १६० में से ८० जेलकर्मियों की ड्यूटी जेल के बाहर टुच्चों के यहाँ अपराध नहीं तो फिर क्या ???? .... 

और फ़र्ज़ी चूक के भरोसे भागे भगाए ८ कैदियों को जिस प्रकार मार गिराया गया - और मार गिराया गया बताया गया - और किस प्रकार मार गिराया गया अब पता चल रहा है - उससे मुझे साफ़ है कि ये मुठभेड़ "फ़र्ज़ी मुठभेड़" थी ....

यानि "फ़र्ज़ी चूक" और फिर "फ़र्ज़ी मुठभेड़" मुझे पुख्ता यकीन दिलाती है कि एक "असल साज़िश" के तहत ही भाजपा और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नियोजित प्रायोजित यह काण्ड संपन्न हुआ होगा ....

अब आगे क्या ?? ....

कुछ विशेष प्रकार के बेशर्म कमलगट्टे फ़र्ज़ी मुठभेड़ में ८ आरोपियों को मार गिराए जाने को भी सही बता रहे थे - इस बिनाह पर कि वो आतंकी थे वो मुजरिम थे .. फिर उन्हें क्यों जेलों में बंद कर खिलाया पिलाया जाता रहे - क्यों फालतू का मुक़दमा - क्यों फालतू का न्याय - क्यों फालतू की समय बर्बादी .. बस जो किया ठीक किया - क्योंकि त्वरित न्याय हो गया ....

और इसी बिनाह पर आज मेरी मांग .. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री सहित सभी जेल अधिकारियों को "फ़र्ज़ी चूक" के आरोप में - और समस्त असली पुलिस वालों को फ़र्ज़ी मुठभेड़ के आरोप में - एक और मुठभेड़ कर मार गिराया जाना उचित होगा .. कोई आरोप-पत्र नहीं - कोई निलंबन नहीं - कोई केस नहीं - कोई न्याय प्रणाली नहीं - कोई समय बर्बादी नहीं .. बिना किसी असल साज़िश के - बस जस का तस - खुल्लमखुल्ला !!!!

है किसी भक्त या कमलगट्टे में ताकत या औकात जो मेरी तार्किक असंगत (जी हाँ "असंगत") बात के विरुद्ध तर्क दे सके ????

और मेरा सुझाव है कि भविष्य में ऐसी मुठभेड़ को "भोपाली मुठभेड़" ही कहा जाए - ताकि कोई कमलगट्टा अन्याय हो जाने का "फ़र्ज़ी इल्ज़ाम" लगाने की ज़ुर्रत न कर सके .... जय भोपाल !! 

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Thursday 3 November 2016

/ मोदी सरकार के एक बोझिल मंत्री वी.के सिंह कह रहे हैं कि .. पूर्व सैनिक रामकिशन जिसने आत्महत्या कर ली - वो तो कांग्रेसी था .. और मैं रहस्योद्घाटन करता हूँ कि सरदार वल्लभ भाई पटेल भी कांग्रेसी थे - कमलगट्टे कदापि नहीं .... और रीता बहुगुणा भी कांग्रेसी थी - समझदार कदापि नहीं ..../


/ एक पूर्व सैनिक वी.के सिंह कह रहे हैं कि - सैनिकों को चार पैसे के लिए हंगामा नहीं करना चाहिए .... एक वर्तमान मंत्री वी.के सिंह यह नहीं कह रहा है कि - मोदी सरकार वही चार पैसे के लिए ही तो टुच्चई कर रही है .... हद्द हो गई .. इसलिए भद्द भी हो गई ..../


/ हरयाणा भिवानी के बामला गांव में पूर्व सैनिक रामकिशन के अंतिम संस्कार में केजरीवाल राजनीति करने पहुंचे !! .. उसके पहले राहुल सांत्वना देने पहुंचे ?? .. बाक़ी सब आग लगाने ???? ..../


// अब जिन रोतलों को केजरीवाल द्वारा राजनीति करने से परेशानी हो रही है - उन्हें हास्य नग्न तांडव नृत्य करना बंद करना ही पड़ेगा ....//


Wednesday 2 November 2016

मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि मोदी सरकार सेना पर कुर्बान है या सेना को कुर्बान करेगी ??


// यहां तो हर 'बड़े' मुंह पर ताले लगे हैं .. यहां तो हर 'बड़ी' अक्ल पर ताले पड़े हैं ....//


ताले तो लगे थे जेल पर ..
पर ताले पड़े थे अक्ल पर ..

ताले कुछ यूं खुलते चले गए ..
प्रश्न कुछ यूं उलझते चले गए ..

कौन मुजरिम था कौन मुजरिम है ..
कौन भागा था कौन भाग रहा है ..

प्रश्नों के जवाब अब कौन देगा ..
यहां तो हर 'बड़े' मुंह पर ताले लगे हैं ..

जवाब आ भी गए तो फिर प्रश्न क्यों ..
यहां तो हर 'बड़ी' अक्ल पर ताले पड़े हैं ..

(ब्रह्म प्रकाश दुआ - ०२/११/१६)

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// SIMI कैदियों की पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट .. भक्तों को जश्न मनाने का एक और मौका ....//


भोपाल जेल से जिन्दा बाहर हुए - जेल से ८-१० किलोमीटर दूर खुल्ले में से सीधे जन्नत प्रस्थित हुए - वो ८ के ८ SIMI कैदियों की लाशों की इस जहन्नुम में डॉक्टरों द्वारा संपन्न पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट प्राप्त होने का दावा एक टीवी चैनल पर हो गया है .... चैनल का नाम - "आज तक" ....

और पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट के अनुसार तो ........... जी हाँ !! ये स्पष्ट होना प्रतीत होता है कि - उन दुर्दान्त कैदियों के साथ बहुत कुछ वो हुआ जो पुलिसिया कार्यवाही में होना अपेक्षित नहीं होता है .... और मेरा दिमाग इसकी पुष्ठि करता है कि उन कैदियों को जिस तरह से मारा गया .. वो कानूनन जुर्म है ....

और इसलिए मुझे लगता है कि भक्तों के लिए ये जश्न मनाने का एक और मौका है .... जी हाँ !! .. भक्तघोषित एवं भक्तसत्यापित दुर्दांत आतंकियों के प्रति क्रूरता पर जश्न मना देशभक्त होने का स्वप्रमाणपत्र ससम्मान हथिया लेने का एक और स्वर्णिम मौका ....

इसके लिए भक्तों को धिक्कार के साथ बधाई !! ....

और इसलिए मैं क्षुब्ध और स्तब्ध हूँ .. और भक्तों तथा दुर्दांत आतंकियों के प्रति मेरी नफरत और सरकार के प्रति मेरा गुस्सा बढ़ता जा रहा है .... और देश के प्रति मेरी चिंता बहुत बढ़ रही है ....

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Tuesday 1 November 2016

// भोपाल फर्जिकल स्ट्राइक .. एक सवाल मेरा भी - एक जवाब मेरा भी ....//


मोदी रे मोदी .... मरे या मारे ८ .. केवल ८ - और प्रश्न ८ हज़ार .... और गालियां देने के लिए तमाम - पर जवाब देने के लिए अब तक कोई नहीं श्रीमान !! ....

तो बहती छलछलाती प्रश्नगंगा में एक सवाल मेरा भी ....

ये SIMI के आतंकी दुर्दांत होते हैं या बेवकूफ ???? ....

और सवालों के सागर में पहला जवाब भी मेरा ही ....

ये SIMI के आतंकी दुर्दांत होते हैं लेकिन - भक्तों - भोपाल पुलिस - शिवराज चौहान से ज्यादा बेवकूफ नहीं - और भोपाल जेल के कर्मियों और अधिकारियों से ज्यादा बेचारे भी नहीं ....

अब यदि किसी के मिर्ची लगी हो तो पहले वो बता दे कि ८ कैदियों के जेल के कपड़े उतार किसने किया नंगा .. और किस नंगे ने फिर उनको नए कपड़े पहनाए ???? .... नहीं मालुम ना ?? .. इसलिए फकर-फकर करना नहीं .... और यदि मालुम हो तो फिर तो फकर-फकर बिल्कुल मत करना .. अन्यथा तुम भी शिवराज चौहान से ज्यादा बेवकूफ कहलाओगे .... समझे कि नहीं ?? ....

इसलिए कहता हूँ कि भक्तों आज तुम पूरे पारदर्शी हो चुके हो .... यानि नंगे हो चुके हो .. समझे ??

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Monday 31 October 2016

// भोपाल कैदी मुठभेड़ .. भक्त की मान्यता - पकड़ो और मारो - ना कोई मुक़दमा ना जेल ..//


आज दोपहर समाचार आया था कि कल रात ही भोपाल जेल से फरार ८ कैदियों को भोपाल पुलिस ने भोपाल से कुछ ही दूर के एक गाँव के पास मुठभेड़ में मार गिराया है ....

और मेरे व्हाट्सएप ग्रुप में एक अंधभक्त मित्र द्वारा त्वरित पोस्ट डाल लिखा गया था जो जस की तस निम्नानुसार है : -
..............................................................
" एसा ही करना चाहिए 
पकडो और मारो
कुत्तो को जेल मे रखो नही ना court मे पेश करो क्योकि कानून अंधा जरुरत से ज्यादा है
न कोई मुकदमा न जेल। सीधे जन्नत।
मध्यप्रदेश पुलिस को बधाई "
..............................................................

और ४-५ घंटे बाद भी मेरे ग्रुप में अभी तक किसी और की कोई प्रतिक्रिया नहीं ....

इसलिए अंधभक्त मित्र की उपरोक्त टिपण्णी के विरुद्ध मेरी प्रतिक्रिया ....

यानि क्या भक्त भी मान रहे हैं कि जो कुछ हुआ या होना चाहिए उसमें कानून के पालन की आवश्यकता नहीं ?? .. और आप या आपकी पुलिस ही ईमानदार न्यायसंगत ?? .... और न्याय इसी तरह हो जाना चाहिए या कर दिया जाना चाहिए ?? ....

मैं इसलिए ही ऐसी सोच से नफ़रत करता हूँ और मेरे व्हाट्सएप ग्रुप के ऐसा सोचने वालों और बकवास करने वाले मित्रों को धिक्कारता रहता हूँ .. और इसलिए ही चाहता हूँ कि इन भक्तों की चहेती सरकार का शीघ्र पतन हो - ताकि गुंडागर्दी ख़त्म हो और न्याय और कानून का राज्य स्थापित हो ....

कोई आपत्ति ?? ....

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// ये "सीज़फायर उल्लंघन" बार-बार लगातार होना कैसे माना जा सकता है ???? ....//


आज मुझे मेरे एक मस्त-मौला खाते-पीते खाऊ मित्र याद आ रहे हैं - जो अनमने मन से उपवास तो रख लेते थे पर जब तब कुछ ना कुछ खा लेते और कहते रहते - अरे यार उपवास टूट गया !! .. और जब भी कढ़ाई में तलती कचौरी दिख जाए तो कण्ट्रोल नहीं कर पाते और उपवास तोड़ देते - और दिन में ऐसे कई बार उपवास तोड़ते रहते थे .... और इसलिए मैं उन्हें कहता था कि आप उपवास रखते ही नहीं फिर उपवास टूटने या तोड़ने का प्रश्न कहाँ ?? .... और उनके द्वारा बहस करने पर मैं तर्क देता कि यदि कोई उपवास रखे और सुबह ९ बजे अन्न खा ले तो तो माना उपवास टूट जाएगा .. पर यदि फिर १० बजे भजिये खा ले - तो क्या फिर उपवास टूट जाएगा ?? .. फिर ११ बजे बिरयानी खा ले - १२ बजे समोसा - तो भी क्या फिर से उपवास टूट जाएगा ?? .... यानि दिन भर खाता रहे तो क्या दिन भर उपवास टूटता रहेगा ?? .... नहीं ना !!!!

और यह सब मुझे आज इसलिए याद आ रहा है कि मैं बहुत समय से देख रहा हूँ हमारे मीडिया की जब तब ब्रेकिंग न्यूज़ बनी ही हुई है कि - "पाकिस्तान ने फिर सीज़फायर उल्लंघन किया" .... कभी यहां कभी वहां ....

और मैं यही सोच रहा था कि क्या जैसे उपवास बार-बार टूट नहीं सकता है क्या सीज़ फायर उल्लंघन भी बार-बार हो सकता है ???? ....

क्या उपयुक्त नहीं होगा कि हम मान लें कि दिन भर खाते रहने का मतलब उपवास टूटना नहीं उपवास रखना नहीं होता .. और इसी तरह जब तब और लगातार गोलीबारी करते रहने को "सीज़फायर उल्लंघन" नहीं माना या कहा जा सकता .... बल्कि इसे शुद्ध "फायरिंग" या "हमला" या "युद्ध" माना जाना उचित होगा ?? ....

और फिर ऐसी "फायरिंग" या "हमले" या "युद्ध" का हमारा वो "मुंहतोड़" जवाब भी तदनुसार तब ही सटीक बन पड़ेगा .. और बार-बार नहीं केवल एक बार मुंह तोड़ के रख देगा .... क्योंकि बार-बार किसी का टूटा मुंह भी तो नहीं टूट सकता ना !!!!  

सोचियेगा - मेरे दिमाग की बात ज़रा दिल से सोचियेगा .. जय हिन्द !!!!

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Saturday 29 October 2016

// इस दीपावली - मेरी विशेष वर्गीकृत शुभकामनाएं तो गरीब शोषितों के ही नामे ....//


दीपावली पर्व का शुभ अवसर है .... पर मन खुश नहीं है - और ना ही दिमाग खुश होने की इज़ाज़त देता है ....

मोदी जी कह रहे हैं - यह दीपावली पर विशेष रूप से सैनिकों को शुभ सन्देश दिया जाए .. और मेरा दिल पूछता है कि मेरे विशेष शुभ सन्देश से क्या कुछ बदल जाएगा ?? .. और यदि बदल जाएगा तो फिर मैं विशेष शुभ सन्देश पहले अपने किसी गरीब शोषित भाई या बहिन के लिए क्यों ना दूं ?? ....

मुझे ये नहीं समझ आ रहा है कि इस दीपावली ऐसा क्या विशेष हो गया है कि कुछ अलग सा माहौल बनाया जा रहा है ???? .. क्या अलग केवल यह हो गया है कि हमारी वीर सेना के कुछ वीर जवान शहीद हो गए हैं - जो दुःख का एक बहुत ही बड़ा कारण है .. और सीमा पर युद्ध जैसे हालात हैं - जो कारण है कि हम हमारी सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए आज उनके साथ खड़े होएं ?? ....

तो फिर इसी समय हमारे देश में भुखमरी गरीबी या भ्रष्टाचार या धर्मान्धता या शोषण के कारण जो बेचारे कई लोग मर गए या मरने दिए गए या मार दिए गए उनका रोना हम कब रोएंगे ?? .... क्या केवल अपने स्वार्थ के लिए हमें सैनिकों का मनोबल बढ़ाने की ही आवश्यकता है ताकि वो सैनिक हमारी रक्षा करते रहें - और उस गरीब का मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता नहीं जिसके मरने से देश पर कोई असर नहीं पड़ेगा ?? .... यानि गरीब मरता है तो मरने दिया जाए ???? ....

नहीं मेरी आत्मा मुझे ऐसी संकीर्ण सोच की बात करने की इज़ाज़त नहीं देती .. और इसलिए मेरे दिल दिमाग की तराज़ू में आज भी हमारे समाज के बेचारे शोषित गरीब हमारे वीर सैनिकों की अपेक्षा शुभकामनाओं और संवेदनाओं और सहायता के ज़्यादा हक़दार हैं ....

इसलिए इस दीपावली मैं अपने आपको मोदी जी से पृथक कर वीर सैनिकों की अपेक्षा इस देश के गरीब शोषितों को शुभकामनाएं देना चाहूँगा - इस बहुत छोटी सी आशा के साथ कि शायद मेरी शुभकामनाओं का कुछ असर होता होगा ....

और अपेक्षा करूंगा कि सीमा पर तैनात हमारे वीर सैनिक भी आज इस देश के उन तमाम ईमानदार शोषित गरीबों को याद रखेंगे जो देश की सीमाओं के अंदर अपनों के बीच अपनी और अपने परिवार के जीवन मरण की लड़ाई लड़-लड़ के खप मर गए और अभी भी खप मर रहे हैं - हर दिन हर रात हर पल .. और फिर कुछ घंटों का या दिनों का युद्ध हो या ना हो .. कुछ वीर सैनिक शहीद हों या ना हों .. उनकी लड़ाई अनवरत जारी है ....

अस्तु .. यदि देश के प्रधानमंत्री ने शुभकामनाएं भी विशेष वर्ग के लिए देने की अजीब सी संकीर्ण बात कही है - तो दीपावली के अवसर पर मेरी विशेष वर्गीकृत शुभकामनाएं मेरे देश के गरीब शोषितों के नामे - मेरे दिल से ....

जबकि मेरे दिमाग से ये जानते हुए कि अभी तो कुछ बदलाव होना नहीं है - और अभी तो कई गरीब शोषितों को दुश्मन से नहीं अपने वालों के वार से ही बिना शहीद का दर्जा प्राप्त हुए मरते रहना पड़ेगा ....

और अंततः कुछ क्षमा के साथ .. इस दीपावली भी मेरी आप सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं !! ....

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Friday 28 October 2016

// " १ के बदले १० " .. ?? .. ....//


चुनाव से पहले तो मोदी एंड पार्टी मांग करती थी और भरोसा देती थी कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए ....

और मोदी & पार्टी द्वारा नीति स्पष्ट कर दी गई थी .. "१ सर के बदले १० सर" ....

पर आज राजनाथ सिंह बोले कि बीएसएफ को आदेश दिए हैं - "१ गोली के बदले १० गोली" ....

और मैं देख रहा हूँ कि भक्त और देशभक्त "१ गाली के बदले १० गाली" दे ही रहे हैं ....

इसलिए मैं कह सकता हूँ कि मोदी एंड पार्टी की "१ के बदले १०" की नीति जारी है .. बस थोड़े हेर-फेर के साथ ....

और हो सकता है कि भविष्य में हमें "१ कलाकार के बदले १० कलाकार" या फिर "१ मैच के बदले १० मैच" की बात सुनने को मिलेगी .... मसलन यदि एक पाक कलाकार भारत आएगा तो भारत के १० कलाकार पाकिस्तान जाएंगे .. हाँ नहीं तो !! .. आखिर समझ क्या रखा है ???? ....

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Thursday 27 October 2016

// सर्जीकल स्ट्राइक का पेटेंट हमारे पास है - इसलिए कोई और कर दे संभव नहीं ....//


#सर्जिकल_स्ट्राइक को अंजाम दिए हुए लगभग एक माह गुज़र गया .... जवाब मुंहतोड़ ही था .... हमने पाकिस्तान में घुस कर मारा था .. पूरी प्लानिंग कर के मारा था .. सभी का सहयोग ले सभी की सहमति ले और संघ से प्रेरणा ले और मोदी की इच्छाशक्ति के भरोसे मारा था ....

पर ना जाने क्यों सीमा पर सब कुछ पूर्ववत ही चलता रहा है .. और जब देखो टीवी चैनलों पर नीचे की पट्टी पर ब्रेकिंग न्यूज़ बनी ही रहती है कि - फलां जगह फलां सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा क्रॉस बॉर्डर फायरिंग या सीज़ फायर उल्लंघन या घुसपैठ या घुसपैठ की कोशिश या आतंकी हमला या छुटपुट घटना आदि हो रही है या करी गई है .. और हमारी तरफ से मुहंतोड़ जवाब दिया जा रहा है या दे दिया गया है .... और फिर हमारी तरफ भी जवानों या लोगों के शहीद होने की दुखद खबरें भी हमारा मुंह सुन्न करते रहती हैं .... और ये सिलसिला जारी है .. और देश का गुस्सा जारी है .. और देशभक्तों का पाकिस्तान को गरियाना जारी है .. और पाक को उचकाने वाले चीन को लगे हाथ धिक्कारना भी जारी है .... और देशभक्ति का इज़हार और संचार भी बढ़िया हो रहा है ....

और इसके पहले आगे कोई इधर उधर की बात हो - मैं सोचता हूँ ये घोषित हो जाना चाहिए कि ये सबकुछ पाकिस्तानियों या आतंकियों की कोई 'सर्जिकल स्ट्राइक' नहीं है .... क्योंकि 'सर्जिकल स्ट्राइक' का पेटेंट केवल हमारे पास है ....

जय हिन्द !!

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Monday 24 October 2016

// समान कानून व्यवस्था ?? यहाँ तो उच्चकोटि और निम्नकोटि के नंगो तक में भेद है ..//


यदि अमरसिंह ना होते तो मुलायम जेल में होते .... आज ये खुला भेद स्वयं मुलायम ने सार्वजनिक कर दिया है .... जिससे स्थापित हुआ कि अमरसिंह के हाथ इस देश के कानून के हाथों से लंबे हैं ....

बस इसलिए ही तो मैं ये कहता हूँ कि देश में कानून का राज्य है ही नहीं .. यहां सत्ताधीशों सत्तासीनों और सत्ताविहीनों के लिए एक ही कानून के मायने और महत्त्व अलग अलग हो जाते हैं ....

यदि आप सोच रहे हैं कि हालात केवल उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के खराब हो गए हैं तो आप अर्धसत्य ही महसूस कर पा रहे हैं - क्योंकि पूर्ण सत्य तो यही है कि इस देश में कानून का मखौल सर्वत्र उड़ रहा है - और उड़ाया जा रहा है ....

क्योंकि इस देश में नाचीज़ अमरसिंह आज भी राजनीतिक ठप्पा और हैसियत रखते हुए अपनी राजनीतिक चातुर्य और कुशलता का परिचय बिखेरते इतराते हुए सत्ता के गलियारों और नंगों की गलियों में मुस्कुराते हुए दिखते ही रहते हैं .... और अमित शाह जैसे अनेक लोग भी उनसे बराबरी की रेस करते कभी आगे कभी पीछे दिखते हैं .... 

और तो और एक नंगा लोगों पर केस करने की धमकी देता है - और अन्य कई नंगे चुप और सुन्न हो जाते हैं .... जबकि कुछ दिन पहले एक अन्य नंगे पर यही नंगे लोग ऐसे पिल पड़े थे जैसे इन सबको अपनी ज़िन्दगी में पहला नंगा सपड़ाई में आया हो ....
और इसका कारण ये है कि पहले वाला नंगा बेचारा बिन हैसियत 'आप' पार्टी का निम्नकोटि का नंगा था जिसका नाम संदीप ठाकुर था .. पर ये नया नंगा भाजपा का उच्चकोटि का नंगा है जिसका नाम वरुण गांधी है ....

यानि इस देश में कानून व्यवस्था उच्चकोटि या निम्नकोटि के लिए तो अलग है ही - पर यहाँ तो उच्चकोटि और निम्नकोटि के नंगो तक में भेद है ....

इसलिए आज तो यही कहूँगा .. कि कानून व्यवस्था की अवस्था नंगी हो चुकी है .. नंगे निर्भीक हैं .. नंगों का वर्चस्व है .. नंगो की सत्ता है .. और उच्चकोटि के नंगे बहुतायत में हैं .... और उच्चकोटि के नंगो का प्रभाव और प्रभामंडल भी व्यापक है .... क्योंकि मुलायम सिंह जेल के बाहर है और वरुण गाँधी के संदीप ठाकुर जैसे चित्र सोशल मीडिया में कमल से ढके वायरल हो रहे हैं .. और मीडिया एक नंगे को छोड़ बाकी कई राजनीतिक नंगो की डॉक्यूमेंट्री बना चलाने की तैयारी कर रहा है .... बिल्कुल एक नंगे की महान आत्मकथा की तर्ज़ पर ....

इसलिए सावधान !! .. नंगो से सावधान .. नँगाईयत से सावधान .. उत्तरप्रदेश के नंगे नाच से सावधान .... अब तो ध्यान केवल पंजाब पर .. जहां नंगे सर्दी आने के पूर्व ही अभी से कांपते ठिठुरते दिख रहे हैं .. क्योंकि वे कमल से ढंके नंगे जो ठहरे .... जय हिन्द !!

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Sunday 23 October 2016

// भक्तों !! दलालों !! बिचौलियों !! चलो अब बोलो तो - राज ठाकरे की जय !! ....//


राज ठाकरे ने आज देशभक्ति का पाठ सिखा दिया .. और वो भी देशभक्तों को सिखा दिया .. और वो भी भक्तो को चुनौती देते हुए पूरी दादागिरी से .. और वो भी सेना के जवानों पर एहसान लादते हुए .... और कोरा पाठ ही नहीं सिखाया - सेना कल्याण के पेटे सरकारी खजाने में किसी और से वसूली के निःस्वार्थ ५ करोड़ रुपये भी अपने स्वार्थों की भरपूर भरपाई करते हुए डलवाने का प्रबंध कर दिया .... और ये भी सुनिश्चित कर दिया कि भविष्य में कोई भी पाकिस्तानी कलाकार के साथ कोई फिल्म बनाने या कलाकारी करने की कुचेष्ठा नहीं करेगा .... और साथ ही ये तो स्थापित कर ही दिया कि वो देशभक्ति से ओतप्रोत एक गुंडे हैं .. और इस देश में नैतिक हिंजड़ों की कमी नहीं .... 

है कोई टुच्चा भाजपाई जिसकी पिछले दो ढाई साल में ऐसी गौरवशाली उपलब्धि रही हो ?? .. कोरी बातों के अलावा पूरे ५ करोड़ सेना के नामे .... जय हिन्द ?? 

यानि आज तय हो गया कि भाजपा केवल कांग्रेस से ही गई बीती पार्टी नहीं है .. भाजपा तो राज ठाकरे की मनसे से भी गई बीती पार्टी है .. जो सत्ता में रहते हुए भी देशभक्ति का ऐसा एक भी कारनामा नहीं कर पाई .... है ना ??

खैर जो हुआ वो तो होना ही था .. और राज ठाकरे की गुंडागर्दी तो रंग लानी ही थी .... और 'ऐ दिल है मुश्किल' रिलीज़ भी होनी ही थी ....

पर राष्ट्र से जुड़े गुंडागर्दी युक्त और राष्ट्र की सेना से पृथक इस मुद्दे में जो कमाल का घालमेल हुआ है वो टपक कर सार्वजनिक हो गया है .... यानि कि गज़ब ये हो गया कि हमारे देश के एक उच्च पद पर बैठे टुच्चे से नेता ने गुंडागर्दी का संज्ञान लेते हुए गुंडागर्दी से ग्रसित और गुंडे को बुला कर एक "डील" करवा दी .... और इस तरह गुंडों को राष्ट्रीय मान्यता प्रदान कर दी .. और बेशर्मी में लपेट मान भी ..

और इसलिए मैं गुस्से में ये सोच रहा था कि फिर क्यों ये दल्ले इतनी छाती कूट रहे थे जब इन्हें "दलाल" कहा गया था ???? .. "खून की दलाली" वो भी सेना के सन्दर्भ में !! .... तो अब क्या हुआ ?? .. सेना को निर्लज्जता के साथ बीच में घसीटते हुए गन्दी सड़ी आपराधिक मानसिकता को देशभक्ति का जामा पहना गुंडों के लिए बिचौलियों का काम क्यूँ ???? ....

यानि यदि ये दल्ले दलाली नहीं कर रहे थे तो बिचौलिए का काम तो कर ही रहे थे ना !!!! ....

इसलिए भक्तों !! दलालों !! बिचौलियों !! .. आज तुमको धिक्कार के साथ कहूँगा .. देशभक्ति के नारे तो हम लगा ही लेंगे .. तुम तो अपनी गन्दी जुबां से बस ये बोलो - राज ठाकरे की जय !! .... तुम्हें तो तुम्हारी औकात अनुसार बस इतना ही शोभा देता है .... 

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Saturday 22 October 2016

// मोदी जी !! .. अब तो हो ही जाए - एक "हौआ स्ट्राइक" !! ....//


भक्त और थोड़े कुंठित समझदार जब देखो तब पाकिस्तान का नाम आते ही कलपते विलापते बकवासते बरगलाते पाए जाते रहे हैं कि .. गाँधी जी ने यदि वैसा नहीं किया होता तो आज कोई समस्या नहीं रहती .. जिन्ना को वैसा न करने दिया होता - नेहरू ने वो गलती ना की होती - सरदार पटेल ने थोड़ी और समझदारी बता दी होती - इंदिरा ने उसी समय मामला ख़त्म कर दिया होता - सेना लाहौर पहुँचने के बाद फ़ोकट खाली हाथ वापस नहीं लौटी होती - अटलजी को वैसा ही मौका हाथ लग गया होता - तो - तो - तो आज पाकिस्तान से ताल्लुक कोई समस्या ही नहीं होती .... 

यानि वक्तव्यों से कुछ ऐसा लगता है जैसे कह रहे हों कि - यदि चाची जी की मूंछे होती तो वो चाचा जी होते !! .....

पर आजकल - यानि #सर्जिकल_स्ट्राइक के बाद के बदले कालखंड में - भक्त और थोड़े उत्साहित समझदार जब देखो तब ये अलापते पाए जा रहे हैं कि .. ना भूतो ना भविष्यति - पाकिस्तान को ऐसा मारा है ऐसा मारा है ऐसा मुंहतोड़ जवाब दे मारा है कि वो औंधे मुंह चारों खाने चित्त गिर गया है .. हौंसले पस्त कर दिए - पूरे विश्व से अलग थलग कर दिया - आतंकियों की भी बैंड बजा दी - अब पाकिस्तान कभी आँख उठा कर देख भी नहीं सकेगा - अब तो उसके कलाकारों की भी स्ट्राइक कर दी - और चीनी माल नहीं खरीदने की मुहीम चलवा उसके आका चीन की भी ऐसी की तैसी कर दी .... और ये सब संघ की प्रेरणा से मोदी जी के द्वारा सेना से कराई गई मात्र एक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ....

पर हम सब टुकुर टुकुर देख रहे हैं कि धाँसू सर्जिकल स्ट्राइक के बाद और पाकिस्तान के हौसले पस्त होने के बाद भी निगोड़ा ढीठ दुस्साहसी पागल बेवकूफ पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है - और सीमा पर गोलीबारी सहित छुटपुट हरकतें बदस्तूर जारी हैं ....

और मित्रो !! आपको तो मालुम ही है कि चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से तेज़ - और मेरा दिमाग केजरी से आधा पर मोदी-शाह के संयुक्त दिमाग से दो-चार-गुना तेज़ तो है ही .. इसलिए एक सुझाव दे रहा हूँ ....

मोदी जी !! .. गांधी नेहरू इंदिरा पटेल सेना अटल आदि की पुरानी गलतियों से सीख ले आपको ये निर्णय करना चाहिए कि - "सूली पर सुलतान है मत चूके चौहान" - यानि - "लोहा गर्म है हथौड़ा दे मारो" .... यानि आज जब पाकिस्तान मरणासन्न है तो उसे मार ही दिया जाए .... है ना ??

और मरणासन्न को कैसे मारा जाता है .. मैं सुझाता हूँ ....

मोदी जी !! - इसके लिए आपको कुछ ख़ास वास्तविक करने की आवश्यकता नहीं है .... आप तो बस एक "हौआ स्ट्राइक" कर मारो - बस घोषित कर दो कि - मार दिया !! मार दिया !! - और ढोल पीट दो - अपने वाले सभी दिल्लीपसंद राष्ट्रीय चैनलों पर भी ब्रेकिंग न्यूज़ चलवा दो कि इतने मार दिए - वितने मर गए - ढेर सारे घायल - पाक अधिग्रहित कश्मीर खाली कर पाकिस्तान भागने के मूड में .. आदि आदि !! ....

और बस मुझे लगता है काम हो जाएगा .. पाकिस्तानी सेना और हुक्मरानों और आतंकियों और आकाओं का मनोबल चकनाचूर हो जाएगा .... और इस तरह मरणासन्न पाकिस्तान मर जाएगा .... यानि - "हींग लगे ना फटकारी रंग भी चोखा आए" !!!! .... है ना बढ़िया आईडिया ?? .. बिल्कुल नया नायाब !! ....

पर बस एक बात का ध्यान रखना ही पड़ेगा - ऐसा करने के पहले आप जरा #केजरीवाल को कॉन्फिडेंस में ले लेना .... क्योंकि क्या है कि वो ठहरा कंप्यूटर से भी दो गुना तेज़ दिमाग वाला बंदा - और फिर सच्चा ईमानदार ठेठ सपाट भी .... इसलिए कहीं वो अपना मुंह खोल के रायता ना फैला दे - बस !! .... बाकियों की तो कोई चिंता नहीं - क्योंकि किसी में इतना दिमाग भी नहीं और हिम्मत भी नहीं ... है ना !! ....

तो मोदी जी !! अब तो हो ही जाए - एक "हौआ स्ट्राइक" !! .... जय हिन्द !! ....

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Friday 21 October 2016

// भाजपा-कांग्रेस संयुक्त विपक्ष की ओर अग्रसर !! ….//


अब यह तो तय हो गया कि मोदी सरकार किए गए वायदों के अनुरूप और जनता द्वारा उनसे की गई अपेक्षाओं और आशाओं के अनुरूप कार्य नहीं कर सकी है ....

और अब तो नौबत यहाँ तक आन पड़ी है कि भाजपा बिना कांग्रेसियों या अन्य विरोधियों या विभीषणों या जयचंदों या जयचिंदियों के बगैर चुनाव तक जीतने का भरोसा खो बैठी है .... और इसका स्पष्ट प्रमाण है जिसको गालियां देते रहे उन्हें ही अपनी पार्टी में शामिल करते रहे .. और ऐसे सांसदों की संख्या रीता बहुगुणा जोशी के 'हस्तांतरण' से ८४ तक पहुँच गई है ....

'हस्तांतरण' मैंने इसलिए कहा कि ये शब्द किसी वस्तु की आवक जावक के लिए ज्यादा उपयुक्त और सटीक है .... और जबकि यह आदान प्रदान बिना किसी झंझट झगडे टंटे विवाद आपसी समझ सहयोग और स्वेच्छा के साथ संपन्न हो जाए .... और क्योंकि अभी तक के कांग्रेस भाजपा के बीच के सभी आदान प्रदान बिना किसी झंझट के क्रियान्वित हो चुके हैं इसलिए 'हस्तांतरण' हुआ ही कहा जाएगा .... अन्यथा अब यदि आप रीता का कांग्रेस से भाजपा में 'हस्तांतरण' नहीं मानेंगे तो क्या ये मानेंगे कि - रीता निकल गई या निकाल दी गई या भाग गई या टपक गई या पहुँच गई या प्राप्त हो गई या ले ली गई या भेज दी गई या इधर उधर हो गई ?? .. आदि !! ....

यानि अब तक के रीता सहित व्यापक थोकबंद हस्तांतरणों के कारण आप कह सकते हैं कि भाजपा कांग्रेस युक्त हो गई .... भले ही अभी भी भाजपा अपनी तमाम असफलताओं के लिए कांग्रेस का ही रोना रोती रही है ....

पर जब तब भाजपा ये रोना रोती है कि कांग्रेस की वजह से वो असफल रही है तब तब वो स्वतः ही स्वीकार करती धरा जाती है कि भाजपा भारत को 'कांग्रेस मुक्त भारत' तो नहीं बना पाई - पर उल्टे खुद ही 'कांग्रेस युक्त भाजपा' बन गई .... बेचारी !!

और इसका कारण मुझे स्पष्ट होता है कि भाजपा कांग्रेस से भी गई बीती निकली ....

इसी संदर्भ में मैं भाजपा की निंदनीय शान में एक और बात रखना चाहूंगा .... एक ओर भाजपा कांग्रेस से नग-नगीनों के हस्तांतरण के अलावा सहयोग लेने में पूर्णतः अक्षम और असफल रही - तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार को सहयोग ना देने में पूर्णतः सफल रही .. पर सक्षम नहीं .... क्योंकि केजरीवाल गए-बीते नहीं निकले .... बल्कि उल्टे वो भारतीय राजनीति में अभी तक कांग्रेस और भाजपा को धता बताते हुए अभूतपूर्व सफलता की ओर बढ़ते ही दिखे ....

अब देखिए ना !! .... भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत तो नहीं बना पाई - पर केजरीवाल ने कांग्रेस मुक्त दिल्ली तो बना कर दिखा ही दिया .... और तो और काफी हद तक "भाजपा मुक्त दिल्ली" भी ....

और अब तैयारी है - कांग्रेस-भजपा मुक्त पंजाब की - और यदि सफलता मिलती है तो फिर ....

देश के इतिहास में भाजपा-कांग्रेस संयुक्त विपक्ष की आधिकारिक शुरुआत हो कर रहेगी .... दोनों पार्टियां तब पूर्ण रूप से दीनदयाल उपाध्याय के 'एकात्मवाद' के सिद्धांत पर चलते एक हो जाएंगी - और तब तक एक रहेँगी जब तक 'अंत्योदय' योजना के तहत अंतिम भाजपाई-कांग्रेसी सांसद की केजरी खबर ना ले ले .... समझे !! जय हिन्द !! ....

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