Saturday 25 March 2017

/.. केवल 'पंच परमेश्वर' ?? .. 'पांच देवियाँ' क्यों नहीं ?? .. ..

शेक्सपियर के बाद अब बारी बेचारे मुंशी प्रेमचंद की .. .. अब दिल्ली में हजारों रोमियो - पांच के झुण्ड में - 'पंच परमेश्वर' के नए नाम से - प्रेमचंद की आत्मा को झकझोरने का काम करेंगे ....

लगता है फ़र्ज़ी डिग्रीधारी अनपढ़ों का साहित्यकारों से पैदाइशी पंगा है .. जो स्वाभाविक भी है .. क्या है ना कि इनका सारा अध्ययन अनुभव ज्ञान केवल १ गुणित ३ शब्द में समाहित संकलित हो चुका है - मोदी मोदी मोदी .. ..

वैसे मैं सोच रहा था कि केवल 'पंच परमेश्वर' ही क्यों ?? .. 'पांच देवियाँ' भी क्यों नहीं ?? .. ..

भई !! ऐसी की तैसी ही करनी है तो फिर एक ही बार में पूरे तंत्र यानि की पंचतंत्र की ही क्यों ना हो जाए ?? .. है ना थोबड़े पर पंच मारने जैसा आईडिया !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

1 comment:

  1. https://www.change.org/p/manohar-parrikar-convert-ins-viraat-into-a-museum?recruiter=60168245&utm_source=share_petition&utm_medium=copylink

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