तुमने कहा सभी वादे जुमले - सबने कहा चल कोई बात नहीं ....
तुमने कहा स्वच्छता पर ध्यान दें - सबने कहा बिल्कुल सही ....
तुमने कहा खुल्ले में नहीं - सबने कहा विद्या बालन सही ....
तुमने कहा विकलांग नहीं - सबने कहा दिव्यांग सही ....
तुमने कहा योग करो - सबने कहा और हुकुम करो ....
तुमने कहा पाक को मारा - सबने कहा वाह क्या मारा ....
तुमने कहा बस गरीब की परवाह - सबने कहा सही राह ....
तुमने कहा ५००-१००० नहीं - सबने कहा क्या बात कही ....
तुमने कहा लाइन लगाओ - सबने कहा हुकुम बजाओ ....
तुमने कहा बस इतने ही मिलेंगे - सबने कहा इतने ही चलेंगे ....
तुमने कहा बस ५० दिन - सबने कहा कोई परवाह नहीं ....
तुमने कहा कोई चोर नहीं बचेगा - सबने कहा ये हुई ना बात !! ....
पर अब तुमने कह दिया - तुम लाइनों में खड़े हो - अपना पैसा लेने के चक्कर में पड़े हो - खप मर रहे हो - पैसा मिल नहीं रहा - फिर भी चुपचाप खड़े हो - शाब्बाश !! ....
अब बस चुपचाप खड़े रहना - अब कोई चोर नहीं फंसेगा - चोरी का माल भी ५०-५० !! ....
और अब सबने क्या कहा ?? ....
अरे यार अभी तो सब लाइन में ही खड़े हैं - पर सबका धैर्य अब टूट रहा है .. इसलिए सबकी छोडो .. अब तुम मेरी भी सुन लो यार ....
सुधर जाओ !! नहीं तो .. .. तुम बहुत पिटोगे यार !! ..../
Brahma Prakash Dua
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