"१९६२ से सीख कर मजबूत हुए" : वित्त मामलों में फेल हमारे रक्षा मंत्री जेटली .. ..
ये जानकर बहुत अच्छा लगा .. क्योंकि मुझे तो भरोसा था कि ये केवल सिखाना जानते हैं - सीखना नहीं .. फिर भले ही वो 'सबक' ही क्यों ना हो .. ..
यानि ये बहुत खतरनाक टाइप दादा भैय्या लोग हैं - जो 'सबक' सिखाते हैं - पर 'सबक' सीखते नहीं .. ..!!
पर ठीक है - यदि ये मानते हैं कि १९६२ से कुछ 'सबक' सीखे हैं तो ख़ुशी की बात है .. ..
पर मैं सोच रहा था कि क्या ये २०१४-२०१७ से भी कुछ अच्छा सीखे होंगे .. लगता तो नहीं .. क्योंकि इस दौरान कुछ अच्छा हुआ भी तो नहीं - तो क्या खाक़ अच्छा सीखे होंगे .. ..
तो आज तो यही कहूंगा कि आज की छोडो .. १९६२ की सीख का ही सदुपयोग करो .. और मुद्दा ५६ इंची की नकली छाती से निपटाने की डींग मारने के बजाय - और अपनी डेढ़ अकल लगाए बगैर - बुद्धिमानों वाली दिमागी कसरत कर सलटाने की कोशिश करोगे तो बेहतर .. ..
और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि हम .. २०१४-१७ से सीख कर मजबूत नहीं हैरान-परेशान हुए हैं .. .. !! जय हिन्द !!
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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