Sunday 2 October 2016

// शरीफ मोदी के शपथग्रहण में आए थे .. तो सरकारी मोदिया फिल्म पर भी रोक लगे ?? ..//


बहुत ख़ुशी और गर्व की बात है - आजकल देशप्रेम चरम पर है .... और देश प्रेम का इज़हार करना भी फैशन में .... कुछ-कुछ भीड़ तंत्र जैसा .... यानि सोचना समझना थोड़ा कम और कार्यवाही तुरंत .... और जब जज़्बा होता है तो ऐसा होना स्वाभाविक भी ....

एक ने पाक को गाली दी - तो सबका गाली देना जरूरी ....
एक ने कहा कि पाक से बदला ले लिया .. तो फिर ले लिया .. ले लिया भई ले लिया ....
एक ने कहा मोदी को मान गए .. तो फिर मान गए .. मान गए भई मान गए मोदी जी को मान गए ....
एक ने कहा सारा श्रेय सेना को .. तो ठोको सलाम सेना को ....
एक ने कहा डोभाल का कमाल .. तो लो जेम्स बॉन्ड की ऐसी की तैसी - डोभाल ही जेम्स बॉन्ड ....   
एक ने बताया कि हमने उनके ५० मार दिए - और यदि आपने बोल दिया ४९ - तो घटती गिनती आप से भी पूरी हो सकती है ....

यानि हामी भरना आवश्यक श्रेयस्कर और मजबूरी भी ....

इसलिए जब देशप्रेम उमड़ा तो भीड़ के रेडार पर आ गए पाक कलाकार .... और भीड़ के द्वारा घोषणा हो गई कि जिन फिल्मों में पाक कलाकार हैं उन्हें चलने नहीं दिया जाएगा .... अब भले ही वो पाकिस्तानी तो अपनी कला के पैसे ले चलता बना होगा - पर पैसे का नुक़सान होगा फिल्म प्रोड्यूसर डायरेक्टर आदि का जो शुद्ध भारतीय हैं - और देशद्रोही भी नहीं हैं .. यानि गाज तो गिरी भारतीय पर ही .... और ऐसे विरोध करने वालों का एक पैसे का भी कोई नुक़सान नहीं .... और देश हामी भरने को तत्पर और मजबूर .. क्योंकि जिसने भी कुछ इधर उधर कहा - वो निपटा ....

लेकिन ना मालुम क्यों मैं ये सोचने लगा हूँ कि .. यदि फिल्म में आकर पाकिस्तानी एक्टिंग कर गया तो फिल्म नहीं चलने देंगे .... ठीक !! ....
तो फिर इसी पैमाने पर जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ मोदी के शपथग्रहण समारोह में आकर  शिरकत कर गए थे .. तो फिर मोदी की शपथ भी क्यों ना निरस्त की जाए - और इस देश में चल रही सरकारी फिल्म पर भी रोक क्यों ना लगे ???? ....

नहीं ! नहीं !! .. ऐसे ही दिमाग में तर्कसंगत बात आई थी तो बोल दी .... अब यह कोई व्यवहारिक बात थोड़े ही है - और कोई भी इसे मानने के लिए मजबूर थोड़े ही हैं .... और वैसे भी भीड़ के आगे बीन बजाने से कुछ होता जाता है क्या ?? ....

इसलिए शायद बेहतर ये होगा कि - पाकिस्तान से अब "आगे से" - जी हाँ  "आगे से" और तत्काल प्रभाव से - हर स्तर पर और हर क्षेत्र में रिश्ते तोड़ दिए जाएं .... और जो हो चुका है उसमें भारतियों के पक्ष को ऊपर रख फिल्मों को चलने दिया जाए ....

और या फिर !! .... भीड़ की मुर्गी की तीन टांग .... सभी फिल्में बंद की जाएं - सरकारी मोदिया फिल्म सहित .... बोलो भक्तों क्या बोलते हो ?? .... है मंजूर ?? .... 

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