Monday 11 September 2017

// सबसे बड़े "बाबा" तो मोदी हैं - और उनका फ़र्ज़ी "अखाड़ा" भाजपा .. ..//


"अखाड़ा" .. जी हाँ !! एक बहुत पुरातन शब्द है जिसके कई मायने होते आए हैं .. ..

बेशक़ इसका एक मूल मतलब रहा है - कुश्ती या कसरत करने का स्थान .. ..
पर अखाड़े का एक और मतलब भी बहुत सालों से प्रचलन में है - और वो है - बाबाओं साधुओं या धार्मिक उचंगियों का वह दल जो शस्त्र विद्या में भी पारंगत रहता है .. ..

और अब तो यदि २५-५० हथियार युक्त अपने बदन और हथियारों को लयबद्ध लहराते कहीं भी इकठ्ठा हो थिरकन कर लें - या थिरकन करवा दें - उसे भी अखाड़ा ही कहने लगे हैं .. .. और इसी तरह अखाड़ा यूं तो कुश्ती से जुड़ा हुआ शब्द है - मगर जहां भी दांव-पेंच की गुंजाइश होती हो - और अस्त्र विद्या का पाठ भी पढ़ाया जाता हो - या जहां वे सब शारीरिक क्रियाएं होती हों जिन्हें क्रीड़ा या मोक्ष या माफी की संज्ञा दी जाती हो - वहां भी अखाड़ा शब्द का ही प्रयोग होता है .. जैसे नेताओं के चुनावी अखाड़े - कबड्डी के अखाड़े - या बाबाओं के बलात्कारी अखाड़े .. ..

और तो और किसी भी जमावड़े के स्थान को भी आजकल अखाड़ा ही कहा जाता है .. जैसे संसद को भी अखाड़ा ही तो कहा जाने लगा है .. और कहना ही क्या - संसद तो लगती भी अखाड़ा ही है .. और है भी .. कोई शक ?? .. नहीं ना !!

तो जिस देश की अखाड़ा संस्कृति इतनी समृद्ध हो - और विरासती भी - तो वहां कोई अखाड़ा परिषद् ना हो ऐसा संभव ही नहीं है .. और मैं गलत कभी कहता नहीं इसलिए क्योंकि अपने यहाँ भी एक दांव-पेंच और अस्त्रशस्त्र चलन में सिद्द हस्त अनेक बाबाओं युक्त एक अखाड़ा परिषद् है - जिसने हाले-फिलाले एक दांव खेल दिया है एक अस्त्र चला दिया है - और १४ बाबाओं को फर्जी बता दिया है .. जिसमें रिद्धि सिद्धि प्रसिद्धि पा चुकीं / चुके - रद्दी राधे माँ - खट्टरी राम रहीम - चिन्दी आसाराम - पिद्दी रामपाल और फुद्दी ओमबाबा जैसे बाबा लपेटे में ले लिए गए हैं .. बाबा रे बाबा !! .. एक साथ १४ टुच्चे - है ना !! ..

पर मैं सोच रहा था कि मैनें जो अखाड़े के मायने का ऊपर विश्लेषण किया है - उस अनुसार तो ये सब बाबा और ये अखाड़ा परिषद् तो बहुत बौनी सी है .. और उपरोक्त विधाओं में पारंगत तो देश के सबसे बड़े बाबा यदि कोई हैं तो वो हैं अपने मोदी बाबा !! - और उनके फ़र्ज़ी अखाड़े का नाम है - भाजपा !! .. ..

इसलिए मैं सोच रहा था कि जब तक बाबा मोदी के फ़र्ज़ी अखाड़े भाजपा को पटकनी दे पछाड़ा नहीं जाता तब तक तो आप पूरे देश को ही अखाड़े में तब्दील होने से रोक नहीं पाएंगे .. ..

और हाँ मेरे उपरोक्त कथन के समर्थन में अंतिम एक बात और .. मुझे लगता है कि शायद "अखाड़ा" शब्द की उत्पत्ती भी "अक्खड़" शब्द से ही हुई हो .. या "अक्खड़" शब्द की "अखाड़ा" शब्द से .. और मुझे नहीं लगता कि इस देश में बाबा मोदी से ज्यादा अक्खड़ कोई और अखाडी भी हो .. .. और इसलिए भी मोदी बाबा को पटकनी देना श्रेयस्कर होगा .. .. !! जय हिन्द !!

सीधे दिल दिमाग के अखाड़े से .. .. भक्तों को चुनौती के साथ .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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