Saturday 30 September 2017

// रावण के साथ लेटेस्ट में रावण रुपी किस बुराई का पुतला फूंकोगे ?? .. ..//


दशहरा या विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना गया है .. और मैंनेे भी देखा है कि इसलिए इस दिन केवल रावण का ही दहन होता आया हो ऐसा भी नहीं है - बल्कि यदि बुराई का कोई सामयिक रूप भी समक्ष में आया हो तो उसका भी दहन किया जाता रहा है .. मसलन यदि लोगों को लगा की महंगाई डायन खाए जात है तो महंगाई के पुतले को भी जलाया गया है .. और कभी ड्रग्स के कभी शराब के - तो कभी आसाराम के पुतलों का भी दहन होते देखा गया है .. ..

और क्योंकि मैं लेटेस्ट में रूचि जरा ज्यादा रखता हूँ - इसलिए मुझे लगता है कि रावण को मारो ठोको जलाओ मेरी बला से - पर अब तो ये बताओ कि लेटेस्ट में किस रावण रुपी बुराई को मारा जाए ?? .. ..

क्यों भक्तों बताओ तो जरा कि यदि रावण के साथ एक और पुतला जलाना ही हो तो किसका जलाओगे .. यशवंत सिन्हा का - या शत्रुघन - सुस्सू स्वामी - कन्हैया - रविश कुमार - अभिसार शर्मा - विनोद दुआ - ध्रुव राठी - केजरीवाल - अन्ना - राहत इंदौरी - या विशाल विकराल खतरनाक पप्पू का ?? .. .. या गौमांस व्यापारियों का - लव जेहादियों का - जेएनयू का - या फिर ठेठ पाकिस्तान का ?? .. ..

या फिर लेटेस्ट में BHU की छात्राओं का - या हनीप्रीत का - या राज ठाकरे का ?? .. ..  

या फिर नोटबंदी - जीएसटी - जेटली का .. या फिर मोदी का ?? .. ..

सोचना .. कि उपरोक्त में से रावण के समकक्ष कौन सबसे ज्यादा बैठता है .. या फिर वो कौन है जिसके सामने रावण भी कहीं नहीं लगता .. मसलन वो कौन है जिसकी चौड़ी छाती है और जो एक बार में ही दस-दस जुमले छोड़ता है ?? .. ..

सोचना !! देशहित में सोचना !! .. आखिर मामला बुराई पर अच्छाई की विजय का है .. इसलिए बहुत संवेदनशील है .. ..

बस इसी संदेश के साथ आपको विजयदशमी की अनेक-अनेक शुभकामनाएं !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// मेंटलमैन (जेटली) के कहने का अर्थ - ईरानी प्रभु पर्रिकर उमा बेकार के मंत्री थे !! ..//


जेंटलमैन (यशवंत सिन्हा) बेकार वित्तमंत्री थे - इसलिए अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उन्हें वित्त मंत्री के पद से हटा दिया था : एक मेंटलमैन (अरुण जेटली) .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

भक्तों मैं कहता नहीं था कि ये ईरानी प्रभु पर्रिकर उमा निहायत बेकार के मंत्री थे - स्मृति ईरानी बेकार शिक्षामंत्री - प्रभु बेकार रेलमंत्री - पर्रिकर बेकार रक्षामंत्री - और उमा तो बस उईमाँ !! .. और तभी तो नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें मंत्रिपद से हटा दिया था .. पर तुम ने हमेशा भक्ती के वशीभूत इस सत्य को जानबूझकर कभी स्वीकार नहीं किया .. ..

पर अब जब तुम्हारे मेंटलमैन (अरुण जेटली) ने तुम्हारे दादापुरुष वाजपेयी जी और जेंटलमैन (यशवंत सिन्हा) का उदाहरण दे ही दिया है - तो अब तो तुमको उपरोक्त बात चाहे अनचाहे अनमने मन से माननी ही होगी .. और तुम तो क्या तुम्हारे पितृपुरुष और अंकलपुरुष भी झक मारकर मानेंगे .. मानना पड़ेगा !! .. समझे !! .. ..

पर फिर भी मेरा तुम्हारा विमर्श का झगड़ा यहीं समाप्त नहीं होता .. क्योंकि मुझे तुमसे यही शिकायत है कि जब मैं यही बात पहले से बोल रहा था तो तब क्यों नहीं माने - जब देखो अपनी डेढ़ अक्कल क्यों चलाते रहते हो ?? .. ..

खैर चलो बीती बिसार दो और आगे की सुध लो - और सुन लो !! .. .. ये ईरानी प्रभु पर्रिकर उमा निहायत बेकार तो थे ही .. और ये राजनाथ और गडकरी भी कम बेकार नहीं - पर ये वित्तमंत्री जेटली जो है ना उससे बेकार की चीज़ तो कोई हो ही नहीं सकती .. और उससे भी कोई ज्यादा बेकार है तो वो एक उच्चकोटि की बकवास है जिसको कई लोग अब देश का बदनसीब और पनौती भी बोलने लगे हैं और उसका नाम मोदी है और पद प्रधानमंत्री !! .. ..

और इसके आगे की एक बात और .. .. तुम्हारे एक वाहियात अंकलपुरुष भी हैं जो तुम्हारे दादापुरुष वाजपेयी जी से भी भारी हैं .. और वो ही तुम्हारे पितृपुरुष को प्रधानमंत्री के पद से हटाएंगे .. और उस शातिर अंकलपुरुष का नाम है - सुब्रमण्यम स्वामी - जो दूर दूर तक जेंटलमैन तो कहीं से नहीं है - और जिसने जेटली को १००% मेंटल तो कर ही दिया है .. समझे !! .. ..

और जब ऐसा होगा ना .. तब सबसे ज्यादा खुश कौन होगा पता है ?? .. वो होगा तुम्हारा मार्गदर्शक फूफापुरुष जो ८९-९० की उम्र में भी दिमाग से तुम्हारे पितृपुरुष पर बहुत भारी है - और जो कुछ बौराया सा अब भी अपने आप को प्रधानमंत्री के पद का दावेदार मानता है .. और शायद उसने ही अब 'शत्रु' को भी मिशन पर छोड़ दिया है .. .. खामोश !! .. या चिल्लाते रहो !! .. अब मर्ज़ी तुम्हारी .. .. हा !! हा !! हा !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 29 September 2017

// 'एलफिन्सटन' नाम बदल कर 'दीनदयाल उपाध्याय' रेलवे स्टेशन रखना था ना ..//


मुंबई के एलफिन्सटन रेलवे स्टेशन पर आज बड़ा हादसा हो गया .. रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर भगदड़ मचने से २७ लोगों की मौत हो गई - जबकि ३५ से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है .. और अभी तक हर जवाबदार और जिम्मेदार केवल 'भगदड़' होने को ही हादसे का कारण बता रहा है .. ..

पर क्या पूर्व में कोई उपाय करने से ये हादसा टल भी सकता था ?? .. और इस पर हर कोई चुप सा है !! - और जिम्मेदारों और जवाबदारों और भक्तों को सूझ ही नहीं पड़ रही है कि दूसरों पर दोषारोपण करते हुए वो क्या उपाय बताएं जिससे उपाय ना कर पाने की अकर्मण्यता से भी बचा जा सके - और इनका 'चालू एजेंडा' भी पूरा हो जाए .. ..

तो इनकी मदद मैं कर देता हूँ .. भक्तो उपाय तो बहुत सरल था - सीधा था - बस तुम पागल विकास के चक्कर में चूक गए .. ..

और वो उपाय था -  'एलफिन्सटन' रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर 'दीनदयाल उपाध्यास' रेलवे स्टेशन रख देना था - और उस मौकाएहादसे वाले फुटब्रिज का नाम 'हेडगेवार' ब्रिज रख देना था .. और ब्रिज के एक तरफ मोदी का और एक तरफ अमित शाह का बड़ा कटआउट लगा देना था .. कस्सम से किसी की क्या मजाल होती कि 'भगदड़' कर लेता !! .. ..

और यदि कोई भक्त ये सोच रहा है कि फुटब्रिज को चौड़ा करने से हादसा टल सकता था - तो उसे यही कहूंगा कि - बेवकूफ बावरे ये मोदी राज है - इसमें इतना छोटा सोचना देशद्रोह के बराबर ही है .. समझे !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// अर्थव्यवस्था !! .. जानिए 'पुल्लू के अट्ठों' और 'उल्लू के पट्ठों' के मतांतर ?? ..//


अब कई 'पुल्लू के अट्ठे' ये कह रहे हैं कि यशवंत सिन्हा सरकार और अर्थव्यवस्था के बारे में नकारात्मक इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि उन्हें सरकार में या पार्टी में या अन्य कोई लाभदार मलाईदार पद नहीं दिया गया था !! .. ..

और मैं इन्हें 'उल्लू का पट्ठा' ना बोलकर 'पुल्लू का अट्ठा' भी इसलिए ही बोल रहा हूँ कि शायद ये सही कह रहे हैं .. क्योंकि 'उल्लू के पट्ठे' तो वो ही हुए ना - जो सरकार और अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें सरकार में या पार्टी में या अन्य कोई लाभदार मलाईदार पद मिला हुआ है .. ..

पर फिर एक बात समझने की और रह जाती है .. और वो ये कि - ये जो भक्त हैं ना वो आखिर सरकार और अर्थव्यवस्था की तारीफ क्यों कर रहे हैं ?? .. क्या वो भी 'उल्लू के पट्ठे' हैं ?? .. ..

और मेरा सोचना ये है कि अव्वल तो भक्त भक्त ही हैं - और वो तो उल्लू के पट्ठे नहीं हो सकते - क्योंकि वो तो केवल मोदी के पट्ठे हैं .. है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 28 September 2017

// क्या अकेले जेटली ने मूर्खताएं करीं - या फिर पूरी टोली मूर्खों की है ?? .. //


आपको तो याद ही होगा कि केजरीवाल ने जेटली को "भ्रष्ट' कह दिया था .. और जेटली ने केजरीवाल पर मानहानि का केस कर मारा था .. शायद प्रतिकार के इस तरीके के अलावा उन्हें और कुछ सूझा ना होगा !! .. ..

पर अब तो कई संजीदा लोगों ने जेटली को "मूर्ख" तक कह दिया है और देश की डोलती डूबती अर्थव्यवस्था का दोषी बता दिया है .. पर जेटली अब तक खामोश हैं .. ..

तो क्या मान लूँ कि जेटली ने स्वीकार कर लिया कि वे मूर्ख हैं ?? .. ..

पर मुझे लगता तो नहीं कि जेटली स्वीकार कर लेंगे कि वो मूर्ख हैं क्योंकि उन्होंने तो ये भी नहीं स्वीकार किया था कि वे भ्रष्ट हैं .. ..

और सही कहूँ तो जेटली मुझे सपाट रूप से मूर्ख दिखते भी नहीं हैं - क्योंकि यदि वो मूर्ख होते तो ना सही यशवंत सिन्हा का - पर कम से कम सुब्रमण्यम स्वामी का प्रतिकार तो करते .. पर आपने देखा होगा कि जेटली ने कभी भी स्वामी के विरोध में एक शब्द नहीं बोला और स्वामी जेटली के मान को धूल-धूसरित करते रहे - वो भी केजरीवाल से ज्यादा .. और जेटली शानपत का परिचय देते हुए हमेशा चुप रहे .. जैसे कि कई बार कोई बेशर्म शर्म का घूँट पीकर चुप रह जाता है .. ..

पर ये बात भी तय है कि जेटली ने वित्तमंत्री रहते मूर्खताएं तो भरपल्ले कर मारी हैं .. और पूर्व में भी केजरीवाल के विरुद्ध केस भी कर ही दिया था .. .. तो फिर राज़ क्या है ?? .. ..

अरे जनाब राज़-वाज़ कुछ नहीं - मुझे तो बात बहुत सपाट सी लगती है कि .. दरअसल जेटली ने जो मूर्खताएं की हैं वो किसी मूर्ख और भ्रष्ट की दबेलदारी में ही की हैं .. .. क्योंकि क्या है ना कि जेटली के जो साहेब है ना - उन्होंने तो बताया ही था कि वो कईयों के कच्चे चिट्ठे अपने पास रखते हैं .. है ना !! .. ..

तो मित्रों अब आप स्वयं निर्णय कर लें कि - क्या अकेले जेटली ने मूर्खताएं करीं - या फिर पूरी टोली मूर्खों की है ?? .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 26 September 2017

// BHU के गुनहगार 'बाहरी असामाजिक तत्व' कहीं 'मोदी-योगी' ही तो नहीं ?? .. ..//


BHU कांड में BHU के ही उपकुलपती कहते रहे हैं कि - पूरा प्रदर्शन आदि सारी गड़बड़ी और झगड़े-टंटे 'बाहरी असामाजिक तत्वों' के कारण ही हुए  .. और उपकुलपति को ऐसा कहने के लिए छुट्टा छोड़ा भी गया था .. ..

और अब कमिश्नर की जांच रिपोर्ट आ गई है - जिसमें BHU के प्रशासन को ही जिम्मेदार करार दे दिया गया है .. ..

इसलिए मेरा सोचना भी स्वाभाविक है कि कहीं वो 'बाहरी असामाजिक तत्व' वही 'मोदी-योगी' ही तो नहीं ?? .. .. लगता है होंगे ही !! .. क्योंकि अभी तक कोई पकड़ा भी तो नहीं गया है .. है ना !! .. ..

ठीक वैसे ही जैसे JNU में भी राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वाले आज तक 'मोदी-योगी' द्वारा नहीं पकड़े गए .. क्योंकि वो भी तो शर्तिया JNU के ना होकर 'बाहरी' ही तो थे .. " बाहरी साज़िशकर्ता " .. या फिर अपने ABVP वाले - या फिर 'बुआजी के भतीजे' .. है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// भक्तू का हास्यास्पद हिसाब-किताब .. ..//


भक्तू ने आज व्हाट्सएप पर एक और कैप्शन डाला है .. ..

" पेट्रोल से ३ साल में १ लाख करोड़ कमाए .. ४६ हज़ार करोड़ ईरान का तेल बिल चुकाया - ५४ हज़ार करोड़ के राफेल फाइटर जेट ख़रीदे .. समझे .. चमचों " .. ..

और ये पढ़कर मुझे एहसास हो आया कि .. यदि आवारा रोमियो टाइप कपूत के द्वारा आदतन आवारागर्दी और गलत कामों और आदतों में रूपए उड़ा देने के बाद - जब उसके पिताजी भी उससे उसे दिए गए १००० रूपए का हिसाब मांगते होंगे - तो कुछ ऐसा ही तो लचर जवाब आता होगा .. मसलन - " ४६० रूपए का शनि मंदिर में तेल चढ़ा दिया - और सुरक्षा के लिए ५४० रूपए का एक चाकू खरीद लिया .. समझे मेरे बाप !! " .. ..

इसलिए आज फिर भक्तू की बचकाना सोच को पुचकार के साथ .. .. बेटा तुम्हारा हिसाब-किताब और तुम्हारे लच्छन ठीक नहीं !! .. ये अर्थ गणित है !! .. जब मोदी-जेटली खुद किए घपले का आंकलन खुद नहीं कर पाए तो तुम तो रहने ही देते तो बेहतर होता .. पर ठीक है - जब तुम्हें ये समझ पड़ ही गई कि पेट्रोल से कमाई तो लाखों करोड़ों की हो ही गई - और नंबर १ में हो गई - और तुम्हें मालुम होगी तो हमें भी मालुम हो गई .. तो तुम्हारा उचक उचक कर थोड़ी अक्कल का खर्चा करना भी ठीक ही है .. पर ये तो मालुम कर लिया होता कि राफेल कब तक आएँगे और उनका भुगतान कब होगा ?? .. और यदि पुराना चुकाया है तो पागलपंती के कामों में नया उधार कितना कर लिया ?? .. और फिर आगे और कितना अंतर्राष्ट्रीय धंधा भी कर लिया ?? .. ..

और छोडो सब बातें .. चलो एक बात तो मान ही लो कि मोदी के मौनमोहन सिंह को भले ही उधार क्यों न लेना पड़ा - पर उन्होनें प्रतिकूल परिस्थितियों में पेट्रोल के दामों पर जनहित में लगाम तो लगा कर रखी .. और एक ये हैं तुम्हारे चिल्लपौं - जो अनुकूल परिस्थितियों में भी पेट्रोल के दाम जानबूझकर अनियंत्रित बढ़ा रहे हैं - और जब तब देखो फेंक देते हैं और फिर पीछे देख पिछवाड़े से रोते रहते हैं - पर आगे की ना तो सोच पाते हैं - ना आगे देख पाते हैं - ना आगे बढ़ पा रहे हैं .. और खुद खुशनसीब बने देश के नसीब खराब करने में दिन रात पूरी शिद्दत से लगे पड़े हैं .. ..

लगे पड़े तो तुम भी हो .. तो लगे रहो भक्तू - लगे रहो !! .. टेके लगाते रहो .. और अक्कल खर्च करते रहो .. क्योंकि ये अक्ल ही एक ऐसी चीज़ है जो खर्च करने से बढ़ती है .. और जब बढ़ेगी तब ही तो समझ पड़ेगी .. समझे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 25 September 2017

// बेइज़्ज़त मोदी-योगी से जाकर कह दो - एक बूढा इज़्ज़त की मौत मरने को तैयार है ..//


BHU में छात्राएं कैंपस में हो रही निहायत वाहियात और घृणित और शर्मसार करने वाली घोर आपत्तिजनक स्थितियों के विरुद्ध शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रदर्शन कर रही थीं - और अपनी सुरक्षा की मांग कर रहीं थी .. और बहादुरी के साथ अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रही थीं .. ..

पर इन छात्राओं को यूनिवर्सिटी के टुच्चे लल्लू प्रशासन ने देशद्रोही करार दे दिया - और हमेशा की तरह आवारा लड़कों को देशभक्त मान लिया - और जनाब मोदी-योगी की कायर पुरुष पुलिस ने रात के समय यूनिवर्सिटी में घुस छात्राओं की पिटाई धुलाई और कुटाई करने का पाप कर मारा !! .. जिनको कड़ी से कड़ी सजा के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया है .. ..

और मेरा दावा है कि जिस भक्त की खुद की बहन बेटियां होंगी - उनमें से अधिकाँश को लाज आ ही गई होगी .. पर जिन छडे भक्तों की पारिवारिक मानसिक और संस्कारी स्थिति मोदी-योगी जैसी ही होगी तो उसे तो मोदी-योगी जैसे ही शर्म नहीं आएगी और वो तो केवल इतना ही सोच रहे होंगे कि साहेब और पार्टी पर आई इस विपत्ति से कैसे निपटा जाए .. ..

तो उन्हें मेरा संदेश है कि .. नपुंसकों !! - निर्दोष लड़कियों पर हाथ उठाते हो तुम्हें शर्म नहीं आती - आओ जरा मेरा ही मुकबला कर लो .. और वाराणसी के बेशर्म सांसद नरेंद्र दामोदर दास मोदी फेंकू और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भोगी योगी आदित्यनाथ नत्थू से जाकर कह देना .. एक बूढा भी है जो तुम्हें बहुत पहले से पहचान कर दिन रात यथायोग्य गालियां देता रहता है - उसे भी मार डालो .. क्योंकि मुझे इज़्ज़त की मौत मरना मंजूर है .. पर जीते जी तुम्हारे जैसे कायरों की मौत मरना मंजूर नहीं .. ..

और हाँ मेरा सभी मित्रों से एक अनुरोध भी है - कि कम से कम आज तो आप मुझे पूर्व में मेरे द्वारा मोदी जी के विरुद्ध जो कुछ भी यथायोग्य सही गलत-गलत सही लिखा गया - उसके लिए ना केवल क्षमा करेंगे अपितु मुझे बधाई देकर मेरी हौसला अफ़ज़ाई भी करेंगे .. ..

और उन सभी मोदी-योगी के रोमियो भक्तों को जो BHU की छात्राओं के विरोध में बने हुए हैं - उन्हें चुनौती !! - आओ मैदान खुल्ला है - लिखो क्या लिखते हो ?? क्या कमेंट करते हो ?? मुझे कितनी गालियां देते हो .. आओ टुच्चों आओ - आगे बढ़ो .. .. पर रवीश कुमार की एक बात याद रखना .. ये सरकार जनता विरोधी है - जी हाँ "जनता विरोधी" !! .. और जनता केवल मुसलमान नहीं है - जनता कभी किसान हो जाती है - कभी छात्र तो कभी शिक्षक - कभी कर्मचारी - कभी व्यापारी - और इसलिए कभी ना कभी तुम भी "जनता" बना दिए जाओगे  .. समझे - !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 24 September 2017

// मोदी जी खबरदार !! - आपके 'मन की बात' को 'देश की मन की बात' नहीं बताएं ..//


आज फिर ३६ वीं बार मोदी जी ने मनमानी करी और अपने "मन की बात" करी .. पर अपने डीएनए का परिचय देते हुए कह दिया कि - " यह देश की मन की बात है, मेरे मन की बात नहीं है " .. ..

अब मेरे दिल दिमाग की बात तो ये है कि .. ..

मोदी जी ने जो कही उनके ही मन की बात कही - शर्तिया !! - पर क्योंकि कही गई बात बकवास मानी जाने लगी तो मोदी जी ने इसे देश के मत्थे मढ़ दिया .. और मोदी जी का ये कृत्य शर्मनाक है - क्योंकि इस तरह देश को बदनाम या लज्जित करना उचित नहीं .. .. और मोदी जी को कोई हक़ नहीं बनता कि वो फेंकने की हदें पार कर अपने 'मन की बात' को 'देश की मन की बात' बताकर अनापशनाप फेंकते रहें - जबकि पूरा देश उनसे समय-समय पर कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों पर देश के सामने अपनी बात करने के लिए इंतज़ार ही करता रह गया .. ..

मसलन देश चाहता है कि मोदी बात करें देश की अर्थव्यवस्था की - बेरोज़गारी की - शिक्षा की - बढ़ते भ्रष्टाचार की - गरीबों की - दलितों की - बढ़ती महंगाई की - रोहिंग्या की - फैलाए जा रहे सांप्रदायिक वैमनस्य की - मेहबूबा सरकार की - संघ की बुराइयों की - जेएनयू की - आपके विरोध में उठ रही कन्हैया रवीश अभिसार ध्रुव राठी विनोद दुआ आदि जैसी सैंकड़ों आवाज़ों की - और यूनिवर्सिटी में छात्रों के अहितों की - और राजनैतिक हत्याओं की - भाजपाई एवं अन्यों द्वारा की जा रही गुंडागर्दी की - और लाला रामदेव की और राम रहीम की और हनीप्रीत की भी .. .. और आपके कुछ भक्तों की दयनीय पाश्विक मानसिक स्थिति की भी !! .. ..

इसलिए मोदी जी खबरदार !! .. लफ़्फ़ाज़ी बंद करें और या तो चुप रहकर कुछ काम करें - या कम से कम अपने 'मन की बात' अपने ही 'मन की बात' कह कर ही करें .. अब तो हमें भी कोई विशेष आपत्ति नहीं होगी - क्योंकि हम भी ३ साल से आपकी बकवास सुन-सुन कर आदि जो हो गए हैं .. है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// सरकार तो बेपटरी ही लगती है ..//


बस रफ़्तार बुलेट जैसी ..
ज़िन्दगी ठहरी सी लगती है ..

शर्म आती है देखकर ..
गाड़ी बेपटरी सी लगती है ..

मासूम को बस माँ का सहारा ..
माँ खुद बेसहारा !!

बातें बस गाय गंगा माँ की ..
सरकार तो बेपटरी ही लगती है .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 23 September 2017

// रोहिंग्या बस गए - कश्मीरी पंडित क्या भुट्टे सेंकते रहे ?? .. ..//


अपनी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में भी कई तर्कशास्त्री हैं - जिनमें से एक ने तर्क प्रस्तुत किया है .. ..

" धारा-३७० के बाद कोई बाहरी व्यक्ति कश्मीर में बस नहीं सकता - फिर वहां रोहिंग्या मुस्लिम गांव बनाकर कैसे बसे !! .. धारा सिर्फ अपने देशवासियों के लिए है क्या ?? " .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

धारा-३७० के बारे में बचपन से सुनते आए - कश्मीरी पंडितों के बारे में जवानी से - और अभी रोहिंग्या के बारे में बुढ़ापे में ही सुना है .. कस्सम से !! .. ..

और उपरोक्त वाजिब प्रश्न के जवाब में इसलिए एक और प्रश्न उठता है कि जब रोहिंग्या कश्मीर में बस गए तो ये कश्मीरी पंडित क्यों नहीं बस पाए ?? .. और क्या ये भुट्टे सेंकते रहे ?? .. और ये अनुपम खेर और अशोक पंडित कब तक बेचारे चिल्ला-चिल्ला कर दहाड़ते हुए याचना ही करते रहेंगे ?? .. और संघी भाजपाई प्रवक्ता उन्हें हमेशा उत्तेजित करते हुए कब तक पुचकारते ही रहेंगे ?? .. ..

तो क्या कश्मीरी पंडित रोहिंग्या से भी बेचारे हैं ?? .. या फिर नकारे हैं ?? .. या फिर हमारी सरकारें बहुत ज्यादा वोट-परस्त हैं या दोगली हैं या निकम्मी नकारा हैं .. या फिर मजबूर हैं ?? .. .. और इसलिए हमारे प्रधानसेवक और उनके भक्त भी अब तक ५६ -५६ -५६ की तो रटन करते रहे पर मुहँ से ३७० तो कभी निकला ही नहीं .. फेंकू कहीं के !! .. ..

पर फिर एक और प्रश्न उठता है कि क्या कश्मीर की सरकारें राष्ट्र विरोधी तो नहीं रहीं जो आज तक केंद्र सरकार को मजबूर रखे रहीं ?? .. और क्या ये बुआ मेहबूबा की सरकार भी कहीं राष्ट्र विरोधी तो नहीं ?? .. तो क्या भाजपा जो जेएनयू में देशप्रेम के डंके पीट रही थी असल में उसे कश्मीर में जाकर तलवारें नहीं भांजनी थीं ?? .. और जिन टुच्चे देशभक्तों ने कन्हैया कुमार को साज़िशन गिरफ्तार किया था क्या उन्हें मेहबूबा को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए था ?? - चाइये था ना - चाइये था ना !! .. ..

ओफ्फ़ ओह !! .. आप भी सोच रहे होंगे कि मैं कहाँ से कहाँ पहुँच गया .. पर बता दूँ कि ये मामला बहुत लम्बा रहा - जिसे मैंने बचपन से बुढ़ापे तक अनुभव किया है - और मैं अब जाकर सही ठिकाने पहुंचा हूँ !! .. और मैं आज फिर से संतुष्ट हुआ हूँ कि आज की तारीख में मेरा मोदी-संघ-भाजपा विरोध बिल्कुल जायज़ है - और देशहित में है .. और इसके लिए उपरोक्त प्रश्नकर्ता और पोस्टकर्ता को बहुत-बहुत साधुवाद !! .. !! जय हिन्द !! .. !! वंदे मातरम् !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// ये जो पुलिस वालों की तोंद के पीछे पड़े हैं ना - इन्हें जूते मार-मार कर दुबलाया जाए ..//


कुछ दिन पहले अखबार में गृहमंत्रालय दिल्ली के हवाले से एक खबर छपी थी कि अब तोंद वालों और भ्रष्ट पुलिसवालों को सरकार से मैडल नहीं मिलेगा .. ..

पर मैडल बांटने का काम हथियाए इन अहंकारियों की दयनीय और शोचनीय स्थितियों के मद्देनज़र मेरी रोष भरी पर बिना गाली संवेदनशील प्रतिक्रिया .. ..

ऐसी तर्कसंगत उचित इंसाफ़ी कार्यवाही केवल पुलिस वालों के साथ क्यों ?? .. अन्य के साथ क्यों नहीं ?? .. ..

मसलन .. तो फिर क्या अमित शाह अरुण जेटली या गडकरी को भी पुरुस्कृत किया जाना निषेध नहीं कर देना चाहिए ?? .. ..

और मुझे एक और बात पर आपत्ति है कि केंद्र सरकार अब भ्रष्ट पुलिस वालों को नौकरी से निकाल बाहर करने की इच्छाशक्ति या क़ाबलियत या हैसियत या इरादा नहीं रखती !! .. और शायद उसे भ्रष्टाचार से अब कोई परहेज़ ही नहीं है !! .. ..

भ्रष्टाचार से विरोध तो केवल तब तक था जब तक मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने थे - और देश को बरगलाने में मशगूल थे .. और शायद अब बात यहाँ तक पहुँच गई है कि यदि पुलिस वाला भ्रष्ट होगा तो उसे मैडल नहीं मिलेगा - पर यदि भाजपाई भ्रष्ट होगा तो ही उसे कोई पद भी मिलेगा !! .. .. और यहां तक कि अब तो मोदी का प्रयास है कि विधायक-सांसद न्यायालय से सज़ा पाने के बाद भी विधायक-सांसद बने रहें .. और ये शायद इसलिए भी कि भाजपा में अपराधियों की ही भरमार जो हो चली है .. और यदि एक काम से गया तो पूरी पार्टी के साथ-साथ मोदी के काम भी लग जाएंगे .. ..

और अब तो हमने मोदी सरकार की ये नीति भी देख ली कि यदि कोई बाबा भाजपा समर्थित हो तो उसका हर प्रकार का व्यापार - फिर चाहे वो नंबर २ का व्यापार हो - या योग संयोग का - या चूरन मंजन का - या नेतागिरी का - या धार्मिक धंधे का - या आर पार का देह व्यापार ही क्यों ना हो - सब फलने फूलने दिया जाए और उसे सरकारी सहायता और सहूलियतें भी दी जाएं .. और उसके साथ हमाम में गोते भी लगाए जाएं .. ..

पर यदि कोई आम व्यापारी भाजपा समर्थित ना हो तो उसको ईमानदारी से व्यापार भी ना करने दिया जाए .. और यदि कोई पत्रकार या लेखक या कलाकार भाजपा समर्थित ना हो तो उसे डराया जाए धमकाया जाए ट्रोल किया जाए या मौत के घाट उतार दिया जाए .. और उसके बाद मृतक को गालियां दी जाएं और गालियां देने वालों को मोदी ट्विटर के जरिये 'मैडल' बांटे .. और बेचारे पुलिस वाले टुकुर-टुकुर देखते रहें .. ..

यानि कुल मिला के स्थिति ऐसी है कि ये जो पुलिस की तोंद की बात कर रहे हैं ना - इनके तो दोनों गाल भी पुलिस वालों की तोंद जैसे हो गए हैं - और इनकी मोटी चमड़ी अब खारिशी भी हो गई है .. ..

और अब आवश्यकता आन पड़ी है कि इनको मैंटल मानकर इनकी जूते मार-मार कर इनके तन-मन की छंटाई की जाकर इनको दुबलाया जाए और सूत-सांवल में लाया जाए - वो भी बिना किसी मैडल के .. ..

बस मेरा सुझाव इत्तू सा !! ..
बाक़ी यदि आपकी भी कोई हसरतें हों तो आप अपनी भी पूरी करें .. !! धन्यवाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 22 September 2017

// अफ़ज़ल तो काफी निकले - कुछ पीडीपी में कुछ भाजपा में गए - बचे मार गिराए गए ..//


एक भक्तू ने व्हाट्सएप पर एक कैप्शन डाला है .. ..

" अच्छा एक बात पूछनी थी - वो घर घर से अफ़ज़ल निकलने वाली स्कीम का क्या हुआ - इंडियन आर्मी पूछ रही है " .. ..

भक्तू को जवाब नहीं मालुम क्योंकि वो शर्तिया अज्ञानी है .. इसलिए भक्तू को जवाब मैं दे देता हूँ .. ..

मुझे लगता है अफ़ज़ल काफी निकले .. और ज्यादातर मेहबूबा बुआ की पीडीपी में शामिल हो गए और काफी बचे भाजपा में - और अंतिम बचे आर्मी द्वारा मार गिराए गए !! .. ..

तो भक्तू !! अब कोई भी आर्मी वाला प्रश्न पूछे तो उल्लू जैसे इधर उधर मत ताकने लगना - बल्कि जवाब दे मारना .. समझे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// मोदी जी !! ..सज़ायाफ्ता अपराधियों के प्रति ऐसी वफादारी अच्छी बात नहीं !! ....//


नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा - कोर्ट में दोषी पाए गए विधायकों-सांसदों की सदस्यता तत्काल रद्द होना जरूरी नहीं .. ..जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साल २०१३ में लिली थॉमस बनाम केंद्र सरकार के मामले में फैसला दिया था कि सजा होते ही विधायक या सांसद की सदस्यता चली जाएगी .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

धोखेबाज़ लफ़्फ़ाज़ झूठा नकारा निकम्मा भ्रष्ट फेंकू पलटू निर्लज्ज बेशर्म दोगला टुच्चा आदि अपशब्द मैं कहना नहीं चाहता - क्योंकि कुछ भक्तू नाराज़ होते हैं - इसलिए यही कहूंगा कि मोदी जी सज़ायाफ्ता अपराधी विधायकों-सांसदों के प्रति ऐसी वफादारी ?? .. ये तो अच्छी बात नहीं है !! .. ..

ऐसा ही चला तो आप तो भविष्य में यही कहोगे कि किसी भी भाजपाई विधायक-सांसद को सजा होने पर उसे जेल ना भेजा जाए .. उसे गुफा में भेजा जाए !! .. वो भी उनकी 'हनीप्रीत' के साथ .. है ना !!

नहीं माननहीं मोदी जी - ये तो बिलकुल भी अच्छी बात नहीं है !! .. समझे ??

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 21 September 2017

// बाँध टूट गया - क्या सब्र का बाँध और बंधन टूटेगा ?? .. अब भक्त चुप क्यों ?? ..//


बिहार में बांध टूट गया !! .. नितीश दोगले के राज में टूट गया !! .. ..

अब बाँध की असल लागत कितनी कम थी ये तो अनुमान ही लगाया जा सकेगा - पर सरकारी तिजोरी से खर्च ३०० करोड़ से भी ज्यादा का कर मारा गया था .. और माननीय दोगले इसका उदघाटन करने ही वाले थे - कि झकोरा बाँध टूट गया - इज़्ज़त लूट गया - बेशर्मी उढ़ा गया .. ..

पर भक्त स्तब्ध हैं - मानो जैसे JNU जैसी हार हो गई हो !! .. .. क्यों ?? .. क्योंकि दोगला अब NDA में है - और उनका अपरिवर्तनीय DNA भी बदल गया है - और मोदी भक्तों का DNA तो मोदी जैसा है ही - अपरिवर्तनीय !! .. ..

वैसे भी मैं सोच रहा था कि अब जब बाँध टूट गया है .. और NDA के मंत्रिमंडल विस्तार में दोगले दुत्कारे जा चुके हैं - तो क्या किसी के सब्र का बाँध भी तो नहीं टूट जाएगा ?? .. और क्या NDA से बंधन भी तो नहीं टूट जाएगा ?? .. ..

और मेरा दिमाग कहता है कि - ना तो सब्र का बांध टूटेगा और ना ही ये बंधन टूटेगा .. क्योंकि मोदी और नितीश का DNA तो अब मिलता ही है .. ..

और कमलगट्टों और भक्तों को भले ही ना मालुम हो पर हर पढ़े-लिखे समझदार को मालुम है कि ..
(-) + (-) = (+) नहीं होता है - बल्कि हमेशा (-) ही होता है .. यानि ..
एक की (दोगलाई) + एक की (चालाकी) कभी भी सकारात्मक परिणाम तो दे ही नहीं सकती .. यानि इनका बंधन तो टूट ही नहीं सकता .. और इसलिए इस बार उचंगी बड़बोले भक्तों की चुप्पी भी टूट ही नहीं सकती .. शर्तिया !! .. है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 20 September 2017

// भक्तों टीप करो !! - मोदी की निंदा ही नहीं हो रही - अब तो मज़ाक भी बन रहा है ....//


भक्तों द्वारा आजकल व्हाट्सएप में एक मैसेज चलाया जा रहा है - जिसमें व्यथा व्यक्त की जा रही है कि - बेचारे मोदी जी जो इतना शानदार काम कर रहे हैं सब उनकी निंदा क्यों कर रहे हैं ??  .. ..

और कुतर्क की बानगी देखें कि लम्बे मैसेज की शुरुआत में ही लिखा है कि  .. " अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी हैं - तो 1947 विभाजन के नरसंहार का ज़िम्मेदार कौन ?? .. बस वैसे ही पूछ रहा हूँ ?? " .. ..

और यदि हंसना हो तो ये भी जानें कि इस मैसेज में ऐसे भी डायलॉग लिखे हैं कि .. " मोदी अकेला भ्रष्ट लोगों के खिलाफ लड़ रहा है " .. " हमारे देश में नमक और नमकहराम दोनों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं " .. आदि !! .. ..

और लम्बे मैसेज के अंत में याचना की गई है कि .. " आप आलोचक की हद को पार करके घृणित निंदक बनकर PM की आलोचना कैसे कर सकते हैं ?? " .. " कितने शर्म की बात है कि एक तरफ जिस व्यक्ति को सारा विश्व सम्मान दे रहा है 🏼वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग (जो उसी देश के हैं) उसी सम्मान को गलत साबित करने पर तुले हैं ".. " निवेदन है कि अपने देश के प्रधानमंत्री की गरिमा को मज़बूत बनायें " .. .. आदि अनादि !! .. ..

मेरी प्रसन्न प्रतिक्रिया .. ..

मुझे यकीन हुआ कि मोदी की निंदा तो बहुत ज्यादा ही हो रही है .. कम से कम भारत में तो हो ही रही है .. और इतनी ज्यादा हो रही है कि भक्त विचलित हुए जा रहे हैं .. ..

खैर भक्तों को एक और सुझाव देना चाहूंगा कि 'निंदा' की बात के साथ-साथ इस बात पर भी विमर्श करें कि - इसके कारण क्या हो सकते हैं कि मोदी का अब तो बहुतायत में 'मज़ाक' भी बनाया जा रहा है !! .. मैं ये बात पूरी संजीदगी और जवाबदारी से कह रहा हूँ .. समझे !! .. इसलिए भक्तों को कहूंगा - लगे रहो भक्तु भाई लगे रहो !! .. ..

और जनता को बधाई दूंगा कि - देर आयद दुरुस्त आयद .. बस ऐसे ही लगे रहो - और ना केवल निंदा या मज़ाक बल्कि अपने वाजिब गुस्से का इज़हार भी करते रहो .. और अपने हक़ की बात भी .. बुरे दिन तभी जाएंगे !! .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// भक्तों !! .. 0.10% ब्याज दर नगण्य है - पर 1.10 लाख करोड़ की लागत ?? ..//


बुलेट ट्रेन का उद्घाटन हुआ .. मोदी जी छाए रहे .. पर रेलमंत्री का तो अता-पता ही नहीं लगा ?? .. तब भी - और अब तक भी .. .. कारण ?? .. .. प्रभु ही जाने कहाँ क्यों विलुप्त हो गए !! 

या तो बुलेट ट्रेन का मामला - रेल मंत्रालय के अंतर्गत आता ही नहीं होगा - और शायद विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आता होगा .. और विदेशमंत्री किसी की मानवीय आधार पर मदद करने में व्यस्त होंगी ?? .. ..

या फिर हो सकता है कि मामला मत्स्य विभाग के अंतर्गत आता होगा - जो सांडों के संरक्षण में लिप्त हो व्यस्त होगा .. ..

या फिर हो सकता है कि हमारे डेरिंग डैशिंग डायनमिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सब कुछ अकेले ही करने की क्षमता इच्छा और इरादा रखते हों .. शायद खुद के स्वार्थ हित में या अंबानी अडानी के आदेशार्थ .. ..

या फिर रेलमंत्री ने सोचा होगा कि ये बेवकूफी का ठीकरा मैं मेरे सर ही क्यों फोड़ने दूँ या फूटने दूँ .. मुझे क्या किसी गधे ने प्रेरणा दी है जो मैं खुद भी कभी वायुयान छोड़ इस ट्रेन से सफर करूंगा ?? .. ..

या फिर इसका सही कारण भक्तों को मालुम होगा .. क्योंकि सरदार पटेल के मन की बात हो या संघ के मन की बात या दोस्तों के मन की बात - या अरबों खरबों के अंतर्राष्ट्रीय सौदे - सब कुछ मोदी ही तो करते समझते हैं .. और मोदी के मन की बात केवल भक्त .. है ना !! .. ..

मसलन बुलेट ट्रेन की परियोजना लागत किसने आंकी कितनी आंकी कितनी सही आंकी या कितनी अधिक आंकी - और कितनी नक्की की गई - या कितनी ज्यादा नक्की की गई - अब ये बात कोई मोदी थोड़े ही बताते रहेंगे - अब ये तो भक्तों को ही मालुम होगा ना - जिन्होंने ये दावा तो कर ही दिया है कि 0.10% नगण्य ब्याज दर नगण्य है !! .. है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 19 September 2017

// मुझे तो ये सरकार ही 'रोहिंग्या सरकार' लगती है .. ..//


आजकल रोहिंग्या मुसलमानों का मामला सुर्ख़ियों में है - और सुर्खियों में रहते हुए देश की अन्य कई समस्याओं पर चर्चा नहीं होने के कारण मोदी सरकार के लिए एक लाभदायक मुद्दा सिद्ध हो रहा है .. ठीक वैसे ही जैसे एक और हनीप्रीत का अति संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा !! .. ..

और ये मामला बड़ा ही पेचीदा लग रहा है - माना जा रहा है - बनाया जा रहा है .. जबकि ये मामला मेरी दृष्टि में सीधा सपाट है .. ..

मानवता की दृष्टि से रोहिंग्या मुसलमानों को देश में शरण दे दी जानी चाहिए .. ..
अंतर्राष्ट्रीय कानून की दृष्टि से इन्हें देश में शरण दी जाना आवश्यक होगा .. ..
देश के स्वार्थ हित में रोहिंग्या मुसलमानों को देश में शरण नहीं दी जानी चाहिए .. ..

और यदि रोहिंग्या मुसलमान आतंकवादी गतिविधियों में या देशद्रोही गतिविधियों में शामिल थे - जैसे कि सरकार ने आरोप लगाए हैं - तो रोहिंग्या मुसलमानों को या तो देश बाहर कर देना चाहिए या गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सज़ा भी देना चाहिए .. और सरकार ने देश से माफ़ी माँगना चाहिए कि अब तक ऐसी कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई थी - और सरकारी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा स्वयं ले लेनी चाहिए - जैसे चैराहे पर खड़े होकर अपने ही जूते से अपनी पिटाई कर लेनी चाहिए .. ..

पर दिक्कत क्या है - मैं बताता हूँ !! .. मोदी सरकार की नीयत ठीक नहीं है - नीयत में सांप्रदायिक सोच और स्वार्थ देश के हितों और मानव हितों से भी ज्यादा हावी है .. और ये सरकार ऐसे किसी भी विषय में न्यायोचित कदम उठाने में सक्षम नहीं है - क्योंकि इस पंगु सरकार के पास चलने के लिए पाँव भी नहीं है - तो कदम क्या खाक उठाएगी ?? .. ..

और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि ये सरकार आज तक काश्मीरी पंडितों के लिए या धारा ३७० हटाने के लिए या यूनिफाइड कोड लाने के लिए या राम मदिर बनाने के लिए या पूर्व में किये गए किसी अन्य वायदे के लिए ही कोई सार्थक उचित कदम उठाते भी तो नहीं दिखी !! .. और ना ही बांग्लादेशियों के विषयक या अन्य देशों से आए शरणार्थियों या घुसपैठियों के विषयक कोई नीति निर्माण कर उस पर अमल करते दिखी .. ..

इसलिए मुझे तो ये सरकार ही 'रोहिंग्या सरकार' लगती है - लचर बेचारी खानाबदोश बिना ठौर-ठिकाने बिना हैसियत बिना औकात !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// महंगाई बढ़ी है और भ्रष्टाचार हुआ है - और ये रेनकोटी स्नान खुल्ले में कर रहे हैं ..//


महंगाई तो यकीनन बढ़ी है - यकीनन इसलिए कि भक्त मानें या ना मानें - हमने तो स्वयं महसूस कर ली है और स्वयं झेल रहे हैं - इसलिए अब हमें तो किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत है नहीं .. ..

और इसलिए अभी भी जो कहता है कि महंगाई नहीं बढ़ी है मैं उसे रईस या मक्कार मानता हूँ .. और जो महंगाई से सबसे ज्यादा व्यथित है उसे बेचारा गरीब मानता हूँ .. और जो बढ़ी महंगाई को जायज़ ठहरा रहा है उसे पागल धूर्त मानता हूँ .. और जो बढ़ी महंगाई से अनभिज्ञ है उसे लापरवाह मध्यमवर्गीय मानता हूँ .. और जो महंगाई सहन कर चुप है और मोदी जाप कर रहा है उसे बेवकूफ भक्त मानता हूँ .. और जो महंगाई बढ़ाने के दोषी हैं उन्हें निर्लज्ज निर्दयी नकारा निकम्मा टुच्चा चोर डाकू लुटेरा भ्रष्टाचारी मानता हूँ .. और जो महंगाई बढ़ने का दोषी है उसे अपना प्रधानसेवक मानता हूँ .. और प्रधानसेवक के इशारे पर कारनामे करने वाले को जेटली मानता हूँ .. ..

पर आज विमर्श हेतु मेरे पास एक और ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा है - और वो है कि इस महंगाई के दौरान बहुत बड़े-बड़े घोटाले भी अंजाम दे दिए गए हैं - और शायद लापरवाह जनता इन्हें समझ ही नहीं पाई है .. मसलन यदि तूवर दाल को कुछ महीने के लिए २०० रूपए की अस्वाभाविक दरों पर बिकवा दिया गया तो ये पैसा कहाँ गया ?? .. और इसी प्रकार कभी प्याज तो कभी टमाटर या आलू या अन्य खाद्य सामग्री के भाव बढ़वा करोड़ों का घपला किया गया - और फिर पेट्रोल डीजल और गैस के भाव भी तो बढ़वा अरबों के वारे न्यारे निरंतर किये ही जा रहे हैं .. तो ये पैसा कहाँ गया ?? .. ..

और यकीनन ये पैसे किसी भ्रष्टाचारी की जेबों में ही जा रहे हैं - यकीनन इसलिए कि मुझे ये पैसे सरकारी तिजोरी के मार्फ़त किसी जनकार्य पर खर्च होते नहीं दिख रहे .. .. यहां तक कि स्वछता जैसे कार्यों में भी सरकारी खर्च कम और नगण्य और जनभागीदारी से योगदान अधिक दिख रहा है .. .. और सरकारी खर्च तो बस गोदी मीडिया के पोषण हेतु धड़ल्ले से चल रहे विज्ञापनों पर और बेशर्म सत्ताधीशों के ऐशो आराम पर ही होता दिख रहा है .. और दरबारी खर्च चुनावों में .. ..

इसलिए मेरी नज़र में सरकारी लूटपाट और सरकारी भ्रष्टाचार अपने चरम पर है .. अभूतपूर्व है .. और भयावह है .. और अकूत है !! .. .. 

इसलिए आज महंगाई के नाम पर मोदी को धिक्कारता हूँ !! .. और भ्रष्टाचार के नाम पर तो कहता हूँ कि भले ही तुम्हारा रेनकोट मनमोहनसिंह से उम्दा और महंगा होगा - पर तुम बाथरूम में नहीं अब खुल्ले में सार्वजनिक नल पर नहा रहे हो .. और सबको सब कुछ दिख रहा है .. समझ आ रहा है .. .. समझे !!

वो क्या है ना कि शऊर भी तो कोई चीज़ होती है - जो सामान्यतः हेकड़ीबाज़ों में कम पाया जाता है !! .. और बड़बोलों में तो बिलकुल नहीं !! .. .. सच्ची !! .. कस्सम भक्तों की !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 18 September 2017

// मोदी के पास होंगे कच्चे चिट्ठे - हमारे पास तो अब मोदी के पक्के चिट्ठे हैं .. ..//


अब तक देश की प्रगति में निरंक योगदान के साथ - कल सरदार सरोवर परियोजना के उदघाटन करने के बाद - मोदी ने ना केवल अपने सपनों के बारे में अपितु सरदार पटेल के सपनों के बारे में भी गजब लफ़्फ़ाज़ी करी - और राजनीतिक पत्ते भी चल ही दिए - और कहा .. "उनके पास उन सभी लोगों का कच्चा चिट्ठा है जिन्होंने इस परियोजना में बाधाएं उत्पन्न की आरोप लगाए और साजिश रची" .. ..

मेरी चीठी प्रतिक्रिया .. ..

होगा मोदी के पास कच्चा चिट्ठा उन कई तथाकथित मक्कारों का देशद्रोहियों का टुच्चों का - जिनमें से शायद कई तो बेघरबार कर दिए जाने के बाद सरकारी भ्रष्टाचार के शिकार अपने पुनर्वास ना होने पर आज भी मर खप रहे हैं .. पर फिर प्रश्न उठता है कि उस कच्चे चिट्ठे का आपने अब तक किया क्या - या आप कर क्या रहे हो - या आप क्या करने का इरादा रखते हो - या क्या करने की धमकी दे रहे हो ?? .. ..

इसलिए मेरा मानना है कि मोदी के पास तो होगा कच्चा चिट्ठा - पर मेरे सामने तो अब मोदी का पक्का चिटठा ही पड़ा हुआ है .. और ये चिट्ठा मुझे बता रहा है कि देश से पूर्व में गलती हुई - फिर देश पछताने लगा - अब देश बौखला रहा है - और भविष्य में मोदी को सत्ता से उखाड़ फेंका जाना तय है .. ..

और तो और अब तो मोदी का कच्छा चिट्ठा भी सर्वविदित है - क्योंकि देश में साम्प्रदायिकता का ज़हर फैलाया जा रहा है .. ..

इसलिए कहता हूँ कि .. अब चिट्ठे बहुत महत्वपूर्ण हो चले हैं - क्योंकि अब ये पढ़े भी जाने लगे हैं और जाने भी जाने लगे हैं .. क्योंकि अब तो ये गूगल गुरु के पास भी पड़े हैं जो एक प्रकार से सार्वजनिक हैं .. और इसलिए अब ये पक्के चिट्ठे हैं .. .. तो बोलो गूगल गुरु की जय !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 17 September 2017

// मुख्यमंत्री द्वारा म.प्र. के इंजीनियरों की ऐसी बेइज़्ज़ती ?? .. शर्म करो !! ....//


मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार तो बहुत है .. और प्रदेश में इंजीनियर भी बहुतायत में हैं - और इंजीनियरिंग से सम्बद्ध हर विभाग में तो फिर भ्रष्टाचार का बोलबाला है ही .. .. और इसलिए इंजीनियर हमेशा टुच्चे नेताओं से डरते रहे .. स्वाभाविक है - डरना भी चाहिए - क्योंकि चोरी और सीनाजोरी भी कहाँ उचित ठहराई जा सकती है .. .. पर ये बात जरा समझ से परे है कि इंजीनियरों से यकीनन कहीं अधिक भ्रष्टाचारी नेताओं की हिम्मत चोरी और सीनाजोरी पेटजोरी पुट्ठेजोरी और तो और दिमागजोरी करने की कैसे हो जाती है ?? .. ..

और इसका जवाब है कि इंजीनियरों में भी चमचागिरी की भयंकर बीमारी है .. यकीन ना हो तो दैनिक भास्कर के आज १७ सितम्बर के अंक में पृष्ठ १३ पर छपी इस एक खबर का मुआयना कर लें ..

" मैं आप लोगों से समय-बेसमय खूब काम लेता हूँ .. मेरी नाराज़गी से बचना है तो कभी-कभार परिवार को घुमाने भी ले जाया करो .. बच्चों के संस्कार पर ध्यान दो .. परिवार की प्रसन्नता से बढ़कर कुछ भी नहीं .. ..शिवराज सिंह चौहान - मुख्यमंत्री - अभियंता दिवस पर इंजीनियरों से बातचीत के दौरान " .. ..

उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में मैं अपनी बिरादरी के ही इंजीनियरों  को बताना चाहूंगा कि आपको एक नेता द्वारा गधा हम्माल बताया गया है - और अपने को गधों का मालिक .. और अब तक तो ये कौन क्या खाएगा क्या पियेगा और क्या पहनेगा और क्या बोलेगा बताते रहते थे - अब तो आपको यही नेता ये भी बता रहे हैं कि आप अपने परिवार के साथ कब क्या करें - बच्चों को कैसे संस्कार दें आदि !! .. .. और आपने ये सब बिना किसी प्रतिरोध प्रतिकार के इंजीनियर्स डे पर हजम कर लिया ?? .. ..

इसलिए आज मैं अपनी बिरादरी के सभी इंजीनियरों से आह्वाहन करूंगा कि स्मरण करें कि जब मोदी जी द्वारा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के प्रति अभद्र बातें कहीं गईं थीं तो प्रतिरोध हुआ था .. और इसलिए यदि आपको भी अपनी इज़्ज़त प्यारी हो तो प्रतिरोध करें .. और ईमानदार भी बनें .. और भविष्य में अपने किसी भी समारोह में इन नेताओं को बुलवा अपनी मिट्टी और ज़मीर को खराब नहीं करें .. .. ताकि हम सभी भविष्य में सर उठा के समाज और देश की प्रगति में दिए जा रहे अपने योगदान का उचित श्रेय भी ले सकें .. .. धन्यवाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// मैं भी एक बुलेट दाग दूँ जो १२ जगह रूकती रुकाती लक्ष्य में जाकर धंस जाए ?? ..//


अभी-अभी किसी मासूम भक्त ने मुझे सूचित किया है कि बुलेट ट्रेन कोई मुंबई से छूट कर सीधे अहमदाबाद थोड़े ही पहुँच जाएगी .. बल्कि बीच में १२ स्टेशनों पर रुकेगी जहां से कई और यात्री चढ़ेंगे और उतरेंगे - और बुलेट ट्रेन से लाभान्वित होंगे .. ..

और मैनें जवाब दे दिया है कि - मेरी भी इच्छा कर रही है कि एक बुलेट दाग दूँ जो १२ जगह रूकती रुकाती लक्ष्य के खोखले भेजे में जाकर धंस जाए !! .. ..

तो फिर हो जाय ना - ठाँय !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// चाइये तो आइये !! आज "फेंकू दिवस" का शुभारम्भ हो ही जाए .. ..//


आज मोदी जी उर्फ़ फेंकू का जन्म दिवस है .. और मुझे लगता है कि उनके मान सम्मान में हमें इसे "फेंकू दिवस" के रूप में मनाना चाइये .. और इस दिन लम्बी-लम्बी छोड़नी चाइये और झूठ बोलना चाइये .. चाइये ना !! ..

चाइये तो आइये !! आज शुभारम्भ मैं ही कर देता हूँ .. ..

मित्रोंssss !! .. मुझे पूरा विश्वास है कि २०२५ में - जब हम फेंकू जी की १०० वीं वर्षगाँठ मना रहे होंगे तब - तब बुलेट ट्रेन अपने देश में मुंबई और लाहौर के बीच उड़ रही होगी .. और वाराणसी वडोडरा के बीच वायुयान व्हाया दिल्ली सरपट सड़क पर दौड़ रहे होंगे .. ..

और इसलिए ही मैं कहता हूँ कि - मैं वो खुशनसीब हूँ जिसने २०१४ में बदनसीब मोदी को वोट दिया था .. .. धन्यवाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 16 September 2017

// पेट्रोल भराने वाले भूखे नहीं मर रहे ?? .. गाली खाने वाले बेशर्म दुबले हो रहे हैं ?? ..//


हमारे सबसे बड़े नगीने मोदी जी ने भी क्या नगीने छाँटे हैं इसका एक और उदाहरण .. छंटने के बाद नए-नए मंत्री बिठाए गए अल्फोंस ने लगता है अपने दिल दिमाग से पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का बचाव करते एक निहायत घटिया और उत्तेजक चिढ़ाने वाला आपत्तिजनक बयान दे दिया है कि -  जो पेट्रोल भराते हैं वे कोई भूखे थोड़े ही मर रहे हैं .. ..

नकारा बेशर्मों के विरुद्ध मेरी प्रतिक्रिया .. ..

असल बात तो ये है कि पेट्रोल भराने वाले ज्यादातर मध्यमवर्ग और निम्नवर्ग के ही होते हैं - वो दैनिक दिहाड़ी जैसे कार्य करने वाले गरीब मजदूर भी होते हैं - और वो इतना महंगा पेट्रोल भरवाकर भले ही भूखे मर नहीं रहे हों - पर फिर भी अधपेट भूखे रहने के लिए मजबूर तो हैं ही .. ..

पर अब पछताए आम लोग मोदी की केंद्र सरकार में बैठे जिन नकारों को गालियां दे रहे हैं - वे भी कोई गालियों से दुबले थोड़े ही हो रहे हैं !! .. बहुत मोटी चमड़ी के हैं भाई !! .. .. निर्लज्ज निकम्मे नकारा नंगे नगीने कहीं के !! .. ..

और इसलिए देश को सावधान करना चाहूंगा कि इस सरकार को मरणासन्न हुई जा रही जनता से कोई फर्क नहीं पड़ता - और जब तक ये मोदी और केंद्र सरकार लोगों को वस्तुतः मरते नहीं देख लेगी इन्हें चैन नहीं मिलेगा .. इसलिए इस मोदी सरकार का जाना हम सब के लिए अति आवश्यक हो चला है - ये तो अब हमारे लिए जीवन-मरण का पेट्रोल से ज्यादा ज्वलनशील प्रश्न जैसा हो गया है .. है ना !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 15 September 2017

// श्राद्ध पक्ष में शिलान्यास .. नाराज़ भक्त शांत - काऊं-काऊं भी नहीं कर रहे ..//


आबे मोदी ने श्राद्ध पक्ष में बुलेट ट्रेन का शिलान्यास कर मारा .. ..

लगता है हिंदुत्व का धतूरा जेब में लिए घूम रहे भक्त भी नाराज़ होने के लिए मजबूर से हो गए .. ..
और तो और शांत भी हो गए .. काऊं-काऊं-काऊं भी नहीं कर पा रहे .. बेचारे !! .. ..

पर ईमानदारी से बता दूँ कि कुछ भक्त अब चिढ़ कर खिसिया कर या पछता कर चाऊं-चाऊं जरूर करने लगे हैं .. ..

और चाऊं-चाऊं तो जापानी भी करेंगे - नार्थ कोरिया के फेंकू ने श्राद्ध पक्ष में पूरी श्रद्धा के साथ जापान के ऊपर से मिसाइल जो छोड़ दी है .. अब देखें छोड़ने में एक्सपर्ट अपने वाले क्या छोड़ते हैं .. हा !! हा !! हा !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// फ़कीर नहीं भिखारी हैं ये .. ..//


लगभग मुफ्त में मिली बुलेट ट्रेन : मोदी .. ..

ये तो मैनें इनके प्रधानमंत्री बनने के ५० दिन पहले ही कह दिया था कि इस चालाक गप्पू में फकीरी का तो कोई गुण है ही नहीं .. और ये अवगुणों की खान हैं .. ..

और मुझे आज पता चला कि इनमें भिखारी के भी कुछ अवगुण विद्यमान हैं .. ..

भक्त गौर फरमाएं .. ..

पहले गली मोहल्लों से आवाज़े आती थीं .. दे दे भगवान् के नाम पर दे दे .. तू बहुत दयालू है - भगवान् ने तुझे बहुत दिया है - बहुत भूखा हूँ - कुछ मिल जाएगा तो भूखे का पेट भर जाएगा .. तुझे भूखे की दुआएं लगेंगी - तुझे बहुत पुण्य मिलेगा .. दे दे भगवान् के नाम पर दे दे .. दे दे !! .. ..

और इसके पीछे की बात ये है कि यकीनन भिखारियों तक को एहसास था कि मुफ्त में तो इस दुनिया में कोई किसी को कुछ नहीं देता .. और इसलिए वो भी एडवांस में दुआएं देते चलते थे .. ..

लेकिन आजकल ये आवाज़ें नहीं आतीं .. शायद भिखारियों तक का आर्थिक स्टैण्डर्ड बहुत ऊंचा हो गया है - या फिर यूँ समझें कि इन अमीर भिखारियों का नैतिक स्टैण्डर्ड बहुत गिर गया है रे .. है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 14 September 2017

// आबे के वर्तमान परम मित्र को चेतावनी .. "दाल में नमक बराबर भी नहीं" !! .. ..//


यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने एक समारोह में भ्रष्टाचारियों को लेकर एक बयान दे डाला .. .. उन्होंने ठेकेदारों को सलाह देते हुए कहा कि दाल में नमक की तरह खाओ .. उन्होंने कहा कि बड़ा घोटाला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा .. और उन्होनें कार्यकर्ताओं को भगवा गमछा पहनाकर और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया .. ..

बस इसलिए ही मैं कहता आया हूँ कि .. ..

ये कमलगट्टे भरोसे के लायक नहीं .. और ये खाते भी हैं और इसलिए मजबूरन खाने भी देते हैं .. बस बात इतनी सी है कि खुद दाल डकार जाते हैं और दूसरो को दाल में नमक जितना खाने की गुहार लगाते हैं .. ..

और इसलिए मुझे तो इन के हर उस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की बूँ आती है - जिसमें ठेके वाले बड़े-बड़े काम होते हैं - और गरीब के सरोकार निरंक .. .. 

और आबे मोदी द्वारा आज उस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के शिलान्यास पर भी ख़ुशी नहीं हो रही जिसके लिए देश के अधिकांश लोग इसे देश के लिए उचित प्रोजेक्ट नहीं मान रहे हैं .. .. लेकिन लगता है कि मोदी ज़िद के साथ इस प्रोजेक्ट को किन्हीं अन्य निहित ठेकेदारों के निहित स्वार्थों के परिप्रेक्ष्य में प्राथमिकता देने के लिए लालायित हो लिए .. ..

और इसलिए आज मैं भी मोदी को एक चेतावनी देना चाहूंगा कि - "दाल में नमक बराबर भी नहीं" .. समझे - ओबामा के पूर्व दोस्त और आबे के वर्तमान परम मित्र !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 13 September 2017

// ये देश पप्पुओं को तो गले लगा लेगा - पर गुंडों को बर्दाश्त नहीं करेगा .. ..//


JNU के बाद DU में भी ABVP को झटका लगा .. मैं फिर खुश हुआ .. अट्टहास के साथ धाँसू बधाई !! .. ..
और बधाई धांसू इसलिए कि DU में भाजपा समर्थित ABVP को हराया भी तो किसने - कॉंग्रेस समर्थित NSUI ने .. ..

मैं कहता नहीं था कि - ये देश एक बार पप्पुओं को तो गले लगा लेगा - पर गुंडों को बर्दाश्त नहीं करेगा .. एक बार कम काबलियत वालों को तो बार-बार सत्ता भी दे देगा - पर नकारात्मक काबलियत वालों को जल्द ही दुत्कार भी देगा .. ..

मैं आशा करता हूँ कि देशहित में ABVP से जुड़े छात्र भी बगावत कर - कम से कम गुंडागर्दी का रास्ता छोड़ेंगे .. क्योंकि गुंडागर्दी से ना तो देश का बल्कि ना समाज का और ना ही खुद छात्रों का भला हो सकेगा .. .. और गुंडागर्दी करने से तो आपको अंततः आत्मग्लानि के सिवाय और कुछ भी वो प्राप्त नहीं होगा जिस पर आप गर्व कर सकेंगे !! .. ..

और हाँ भक्तों को याद दिलाना चाहूंगा कि उन्हें केजरीवाल ने बहुत पहले चेताया था कि "छात्रों से पंगा मत लेना" .. याद आया ना !! .. लेकिन शायद समझ नहीं आया .. ..

और इसलिए भक्तों से कहूंगा कि अब वे अपना मन कड़ा कर लें .. क्योंकि अब माहौल तेजी से बदल चुका है .. और देश में सारे कवि शायर बुद्धिजीवी साहित्यकार इतिहासकार चुनिंदा पत्रकार और आम जन भी - तथा विदेश में पप्पू भी - केवल मोदी का ही उपहास कर रहे हैं - और सोशल मीडिया पर प्रतिकार की बाढ़ आ चुकी है .. ..

इसलिए सावधान !! और हाँ अग्रिम चिलचिलाती बधाई भी स्वीकार्य करें !! .. हा !! हा !! हा !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Tuesday 12 September 2017

// "एक थी बाबा की हनीप्रीत और बाक़ी सब गधे" .. 'बेताल' की आगामी कहानी .. ..//


खट्टर मोदी सरकारें निकम्मी और नकारा हैं - और कुछ बदचलन सी भी - और किसी गुफा में घुस गई हैं या खो गई हैं या छुप गई हैं - और यकीनन गायब तो हैं ही .. पर फिर भी ये सब यही कह रहे हैं कि बाबा राम रहीम जी की हनीप्रीत जी गायब हो गई हैं .. ..

मुझे लगता है कि विश्व में ऐसा और कोई ग़ायबी का उद्धरण नहीं मिलेगा जब कोई मासूम मुजरिम एक साथी माननीय मुजरिम को बाइज़्ज़त जेल तक छोड़ कर आए और उसके बाद तुरंत गायब हो जाए - और विशेषकर गायब होने दिया जाए .. ..

ऐसा गजब गायब तो 'बेताल' भी किसी कहानी में नहीं हुआ होगा .. और ऐसी गायबी की मिसाल तो केवल गधों के सर पर चमकती है जहां से सींग गायब हैं .. .. और इस प्रकरण में मुझे तमाम गधे दिख रहे हैं जिनके नंगे गंजे सर से सींग यकीनन गायब हैं .. और खूंटे दिख रहे हैं .. ..

और इसलिए मुझे लगता है कि अब किसी दिन 'भाजपा की हनीप्रीत' भी ऐसे ही गायब हो जाएगी - अपने 'भाजपाई राम रहीम' को मुहाने तक छोड़ने के बाद .. .. और सभी भाजपाई खट्टर खटारे चिल्ला रहे होंगे कि गायब हो गए कहीं मिल नहीं रहे !! .. और तब भक्त कह रहे होंगे .. ये तो ऐसे गायब हुए जैसे भक्तों के सर से सींग !! .. ..

और ये कहानी किस्सा भी ग़ायबी की मिसाल 'बेताल' की कहानियों में दर्ज हो जाएगा .. और इस शिक्षाप्रद कहानी का शीर्षक होगा - "एक थी बाबा की हनीप्रीत और बाकी सब गधे !! .. .. आमीन !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Monday 11 September 2017

// अब कल से जो खुले में शौच करेगा वो 'जन-गण-मन' गाने का हक़ खो देगा ?? ..//


जो देश को साफ नहीं रख सकता उसे 'वंदे मातरम्' बोलने का हक नहीं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मेरी हक़दार प्रतिक्रिया .. ..

ये प्रधानसेवक निहायत फालतू और अक्खड़ आदमी साबित हुआ है - और इससे सवा तीन साल में कुछ भी नहीं करते बना है - सिवाय फेंकमफाँक और लफ़्फ़ाज़ी के .. ये नकारा चालाक है - और अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए ये या इनके छर्रे आय दिन नई-नई सुर्रियाँ छोड़ते रहते हैं ताकि बुनियादी सवालों पर कोई बात ही ना हो सके .. और बिना औकात और बिना किसी हक़ के लोगों को गरियाते धमकाते चमकाते डराते अपमानित करते रहते हैं .. और ये सब केवल अपने स्वार्थ के लिए .. ..

'वंदे मातरम्' बोलने का अधिकार हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है - इसलिए मैं आज मोदी जी को साफ़ कर देना चाहता हूँ कि - आप कौन होते हो 'वंदे मातरम्' बोलने के हक़ बताने वाले - क्या आपने 'वंदे मातरम्' को अपनी बपौती समझ लिया है - या क्या आप 'वंदे मातरम्' के स्वयंभू ठेकेदार हो ?? .. ..

और मैं पूछता हूँ कि यदि कोई गंदा व्यक्ति साफ़ सफाई नहीं रखता हो और 'वंदे मातरम्' भी नहीं बोलता हो - वो व्यक्ति बेहतर होगा - या वो व्यक्ति जो साफ़ सफाई भले ही ना रखे पर गर्व से 'वंदे मातरम्' बोले ?? .. ..

और मुझे ये भी बताओ कि जो व्यक्ति सफाई नहीं रखता हो उसे सफाई करने के लिए समझाओगे प्रेरित करोगे मजबूर करोगे या दंडित करोगे - या फिर उसे 'वंदे मातरम्' बोलने के हक़ से वंचित करोगे ?? .. बौरा गए हो क्या ?? .. ..

तो क्या अब कल से जो खुले में शौच करेगा फिर उसका क्या करोगे ?? .. उसे 'जन-गण-मन' गाने के हक़ से तो वंचित नहीं कर दोगे ना ?? .. या फिर किसी भक्त द्वारा आपकी बुराई करने पर उस बेचारे से "मोदी-मोदी-मोदी !!" बोलने का हक़ भी तो नहीं छीन लोगे ना ?? .. ..

अरे यार मोदी जी !! .. ज़रा ठहरो और सोचो - कि क्या यही आपकी देश सेवा है - कि जब चाहे ऊटपटांग ही कहते रहो और करते रहो ?? .. कभी तो अपने दायित्वों के निर्वहन संबंधी कुछ ठीक ठाक बात करो - कभी तो गरीब को फायदा पहुँच जाए ऐसी बात कहो और करो .. कभी तो अपना एक वायदा पूरा करने की बात करो !! .. ..

और मोदी जी यदि कुछ करते नहीं बन रहा हो तो फिर एक बार - सिर्फ एक बार - इस्तीफ़ा ही दे कर देखो .. देखना पूरे देश का हर साफ़ और गंदा आदमी कितना सुकून महसूस करेगा - और मालुम है क्या कहेगा ?? .. 'भारत माता की जय' - 'जय हिन्द' - 'हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद' - 'वंदे मातरम्' !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// सबसे बड़े "बाबा" तो मोदी हैं - और उनका फ़र्ज़ी "अखाड़ा" भाजपा .. ..//


"अखाड़ा" .. जी हाँ !! एक बहुत पुरातन शब्द है जिसके कई मायने होते आए हैं .. ..

बेशक़ इसका एक मूल मतलब रहा है - कुश्ती या कसरत करने का स्थान .. ..
पर अखाड़े का एक और मतलब भी बहुत सालों से प्रचलन में है - और वो है - बाबाओं साधुओं या धार्मिक उचंगियों का वह दल जो शस्त्र विद्या में भी पारंगत रहता है .. ..

और अब तो यदि २५-५० हथियार युक्त अपने बदन और हथियारों को लयबद्ध लहराते कहीं भी इकठ्ठा हो थिरकन कर लें - या थिरकन करवा दें - उसे भी अखाड़ा ही कहने लगे हैं .. .. और इसी तरह अखाड़ा यूं तो कुश्ती से जुड़ा हुआ शब्द है - मगर जहां भी दांव-पेंच की गुंजाइश होती हो - और अस्त्र विद्या का पाठ भी पढ़ाया जाता हो - या जहां वे सब शारीरिक क्रियाएं होती हों जिन्हें क्रीड़ा या मोक्ष या माफी की संज्ञा दी जाती हो - वहां भी अखाड़ा शब्द का ही प्रयोग होता है .. जैसे नेताओं के चुनावी अखाड़े - कबड्डी के अखाड़े - या बाबाओं के बलात्कारी अखाड़े .. ..

और तो और किसी भी जमावड़े के स्थान को भी आजकल अखाड़ा ही कहा जाता है .. जैसे संसद को भी अखाड़ा ही तो कहा जाने लगा है .. और कहना ही क्या - संसद तो लगती भी अखाड़ा ही है .. और है भी .. कोई शक ?? .. नहीं ना !!

तो जिस देश की अखाड़ा संस्कृति इतनी समृद्ध हो - और विरासती भी - तो वहां कोई अखाड़ा परिषद् ना हो ऐसा संभव ही नहीं है .. और मैं गलत कभी कहता नहीं इसलिए क्योंकि अपने यहाँ भी एक दांव-पेंच और अस्त्रशस्त्र चलन में सिद्द हस्त अनेक बाबाओं युक्त एक अखाड़ा परिषद् है - जिसने हाले-फिलाले एक दांव खेल दिया है एक अस्त्र चला दिया है - और १४ बाबाओं को फर्जी बता दिया है .. जिसमें रिद्धि सिद्धि प्रसिद्धि पा चुकीं / चुके - रद्दी राधे माँ - खट्टरी राम रहीम - चिन्दी आसाराम - पिद्दी रामपाल और फुद्दी ओमबाबा जैसे बाबा लपेटे में ले लिए गए हैं .. बाबा रे बाबा !! .. एक साथ १४ टुच्चे - है ना !! ..

पर मैं सोच रहा था कि मैनें जो अखाड़े के मायने का ऊपर विश्लेषण किया है - उस अनुसार तो ये सब बाबा और ये अखाड़ा परिषद् तो बहुत बौनी सी है .. और उपरोक्त विधाओं में पारंगत तो देश के सबसे बड़े बाबा यदि कोई हैं तो वो हैं अपने मोदी बाबा !! - और उनके फ़र्ज़ी अखाड़े का नाम है - भाजपा !! .. ..

इसलिए मैं सोच रहा था कि जब तक बाबा मोदी के फ़र्ज़ी अखाड़े भाजपा को पटकनी दे पछाड़ा नहीं जाता तब तक तो आप पूरे देश को ही अखाड़े में तब्दील होने से रोक नहीं पाएंगे .. ..

और हाँ मेरे उपरोक्त कथन के समर्थन में अंतिम एक बात और .. मुझे लगता है कि शायद "अखाड़ा" शब्द की उत्पत्ती भी "अक्खड़" शब्द से ही हुई हो .. या "अक्खड़" शब्द की "अखाड़ा" शब्द से .. और मुझे नहीं लगता कि इस देश में बाबा मोदी से ज्यादा अक्खड़ कोई और अखाडी भी हो .. .. और इसलिए भी मोदी बाबा को पटकनी देना श्रेयस्कर होगा .. .. !! जय हिन्द !!

सीधे दिल दिमाग के अखाड़े से .. .. भक्तों को चुनौती के साथ .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 10 September 2017

// JNU छात्रसंघ चुनाव में ABVP की हार के मायने .. हा !! हा !! हा !! .. ..//


JNU में यूनाइटेड लेफ्ट फ्रंट ने स्वीप कर दिया .. हार्दिक बधाई !!

पर JNU में ABVP चारों खाने चित्त हुई इसके लिए तो मैं पूरे देश को बधाई देता हूँ .. ..
और वो इसलिए कि ABVP की हार ने यह सिद्ध कर दिया की JNU में पिछले कुछ समय से लेकर ABVP और भाजपा ने जितने भी षड्यंत्र रचकर उन्हें राष्ट्रीय मुद्दा बनाया उन्हें JNU के समझदार विद्यार्थियों ने जान लिया पहचान लिया .. और बिना डरे झुके भाजपा और मोदी सरकार को तमाचे सहित करार जवाब दे मारा .. ..

और इस जीत ने यह भी सिद्ध कर दिया कि ना तो कन्हैया कुमार से छात्रों और देश का मोह भंग हुआ और ना ही मोदी की फेंकमफाँक को JNU ने पसंद किया .. और इसका एक और प्रमाण है कन्हैया कुमार का पूरे देश में घूम-घूम कर सत्य को डंके की चोट पर मोदी जी को ललकारते हुए बोलना और भाषण पे भाषण देना और लोगों का उन्हें पूरे विश्वास के साथ सुनना समझना और सराहना .. ..

और हाँ अनुपम खेर और जी डी बख्शी को भी बधाई !! जिनके भरपूर सहयोग से आज कन्हैया कुमार का सत्य पक्ष जीत गया और मोदी का झूठा पक्ष हार गया .. और बधाई संबित पात्रा और भाजपा के अनेक अन्य प्रवक्ताओं को भी जिन्होंने टीवी पर अनगिनत बार देश विरोधी नारों का जाप कर देश को सत्य जान लेने में सहयोग दिया .. और उस न्यायालय को भी जिसने मोदी सरकार के भरसक षड्यंत्रकारी प्रयासों के बावजूद कन्हैया कुमार को न्याय दिया .. ..

कुल मिलाकर आज गर्व से फिर कहता हूँ कि मोदी और उनकी सांप्रदायिक सोच ये देश स्वीकार नहीं करेगा .. .. हा !! हा !! हा !! ..

और अब जी डी बख्शी साहब से निवेदन कि अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर कृपया बताएं कि सेना का टैंक लगाने की वास्तविक आवश्यकता कहाँ-कहाँ है .. .. और वो ये भी विश्लेषण कर बताएं कि क्या उन्हें समझ पड़ी कि ये 'देशद्रोह' क्या होता है ?? - और 'टुच्चई' का क्या मतलब होता है ?? .. .. हा !! हा !! हा !! ..

और क्या भक्त भी ये बताएंगे कि JNU में ABVP की हार से उन्हें कैसा लगा और JNU के 'अच्छे दिन' लौटे या नहीं ?? .. .. हा !! हा !! हा !! .. .. .. हा !! हा !! हा !! ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Saturday 9 September 2017

// "पैट्रिक" छुपाया ?? - तो क्या "भाजपा की ग्रेस पिंटू" चिल्लाया ?? ..//


वो "कुतिया" वाले को और "रंडी" कहने वालों को चाहने वाले कुछ उत्साही निर्लज्ज गधे भक्त अब तक अपना कर्तव्य समझ सोशल मीडिया पर एक मैसेज को आगे बढ़ा रहे थे कि - मीडिया ने "गौरी लंकेश" का पूरा नाम क्यों छुपाया जो "गौरी लंकेश पैट्रिक" था .. ..

आज उन्हें एक सूचना .. मीडिया ने अब तक ये बात भी छुपा रखी है कि दिल्ली के रेयान स्कूल की मैनेजिंग डायरेक्टर ग्रेस पिंटू भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सेक्रेटरी हैं .. ..

तो चलो भक्तों - अब फिर से दहाड़ लगाओ तो इस मीडिया के खिलाफ और ढेंचू-ढेंचू करो तो बे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// एक धाँसू 'डेरा परियोजना' .. जूते मारो उड़ा दो दफना दो ऊपर शौचालय बना दो ..//


अब कोर्ट के आदेश से हरकत में आए मजबूर बता रहे हैं कि राम रहीम के सच्चे सौदा डेरे के अंदर से विस्फोटक भी मिले हैं .. और हथियार भी मिले थे .. और रोकड़ भी .. और कुछ कीमती आभूषण तथा कीमती सामान भी .. और ढेर सारे जूते भी .. ..

तो मुझे अब तक समझ नहीं आ रहा कि मुस्कुराती खिसियाती सोती खट्टर सरकार और पहले की भी सरकारों के सभी काबीने कमीनों को और प्रशासन के सभी सोते हुए नकारे निकम्मे भ्रष्ट अधिकारियों और बाबुओं को पहले दे-दनादन डेरे से प्राप्त जूते मार इसी मुफ्त के हथियारों और विस्फोटकों से उड़ा क्यों ना दिया जाए ?? .. और डेरे की ही पवित्र जमीन में ही लंबी लाइनों में दफ़न क्यों ना कर दिया जाए ?? .. .. और फिर डेरे से ही प्राप्त रोकड़ से उसके ऊपर भारत सरकार द्वारा अपनी औकात अनुसार शौचालयों का निर्माण क्यों ना करवा दिया जाए ?? .. ..

हींग लगे ना फटकारी - रंग भी चोखा आए .. .. है ना धाँसू डेरा परियोजना ?? .. ..

पर मैं समझ गया कि आप ये सोच रहे होंगे कि उस कीमती आभूषणों और सामान का क्या जो डेरे से बरामद हुआ ?? .. तो बता दूँ कि वो सब ठिकाने लग चुका है - जैसे देश विदेश में पड़ा कालाधन ठिकाने लगाया जा चुका है .. .. इसलिए लालच बुरी बला .. इन नामुराद झकोरों को तो अभी उड़ा दफना ऊपर शैचालय बनवा ही संतोष कर लीजिये .. .. और बोर्ड लगवा दीजिये .. "डेरा परियोजना - बाबा के खट्टर शौचालय" .. ..

पुनश्च: .. हत्या हिंसा के विरोधी - जिन्हें गौरी लंकेश की हत्या से दुःख पहुंचा हो - वे कृपया इस लेख को एक व्यंग्य के रूप में भी पढ़ सकते हैं .. पर जिन्हें वे "कुतिया" वाले अच्छे लगे हों वे इसे संजीदा लेख के रूप में ही पढ़ें - बहुत मज़ा आएगा !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// हत्यारा बस कंडक्टर निकला - भक्त तो हिंसक मानसिकता के कंडक्टर हुए जा रहे हैं ..//


गुरुगांव के रेयान स्कूल के एक ७ साल के निर्दोष मासूम बालक प्रद्युम्न की हत्या हो गई .. एक और दर्दनाक घटना - मेरे दिल दिमाग को रुला देने वाली घटना - हमारे समाज को शर्मसार करने वाली घटना - और एक हिंसक मानसिकता से ग्रसित घटना .. ..

और हत्या का दोषी एक बस कंडक्टर बताया जा रहा है .. ..

और मैं सोच रहा हूँ कि क्या भक्त ये महसूस कर रहे होंगे कि उस वहशी बस कंडक्टर में इस हिंसक मानसिकता को जन्म देने और पोषित करने में देश में हो रही अन्य हिंसक और अराजक घटनाओं का भी स्वाभाविक योगदान रहा होगा ?? .. वो भी जब - जबकि भक्त JNU में टैंक लगाने से देशभक्ति संचारित होने की पैरवी तो करते ही रहे हैं .. ..

और यदि भक्त ऐसा नहीं सोच रहे हैं तो शायद वे अहिंसक रहते ना रहते हुए भी हिंसा को बढ़ावा ही दे रहे हैं .. और भक्तों में और उस कंडक्टर में भी कोई ज्यादा अंतर नहीं रह जाता है - क्योंकि वो तो बस बस-कंडक्टर है पर भक्त तो हिंसक मानसिकता के कंडक्टर हुए जा रहे हैं .. .. है ना !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// धर्म के नाम पर विचारधारा ?? - और विचारधारा के नाम पर तौबा !! .. ..//


धर्म के नाम पर विचारधारा - और विचारधारा के नाम पर तमाम उठा-पटक जोड़-तोड़ झगडे-टंटे लूट-पाट लूट-खसोट सत्ता के ओहदे धोखाधड़ी दादागिरी और यहां तक कि अब तो हत्याएं भी .. तौबा !! .. ..

और इसलिए यकीनन स्थितियां चिंताजनक होने की सीमाएं कब की लांघ चुकी हैं - और अब पीड़ाजनक हो चुकी हैं .. ..

और ऐसी भयावह स्थितियों में मेरा सोचना है कि - जिन्हें इस देश को हिन्दू राष्ट्र - या हिन्दुओं के वर्चस्व वाला राष्ट्र - या मुसलमान रहित राष्ट्र - या दोयम दर्जे के मुसलामानों का एक पिछड़ता राष्ट्र बनाना हो तो वे मोदी भाजपा आरएसएस को समर्थन दे सकते हैं - क्योंकि ये उनका आखरी विफल प्रयास होगा .. ..

पर मैं तो यकीनन एक हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई का मिलाजुला भाईचारे की मिसाल वाला विकसित राष्ट्र ही चाहता हूँ .. और इसलिए मोदी का विरोध कर उनका हर कुत्सित प्रयास विफल करना चाहता हूँ .. और डंके की चोट पर कर ही रहा हूँ .. .. 

लाइन खिंच गई है !! .. ..
और मुझे लगता है अब हर भारतीय को लाइन के अपनी तरफ के पाले में आने की उद्घोषणा करनी होगी .. .. क्योंकि अब ये रगड़ा बहुत दिनों तक लटकाया जाना भी देशहित में उचित नहीं होगा .. और वो इसलिए कि यदि भारत आतंरिक उलझनों में और उलझा या उलझाया गया तो देश के भीतर की स्वार्थी विद्रोही ताकतें और अंतर्राष्ट्रीय निर्मोही ताकतें इतने बड़े देश और उभरती शक्ति के टुकड़े-टुकड़े कर देंगी .. ..

और याद रहे - जिस राष्ट्र निर्माण में ६० साल लगे - उसके विनाश के लिए ६० माह कोई कम नहीं पड़ेंगे .. .. क्योंकि नियमानुसार विनाश में समय तो बहुत कम ही लगता है .. ..

यानि फिर ना तो हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई का मिलाजुला राष्ट्र ही बचेगा - और ना ही कोई हिन्दू राष्ट्र ही बन सकेगा .. ..

और तब मूर्ख और बेचारे बनकर लुटे-लुटे से टुकुर-टुकुर देखते रहिएगा .. यदि ज़िंदा बचे तो .. .. और बस चिल्लाते ही रह जाइएगा .. !! भारत माता की जय !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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