Sunday 31 July 2016

// मोदी के कुख्यात 'मन की बात' की एक और कड़वी कड़ी निपट गई ....//


.... और .... तमाम आवश्यक संवेदनशील महत्वपूर्ण ज्वलंत जवाबदारी और जवाबदेही के मुद्दों को दरकिनार कर - मोदी आज फिर 'मन की बात' कर जनता को बेवकूफ बना गए - और स्तरहीन बातें कर गए - जिसका लुब्बेलुबाब निम्न और निम्नानुसार था ....

> रियो वाले खिलाड़ी नौजवानों को शुभकामनाएं ....
> 'मैं' एक पोस्टमैन .. आपको भी शुभकामनाएं देना हो तो - 'मेरे' द्वारा दें .. समझे ??
> कलाम साहब को याद रखें - इन्वेंशन और इनोवेशन करें - अटल नाम की अनेक योजनाओं पर ध्यान दें ....
> बाढ़ आई है तो जूझो ....
> डेंगू का ध्यान रखो ....
> एंटीबायोटिक डॉक्टर की सलाह अनुसार ही खाओ ....
> समस्त गर्भवती महिलाएं ९ तारीख को सरकारी मुफ्त सेवा का लाभ उठाएं - चेकअप कराएं ...
> वृक्ष लगाएं .. पुणे की सोनल से प्रेरणा लें - शादी में बारातियों को पौधे बाटें ....
> मंदिर प्रसाद में वृक्ष बाटें ....
> किसान टिम्बर की खेती करें ....
> साउथ अफ्रिका में बहुत मजा आया - ये किया वो किया - अच्छे लोगों से मिला - तीर्थ जैसा लगा ....
> मोबाइल पर हो रहे धोखाधड़ी से बचें ....
> राखी पर १२ रुपये वाली पालिसी उपहार में बाटें ....
> १५ अगस्त धूमधाम से बनाएं ....
> १५ अगस्त को 'मुझे' क्या बोलना हैं 'मुझे' बताएँ ....

.... तो चलो सब लगो अपने काम से .... 'मैं' चला अपने काम से - आपके काम लगाने ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

भगवान् बचाए ऐसे 'स्तरहीन मन' की बात से .... और मोदी को प्रधानमंत्री तो छोडो - मैं एक पोस्टमैन के लायक भी नहीं समझता .... इसलिए रियो जाने वाले खिलाड़ियों को मेरी सीधी शुभकामनाएं - और बाकी देशवासियों को समझाइश ....

अपनी जवाबदारी और भला-बुरा स्वयं समझें - अपना दिमाग लगा अपने मन की सुनें - निश्चित ही कुछ स्तरीय और बेहतर और आवश्यक और तर्कसंगत सुनने को मिलेगा - और शायद इस 'मोदी' से निजात मिलने का कुछ रास्ता दिखेगा - अन्यथा तो बाढ़ से भी जूझो - सूखे - ठण्ड - भ्रष्टाचार - महँगाई - बीमारी - दादागिरी - झगडे झांसे - और 'मोदी' से भी जूझते रहना - और सुनते रहना इनकी बेतुकी 'मन की बात' .... धन्यवाद !!!! 

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Saturday 30 July 2016

// मोदी के 'मन की बात' कल .. उससे पहले आज 'मेरे दिल दिमाग की बात' ....//


मुझे अभी ये जानकर बिना किसी आश्चर्य अजीब सा लगा - कि मोदी कल फिर एक बार अपने काले मन से बात करेंगे ....

काला मन मैं इसलिए कह रहा हूँ - क्योंकि महँगाई गरीब को परेशान कर रही है - और दाल में कुछ तो है जो काला है .. और मोदी को दाल के भाव के बारे में पूरी जानकारी है - और सरकार द्वारा नियत और घोषित दाल के समर्थन मूल्यों और बाज़ार भाव में लगभग १०० रुपये का अंतर है - और इस बाबद राहुल गांधी द्वारा संसद में प्रश्न भी पूछा गया जिसका उत्तर हमेशा की तरह से गुनहगार होने के कारण मजबूरन बेशर्मी की चादर ओढ़कर दिया नहीं जा सका है ....

और मेरा दिमाग तो यही कहता है कि ये १०० रूपये प्रति किलो दाल का अंतर दाल उत्पादक किसान को छोड़कर किसी ना किसी की जेब में तो जाता तय हो रहा है .... और ये 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' कहने वाले के मार्फ़त ऐसा कहने वाले और खाने वालों के संयुक्त खाते में ही जा रहा होगा ....

यानि स्पष्ट है कि - खाया भी जा रहा है और खाने भी दिया जा रहा है .... 

इसलिए यदि दाल में कुछ काला है - जो है .. तो मोदी का मन भी काला है - जो है ....

तो देखते हैं कल काला मन और क्या क्या जुमले बोलता है - पीली गुलाबी हरी काली सफेद दालों के बारे में क्या बोलता है - किसी भी मुद्दे की बात पर क्या बोलता है और बोलता भी है कि नहीं .. और अपनी तारीफ में क्या बघारता है .... समय मिला तो शायद मजबूरन एक बार फिर झेलेंगे और सुनेंगे ....

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// दिल्ली पुलिस की आँखों में मिर्ची डाली .. भक्तों को लगी होगी कि नहीं ?? ....//


अभी-अभी एबीपी न्यूज़ पर आई खबर के अनुसार दिल्ली पुलिस एक हत्या के आरोपी को तिहाड़ जेल से हरियाणा के झज्जर ले जा रही थी .... और  .... बदमाश दिल्ली पुलिस की आँख में मिर्ची डालकर हत्या के आरोपी को छुड़ा भाग निकले ....

अब आगे क्या ?? ....

मेरा दावा है कि हत्या का फरार आरोपी पकड़ा जाएगा .... क्योंकि हरियाणा की सड़कें जलमग्न हो जाम हैं - और वहां से सरपट भाग जाना असंभव है - आरोपी तैर कर भी ज्यादा दूर तो जा नहीं सकेगा - ये काम इतना आसान भी नहीं जितना हत्या करना - और अभी तो सारे हवाई वाहन भी लापता विमान को खोजने में व्यस्त हैं .... इसलिए वो ज्यादा से ज्यादा हरियाणा में ही कुछ खट्टर पट्टर करता रहेगा .... और फिर पकड़ा जाएगा .. दिल्ली पुलिस के द्वारा - हरियाणा पुलिस के सहयोग से - एक विशेष संयुक्त अभियान चलने के उपरान्त - जैसा कि हमेशा से होता आया है ....

पर हत्या के आरोपी को छुड़ाने वाले बदमाश पकडे जाएंगे कि नहीं इस पर कुछ विवेचना जरूर की जा सकती है ....

मसलन यदि बदमाश केजरीवाल के पट्ठे हुए - तो तो आप समझो कि आज शाम तक हत्या के आरोपी से पहले ही वो धरा जाएंगे और उगलवा भी लिए जाएंगे कि उन्होंने हत्या के आरोपी को पंजाब चुनाव के लिए केजरीवाल के कहने पर १ करोड़ रुपये के लालच में छुड़ाया था - और मिर्च-मिर्चा भी केजरीवाल ने ही उपलब्ध कराया था ....
और यदि वो कांग्रेसी हुए या भक्त या आदतन व्यावसायिक अपराधी - तो फिर निर्भर करेगा कि आगे डील क्या होती है ....

पर विवेचना को छोड़िये .. अब तो एक रोचक प्रश्न भी खड़ा होता है कि .... मोदी जी की पुलिस की आँखों में डाली गई मिर्ची भक्तो को लगी होगी कि नहीं ??

मुझे लगता है कि जम के लग रही होगी .. और इसका एक और कारण भी है ....

अभी-अभी एबीपी न्यूज़ पर ही एक और खबर आई है - कि उत्तराखंड के एक 'गद्दावर' भाजपा नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ मुई दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में एक महिला से रेप के आरोप में केस दर्ज कर लिया है .. शायद सीधे-सीधे बिना LG या HM या PMO की स्वीकृति लिए ....

अब आप ही सोचें कि मिर्ची भक्तो को लगी होगी कि नहीं ?? ...... और  ......

और अभी तो आगे-आगे देखिये कि ये केजरीवाल के फॉग का भक्तों और दिल्ली पुलिस पर दूरगामी असर क्या होता है .... और मिर्ची कितनी और कब-कब और कहाँ-कहाँ लगती है .... 

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Friday 29 July 2016

// गुरुग्राम जाम - मीडिया जाम .. बस 'फॉग' तो केजरीवाल का ही चल रहा है ....//


कुछ दिन पहले दिल्ली की सड़कों पर पानी भर गया था .... और 'बार्किंग न्यूज़' थी - केजरीवाल की दिल्ली में सड़कें डूबीं ....

और आज सुबह से ही जब से टीवी ऑन किया है तब से 'राष्ट्रीय मीडिया' के नाम से कुख्यात 'दिल्ली लोकल बिकाऊ मीडिया' राष्ट्रीय चैनलों पर गुरुग्राम के ट्रैफिक जाम को ही कवर कर रहा है .... जी हाँ वही गुरुग्राम जो पहले गुडगाँव कहलाता था - और जो भारत के अभिन्न अंग हरयाणा में होना पाया जाता है - और जहां मोदी जी ने किसी खट्टर मनोहरलाल को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था ....

और अंततः मैं आशा करता हूँ कि इस महा जाम का महा कवरेज का समय केजरीवाल की दिल्ली की सड़कों के कवरेज से आगे निकल जाएगा ताकि कम से कम अभिलेखों में तो यह प्रतिपादित हो सके कि हमारे संवेदनशील मीडिया को यह तमीज है कि किस विषयवस्तु को कितना कवरेज दिया जाना चाहिए ....

अन्यथा मीडिया के बारे में सत्यता तो अब सबको पता ही है .... क्या पता इस जाम का जिम्मा भी केजरीवाल की बदनसीबी से जोड़ दिया जाए - आखिरकार गुडगाँव से चलकर ये जाम दिल्ली में साफ़ घुसता दिख रहा है - सबने इसे महसूस किया यानि चश्मदीद गवाह भी मौजूद हैं .... और उधर भगोड़े नाम से ख्यात केजरीवाल दिल्ली से भाग पंजाब में घुसे पड़े हैं - किसी मजीठिया गुरु की मानहानि कर घोर पाप का प्रायश्चित ही कर रहे हैं .... यानि सभी साक्ष्य भी चीख-चीख के कह रहे हैं कि इस सारे जाम के दोषी केजरीवाल ही हैं ....

और ये केजरीवाल ही हैं जिन्होंने इस 'राष्ट्रिय मीडिया' के नाम से कुख्यात 'दिल्ली लोकल बिकाऊ मीडिया' का दिमाग भी जाम किया हुआ है - और मोदी के दिमाग को बौखला दिया है .... और इसी कारण पूरा देश ही जाम हो गया लगता है ....

बस कुछ चल रहा है तो - 'फॉग' - जी हाँ केजरीवाल का फॉग !! .. जैसे कि - केजरीवाल की निंदा - केजरीवाल की प्रशंसा - केजरीवाल पर चुटकुले - केजरीवाल को गालियां - केजरीवाल का जुनून - केजरीवाल का विरोध - केजरीवाल का समर्थन -  केजरीवाल के विधायक - केजरीवाल के मंत्री - यानि केजरीवाल के तमाम समाचार - और ....

केजरीवाल की दिल्ली और केजरीवाल का ही पंजाब ....

वर्ना खट्टर मजीठिया मोदी बादल अमरिंदर के बारे में कौन कुछ बोल रहा है - ये सब तो जाम हो ही गए हैं .... है ना !!!! .... हा ! हा !! हा !!!

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Thursday 28 July 2016

// गरीब से जुड़ा विषय था "महँगाई" - और आज संसद शालीनता से चली .. छि: शर्मनाक ..//


आज संसद में महँगाई पर बहस की बारी आ टपकी थी - शायद किसी गरीब की आह ऊपरवाले ने आंशिक रूप से सुन ली होगी ....

और देश में सबसे ज्यादा सुख सुविधा भुगत रहे हमारे सांसद आज मस्त खाए-पिए डकार मार संसद में महँगाई के मुद्दे पर मजबूरी की बहस करने के लिए अपनी-अपनी बारी पर बोलने के लिए टिके और बोले - और तत्पश्चात बिना समय गवाए चलते भी बने .... और क्या बोले ?? .. घिसा पिटा बोले .. थोड़ी भाषण वाली तेज़ आवाज़ में आराम से बोले .. लिखे हुए जुमले बोले .. अकड़ कर आंकड़े बोले .... और इस दौरान कहीं कोई हल्ला गुल्ला नहीं - कोई आक्रोश नहीं .. और बड़ी शालीनता से बहस चली .. उतनी ही शालीनता से जैसी संसद से सदैव अपेक्षित रही है ....

और आज इस बहस के कारण संसद का माहौल ही बदला बदला सा लगा - उस मच्छी बाजार हाट बाज़ार या किसी बस स्टैंड के जैसे रोज़मर्रा के माहौल से अलग .... किसी अच्छे स्कूल के अच्छे बच्चों वाली क्लास जैसा संयमित ....

पर बातें बिलकुल भी अलग नहीं थीं .... विपक्ष आज वो ही मुद्दे उठा रहा था जो कभी आज का सत्तापक्ष कभी विपक्ष में होते हुए उठाता था ..  और पक्ष आज वो ही जवाब दे रहा था जो कभी आज का विपक्ष कभी सत्तापक्ष में होते हुए देता था ....

और एक भी सत्तापक्ष के सांसद का सर शर्म से झुका नहीं दिखा - और एक भी विपक्षी सांसद के चेहरे पर शिकन नहीं दिखी .... इसलिए माहौल मुझे शालीन तो लगा .. पर शर्मनाक और दर्दनाक भी ....

क्योंकि मुझे फिर भरोसा हुआ कि आज की बहस में भाग ले सभी सांसद अपने अपने हक़ का वेतन और सुविधा साध हँसते हँसाते ससमय घर बढ़ लेंगे - एक शानदार डिनर करने के लिए .. और गरीब आज भी भूखा रहेगा .. और इसलिए वो कल भी भूखा ही रहेगा - कल की ही तरह ....

महँगाई आज तक भी बढ़ाई जाती रही - और कल भी बढ़ाई जाएगी - पूरी बेशर्मी और निर्दयता के साथ बढ़ाई जाएगी .... और ये सरकार भी ऐसे ही जाएगी जैसे पहले वाली सरकार गई थी .. पूरी बेशर्मी के साथ ईमान बेचकर अपनी जेबें भरकर ....

अब भूखे पेट गरीब के लिए आज मैं इससे ज्यादा भी क्या दुआ कर सकता हूँ - या झकोरों को इससे ज्यादा क्या बद्दुआ दे सकता हूँ ????

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// अपनी जान का खतरा केजरीवाल को - और माफ़ी भी मांगे केजरीवाल ?? ....//


अपनी जान पर खतरा बताने वाले इस देश में सैंकड़ो हो चुके .. लेटेस्ट में बेचारी नीता अम्बानी भी हो चुकीं .. क्योंकि इस देश में जान की कोई बहुत कीमत भी नहीं रही .... बल्कि कहा जाए तो जानवरों की जान से भी गिरी कीमत यहां इंसानों की लगाई गई है .... और हत्याएं भी थोकबंद हुई हैं .. रंजिश में भी .. ईर्ष्या में भी .. लालच में भी .. चिढ़ के भी .. हार के भी .. हताश होकर भी .. खीज के भी .. बौखला कर भी .. अपने आप को बचाने के लिए भी .... और हाँ !! राजनीतिक भी .... 

अब देखें - चिंकारा शिकार मामले में खुल्लमखुल्ला और कानूनन गवाही देने वाले चश्मदीद हरीश दुलानी भी बोला कि नहीं - कि उसकी जान को खतरा है ?? .. पर किससे ?? .... अब दुलानी में इतनी हिम्मत नहीं होगी कि सीधे-सीधे किसी सुलतान का नाम ले - पर खतरा तो किसी सुल्तानी से ही समझ आता है ना ?? .. ईरानी से तो नहीं हो सकता ना ?? .. तो क्या अब जान से खतरा होने के कोई सबूत दुलानी के पास हों तो उसे पेश करने होंगे या फिर उसे माफ़ी मांगनी होगी ???? .... हर भक्त और हर देशभक्त तपाक से उत्तर देगा कि - मियाँ किस बात की माफ़ी ?? .. है ना !!

अब कल केजरीवाल ने भी अपनी जान को खतरा बता दिया - वो भी मोदी से - सीधे नाम लेकर - खुल्लमखुल्ला .... और भाजपा प्रवक्ता और सचिव श्रीकांत शर्मा कह रहे हैं कि ..केजरीवाल बेशर्मी की पराकाष्ठा पार कर रहे हैं .. उनके पास सबूत हों तो वह पेश करें - वरना तत्काल देश से माफ़ी मांगे ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

केजरीवाल ने आरोप मोदी पर लगाया है - दुलानी जैसे डरते हुए नहीं - बल्कि खुल्लमखुल्ला और स्पष्ट और सीधे नामजद .. क्योंकि हो सकता है उन्हें मोदी से जान का खतरा हो .. इसलिए वो देश से माफ़ी क्यों मांगे ?? .. इसमें देश कहाँ से आ गया ?? .. और भाजपा बीच में कहा से आ गई ?? .. और भाजपा का सचिव या प्रवक्ता कहाँ से बीच में घुस रहा है ?? .. और किस हैसियत से या औचित्य से केजरीवाल से सबूत की मांग कर रहा है ????

याद हो कि केजरीवाल ने जेटली को भी भ्रष्ट बोला था - तो जेटली ने क्या किया ?? .. व्यक्तिगत मानहानि का प्रकरण दर्ज कराया ना ?? .. मोदी तो बीच में नहीं आया ना ?? .. सरकार तो बीच में नहीं पड़ी ना ?? .... यानि मामला केजरी और जेटली के बीच हुआ ना ?? .. तो फिर ये मामला भी केजरी मोदी के बीच हुआ ना ?? .. तो इसमें प्रधानमंत्री कहा से आ गया ?? .. और बेशर्मी कि पराकाष्ठा कैसे पार हुई ?? .. और ये भाजपा को परेशानी क्यों हुई ????

वैसे भी बता दूं कि केजरी एक अक्लमंद व्यक्ति हैं - और जिस प्रधानमंत्री पद पर वो स्वयं आसीन होने वाले हों - वो उस पद की गरिमा को क्यों गिराएंगे ?? .... कदापि नहीं - संभव ही नहीं .... हाँ इसके उलट मुझे ये स्पष्ट हो रहा है कि मोदी प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को बहुत गिरा चुके हैं .. इसलिए यदि देश से माफ़ी बनती है तो मोदी की बनती है - केजरी की नहीं .... समझे श्रीकांत शर्मा जी !!

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Wednesday 27 July 2016

// प्रधानसेवक मोदी द्वारा केजरीवाल को मुफ्त में बहुमूल्य सेवा देने हेतु धन्यवाद ....//


ज्ञानी लोग ज्ञान दे गए थे कि - ईमानदार होना ही जरूरी नहीं - पर ईमानदार दिखना भी जरूरी है ....

पर आज मैं और भी व्यापक निष्कर्ष पर पहुँच गया हूँ ....

केवल ईमानदार होना ही जरूरी नहीं - अपने आप को ईमानदार सिद्ध करना ही / भी अत्यंत जरूरी है ....
केवल निर्दोष होना ही जरूरी नहीं - अपने आप को निर्दोष सिद्ध करना ही / भी अत्यंत जरूरी है ....

मेरे उपरोक्त निष्कर्ष पर पहुँचने के पीछे हमारे प्रधानसेवक प्रधानमंत्री मोदी जी का योगदान है ....

वो ऐसे कि - जिस शिद्दत के साथ 'आप' से जुड़े लोगों पर प्रायोजित आरोप लग रहे हैं - अब लगता है कि केवल वो ही बच पाएगा जो अपने आप को निर्दोष और ईमानदार सिद्ध कर पाएगा - फिर भले हो वो कितना ही निर्दोष या ईमानदार ही क्यों ना हो .... और दोषी या बेईमान तो सपने में भी 'आप' से जुड़ने की हिमाकत नहीं करेगा ....

उपरोक्त स्थिति अत्यंत ही सुखदाई है - और ऐसी स्थिति निर्मित हो जाने के लिए मैं मोदी जी का आभारी हूँ - और केजरीवाल जी की तरफ से उन्हें धन्यवाद देता हूँ ....

धन्यवाद इसलिए कि अब आईंदा 'आप' से केवल वो ही व्यक्ति अपने आप को जोड़ेगा जो अपने आप को तमाम साज़िशकर्ताओं की तमाम साज़िशों और कोशिशों के बावजूद ईमानदार और निर्दोष साबित कर सकेगा .... मसलन यदि सिद्धू की पोल पोली ना होगी तो ही तो वो आप में आने की हिम्मत कर सकेगा - वर्ना भाजपा में इतने वर्षों तक रहकर उसने घाँस तो छीली नहीं होगी .... है ना ?? 

और केजरीवाल चाहते क्या हैं ?? .. केवल यही ना कि - निर्दोष और ईमानदार व्यक्ति ही उनसे जुडें - और दागी और बेईमान नहीं .. है ना !!

इसलिए प्रधानसेवक मोदी द्वारा केजरीवाल को मुफ्त में बहुमूल्य सेवा देने हेतु धन्यवाद !!!!

तो मेरी सभी 'आपियों' से निवेदन है कि - हर 'आप' विधायक के विरुद्ध साज़िश होने पर मायूस होने के बजाय महसूस करें कि 'आप' बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही है - और शीघ्र ही साज़िशकर्ताओं को यह सिद्ध करने की चुनौती दी जाएगी कि - झकोरों अब तुम सिद्ध करो कि तुमने साज़िश नहीं करी थी .... समझे !!!! .... फिल्म तो अभी बाकी है भक्तों .. हा ! हा !! हा !!! ....  

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Tuesday 26 July 2016

// 'कारगिल' और 'पठानकोट' - मेरी नज़र में ....//


आज 'कारगिल' दिवस है ....

सबसे पहले सबसे महत्वपूर्ण बात ....
शहीदों को श्रद्धांजलि !! .. भारतीय सेना को सलाम !! .. भारत माता की जय !!

अब थोड़ी बात ज़रा हट के ....

यदि मेरी मालुमात किसी सेनाध्यक्ष या सेना के जवानों या जंग के जानकारों या तर्कसंगत पत्रकारों जितनी ही हो और सही हो तो - मैं अपने दिमाग के भरोसे कह सकता हूँ कि : -

!! 'कारगिल' पाकिस्तान का दिया धोखा था और भारतीय तंत्र का इंटेलिजेंस फेलियर !! ....

और इसलिए इससे सीख लेने की जरूरत थी ....
लेकिन शायद सीख नहीं ली गई .. क्योंकि उसके बाद 'पठानकोट' भी हो गया ....

और यदि मेरी बात को 'कारगिल' जितना ही सही माना जाए तो मैं एक बार फिर अपने दिमाग भरोसे कह सकता हूँ कि : - 

!! 'पठानकोट' पाकिस्तान से खाया धोखा था और मोदी तथा भारतीय तंत्र का इंटेलिजेंस फेलियर !! ....

एवं ....

!! 'कारगिल' जैसे दुर्गम रणक्षेत्र में भारत की जीत हुई थी और घर आँगन 'पठानकोट' में हार !! ....

और क्योंकि सबसे महत्वपूर्ण बात मैं सबसे पहले ही कर चुका हूँ इसलिए मेरी बात को यहीं विराम देने की आज्ञा दें - धन्यवाद !!

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Monday 25 July 2016

// सलमान बरी .... यानि अब गाय की हत्या ही सबसे संगीन अपराध ....//


चिंकारा एवं काले हिरण शिकार प्रकरण में १८ साल बाद सलमान बरी ....

और गौर फरमाएं कि ....

बकरे मार ईद मनाई जा सकती है ....
मुर्गे मार पेट भरा जा सकता है ....
मच्छी मार व्यवसाय किया जा सकता है ....
चूहे मार महामारी से बचा जा सकता है ....
कुत्ते मार शौक पूरा किया जा सकता है ....

और सरकारी खर्चे पर ....
बंदर मार शान्ति व्यवस्था स्थापित की जा सकती है ....
नील गाय मार खेत बचाए जा सकते हैं ....

यानि इस देश में अब जानवरों में गाय की हत्या ही सबसे संगीन अपराध रह गया है .. जिसमें ना कोई कोर्ट ना कचहरी की जरूरत .. सीधे सजा हो सकती है .. तत्काल और तत्परता से .. वस्त्र उतार कोड़ों से लेकर मृत्युदंड तक ....

और इसलिए मैं सोच रहा था कि .... 

क्या गौहत्या के आरोपित या मुजरिम इंसान को मार "धर्म" बचाया जा सकता है ???? .... 

गौमाता की जय !!!! .. भारत माता की जय !!!!

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// नमो कृपा से दिल्ली में ३ विधायकों की बहुमत वाली सरकार शीघ्र ?? ....//


जिस लगन मेहनत कला गम्भीरता और तत्परता से दिल्ली में 'आप' विधायकों को नमो प्लान के तहत फंसाया जा रहा है उससे लगता है कि भक्त सोच रहे हैं कि शीघ्र ओम प्रकाश के नेतृत्व में दिल्ली में ३ विधायकों की बहुमत वाली सरकार काबिज़ हो जाएगी .. और सिद्धू बाहर से विपक्ष के नेता का पद सम्हालेंगे ....

अग्रिम बधाइयाँ !!

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Sunday 24 July 2016

// मायावती - बनाम - स्वाति सिंह .... बेहतर स्वाति सिंह का अभिनन्दन !! ....//


मायावती वर्षों से राजनीति कर रही हैं - और वो भी सफलता के साथ ....
और जैसे ही भाजपाई दयाशंकर ने मायावती को अभद्र गाली दी - मायावती ने मुद्दे को लपक लिया .... और छोटू ताड़ जैसे मुद्दे को बना दिया तड़ातड़ ताड़ ....

और इतनी तड़ातड़ में - शायद अति उत्साहित हो - मुद्दे पर से अपना नियंत्रण खो बैठीं - और उसके बाद होश भी .. और शनै-शनै तैश तेवर और तर्क ढीले पड़ने लगे .... कारण मायावती की बसपा पार्टी के विद्रोह प्रदर्शन के दौरान वो सब बका गया जो भाजपाई दयाशंकर के बके से कहीं अधिक अभद्र एवं आपत्तिजनक था .... और ये भद्दी बातें बकी गईं थी दयाशंकर की पत्नी माँ और बेटी के बारे में ....

और अंततः सामने आईं  दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह - और फिर उन्होंने भी अपने विरुद्ध कही गईं बातों का पुरजोर तरीके से प्रतिकार किया - एवं बहुत ही तर्कसांग तरीके से और सक्षमता से अपनी बातें सार्वजनिक करीं .... और आपत्ति उठाई कि मामले में उन्हें उनकी माँ और नाबालिग बेटी को क्यों घसीटा गया और भद्दी-भद्दी बातें कैसे कही गईं .. और फिर सभी के विरुद्ध भी वैसी ही कार्यवाही की न्यायसंगत और तर्कसंगत मांग कर दी जैसी कि दयाशंकर के विरुद्ध हुई या होनी हो ....

और मामला पलट गया .... क्योंकि गलती पर गलती - मूर्खता पर मूर्खता हो चुकी थी ....

पर आज उसके बाद मायावती मजबूरी में झेंप मिटाने के लिए प्रेस के समक्ष लंबे चौड़े वक्तव्य देने के लिए टपक पड़ीं .... और बहुत से टेके लगाने के प्रयास करती रहीं .... 

पर बात बनी नहीं .... और उलटे मायावती की प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद स्वाति सिंह पुनः सामने आईं और तमाम शाब्दिक पेचीदियों को समझते हुए सभी बोलबच्चनों के बीच टीवी चैनलों पर बैठ बेहद प्रभावी तरीके से मायावती की हर बात का प्रतिकार किया .... और इस प्रकार स्वाति सिंह ने तर्कसंगत जबरदस्त पलटवार कर मायावती को चारों खाने चित्त कर दिया .... और वो भी स्वयं विषम परिस्थितियों में घिरे होने के बावजूद .. अकेले अपने दमखम पर ....

मेरे इस लेख को लिखने का मकसद भी उपरोक्त तथ्य के मद्देनज़र स्वाति सिंह का अभिनन्दन करने से है .... क्योंकि मुझे लगा कि यदि ऐसी योग्य सशक्त तर्कसंगत निडर निपुण काबिल महिलाएं हमारे समाज में हैं तो अब पुराने घिसे पिटे तौर तरीकों वाले सड़े गले राजनेताओं के दिन लद गए समझो .... क्योंकि अब उन नेताओं से बेहतर और काबिल कई सजग आमजन हैं ....

यकीनन मायावती से बेहतर स्वाति सिंह हैं ....

अस्तु स्वाति सिंह जी का योग्य नारी शक्ति के रूप में अभिनन्दन !!!!

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// आज तो सिद्धू को भी नहीं पता कि वो क्या चीज़ हैं ....//


सिद्धू बहुप्रतिभा के धनी रहे हैं ....
पहले क्रिकेट प्लेयर - फिर कमेंटेटर - फिर टीवी स्टार - फिर नेता .... और कभी मुजरिम भी ....  

अभी तक सिद्धू भाजपा में थे .... और जब तक थे तब तक सिद्धू एक 'सिद्ध पुरुष' थे ....

पर आज क्या हैं - पता नहीं है ....क्योंकि ....

यदि वो भाजपा में वापस जाते हैं - तो वो .. 'सुबह का भूला' कहलाएंगे ....
यदि वो अकाली दल में जाते हैं - तो वो .. एक 'सच्चे सिख' कहलाएंगे ....
यदि वो कांग्रेस में जाते हैं - तो वो .. 'बेकार' कहलाएंगे ....
यदि वो 'आप' में जाते हैं - तो वो .. 'धोखेबाज़ कॉमेडियन' कहलाएंगे ....

और यदि वो कहीं नहीं गए - तो वो .. 'गुरु' तो कहलाएंगे ही ....

तो ठोको ताली ....

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Saturday 23 July 2016

// 'आप' के तोमर के बाद मान .. और आप के मोदी .. हमेशा याद किये जाते रहेंगे ....//


भक्तों !! ....

देश में जब भी फ़र्ज़ी डिग्री की बात होगी - तब तब 'आप' के तोमर का ज़िक्र ज़रूर आएगा ....

देश में जब भी संसद भवन में प्रवेश करते सुरक्षा इंतज़ामों की बात होगी - तब तब 'आप' के मान का ज़िक्र ज़रूर आएगा ....

और जब भी फर्जी डिग्री धारियों के संसद में प्रवेश की बात आएगी - तब तब आप के मोदी का ज़िक्र जरूर आएगा ....

इस तरह देश की राजनीति में तोमर मान मोदी समान कारणों से हमेशा याद किये जाते रहेंगे ....

तो भक्तों ठोको ताली !!!!

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// केवल दो बेवकूफ .. और सैकड़ों अक्लमन्दों वाली संसद ठप्प ?? .. हप्प !! ....//


एक दयाशंकर .... बेवकूफी की बात कह गए .... संसद में मामला उठा .. १००% सांसदों ने दयाशंकर के कहे को निंदनीय ठहराया .... दयाशंकर पर केस दर्ज हो कानूनी कार्यवाही भी शुरू हो गई .. दयाशंकर ने माफ़ी भी मांग ली ....

दूसरे भगवंत मान .... बेवकूफी का काम कर गए जो संसद के अंदर का वीडिओ बना खुद ही फेसबुक पर पोस्ट कर दिए .... संसद में मामला उठा .. १००% सांसदों ने भगवंत मान के कृत्य को गलत ठहराया .... भगवंत मान के विरुद्ध स्पीकर को शिकायत भी हो गई और स्पीकर ने संज्ञान ले उचित कार्यवाही करने का आश्वासन भी दे दिया .... भगवंत मान पर केस दर्ज हो कानूनी कार्यवाही भी शुरू हो गई .. भगवंत मान ने माफ़ी भी मांग ली ....

अब आगे बढ़ते हैं ....

पर इसके बावजूद दोनों सदनों में खूब शोर शराबा हुआ - हंगामा हुआ - वेल में आवागमन हुआ - हँसते हँसाते भी गुस्से के लिए गुस्सा हुआ - मिली जुली कुश्ती हुई - बद को कई बार बदनाम किया गया .. सर्वमान्य बातों पर मानने हेतु बल दिया जाता रहा .. सब एक ही बात एक दूसरे से सहमत होते हुए दोहराते रहे और शानदार अभूतपूर्व एकतरफा थोथी "बहस" होती रही .... और ये सब होने के बावजूद भी संसद की कार्यवाही बिना अन्य कार्य सम्पन्न किये सोमवार तक स्थगित कर दी गई ....

और २ बेवकूफों और सैकड़ों मूर्खों मक्कारों पप्पुओं फेंकुओं फांकुओं जोकरों झकोरों एबलों गेलियों गमनों दोगलों शानों टुच्चों बेशर्मों राजनीतिज्ञों नेताओं सांसदों के कारण मैं अपने आपको ठगा सा महसूस करता रहा ....

ठगा इसलिए क्योंकि मैं सोचता रहा कि कहाँ हवा हो गईं वो घिसी पिटी महत्वपूर्ण बातें - जैसे कि - संसद चलनी चाहिए - भले ही कुछ भी हो जाए संसद चलनी चाहिए - बहस हो तकरार हो पर संसद चलनी चाहिए - १ घंटे संसद चलाने के लिए करोड़ों का व्यय जो होता है - आदि ???? ....

पर संसद तो चली नहीं बावजूद इसके कि पक्ष विपक्ष के सभी सांसद एक मत थे .... और ये अभूतपूर्व था - पीड़ादायक था - शर्मनाक था - असहनीय था - निंदनीय था - अशोभनीय था - अनैतिक था - बकवास था - और बेवकूफाना भी था .... 

और ठगा इसलिए भी कि .. क्या हुआ जीएसटी बिल का - महंगाई के मुद्दों का - दाल के भाव का - पकिस्तान का - कश्मीर का - दलित अत्याचार का - तमाम भ्रष्टाचार के प्रकरणों का - जजों की नियुक्तियों का - कालेधन का - रोजगार का - भगोड़ों का - किरकिट का - विकास का - आदि ????

कुछ नहीं ना !! क्योंकि बस दो बेवकूफ इन सब मुद्दों पर भारी पड़ गए ????

इसलिए मैं आज लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों से मांग करता हूँ कि वे संसद अकारण ना चलने देने हेतु जनता और देश से खेद व्यक्त करें  . और अब दोनों बेवकूफों को कानून के हवाले कर आगे ज़रा अपनी बेवकूफियों का भी संज्ञान लेवें - या फिर इस्तीफ़ा दे घर बैठें ....

अन्यथा याद रखें कि इस देश में केवल दयाशंकर अकेले गाली देने वाले नहीं और केवल भगवंत मान ही अकेले बेवकूफियां पटकने वाले नहीं .... इस मामले में ये देश "बहुप्रतिभाशाली" है .... समझे ????

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Friday 22 July 2016

// भगवंत मान - भगवन के लिए मान भी जाओ कि मूर्खता किये हो ....//


कल 'आप' के कॉमेडियन सांसद भगवंत मान ने कॉमेडी कर दी - वो भी फूहड़ कॉमेडी - और वो भी घोर आपत्तिजनक .... एक वीडीओ बना फेसबुक पर लोड कर दिया - वो भी संसद के अंदर का ....

और उसके बावजूद अभी तक माफ़ी तक नहीं ....

और तो और केजरीवाल या पार्टी के अन्य साथियों या प्रवक्ताओं की ओर से भी चुप्पी आपत्तिजनक ही लगती है ....

इसलिए मेरी भगवंत मान को समझाइश है कि - भगवन के लिए मान भी जाओ कि मूर्खता किये हो और तुरंत माफ़ी मांगो ....

और केजरीवाल को सुझाव है कि तुरंत 'आप' पार्टी को भगवंत मान की मूर्खतापूर्ण हरकत से अलग करें और भगवंत मान के विरुद्ध उचित कार्यवाही ....

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// बेलगाम जुबान वाले इंसानों का समाज - बेजुबान जानवरों से भी बद्तर !! ....//


दयाशंकर ने घोर गलती करी .. मायावती को भद्दी गाली देकर .. और पूरा देश मायावती के पक्ष में आ गया .. और दयाशंकर के विरुद्ध ....

लेकिन आज जब मायावती के समर्थक सारी सीमाएं लांघकर खुल्लेआम निहायत भद्दी और आपत्तिजनक बयान और गालियां दे रहे हैं - और मायावती स्वयं भी अनर्गल बातें ही कर रही हैं - तो अब आगे क्या होना चाहिए ??

मेरी विवेचना प्रतिक्रिया एवं सुझाव ....

वो प्रत्येक नागरिक जिसने मायावती के समर्थन में और दयाशंकर के विरुद्ध आवाज़ उठाई थी आज उसका फ़र्ज़ बन जाता है कि वो मायावती के विरुद्ध भी आवाज़ बुलंद करे ....

और इसी कड़ी में मैं सर्वप्रथम अपने फ़र्ज़ को पूरा करते हुए मायावती को धिक्कारता हूँ और उनकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ ....

और आज मैं मायावती को खुली चुनौती देता हूँ कि यदि उनमें थोड़ी बहुत भी गैरत है तो वो भी अपने उन तमाम पार्टी वालों पर वही कार्यवाही करे जो वो दयाशंकर के विरूद्ध करने की मांग कर रही थीं .. और विशेषकर दयाशंकर के परिवार से भी हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगे - उन तमाम अपशब्दों और गालियों के लिए जो उस परिवार को दी गई हैं - और दी जा रही हैं .... 

और अपने देश की लचर एवं पक्षपाती कानून व्यवस्था की जवाबदारी को वहन कर रहे उन तमाम झकोरों से मांग करता हूँ .. अब स्वयंभू देवी मायावती और उनके गाली बकने वाले भक्तों पर भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही करो ना .. थोड़ी शर्म पालकर .. और थोड़े से अपने कर्तव्य पूर्ण कर .. और थोड़ी सी कानून की इज़्ज़त कर .. और जरा सा राजनीति से ऊपर उठकर .. और थोड़ा नैतिकता के नीचे दबकर ....

करो मेरे मिटटी के शेरों - कुछ तो करो रे .. अन्यथा इस समाज से सभी मर्यादाएं विलुप्त हो जाएंगी .. और ये समाज भी जानवरों जैसा ही हो जाएगा .. बेलगाम जुबान वाले इंसानों का समाज - बेजुबान जानवरों से भी बद्तर !!!!

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Thursday 21 July 2016

// ज्यादा आपत्तिजनक और गंभीर क्या - पिटाई या गाली ?? ....//


सर्वप्रथम आज संक्षिप्त में एक छोटा सा प्रश्न ....

यदि कोई किसी की बेरहम पिटाई कर दे या कोई किसी को भद्दी गाली दे दे .. तो ज्यादा आपत्तिजनक और गंभीर क्या - पिटाई या गाली ?? ....

और उपरोक्त प्रश्न के संदर्भ में मेरे दूसरे प्रश्न पर भी गौर करें ....

दलितों पर ना-ना प्रकार के अत्याचार पहले भी हुए और सार्वजनिक भी हुए .... और उसका विरोध भी हुआ .... पर इतना जबरदस्त नहीं हुआ जितना कल मायावती जी को एक भाजपाई द्वारा भद्दी गाली देने पर .... ऐसा क्यूँ ?? .... 

मेरी विवेचना ....

स्पष्ट है कि आम जनता पिटे तो नेताओं को विशेष फर्क नहीं पड़ता .. पर यदि नेता पिटे तो उसी जनता को ज्यादा ही फर्क पड़ जाता है .. इसलिए शायद जनता ही कुछ तो गलती कर रही है ....

क्या इस पर विचार जरूरी नहीं कि स्थितियों को पलटा जाए .. यानि जब आम आदमी पर अत्याचार हो तब तो विरोध जबरदस्त और चरम पर हो ही  ?? ....

मसलन बजाय कि इस बात पर दलित उग्र आंदोलन करें कि भाजपाई दयाशंकर गिरफ्तार हों - क्यों ना इस बात पर आसमान सर पर उठा लिया जाए कि गुजरात में दलितों की बेरहमी से हुई पिटाई के लिए प्रत्येक दोषी को चुन चुन कर सख्त सजा दी जाए .. और ये विरोध केवल दलित ही क्यों करें - पूरी जनता क्यों नहीं ???? 

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// खुल्ले में शौच गलत - और खुल्लमखुल्ला अपराध या बेवकूफी करना गलत नहीं ?? ..//


खुल्ले में आप शौच करना गलत मानते हो - उसे रोकते हो .. पर खुल्ले में एक महिला नेत्री को भद्दी गालियां देते हो ?? .. निहत्थे दलितों को वहशी होकर मारते हो ?? .. और भी ना-ना प्रकार की सांप्रदायिक हरकते करते रहते हो ?? ....

मैं भाजपाइयों और संघियों और स्वयंभू गौरक्षकों और भक्तों और सांप्रदायिक कीड़ों और बेलगाम बड़बोलों को समझाना चाहता हूँ कि .... ध्यान रहे जनतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है - और जनतंत्र में तुम चोरी छुपे अपराध तो कर बच सकते हो - पर याद रहे खुल्लमखुल्ला अपराध कर के तो कदापि बच नहीं सकते - ऐसा तो केवल तानाशाही में ही संभव है - जिसके दिन लद चुके हैं ....

इसलिए चेताना चाहूंगा कि जनता यदि खुल्ली हो गई ना तो तुम खुल्ले में ही पिटोगे और खुल्ले में ही हगोगे .. और खुल्लमखुल्ला खोखले हो जाओगे .. और जिस प्रकार इंसानो की खुली चमड़ी पर लट्ठ बरसाए जा रहे थे ठीक उसी तर्ज़ पर गौमाता की कृपा से ही तुम्हारी खाल भी खुल्ले में ही खींचे जानी कि नौबत आ सकती है .. और तुम्हें भी कोई खुल्ले में गंदी भद्दी गालियां तो बक ही सकता है .... और जरा दिमाग का ढक्कन खोल खुल्ले हो के सोचो मेरे भाई - कि तब तुम्हें कितना कष्ट होगा ??

जरा एक और बात पर गौर करना मेरे भाई .... आजकल कुत्तों पर अत्याचार के समाचार भी सुर्ख़ियों में हैं .. और कुत्तों को मारना भी अपराध हो - और अपराध खुल्लमखुल्ला हो - सनकी अपराधियों पर प्रकरण दर्ज हुए हैं .... क्या आप किसी ऐसे कुत्ते प्रेमी "कुत्तारक्षक" संगठन को प्रोत्साहन दोगे जो किसी कुत्ते पर अत्याचार रोकने के लिए अत्याचारी को खाई में फेंक देने का दुस्साहस करे ?? ....

अब इस बात पर यह टेका मत लगा देना कि गाय और कुत्ते में भेद है - क्योंकि फिर तो गाय और इंसान में भी बहुत बड़ा भेद है मेरे भाई .... और इंसानों से ज्यादा कुत्तों को प्यार करने वाले इंसान भी बहुत हैं मेरे भाई !!    

इसलिए बाज आ जाओ मेरे भाई .. इस्तीफ़ा दो और घर बैठो - हम पुरानी कांग्रेस से या किसी भी अन्य चिन्दी पार्टी से ही काम चला लेंगे .. या किसी भी नई पार्टी को ले आएंगे ....

तुम से पिंड छुड़ाकर भले ही थोड़ा और रो लेंगे - और खप लेंगे - थोड़ा और लुट लेंगे ....
पर ध्यान रहे - बेइज़्ज़त तो नहीं होंगे - बर्बाद तो नहीं होंगे - अस्तित्व में तो रहेंगे !!!!

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Wednesday 20 July 2016

// दिवंगत चाचा हाशिम अंसारी को पूरी श्रद्धा के साथ "राम-राम" ....//


बाबरी मस्जिद मुकद्दमे में पिछले ५०-६० साल से पैरोकार रहे वयोवृद्ध हाशिम अंसारी नहीं रहे .... मुझे गहरे दुःख का एहसास हो रहा है .... उन्हें श्रद्धांजलि ....

मैं दिवंगत हाशिम अंसारी साहब को एक सच्चा मुसलमान और एक निहायत नेक इंसान मानता रहा हूँ - जो तमाम मर्यादाओं में रहते बाबरी मस्जिद की लड़ाई लड़ते रहे - लड़ते रहे !! .... और जब भी 'लड़ाई में मर्यादा' की बात उठेंगी तो मुझे हाशिम अंसारी बहुत याद आएँगे .... और वो सदैव अनुकरणीय रहेंगे ....

और क्योंकि मैनें उनमें दूसरे धर्मो और राम जी के प्रति भी एक जीवंत सदभाव और आदर को महसूस किया था इसलिए आज दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देते हुए अपने दिल से कहूंगा .... "राम-राम चाचा'' !! "राम-राम" !! "ख़ुदा आपको जन्नत बख्शे" !!!!

Brahma Prakash Dua

// "पाकिस्तान जाए भाड़ में" - एक 'काला दिवस' भारत में भी क्यों नहीं ?? ....//


आपको याद है - अमित शाह ने बिहार चुनाव के नतीजों को पाकिस्तान की 'ख़ुशी-गम' से जोड़ दिया था ?? ....
शर्मनाक था वो .... क्योंकि बिहार में भाजपा हार गई और किसी ने जानने का प्रयास भी नहीं किया कि उसके कारण पाकिस्तान में पटाखे छूटे थे या नहीं .. क्यों ?? .. क्योंकि अमित शाह और उनके सांप्रदायिक भक्तों के अलावा हर भारतीय की सोच रही कि - "पाकिस्तान जाए भाड़ में" .... 

और आज कई देशवासी एक बार फिर पाकिस्तान द्वारा पाकिस्तान में 'काला दिवस' मनाने के कारण विचलित हो रहे हैं .... उस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

यदि दुश्मन काला दिवस मनाता है तो उसे मनाने दो - वो दुखी है तो उसे दुःख मनाने दो - यदि वो हमारी किसी कार्यवाही से असहज है तो होने दो .... 
और भविष्य में भी कुछ ऐसा करते रहो कि पाकिस्तान में रोज़ काला दिवस मनाने की नौबत आए ....
और अपनी वही सोच बरकरार रखो कि - "पाकिस्तान जाए भाड़ में" .... या फिर पाकिस्तान को निपटा दो ....

लेकिन यदि आपको गलत फहमी है या सही फहमी का गुमान है कि पाकिस्तान के 'काला दिवस' मनाने के कारण आपको कुछ फर्क पड़ता है तो - बजाए कि भारत की जनता या भारत का मीडिया कोई प्रतिक्रिया दे और सरकार अकर्मण्य रहे उससे बेहतर होगा कि पहले सरकार कुछ प्रतिक्रियात्मक कार्यवाही करे जिस पर भारत की जनता और मीडिया वाहवाही कर सके ....

बल्कि मैं तो एक कदम आगे जाकर सरकार को ये सुझाव दूंगा कि सरकार आगे बढ़कर जनता से आह्वान करे कि वो जनता से क्या चाहती है .... और फिर जनता पूरी एकता और जवाबदारी के साथ सरकार और देश के प्रति पूरी निष्ठा से उस चाह को अंजाम दे .... मसलन सरकार बताए कि - क्या काली पट्टी बांधनी है ?? - दीपावली मनानी है ?? - गालियां देनी है ?? - जुलूस निकालने हैं ?? पुतले फूंकने हैं ?? - दौड़ लगानी है ?? झंडे लहराने है ?? - या चुप बैठना है - "पाकिस्तान जाए भाड़ में" ?? ....

कम से कम हमारे मुखर मोदी जी अपने 'मन की बात' में ही सही - घुटने की बात तो कर ही सकते हैं .. और बता सकते हैं कि यदि पाकिस्तान काला दिवस मनाए तो जनता को क्या करना चाहिए - और मीडिया को क्या नहीं करना चाहिए .... और .... और बस ठीक है - बाकी जाए भाड़ में .... नहीं क्या ??  

पर हाँ आइन्दा ये मत कहना कि - पंजाब में 'आप' पार्टी जीत गई है इसलिए पाकिस्तान में पटाखे छूट रहे हैं .... क्योंकि "पाकिस्तान जाए भाड़ में" - पटाखे तो तब भारत में भी छूटेंगे ही ....

और अंत में एक संवेदहशील प्रश्न - समस्त उत्साहित हतोत्साहित भक्तों और सरकार से ....
कल नक्सलियों द्वारा १० कोबरा कमांडो के जवान मार दिए गए .. दर्दनाक शर्मनाक घटना भारत की धरती पर घटी - ना मारने वाले पाकिस्तानी - ना मरने वाले पाकिस्तानी .. इसलिए "पाकिस्तान जाए भाड़ में" - एक 'काला दिवस' भारत में भी क्यों नहीं ?? ....

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Tuesday 19 July 2016

// बकवास बंद हो डियर 'नाराजनाथ' !! .. हमें पता है कि 'पाक' की हरकतें 'नापाक' ....//


कल हमारे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कह दिया .... "पडोसी का नाम तो पाकिस्तान है  .. पर हरकतें नापाक" ....

मेरी 'पाक' प्रतिक्रिया ....

बकवास बंद हो !! .. क्योंकि हमें तो पता है कि पाक की हरकतें नापाक हैं - फिर डियर ये 'पाक' और 'नापाक' की सड़ी तुकबन्दी कर हमें ये जुमले क्यों सुना रहे हो ?? ....

ये 'पाक - नापाक' की तुकबन्दी तो आजकल सोशल मीडिया पर हम जैसे कई लोग चुटकियां बजाते यूं ही कर लेते हैं .... मसलन मैं ही कह देता हूँ कि .. आपका नाम 'राजनाथ' पर हरकतें जैसे 'नाराजनाथ' .... 

तो 'नाराजनाथ' जी - सुनाना ही था तो धोती पकडकर मोदी जी को सुनाते .... और उन्हें कुछ सही सलाह देकर कोई उचित कार्यवाही की रूपरेखा बनवाते ....

'नाराजनाथ' जी - आपसे अच्छे तो कई लाख भक्त और आम नागरिक हैं जो उत्साहित या हतोउत्साहित हो कश्मीर की घटनाओं पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं - और कुछ नए पुराने तरीके से उसका प्रतिकार करने की चेष्टा कर रहे हैं .... 

मसलन कोई कह रहा है कि अपनी 'dp' बदलो तिरंगे वाली - कोई कह रहा है कि पाक द्वारा आज काला दिवस मनाने की नापाक घोषणा के जवाब में हम दीपावली मनाएं - सभी अपने घरों में आज २ दीपक लगाएं .. कोई गालियां दे रहा है उन कश्मीरियों को जो सेना के जवानों को पत्थर मार रहे थे .. कोई गुस्सा वहां के रहवासियों पर निकाल रहा है या वहां की सरकार पर .. कोई पाकिस्तान को धिक्कार रहा है .. कोई भ्रमित पूरी कौम को ही दोषी मान बैठा है .. कोई अपने ही देशवासियों को अपने ही भाइयों को अपना दुश्मन मान बैठा है .... और कोई हर मोदी विरोधी को देशद्रोही करार दे रहा है .... 

और आप अभी तक धोती पकड़ हमें ये ही बता रहे हैं कि - पाक नापाक है ???? ....

और उधर आज ही अभी बिहार के गया-औरंगाबाद में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के १० जवानों को मौत के घाट उतार दिया है .... तो अब आगे क्या ?? .. यहाँ तो आपका 'पाक-नापाक' काम नहीं आएगा ना ?? .... यहाँ तो यही मानना पड़ेगा ना कि नक्सलियों की हरकतें भी नापाक .... और भारत में भी नापाक .. सरकार में भी नापाक .. और शायद आपके इरादे भी अब तक नापाक .... या आप केवल 'नाराजनाथ' ....

इसलिए मेरी प्रतिक्रिया की शुरुआत में ही कहा था .. बकवास बंद हो !! .... क्योंकि जरूरत है कि अब 'नापाक-पाक' जैसी कार्यवाही हमारी तरफ से भी तो हो .... 
और इसलिए अंत में भी यही कहूंगा .. बकवास बंद हो .. समझे डियर 'नाराजनाथ' !!

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Monday 18 July 2016

// तो भक्तों अब ठोको माथा या .... ठोको ताली ....//


सिद्धू ने भाजपा छोड़ दी ....

तो भक्तों !! .. ठोको ताली ....
और मर्ज़ी ना हो तो ना भी ठोको .... बजा भर लो ....
और ताली बजाने की भी मर्ज़ी ना हो तो फिर रुको  .... और सुनो गुरु .....

गीदड़ों की कांग्रेस में भरमार ....
भाजपा ने खोल दिए थे द्वार ....

गीदड़ गधे मिल हो गए ढेर ....
गधे समझे वो बन गए शेर ....

शेर ने छोड़ दी है भाजपा गुरु ....
गधों की उलटी गिनती शुरू ....

चक दे फट्टे नप दे गिल्ली .... अब है पंजाब पहले थी दिल्ली ....
ठोको माथा या ठोको ताली ....

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// अब तो भक्त भी मान गए हैं कि - 'पंजाब के अच्छे दिन' आने ही वाले हैं ....//


बहुत ध्यान देने वाली बात है .... यूपी में जाति धर्म की बातें - फिर पंजाब में क्यों नहीं ??

जबकि .... यूपी और पंजाब में अगले वर्ष २०१७ के शुरुआत में ही चुनाव होने हैं .... और चुनावी माहौल गर्म हो रहा है - काफी कुछ गर्म हो भी चुका है ....

और यूपी में हर मुद्दे पर "जाति" की बात हो रही है - जैसे ब्राह्मण वोट किधर - पिछड़ा वोट इधर - अतिपिछड़ा उधर - यादव वोट अपना - माइनॉरिटी अपने बाप का - और सामान्य वोट उधार का .... आदि .. और सभी पार्टियों द्वारा शतरंज माफिक ही जातिगत गोटियां बैठाई जा रही हैं - और "धर्म" के नाम पर ध्रुवीकरण के षड़यंत्र क्रियान्वित करने की कोशिशें भी सामान्य रूप से हो ही रही हैं .. ठीक वैसे ही जैसे दीपावली आई है तो फुलझड़ी और पटाखे तो छूटेंगे ही ....

और इसके अलावा - चुनावी तैयारियों के तड़के - और थोड़ी बहुत पार्टी-पॉलिटिक्स - और हमेशा की तरह राहुल प्रियंका - अखिलेश चाचा चचा नेताजी - बहनजी - तड़ीपार योगी - आदि भी .... 

पर वैसे तो पंजाब में भी विभिन्न जातियां हैं - अगड़े पिछड़े हैं - माइनोरिटी हैं - सिख हैं - हिन्दू हैं - अन्य धर्म भी हैं - धार्मिक दुकानें भी हैं - और वहां भी जाति के और धर्म के और पार्टी पॉलिटिक्स के गुणा-भाग हमेशा से ही रहे हैं .. पर इस बार चुनाव पूर्व पंजाब में अब तक वो सब 'परंपरागत' कुछ नहीं होता दिखा है ....

और ताज्जुब की बात है कि इस बार पंजाब में चर्चाओं के विषय अब तक बहुत सीमित रहे हैं .... मसलन कुल ११८ सीटों में से 'आप' कितनी सीटें जीतेगी - ड्रग्स की समस्या - भ्रष्टाचार - उड़ते पंजाब की कहानी - बादल की बदनामी - भाजपा अनजानी - कांग्रेस की लाचारी .... आदि ....

और इसका कारण ?? ....

मूल कारण है - यूपी में 'आप' चुनाव नहीं लड़ रही है - और - पंजाब में 'आप' चुनाव लड़ रही है .... 

तथा .... पंजाब में 'आप' पार्टी को वॉकओवर मिल चुका है - और 'आप' पार्टी वहां निर्विरोध चुनाव जीत चुकी है ....

क्योंकि .... अरविन्द केजरीवाल ने जाति धर्म आधारित वोटों की राजनीति से ऊपर उठकर सभी धर्मों और जातियों के प्रति समभाव के साथ आगे बढ़ने की कुशल राजनीति की शुरुआत कर दी है .... और इसलिए उन्हें सभी धर्म और जाति के लोगों का समर्थन मिल चुका है ....

इसलिए अब एक बात तय हो चुकी है कि - 'पंजाब के अच्छे दिन' आने ही वाले हैं ....

और यकीन ना हो तो आप किसी भी भक्त से ये सीधा नपा-तुला प्रश्न पूछ लें कि .. "पंजाब के अच्छे दिन' आने वाले हैं कि नहीं" ?? ....
और मेरा दावा है कि भक्त भी सकपका के बोलेगा कि - "आने वाले हैं" .... हा हा हा !!!!

पुनश्च : अब आप किसी भक्त से ये ना पूछ लेना कि - "पंजाब के बुरे दिन' जाने वाले हैं कि नहीं" ?? .. क्योंकि क्या है भक्तों को अच्छे और बुरे का पूरा ज्ञान है नहीं - फालतू बिफर जाएगा .. फ़ोकट में आदतन मोदी मोदी मोदी चिल्लाने लगेगा ....

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Sunday 17 July 2016

// केजरीवाल का 'Talk To AK' .. और 'मेरे दिमाग की बात - दिल से' ....//


अभी-अभी बहुप्रतीक्षित 'Talk To AK' देखा .... 
लगभग २ घंटे से भी ज्यादा चले प्रोग्राम में केजरीवाल ने सभी विषयों पर बेबाकी से अपनी बात रखी ....

मन प्रसन्न हो गया .... इसलिए त्वरित प्रतिक्रिया में आज केवल छोटी सी 'मन की बात' ....

मुझे आज यकीन हो गया कि सक्षम और काबिल केजरीवाल ज़रूर एक दिन इस देश के प्रधानमंत्री बनेंगे .... और वो दिन अब दूर भी नहीं है .... और इसका रास्ता पंजाब गोवा गुजरात मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ होकर जाता दिख रहा है ....

मन की गहराइयों से बाहर आकर भी यदि मुझे मेरी बात के समर्थन में दलील देनी आवश्यक हो - तो कहूँगा .. किसने सोचा था कि भारतीय राजनीति में अरविन्द केजरीवाल जैसा व्यक्ति इतनी जल्दी इतनी ऊंचाइ प्राप्त कर लेगा ?? .. किसको पता था कि पंजाब में चुनाव की आहट शुरू होते ही लोगों को लगने लगेगा कि पंजाब में 'आप' जैसे निर्विरोध ही जीत जाएगी ??

शायद सबने ऐसा सोचा ना होगा .. पर कुछ ने अवश्य इसकी कल्पना कर ली थी .. और उनमें मैं भी सम्मिलित था .... इसलिए आज विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मेरे 'मन की बात' मेरे 'दिमाग की बात' भी है ....

और मैं वो फ़ड़तूस भी नहीं जो बिना दिमाग केवल 'मन की बात' करता रहे .... !!!! धन्यवाद !!!!

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Saturday 16 July 2016

// अरुणाचल में क्या भाजपा "बागी"-"बागी" विधायकों को समर्थन जारी रखेगी ?? ....//


अरुणाचल उठापटक अब रोचक और निर्णायक स्थिति में पहुँच गई है ....

वहां कांग्रेस के बहुमत की सरकार थी ....
कांग्रेसी विधायक असंतुष्ट हुए .. भाजपा ने हवा भरी .. और वो बागी हो बगावत कर गए ....
और राज्यपाल ने अंदर बाहर ऊपर नीचे आजू बाजू से समर्थन दे वहां बागियों की सरकार बनवा दी ....
जिसे भाजपाई विधायकों ने बड़ी ही मासूमियत के साथ राज्य और जनता के हित में बाहर से समर्थन दे दिया .. और ऐसे महान कृत्य को स्वस्थ प्रजातंत्र के हित में भी निरुपित कर दिया ....

और इस तरह अरुणाचल में बागियों की राज्यपाल निर्मित भाजपाई समर्थित प्रजातान्त्रिक सरकार धड़ल्ले से चल रही थी .... 

पर सुप्रीम कोर्ट का माथा ठनका - और उसने सारे किये कराए पर पानी फेर दिया - और एक झटके में कांग्रेस की पुरानी सरकार को पुनः स्थापित कर दिया ....

और आज वो सभी बागी कांग्रेस विधायक भाजपा से बगावत कर वापस कांग्रेस में लौट आए ... और अब नए सिरे से उसी बागी नेतृत्व में कांग्रेस की नई सरकार बनने वाली है ....

तो अब प्रश्न है कि क्या कांग्रेस से बागी हुए विधायकों को अब भाजपा से बागी होने के उपरांत भी भाजपा विधायक राज्य जनता और प्रजातंत्र आदि आदि के हित में बाहर से समर्थन जारी रखेंगे ???? ....

मेरा उत्तर है .. जले पर नमक छिड़कना और ऐसे निरर्थक उपहासी प्रश्न पूछ कर किसी गिरे हुए को और अपमानित करना उचित नहीं ....
और विशेषतः जब समर्थन होने या ना होने का अब औचित्य भी ना बचा हो तो फिर तो बिलकुल भी नहीं .... यानि औचित्यहीन प्रश्न पूछना भी कहाँ का औचित्य ?? ....

पर हाँ अब इस पर विवेचना तो बनती है कि - किसने थूका ?? किसने चाटा ?? किसने गंदा किया ?? किसने पोंछा लगाया ?? किसने फैलाया ?? किसने समेटा ?? किसका फायदा हुआ ?? किसका नुक्सान हो गया ?? .. कौन हाथी जैसा चला ?? कौन कुत्तों जैसा भौंका ?? .. किसने गिरेबां में झाँका ?? किसके गिरेबां में झांका ?? ....

और ये हमारा प्रजातंत्र और लोकतंत्र इतना मजबूत कैसे हो गया ?? .. और यदि हो गया तो ऐसे ख़ुशी के मौके पर हमारे प्रधानमंत्री को सांप क्यों सूंघ गया ????

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// हे ऊपरवाले !! .. मोदी जी दीर्घायु हों सीधे स्वर्ग में ही पहुंचें - और मुझे नर्क नसीब हो ..//


मैं ईश्वर अल्लाह को एक अदृश्य शक्ति के रूप में ही मानता हूँ और भरोसा अपने ईमान और अपने आप में ही करता हूँ .... और जब भी मुझे उसे संबोधित करना होता है तो मैं उसे 'ऊपरवाला' कह कर काम चला लेता हूँ .... अस्तु इस दुनियावी लिहाज़ से मैं एक नास्तिक प्रवृत्ति का इंसान हूँ ....

और इसलिए इस दुनिया के मेरे धार्मिक दोस्तों द्वारा ईश्वर से सीधे पुख्ता जानकारी प्राप्त कर मुझे एडवांस में ही बता दिया गया है कि मैं मरने के बाद नर्क में ही जाऊंगा ....

और इसलिए मेरी उनके ईश्वर और मेरे ऊपरवाले से ये प्रार्थना है कि .... अल्लाह खैर करे - मोदी जी दीर्घायु हों - और जब भी परलोक सिधारें सीधे स्वर्ग में ही जाएँ ....

मैं ऐसी प्रार्थना इसलिए कर रहा हूँ कि अगर गलती से मोदी जी नर्क में पधार गए तो मुझे फिर से बहुत कुछ लिखना पड़ेगा .... और मैं तो ऐसा कर भी लूँगा - पर मुझे आप लोग कैसे पढ़ पाएंगे ??

इसलिए मैं चाहूंगा कि आइये सब मिल कर कामना करें कि भविष्य में परलोकगमन के समय भी मेरे और मोदी जी के रास्ते अलग हों - और मोदी जी स्वर्ग जाएँ और मैं मेरे गंतव्य नर्क में ....

पुनश्च : जब भी मेरी बात हो या मोदी की बात हो - और केजरीवाल की बात ना हो - भक्तों को अपच हो जाता है .. इसलिए बता दूँ कि मेरे धार्मिक दोस्तों द्वारा ईश्वर के हवाले से यह भी घोषणा करी गई है कि केजरीवाल भी नर्क जाएंगे .. और मैं नर्क की कामना इसलिए भी करता हूँ कि नर्क में उनके साथ मिलकर नर्क को स्वर्ग बनाने में भी क्या मज़ा आएगा .. है ना !!
वैसे तो मोदी पदार्पण बाद स्वर्ग का हाल भी देश जैसा ही हो सकता है .. इसलिए यदि आप चाहें तो आप भी एडवांस में ही नर्क आने का विकल्प चुन सकते हैं .. बाकी आपकी मर्ज़ी !! 

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Friday 15 July 2016

// 'ठुल्ला' मतलब .. 'बाबाजी का ठुल्लू' ?? ....//


शिकायत हुई कि केजरीवाल ने 'ठुल्ला' बोल दिया .... और शिकायत क्या जनाब बकायदा मुकद्दमा दर्ज कर दिया .. वो भी मानहानि का - और वो भी ये विलापते हुए कि इससे सभी पुलिस वालों की बेइज़्ज़ती हुई ....

और मुकद्दमे की शुरुआत में ही जज साहब हो गए कन्फ्यूज्ड - सोचने लगे कि ये 'ठुल्ला' होता क्या है .... डिक्शनरी देख मारी - कुछ नहीं मिला ....

अंततः जज साहब ने केजरीवाल से ही पूछ लिया - कि यार बताओ ये 'ठुल्ला' क्या होता है ?? ....

वैसे तो मेरे मतानुसार न्याय का तकाज़ा था कि जज साहब को पहले उस पुलिस वाले से ही पूछना चाहिए था जिसको 'ठुल्ला' कहने में बुरा लगा था .... पूछना था कि 'ठुल्ले' का क्या मतलब समझते हो जो तुम्हे बुरा लग गया .... पर शायद जज साहब ने सोचा होगा कि सबसे इंटेलीजेंट से पूछ लेते हैं - जो बता सके उससे पूछ लेते हैं - कम अक्लों से क्या पूछना .... सो उन्होंने केजरीवाल से ही पूछ लिया ....

अब वैसे तो केजरीवाल उचित जवाब दे ही देंगे .. पर यदि मेरी सलाह मानें तो जवाब और उसके बाद के काल्पनिक सवाल जवाब कुछ यूं भी हो सकते हैं ....

जज साहब - 'ठुल्ले' का क्या मतलब ??
केजरीवाल - 'बाबाजी का ठुल्लू' !!!! ....
जज साहब - बाबाजी का ठुल्लू ?? .. ये क्या होता है ?? ..
केजरीवाल - जज साहब कपिल शर्मा को पता होगा - उसने ही ये चालू किया था ....

जज साहब - तो ठीक है कपिल शर्मा को हाज़िर किया जाए ....

जज साहब - ये 'बाबाजी का ठुल्लू' का क्या मतलब ??
कपिल शर्मा - माई बाप इसका मतलब है - जो उखाड़ते बने उखाड़ लो !!!! ....

जज साहब - ये केजरी ने ऐसा कहा .... 
ठुल्ला - जी हाँ बिल्कुल ऐसा ही कहा ....
जज साहब .. तो उखाड़ लो जो उखाड़ सको - यहाँ क्यों चले आए ....
माई बाप अब केजरीवाल का तो मोदी कुछ नहीं उखाड़ सके तो हमारी क्या औकात - हम तो ठहरे ठुल्ले ....
जज साहब - जब औकात ही नहीं तो चलो भागो यहाँ से .... ठुल्ले कहीं के ..
और हाँ .... याद रखना .. बाबाजी का ठुल्लू !!!! .. हा हा हा !!!!

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// 'लोकायुक्त' जैसे जटिल विषय में भक्तो को सोचना मना है .. "नमामि नमो" !! ....//


मध्यप्रदेश शायद भारत का एक महत्त्वपूर्ण प्रदेश है - निश्चित ही दिल्ली से ज्यादा ....
यहाँ पर एक लोकायुक्त का पद भी है .... जैसे गुजरात में भी था ....
इस पद पर अब तक जस्टिस नावलेकर कार्यरत थे ....
उनका कार्यकाल पिछले वर्ष २८ जून २०१५ को ही समाप्त होना नियत था ....
पर राज्य सरकार ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया ....
सेवावृद्धि की शर्त थी की जस्टिस नावलेकर नए लोकायुक्त की नियुक्ति होने तक या अधिकतम १ वर्ष तक इस पद पर बने रहेंगे ....
अंततः हमारे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बिना सूचित किये २८ जून २०१६ भी आ गया - और आ के निकल भी गया ....
नए लोकायुक्त की नियुक्ति हो ना सकी ....
और ना ही जस्टिस नावलेकर की आगे सेवावृद्धि ....

और ना ही वृद्धि हुई अभी तक किसी भक्त की बुद्धी ....

और मैं सोच रहा हूँ कि मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति तो २८ जून २०१५ को ही हो जाना थी .... पर पूरे १२ महीने से ज्यादा हो गए इस बाबत फाइल आगे बढ़ी नहीं - शायद शिवराज के पास पड़ी हो .... पड़ी ही होगी .... क्योंकि शिवराज ही तो मध्यप्रदेश के घोषित मुख्यमंत्री हैं ....

और इसलिए मैं सोच रहा था कि एक फाइल एक भ्रष्टाचार के प्रकरण में अरविन्द केजरीवाल ११ महीने तक दबा कर बैठ गए तो उनके विरुद्ध एफआईआर हुई - फिर भ्रष्टाचार के सैंकड़ों प्रकरणों को प्रभावित करने वाली एक फाइल १२ महीने से ज्यादा दबा कर शिवराज बैठे रहे तो एफआईआर क्यों नहीं ?? ....

उत्तर मैं बताता हूँ ....

भक्तों को कला आती नहीं - और विज्ञान क्या होता है पता नहीं - और गणित शायद कमज़ोर है ....

मसलन धारा ३५६ के दुरपयोग करने की कॉंग्रेसी कला क्या थी वो जान ना सके - और उत्तराखंड तथा अरुणाचल में इंदिरा की नक़ल करने में मात खा गए ....
ये काले धन का विज्ञान क्या होता है कलाकार मोदी और जेटली की कला के कारण भक्त अब तक भी कुछ भी समझ ही नहीं सके - और रामदेव को ज्ञानी और सुब्रमण्यम स्वामी तथा केजरीवाल को अज्ञानी समझते रहे ....
और ११ माह का समय १२ माह से कम होता है यह गणित भी समझ नहीं सके ....

यानि यदि आप ये सोच रहे हैं की भक्त बेवकूफ हैं - तो शायद आप सही ही सोच रहे होंगे .... क्योंकि शायद भक्तों ने कभी सोचा ही नहीं होगा कि गुजरात में वर्षों तक लोकायुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं हुई थी और अब मध्यप्रदेश में भी नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है ????

यदि इस विषयक कोई बावला भक्त आपको सोचता मिल जाए तो पूछ लीजिएगा कि - यार ये सोचने का जोखिम भरा शगल कब से पाल लिया ?? .. मोदी को ले डूबोगे क्या ?? .. क्या आपको पता नहीं कि जटिल विषयों में आपको सोचना मना है ?? .... तो चलो अब अपनी औकात पहचानों और नया नारा लगाओ - "नमामि नमो" !!

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Thursday 14 July 2016

// साहब पर भारी स्वामी .. और भक्त हुए नमामि .. नमामि नंगे !! ....//


आज कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में उतारने की घोषणा कर दी .... भक्तों के जख्म फिर हरे हो गए और उन्हें याद हो आया कि - अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि उनके पास शीला दीक्षित के खिलाफ ३५० पन्नों की फाइल है .. और अब तक वो फाइल नहीं दिखाई गई .... इसलिए भक्तों का भेरू हो जाना बनता है - और वो हो भी रहे हैं ....

अब आगे बढ़ते हैं ....

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम पर निशाना साधने के बाद बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्‍वामी ने कहा था कि उनके पास 27 लोगों की पूरी लिस्ट है - ये 27 लोग सरकार में काम करते हैं जो सरकार को धोखा देते हैं - इन्हें बाहर किया जाना चाहिए -  और वो इन्हें ठीक कर देंगे ....

और फिर उसके बाद मोदी जी ने स्वामी को डपट दिया था और तब से स्वामी चुप हैं .... और वो 'धोखेबाज़ भ्रष्ट २७ सरकारी अधिकारी' कार्यरत हैं .. और भक्त अभी भी केजरीवाल के ही पीछे पड़े हैं ....

मालूम है इससे क्या सिद्ध होता है ?? .. सिद्ध ये होता है कि .. केजरीवाल की कहे की गूँज मिटती नहीं .. और टुच्चों की कहे की कोई कीमत नहीं ....

और साहब के सभी भक्त मजबूरी के स्वामी-भक्त भी हैं .. इसलिए वो स्वामी के 'उंगल' नहीं करेंगे .. क्योंकि यदि स्वामी ने 'उगल' दी तो स्वामी का क्या जाएगा - नुकसान तो साहब का ही हो जाएगा ....

यानि साहब पर भारी स्वामी .. और भक्त हुए नमामि .. नमामि नंगे !!!!

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// सिद्ध हुआ कि .. ५६ इंची छाती हो सकती है - पर अक्ल की नितांत कमी है ....//


मोदी ने कहा मेरा सीना ५६ इंची ....
फिर अरुणाचल में और फिर उत्तराखंड में धारा ३५६ का दुरपयोग कर लगा दिया राष्ट्रपति शासन ....

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय को असंवैधानिक करार दे दिया .... और थोबड़े पर चटाचट तमाचे जड़ते हुए असंवैधानिक निर्णयों को पलट दिया - बल्कि निरंक निर्णीत कर दिया ....

उपरोक्त तथ्यात्मक बात के पीछे की बातों पर मेरी विवेचना ....

कृपया विदित हो कि अरुणाचल में भी और उत्तराखंड में भी कांग्रेस के पास अंतरकलह के कारण बहुमत नहीं रह गया था - और शायद आज भी नहीं है - और कारण राहुल की मूर्खता भी हो सकता है .... और इसके उलट भाजपा ने साम-दाम-दण्ड पेलते हुए बड़ी मशक्कत कर कॉंग्रेसी विधायकों का समर्थन प्राप्त कर बहुमत का पुख्ता जुगाड़ कर लिया था .... और इस जुगाड़ के लिए अपना बहुत कुछ या सब कुछ दांव पर लगा दिया था ....

और उपरोक्त समर्थन तथा बहुमत प्राप्त करने में काम आया मोदी का ५६ इंची सीना .. यानि मोदी की राजनीतिक पहलवानी और सुल्तानी अदा .... लेकिन सफलता हासिल कर भी वो असफल हो गए .. जीत के भी हार गए .. फायदे के चक्कर में घाटा खा गए .. अंततः हासिल कुछ नहीं हुआ - बल्कि इज़्ज़त के पद पर बैठे भी बेइज़्ज़त हो गए ....

तो प्रश्न उठता है ऐसा क्यों हो गया ?? .... और अकाट्य उत्तर मैं देता हूँ ....

उपरोक्त विवेचना यह सिद्ध करती है कि मोदी के पास जिगरा हो सकता है - ५६ इंची छाती भी हो सकती है - पर अक्ल की नितांत कमी है .. कमी क्या अक्ल के पैदल ही हैं .... क्योंकि आप ही सोचें कि जिसके पास सत्ता हो - और विधायकों का बहुमत भी .. और वो असफल हो जाए - हार जाए - घाटा खा जाए - बेइज़्ज़त हो जाए - क्या इसके पहले राजनीति में कभी ऐसा सुना था ?? ....

मसलन मान लें कि किसी की छाती भले ही २८ इंची ही हो और उसके पास मध्यप्रदेश के ५०% से अधिक विधायकों का समर्थन हो और वो अक्ल से पैदल ना हो - तो क्या उसको कोई मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से रोक पाएगा ?? .. नहीं ना ?? .. मोदी भी नहीं रोक पाएंगे ना ?? .. यानि मेरी विवेचना सही सिद्ध हुई ना ?? .. और मोदी में अक्ल की कमी तो हुई ना - जैसे की भक्त राहुल में अक्ल की कमी होने का दावा करते हैं !! .... हा हा हा !!!!

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