Sunday 19 March 2017

// भांड या मंत्री - फर्क क्या पड़ा भाया ?? ....//


सुना है सिद्धू कह रहे हैं कि वो रात में कॉमेडी शो की रिकॉर्डिंग करेंगे .. ..
तो फिर दिन में क्या करेंगे ?? - विधानसभा जाएंगे ना - वहां भी तो कॉमेडी ही करेंगे ना !! .. और विधानसभा में भी तो रिकॉर्डिंग होती ही है ना .. तो फिर फर्क क्या पड़ा भाया ?? .. ..
और रात के भी पैसे मिलेंगे - और दिन के तो मिलेंगे ही .. तो फिर भांड या मंत्री - फर्क क्या पड़ा भाया ?? .. ..

वैसे एक और बात बता दूं - सिद्धू अन्य से तो लाख बेहतर हैं .. कम से कम हंसाते तो हैं .. पर अन्य अधिकांश मंत्री तो रुलाते ही हैं .. .. दिन हो या रात .. विधानसभा हो या बाहर - उनकी कौन सी ऐसी हरकत होती है जिस पर हंसा जाए - या हंस ही लिया जाए - या रोया ना जाए !! .. ..

इसलिए ये भी सोचियेगा कि मंत्री कोई भी हो .. इन्हें दिन रात कार्य करने ही क्यों दिया जाए .. इन्हें हंसाने भी क्यों दिया जाए और इन्हें रुलाने भी क्यों दिया जाए ?? .. बल्कि इन्हें अपने मंत्रिपद से संबंधित कार्य ही करने के लिए कानूनन मजबूर क्यों ना किया जाए ?? .. ..

और फिर प्रधानमंत्री सहित अन्य सभी मंत्रियों को व्यक्तिगत या किसी भी प्रकार के पार्टी कार्य करने से कानूनन रोका क्यों ना जाए ?? .. ..

और इतने ढेर सारे गर्राए हुजूम को एक योगी मुख्यमंत्री की ताजपोशी में गरीब जनता के पैसों पर गुलछर्रे उड़ाते हुए तशरीफ़ ले जाने या तशरीफ़ लाने पर भी बुरा-बुरा और बुरा से बुरा क्यों ना कहा जाए ?? .. कोई आपत्ति ?? .. ..

सोचियेगा - जरा सिद्धू को दरकिनार कर भी तो सोचियेगा .. जमाना मोदी का जो है जनाब !! .. .. 

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