Saturday 18 March 2017

// अरे भक्तों !! - २०१५ से ही तुमने ये क्या हाल बना रखा है .. कुछ लेते क्यों नहीं ?? ..//


विशेषकर पंजाब चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आजकल कुछ संस्कारी बेचारे लोग - जल गई - सुलग गई - बरनौल लगा - बवासीर - धुंआ निकला - हाजमोला खा - आदि - पुरातन गालियादि - नए-नए जुमलादि - का लोगों की पोस्ट्स पर भोंडे कमैंट्स करने में बारम्बार प्रयोग कर - सोशल मीडिया पर अपनी धाँसू घटिया उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं .. ..

आज डंके की चोट उनके अहंकार पर चोट के लिए बिना कटाक्ष थोड़ा सा हल्का फुल्का   व्यंग्य - इस आशा के साथ कि कोई बुरा नहीं मानेगा - क्योंकि मुझे विश्वास भी है कि यदि कोई बुरा मानेगा भी तो उससे ज्यादा क्या लिखेगा जिसका वर्णन शुरुआत में ही मैनें किया है .. और शायद उस स्थिति में वो मेरा ये पोस्ट बारम्बार पढता ही रहेगा .. ..

जिस मर्ज और दवा का विज्ञापन तुम कर रहे हो .. कुछ जंचता नहीं ..
तुम्हारा वो पुराना मर्ज़ जरा भी ठीक हुआ हो .. ऐसा लगता नहीं ..

२०१५ से ही तुमने ये क्या हाल बना रखा है .. कुछ लेते क्यों नहीं ..
बरनौल हाजमोला कब तक मुफ्त बांटते रहोगे .. खुद लेते क्यों नहीं ..

तब आग नहीं लगी थी तो सुलगी कैसे .. ये बताते क्यों नहीं ..
और तब लगी आग से सुलग भी गई थी .. तो बुझाते क्यों नहीं ..

अरे इतनी बकवास कब तक करोगे .. कुछ लजाते क्यों नहीं ..
अब तो सब साफ़ साफ़ दिख रहा है .. ढंग से छुपाते क्यों नहीं ..../

ब्रह्म प्रकाश दुआ (१८/०३/१७)

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