Monday 5 June 2017

// जीडीपी और भक्तों का स्तर गिरने के कारण - नोटबंदी के साथ-साथ अक्लबंदी !! ..//


क्या आपको मालुम है हमारे साहेब के मंत्रिमंडल में एक हारे हुए रक्षा विशेषज्ञ भी हैं .. ..
हारे हुए इसलिए कि एक चुनाव तक जीत ना सके - और रक्षा विशेषज्ञ इसलिए नहीं कि वो बिना विशेषता रक्षामंत्री हैं - पर इसलिए कि वो अपनी और अपनी सरकार की रक्षा कर ही लेते हैं .. ..

वैसे आपको बता दूँ कि ये मूलतः एक वकील हैं - और भूलतः साहेब के मंत्रिमंडल में वित्तमंत्री .. और नाम है अरुण जेटली - जिन्हें प्यार से लोग केटली भी कहते हैं .. शायद इसलिए कि इनका चाय या चायवाले से कोई संबंध हो या इन्हें 'के' से कोई विशेष दिक्कतें हों .. ..

और आजकल बेचारे सब दूर से गालियां खा रहे हैं .. कारण ये है कि पाकिस्तान ने नाक में दम कर रखा है - और इनके साथी धोतीपकड़ राजनाथ बयानों के टेके भी सही तरीके से नहीं लगा पा रहे हैं .. इसलिए पार्ट-टाइम रक्षामंत्री होने के गलत कारणों के रहते बेचारे जबरन गालियां खाने के लिए मजबूर और तैयार रहे हैं .. ..

पर समस्या अब तब और बढ़ गई हैं जब मुई जीडीपी धड़ाम से गिर गई है .. और ये गिरी है नोटबंदी के कारण .. और नोटबंदी का कारण रहे इकलौते मोदी जी .. और ये वित्तमंत्री हैं इसका कारण भी है इकलौते मोदी जी .. इसलिए ये वित्तमंत्री मान ही नहीं सकते कि जीडीपी नोटबंदी के कारण गिरी है .. पर ये वाला सच इतना सच है कि भक्तों को भी पता है कि जीडीपी नोटबंदी के कारण ही गिरी है .. ..

और इसी कारण मोदी पर टिके चुनाव हारे केटली जी ने मोदी जी की रक्षा में बयान देते हुए कह दिया है कि .. "चौथी तिमाही में जीडीपी में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव नहीं है - बल्कि वैश्विक हालात समेत कई अन्य कारण भी जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट के कारण हैं" .. ..

और अब समझदार हो रहे कुछ भक्त इसलिए परेशान हैं कि उन्हें ये बयान बयानवीरों का ओरिजिनल बयान ना लग कुछ सुना-सुना सा या चुराया हुआ सा लगता है .. शायद मनमोहन सिंह या चिदंबरम ४-५ साल पहले इसका ही तो उपयोग करते थे .. वो भी तब जब वाकई वैश्विक मंदी का दौर चल रहा था .. ..

पर अब भी कुछ बेवकूफ भक्त हैं जो तुरंत ही खोज करने में लग गए हैं कि वो कौन से वैश्विक हालात हुए जिसके कारण जीडीपी गिरी - और वो अन्य कौन से कई कारण हैं जिनकी वजह से जीडीपी गिरी और उन सभी अन्य कई कारणों का 'के' फॉर केजरीवाल से क्या संबंध रहा .. ..

और भक्तों से अलग मैं सोच रहा हूँ कि वो कौन से वैश्विक हालात समेत कई अन्य कारण हो सकते हैं जिनके कारण भक्तों का स्तर गिरता ही जा रहा है - और ये केतली गर्राता ही जा रहा है .. और जो एक मात्र कारण मुझे समझ पड़ता है वो है .. नोटबंदी के साथ-साथ अक्लबंदी !! .. कोई शक़ ?? .. नहीं ना !! .. ..

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