#सर्जिकल_स्ट्राइक का जश्न शुरू हो गया था - और हर कोई ये कहने लगा था कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए .. और इसलिए ही इस विषयक राजनीति भी शुरू हो गई थी .... और राजनीति के चलते बयानवीरों के बयानों की गंगा भी बह निकली थी - जो जमुना के जुमलो में मिल कर मलीन हो गई थी ....
तब मोदी ने कहा था - "नो चेस्ट थम्पिंग" - कोई बयानबाज़ी नहीं करेगा - सरकार की तरफ से केवल वही बोलेगा जो अधिकृत होगा ....
इसके बाद नादान लोगों को गुमान हो चला था कि बयानबाज़ी और राजनीति पर अंकुश लगेगा .... लेकिन फिर कमलपसंद से भरा मुहँ खोला स्वयं रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने .... और अपनी छाती के साथ साथ ५६" को भी थपथपा दिया .. और फिर हल्ला मच गया कि अब ये क्यूँ बोला ?? .. और ये बकवास ही क्यों बोला .... ये छाती क्यों "थम्पिंग" कर रहा है ?? ....
और मामला थोड़ा शांत हुआ ही था कि कल मोदी जी ने रक्षामंत्री को सर्टिफिकेट दे दिया कि - "सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है - और हमारे रक्षामंत्री भी बोलते नहीं हैं" ....
इसलिए ही तो मैं कहता हूँ कि ....
मोदी जो कहते हैं करते नहीं ....
जो करते हैं कहते नहीं ....
जो करना होता है वो बताते नहीं ....
जो नहीं बताना होता है वो छुपाते नहीं ....
वैसे तो कुछ भी करते नहीं ....
पर अच्छा तो करते ही नहीं ....
और सामान्यतः बुरा बोलते दिखते नहीं ....
इसलिए मुझे मोदी पर विश्वास नहीं ....
क्योंकि मोदी विश्वास योग्य नहीं ....
क्योंकि मोदी के बोलने का अब असर ही नहीं ....
क्योंकि मोदी बोलते तो बहुत है पर स्वयं पराक्रमी नहीं ....
और इसलिए मोदी आजकल बुलवाने भी लगे हैं .... अपने पराक्रम के जुमले बुलवाने लगे हैं .... और तर्ज़ वही .. पहले तू मेरी खुजा .. फिर मैं तेरी खुजा देता हूँ ....
और इस प्रकार सेना के पराक्रम के बाद - खुजली खुजाने का दौर जारी है ....
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i have all the apreciation dua ji -u r wonderful
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