Sunday 16 April 2017

// ये तो सैनिक के मूल स्वभाव आत्मसम्मान और कार्य-सिद्धांतों के विपरीत हुआ ....//


जम्मू-कश्मीर का एक वीडियो बहुत वायरल हुआ - या किया गया - जिसमें कश्मीर के पत्थरबाज युवक भारत के कुछ वर्दीधारी कर्तव्य पर तैनात सैनिकों को मार रहे हैं और जवान अप्रत्याशित अनअपेक्षित सहनशीलता का परिचय देते हुए हाथ में एके-४७ पकड़े भी कोई प्रतिकार नहीं कर रहे हैं .. ..

और मेरे मतानुसार दुनिया के किसी भी सैनिक के लिए ऐसा 'सहना' उपयुक्त नहीं है - क्योंकि ये तो किसी भी सैनिक के मूल स्वभाव आत्मसम्मान और कार्य सिद्धांतों के विपरीत है .. ..

इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से इस वीडियो को देख बहुत बुरा लगा है .. और शायद भक्तों को भी बुरा लगा ही होगा .. ..

देश के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं .. हमारे देश के नेता भी तो समस्त ताकत हासिल कर अपने रास्ते चल रहे हैं - और जनता लाख टोंचे मार रही है - पर सब बेअसर .. ..

बस अंतर ये है कि अब ऐसा करते रहना बेशर्मी का चोला ओढ़े कर्तव्यों से आँख चुराते स्वार्थी नेताओं के मूल स्वभाव और कार्य-सिद्धांतों के अनुरूप जैसा ही हो गया है .. .. और जनता के पास वोट देने के बाद नेताओं को टोंचे मारने या पत्थर मारने के अलावा कोई विकल्प भी तो नहीं हैं .. है ना !! .. ..

इसलिए व्यक्तिगत रूप से जब भी सत्तासीन ताकतवर स्वार्थी नेताओं पर जनता का ऐसा हमला होता है तो मुझे बहुत सुकून मिलता है .. पर शायद भक्तों को नहीं .. है ना !! .. ..

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