Saturday 6 May 2017

// अरे साहेब !! पेड़ लगाने की छोडो - किसी झंडे गाड़ने वाले को ही ले आओ !! ....//


मोदी ने कुछ दिनों पहले कुछ आला अफसरों को एक कहानी से पकाया था .. कहानी बहुत खींचतान कर लंबी सुनाई थी पर संक्षिप्त में उसका लुब्बेलुबाब था कि - एक आदमी गड्ढे खोदता और दूसरा उसे भर देता .. जब पता किया गया कि माजरा क्या है तो पता चला ३ आदमियों का सामूहिक प्रोजेक्ट कार्य था पेड़ लगाने का - एक का काम था गड्ढे खोदना जो खोद रहा था - दूसरे का काम था पेड़ लगाना जो छुट्टी पर था - तीसरे का काम था गड्ढे भरने का जो भर रहा था .. ..

हॉल में बैठे सब अफसर हंसे थे - आप भी चाहें तो हंस लें - और मेरी प्रतिक्रिया भी सुन लें .. ..

मोदी जी आप भी ३ साल से गड्ढे ही तो खोद रहे हो - या कभी खोदे गड्ढे भरवा भी देते हो .. बाक़ी तो आप पहले से खुदे गड्ढे पर रोते ही रहते हो .. और आप पेड़ लगाने की नीवें डालने की इमारतें बनाने की बातें तो ऊंची-ऊँची करते हो - पर गड्ढे खुदने के अलावा हुआ तो कुछ भी नहीं है .. ..

बाकी पेड़ लगाने के लिए आपका प्रिय सरकारी प्रोजेक्ट आपके प्रिय खोपडिया की देख-रेख में पूर्ण सरकारी व्यय के साथ चल तो रहा ही है - आपकी तो पूरी पार्टी और आपकी पूरी सरकार और आपके सारे मित्र बस दिन-रात इसी प्रोजेक्ट कार्य में तो लगे हैं  - और बिना पेड़ लगाए ही पेड़ पर लगने वाले फल-फूल सभी धड़ल्ले से प्राप्त कर ही रहे हैं .. ये बात तो सच ही है ना साहेब !! .. ..

और कहानी के अनुरूप कहानी में जो बकवास २ आदमी मिलकर कर रहे थे - वो आप भी तो दो जने ही मिलकर कर रहे हो - आप और शाह .. ..
तो बस अब आप तो ये बता दो वो तीसरा कौन है जो छुट्टी पर है और जिसके जिम्मे पेड़ लगाने का कार्य है .. कहीं वो केजरीवाल तो नहीं ?? .. हा !! हा !! हा !! .. ..

वैसे एक बात बता दूँ - ये केजरीवाल ही वो पहला व्यक्ति है जो तुम्हारे लिए गड्ढे खोद खुल्ले छोड़े जा रहा है .. और ये ही है जो जनता के लिए पेड़ भी लगाएगा और तुम्हारे गड्ढे भी भरेगा .. समझे साहेब !! .. ..

खैर ये तो बात हुई पेड़ लगाने के लिए गड्ढे खोदने की - पर वो १ के बदले १० सिर काट के लाने के लिए कौन से गड्ढों की लगातार खुदाई भराई चल रही है साहेब ?? .. और फिर सर्जिकल स्ट्राइक कर गुजरने वाले होनहार रक्षामंत्री की छुट्टी कर ये किस चुनाव हारे हुए आढ़तिये टाइप परचूनी फडतूस व्यक्ति को ये पेड़ लगाने से भी कहीं अति महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य सौंप बैठे हो साहेब जो स्वयं छुट्टी कर देने लायक है - और जिसकी १ खोपडिया में १० खोपड़ियों जितने भ्रष्टाचार करने के नायाब तरीके ठूंसे पड़े हैं ?? .. ..

अरे साहेब !! अफसरों को कहानी सुना जितना हंसाया पकाया - अब उतनी शर्म भी महसूस कर लो साहेब !! .. ये खोपडिया को हटाओ और कुछ ठोस कर के बताओ साहेब - पेड़ो की छोडो १० की छोडो - १ के बदले १ तो ले आओ साहेब !! .. किसी झंडे गाड़ने वाले को ही ले आओ साहेब !! .. जय हिन्द साहेब !! .. ..

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