Tuesday 9 May 2017

// छुपे रुस्तम और टुच्चे कहाँ नहीं होते .. बोलो भक्तो - नहीं क्या ?? ....//


जिस घटिया फूहड़ और शर्मनाक तरीके से केजरीवाल को घेरने फंसाने की नाकाम कोशिश हुई है उससे मुझे एक बात साफ़ हो गई है कि केजरीवाल को धाराशायी करना वाकई बहुत मुश्किल है .. टुच्चों की हसरतें तो बहुत हैं और ताकत भी गज़ब है - पर शायद ऊपर वाले की दया से अक्ल की बहुतायत में कमी भी है .. ..

और इसलिए मुझे लगता है कि कांग्रेस युक्त और कांग्रेस से भी गई बीती भाजपा का भविष्य भी कांग्रेस जैसा ही होगा और इसलिए देश का भविष्य अच्छा हो सकने की संभावनाएं बनी हुई हैं .. ..

हाँ एक बात की और क्षीण संभावना बन सकती है कि 'आप' पार्टी ख़त्म हो जाए - क्योंकि शायद इस पार्टी में भी बिकाऊ और नालायकों की संख्या कम नहीं है .. पर केजरीवाल इस मात्र कारण से अवरुद्ध हो जाएंगे ऐसा कत्तई नहीं होता दिख रहा है .. और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि 'आप' पार्टी केजरीवाल के भरोसे है - केजरीवाल आप पार्टी के भरोसे नहीं .. और संभावना केवल क्षीण इसलिए कि केजरीवाल अब तक नालायकों को अच्छे से निपटाते आए हैं .. ..

और इसके विपरीत भाजपा केवल मोदी नाम के भरोसे हो कर रह गई है और मोदी ऐसी-ऐसी संस्थाओं और लोगों के भरोसे हैं जिनका कोई भरोसा नहीं .. और तो और भाजपा स्पष्ट रूप से अपने दुश्मन खेमे के टुच्चों और अपने विरोधियों के मौकापरस्त असंतुष्टों पर अपने दांवपेंच खेलने पर मजबूर हो चली है .. और भाजपा में भी नालायकों की भरमार है और लायकों की नितांत कमी भी .. शर्तिया !! .. शर्तिया इसलिए भी क्योंकि भाजपा में भी तो आजकल अराजकता गुंडागर्दी आए दिन भाजपा को सशक्त कर रही है .. और भाजपा में भी तो कई "कपिल मिश्रा" के अलावा "जेटली" विद्यमान हैं - फिर कई आज़ाद शत्रु लाल स्वामी भी तो पंजे घिस-घिस तैयार बैठे हैं - और फिर छुपे रुस्तम और टुच्चे कहाँ नहीं होते .. बोलो भक्तो - नहीं क्या ?? .. ..

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