Saturday 25 March 2017

// अरे चप्पूबाज नाव-वालों !! - तुम्हें तो पानी भी नसीब नहीं होगा ..//


इस देश की नैय्या पार लगाने वाले ठेकेदारों के बारे में .. मेरी छोटी सी प्रतिक्रिया .. ..

ये जो लगातार चप्पू चलाते दिख रहे हैं - हिचकोले खाते दिख रहे हैं - एक हाथ चप्पू पर और एक हाथ आसमान की ओर कर मल्हार राग में मांझी के गीत चिल्लाते सुनाई दे रहे हैं .. ये जो जूते-मौजे पहने हुए हैं और जिनके कमर के नीचे के पहनावे घुटने तक चढ़े हुए दिख रहे हैं - और सर पर दुपट्टे बंधे हैं .. ये जो नाविक जैसे दिख भी नहीं पड़ते हैं - उनको मेरी तरफ से एक आवश्यक सूचना .. ..

थोड़ा रुको - चप्पू चलाना बंद करो .. तुम्हारी नाव अभी भी नदी किनारे की रेत पर ही है .. ..

अतः इतने अत्यधिक दृष्टिगोचर हो रहे प्रयासों के पहले थोड़ा बहुत आवश्यक न्यूनतम कार्य अवश्य ही कर लें तो नाविक ना सही कम से कम नाव को पानी में धकेलने वाले नदी किनारे के हम्माल का कार्य तो बखूबी करते दिखोगे .. ..

बाकी तो कब नाविक मांझी मल्लाह आकर तुम्हें नाव में से उतार - रेत में नहला-धुला - रेत में ही डुबो देंगे - तुम्हें पता भी नहीं चलेगा .. तुम्हें तो पानी भी नसीब नहीं होगा .. ..

समझे मेरे चप्पूबाज नाव-वालों - देश के खेवनहारों !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

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