Tuesday 21 March 2017

/.. आज अभी-अभी सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर को धर्म और आस्था का मामला बताया है .. जबकि ये मामला कोर्ट में तो 'टाइटल सूट' के रूप में चल रहा था .. ..
और कोर्ट ने ये भी सुझाव दिया कि - इस मामले पर दोनों पक्षों को मिल बैठकर बात करनी चाहिए और आपसी सहमति से मामले को सुलझाना चाहिए .. ..
मेरी प्रतिक्रिया .. ..
सुप्रीम कोर्ट के स्वागत योग्य सुझाव का सबने स्वागत ही करना चाहिए - और तदनुसार सार्थक प्रयास भी होने ही चाहिए .. ..
पर साथ ही जो लोग आपसी सहमति के साथ मामले को सुलझाने की  विचारधारा के पक्षधर हों उन्हें यह भी मान लेना चाहिए कि बाबरी मस्जिद या ढांचे को ढहाना इस आपसी सहमति की मूल विचारधारा के विपरीत हो गलत ही था .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

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