Sunday 19 March 2017

//.. ये "सुशासन आएगा" से तो बेहतर जुमला रहता - "रामराज्य आएगा" .. है ना !! ....//


अब बोल रहे हैं यूपी में 'सुशासन आएगा' .. कहाँ से आएगा ?? .. कौन लाएगा ?? .. कैसे आ जाएगा ?? .. बताया नहीं .. ..

वैसे तो ये भी नहीं बताया कि केवल सुशासन आएगा या अच्छे दिन भी आएंगे ?? .. और क्या सुशासन आएगा तो विकास होगा कि नहीं ?? .. और यदि सुशासन आएगा तो क्या गरीब वंचित शोषित का कल्याण हो जाएगा कि नहीं .. कानून व्यवस्था सुधरेगी कि नहीं .. भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी कि नहीं ?? .. ..

मैं ये सब इसलिए पूछ रहा हूँ कि जब  - 'अच्छे दिन' - 'विकास' - 'गरीब वंचित शोषित का कल्याण' - 'कानून व्यवस्था में सुधार' - 'भ्रष्टाचार पर लगाम' - आदि लोकप्रिय जुमले मार्किट में पहले से चल रहे थे - और बढ़िया चल रहे थे - तो फिर इस 'सुशासन' वाले नए जुमले की क्या जरूरत आन पड़ी ?? .. ..

और यदि नया जुमला भी देना ही था तो फिर कोई नयावाला ही देना था ना .. जैसे कि - "नई नींव पर न्यू इण्डिया" .. .. ये घिसा-पिटा 'सुशासन' वाला तो बिहार के सुशासन बाबू नितीश से चिपके चिपके हाँफ़ रहा है .. इसे कौन से कूड़ेदान से उठा लाए ?? .. ..

मसलन देना ही था तो ये "सुशासन आएगा" से बेहतर जुमला तो ये रहता - "रामराज्य आएगा" .. है ना !!

बस अब मुझ से नसीहत लेकर ये मत बोल देना कि - 'रामराज्य भी आएगा' .. क्योंकि हमें तो सब अंदाज़ा है ही कि क्या आएगा और कैसा आएगा - और ये भी कि क्या जाएगा - क्योंकि अमन-चैन भी तो कोई चीज़ होती है कि नहीं ?? .. समझे !! .. .. 

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