सोशल मीडिया पर एक जुमला चल रहा है .. ..
पत्थर का भी प्रकार होता है ..
राहुल गांधी पर गिरे तो लोकतंत्र पर हमला,
जवानों पर गिरे तो अभिव्यक्ति की आजादी।
जय हिंद की सेना। .. ..
मेरी एक और प्रतिक्रिया .. ..
पत्थर राहुल गांधी पर गिरे तो वाह !! वाह !! ..
पत्थर जब जवानों पर गिरे थे तो बस - बुआ !! - फूँफ़ाँ !! - और आssह !! आssह !! ..
भक्तों पत्थर पर अपना माथा ठोक मारो रे !! .. धिक्कार है !! .. ..
वैसे बता दूँ .. पत्थर और कॉंग्रेस के जमाने लद गए .. अब तो आंध्रा के कॉंग्रेसी नेता जगनमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को सड़क पर सरेआम गोली मारने की बात कर रहे हैं .. ..
बधाई हो !! .. देश प्रगति कर रहा है .. अच्छे दिन तो आ चुके हैं !! .. नहीं क्या ?? ..
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
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