Thursday 30 March 2017

// 'केजरीवाल' नाम की गूँज वर्षों तक बनी रहेगी - वो भी बिना विज्ञापन ....//


अब केजरीवाल के द्वारा विज्ञापन करना भी इन सबको अखर गया और शायद डरा भी गया - और मीडिया में आए ताज़े आधे अधूरे सूत्र सूचित समाचार के अनुसार एमसीडी चुनावों के पूर्व का समय साधते हुए केंद्र नियंत्रित उपराज्यपाल द्वारा 'आप' पार्टी से ९७ करोड़ रूपए वसूलने के लिए कुछ आदेश जैसे किये हैं - या ऐसा कुछ किया जाने वाला है .. ..

पर इन्हीं के द्वारा खुल्ले रूप और बेशर्मी के साथ बेलगाम असीमित चुनावी चंदे लेने से लेकर बेतहाशा चुनावी खर्च करना - और उसके बाद भी जनप्रतिनिधियों की हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकारें तक गिराना या बनाना ये सब इस देश में धड़ल्ले से चल रहा है .. और अब तो हमने बहुत कुछ पूरे होशो-हवास में खुद देख समझ लिया है .. .. संसद में हाल ही में हुई चुनावी चंदा संगठित संवैधानिक घपले की कार्यवाही से भी अवगत हुए हैं .. .. 

भ्रष्टाचार भी पूर्ववत अपने चरम पर है - अन्य सरकारी खर्चों पर भी अनियंत्रित डाके डाले जा रहे हैं - अपव्यय की भी कोई सीमाएं नहीं दिखतीं .. और दादागिरी तो तौबा !! .. .. और पूरा देश टुकुर टुकुर सब कुछ देख समझ रहा है - स्तब्ध है - और चुप है .. क्योंकि शायद मकड़जाल इतना तगड़ा बुना गया है कि अंदर-अंदर सब कुछ समझने के बावजूद भी योग्य समाधान क्रियान्वित करने में अभी देश असमर्थ ही है .. ..

मेरा ऐसा मानना है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के माध्यम से जो भी विज्ञापन किया जिस पर ९७ करोड़ का खर्च किया वो अन्य की तुलना में नयूनतम या उचित हो ज़रूरी था - और श्रेयस्कर भी .. और इस हेतु अभी आगे कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी .. ..

पर एक इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात .. यदि 'आप' पार्टी पर कार्यवाही हुई है - तो भविष्य में जब यही बाहुबली धनबली अपदस्थ होंगे तो इनकी भी फाइल खुलेंगी और भविष्य के लिए भी ये निर्णय जनता के पक्ष में एक और नज़ीर बनेगा .. ..

और इसलिए ही मेरा ये हमेशा से मानना है कि केजरीवाल के हाथों जो जनहित के कार्य होने हैं उसकी अभी तो शुरुआत ही हुई है .. आगे-आगे देखिये ये निडर ना झुकने वाला क्रांतिकारी इन को कितने पापड़ बिलवाता है और कितने पाठ पढ़वाता है .. और मेरा दावा है कि भारतीय राजनीति में केजरीवाल के नाम की गूँज वर्षों तक बनी रहेगी .. वो भी बिना विज्ञापन .. !! जय हिन्द !!

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