Saturday 9 September 2017

// धर्म के नाम पर विचारधारा ?? - और विचारधारा के नाम पर तौबा !! .. ..//


धर्म के नाम पर विचारधारा - और विचारधारा के नाम पर तमाम उठा-पटक जोड़-तोड़ झगडे-टंटे लूट-पाट लूट-खसोट सत्ता के ओहदे धोखाधड़ी दादागिरी और यहां तक कि अब तो हत्याएं भी .. तौबा !! .. ..

और इसलिए यकीनन स्थितियां चिंताजनक होने की सीमाएं कब की लांघ चुकी हैं - और अब पीड़ाजनक हो चुकी हैं .. ..

और ऐसी भयावह स्थितियों में मेरा सोचना है कि - जिन्हें इस देश को हिन्दू राष्ट्र - या हिन्दुओं के वर्चस्व वाला राष्ट्र - या मुसलमान रहित राष्ट्र - या दोयम दर्जे के मुसलामानों का एक पिछड़ता राष्ट्र बनाना हो तो वे मोदी भाजपा आरएसएस को समर्थन दे सकते हैं - क्योंकि ये उनका आखरी विफल प्रयास होगा .. ..

पर मैं तो यकीनन एक हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई का मिलाजुला भाईचारे की मिसाल वाला विकसित राष्ट्र ही चाहता हूँ .. और इसलिए मोदी का विरोध कर उनका हर कुत्सित प्रयास विफल करना चाहता हूँ .. और डंके की चोट पर कर ही रहा हूँ .. .. 

लाइन खिंच गई है !! .. ..
और मुझे लगता है अब हर भारतीय को लाइन के अपनी तरफ के पाले में आने की उद्घोषणा करनी होगी .. .. क्योंकि अब ये रगड़ा बहुत दिनों तक लटकाया जाना भी देशहित में उचित नहीं होगा .. और वो इसलिए कि यदि भारत आतंरिक उलझनों में और उलझा या उलझाया गया तो देश के भीतर की स्वार्थी विद्रोही ताकतें और अंतर्राष्ट्रीय निर्मोही ताकतें इतने बड़े देश और उभरती शक्ति के टुकड़े-टुकड़े कर देंगी .. ..

और याद रहे - जिस राष्ट्र निर्माण में ६० साल लगे - उसके विनाश के लिए ६० माह कोई कम नहीं पड़ेंगे .. .. क्योंकि नियमानुसार विनाश में समय तो बहुत कम ही लगता है .. ..

यानि फिर ना तो हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई का मिलाजुला राष्ट्र ही बचेगा - और ना ही कोई हिन्दू राष्ट्र ही बन सकेगा .. ..

और तब मूर्ख और बेचारे बनकर लुटे-लुटे से टुकुर-टुकुर देखते रहिएगा .. यदि ज़िंदा बचे तो .. .. और बस चिल्लाते ही रह जाइएगा .. !! भारत माता की जय !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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