Wednesday 12 April 2017

// क्या बेहतर नहीं होता कि धर्म एक ही होता और उद्देश्य बहुत सारे ....//

/.. जब भी धर्म पर बात होती है - तो धर्म अनुयायी एक बात जरूर कहते हैं कि .. ईश्वर अल्लाह एक है .. और सब धर्म अच्छे हैं .. और सभी धर्मों का उद्देश्य एक ही है .. ..
और मुझे लगता है कि ये धार्मिक जो सेक्युलर नाम से ही चिढ़ते हैं - एकाएक सुविधाजनक तरीके से सेक्युलर हो जाते हैं .. ..
इसलिए उपरोक्त सेक्युलर धार्मिक लोगों से मेरा प्रतिप्रश्न .. ..
यदि ईश्वर अल्लाह एक ही हैं - यदि सभी धर्मों का उद्देश्य भी एक ही है - तो फिर इतने सारे धर्म क्यों ?? .. ..
तो क्या मान लूँ कि सभी धर्म इतने पंगु हैं कि कोई भी अकेला धर्म सभी उद्देश्यों की पूर्ती नहीं कर सकता ?? .. ..

क्या बेहतर नहीं होता कि बहुत से धर्म और एक उद्देश्य के बजाय धर्म एक ही होता और उद्देश्य बहुत सारे .. क्योंकि दुनिया में समस्याएं भी तो बहुत हैं .. है ना !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

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