Wednesday 5 October 2016

// उधर बेहोशी .. इधर मदहोशी ....//


उधर उसकी सर्जरी हुई ....
और वो बेहोश ही रहा ....

उसे कुछ इल्म ना था ....
उसका इलाज हुआ ....

पर वो फिर मार गया ....
और "मैं" मदहोश रहा ....

उधर टाँके उधड़ रहे हैं ....
इधर खुमारी उतर रही है ....

(ब्रह्म प्रकाश दुआ .. ०५/१०/१६ ....)

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