Thursday 1 December 2016

/.. नोटबंदी के निर्णय से उपजी तमाम समस्याओं के सामने आते ही तोते उड़ने लगे और इसलिए कालेधन भ्रष्टाचार नकली नोटों के बजाय ढोल पीटना शुरू हुआ "कैशलेस" का - "प्लास्टिक मनी" का - डिजिटल" का .. .. यानि कुछ ऐसा बताया जाने लगा कि नोटबंदी का असली मकसद तो कुछ और था .. .. और इसलिए अब चुपचाप लाइन में खड़े रहो .. "कालेधन" के नाम पर ना सही "कैशलेस" के नाम पर खड़े रहो .. तत्काल लाभ को देखने के लिए ना सही दीर्घ लाभ की आशा में खड़े रहो .. .. और लोग खड़े रहे .. और लोग खड़े हैं .. .. पर आज मेरे दिमाग में कुछ प्रश्न भी खड़े हो रहे हैं .. कि जब राहुल गाँधी और कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट हैक हो सकते हैं तो गांव खेड़े के खातों में डिजिटल हेरा फेरी या चोरी चपाटी नहीं हो सकेगी ?? .. उनके कार्ड्स की क्लोनिंग या पासवर्ड की चोरी नहीं हो सकेगी ?? .. .. अरे जनाब हो सकेगी .. इसका मतलब ये तो नहीं कि उन्नति नहीं करें .. देशहित में गरीबों को सब सहना होगा .. समझे ?? .. अब चुपचाप खड़े रहो ..../


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