Monday 19 June 2017

// मोदी के कोविंद - सोनिया की मीरा .. हुकुम के नहले पर चिड़ी का दहला ?? ....//


मोदी ने शाह के मार्फ़त भाजपा के एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए रामनाथ कोविंद जी के नाम की घोषणा कर दी .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

बहुत बढ़िया !! .. मैं खुश हुआ .. क्योंकि कम से कम सुषमा स्वराज या सुमित्रा महाजन या आडवाणी या थावरचंद गेहलोत या रामदेव अब राष्ट्रपति नहीं बनेंगे .. और मैं खुश इसलिए हूँ क्योंकि सुषमा को मैं ललित काण्ड में लिप्त पाता हूँ - सुमित्रा महाजन को मैं स्पीकर के रूप में लोकसभा के निष्पक्ष संचालन नहीं करने का दोषी मानता हूँ - आडवाणी जी बाबरी मस्जिद विंध्वंस काण्ड के आरोपी हैं - थावरचंद गेहलोत मीसा बंदी प्रकरण में लिप्त हैं - और रामदेव यदि राष्ट्रपति बन गए तो फिर पूर्ण जनहित में चल रहे पतंजलि महा उद्योग को बिना मुनाफे कौन चलाएगा ?? .. ..

अब कुछ लोग बोल रहे हैं कि राष्ट्रपति का चुनाव सर्व सम्मति से होना चाहिए था .. तो इसके विरुद्ध भी मैं सोचता हूँ कि जब ना तो सर्व सम्मति है - और ना मोदी से किसी की सर्व सम्मति होना देशहित में है - इसलिए बिना सर्व सम्मति के ही चुनाव हो जाना संतोष का विषय है .. ..

और अंत में बात हो जाए विपक्ष के उम्मीदवार की .. और सुन रहे हैं कि इसके लिए सोनिया कांग्रेस यूपीए के उम्मीदवार के रूप में नहले पे दहला मारने जा रही हैं - और दलित के विरुद्ध दलित के अलावा महिला उम्मीदवार के नाम पर मीरा कुमार का नाम लिया जा रहा है .. पर मैं सोच रहा हूँ कि भले ही नहले पर दहला चला हो पर हुकुम के नहले पर चिड़ी का दहला कुछ जमता नहीं दिखता .. ..

और मैं सोच रहा था कि जब हारना तय ही था तो क्यूँ नहीं बेचारे अनुपम खेर का नाम ले उसकी ऐसी की तैसी कर दी जाती .. और ऐसा करना चतुर राजनीति कहलाती .. है ना !!

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