Friday 10 March 2017

/.. जो दूसरों के आंकलन का सम्मान ना करते हुए घिसे-पिटे कमेंट करते रहे कि .. मुंगेरीलाल .. बरनॉल .. हवा निकल जाएगी .. दिन में सपने .. खुश हो लें .. ११ को पता चल जाएगा .. औकात पता चल जाएगी .. हा !! हा !! - हे !! हे !! - हो !! हो !! .. वो अपना खुद का आंकलन देने से कतरा गए .. ..
मालुम है क्यों ?? .. ..
टुच्चे जो ठहरे !! .. ऐसी औकात कहाँ - और आंकलन करना भी इतना आसान कहाँ ?? .. है ना !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

No comments:

Post a Comment