Saturday 1 April 2017

/.. देश में एकाएक धार्मिक उन्माद के छा जाने से और कानून व्यवस्था का अपहरण कर लिए जाने से आहत - मेरे दिल दिमाग से रचित कुछ पंक्तियाँ - मेरे समस्त मदमस्त धार्मिक मित्रों को नमन के साथ समर्पित !! ..../


मैं नास्तिक हूँ ..
पर अधर्मी नहीं ..

तू आस्तिक ही सही .. 
पर होश में नहीं .. 

ये ईश्वर कहाँ है .. 
दिखा है कहीं ? .. 

मैं औकात में हूँ ..
मेरी औकात नहीं .. ..

०१/०४/१७ 
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
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