Saturday 21 October 2017

// सभी सांसदों विधायकों जजों और अफ़सरों को ऐसा विशेष संरक्षण ?? .. तौबा !! ..//


राजस्थान सरकार सीआरपीसी में संशोधन का एक ऐसा बिल लाने जा रही है जिसके कारण सभी सांसदों विधायकों जजों और अफ़सरों के ख़िलाफ़ सरकार की मंज़ूरी के बिना कोई केस दर्ज नहीं कराया जा सकेगा .. यही नहीं - जब तक सरकारी मंजूरी आने के बाद एफआईआर दर्ज नहीं होती - प्रेस में इसकी रिपोर्ट भी नहीं की जा सकेगी - और ऐसे किसी मामले में किसी का नाम लेने पर दो साल की सज़ा भी हो सकेगी .. ..

ऐसे सरकारी दुस्साहस के विरुद्ध इस बुढ़ापे में अपनी औकात अनुसार मेरी प्रतिक्रिया और चेतावनी और आह्वाहन .. ..

ये जो फाँकू और धोखेबाज़ व्यक्ति प्रधानमंत्री के पद पर बैठा है ना - इसने तो पद ग्रहण के पूर्व ये कहा था कि १ वर्ष के अंदर ही सभी दागी सांसदों और विधायकों के विरुद्ध विद्यमान् सभी आरोपों पर न्यायालयीन प्रकरण कायम कर उनका निर्णय कराया जाएगा - और दोषियों को सज़ा करवा दी जाएगी .. .. 

और तो और ये सारे भाजपाई और संघी इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी की भी रुदाली के साथ भर्त्सना करते रहे हैं - और जब तब मीसाबंदी होने संबंधित कहानी किस्सों का और अपनी व्यथाओं का और अपने पुरुषार्थ का विज्ञापन भी करते ही रहे हैं .. .. और यही नहीं - ये सारे 'बेचारे' मीसाबंदी आपके और हमारे पैसों से अब तक मुआवज़े के रूप में सरकारी रोकड़ और अन्य सरकारी सहायता भी प्राप्त करते रहे हैं .. ..

और इस सबके बावजूद अब इनकी नाक नथुनों तले सभी सांसदों विधायकों जजों और अफ़सरों को ऐसा विशेष संरक्षण ?? .. ये तो घोर आपत्तिजनक हुआ - ये तो साज़िशाना हुआ .. क्योंकि इसमें तो गुनहगारों द्वारा बेपरवाह हो गुनाह करते रहने के इरादे से पहले से ही रेनकोट और कवच आदि धारण कर लेने की जुगाड़ स्पष्ट दिखती है .. और मुझे अब ये सभी सत्ताधीश पूर्ण नग्न और बेशर्म दिख रहे हैं .. और विपक्ष भी हमाम में सम्मिलित - या नतमस्तक - या नदारद - या निरीह पप्पू जान पड़ता है .. ..

इसलिए मेरे मतानुसार अब तो ये अति हो रही है - और ऐसे सरकारी दुस्साहस के विरुद्ध यदि जनता एक दम से उठ खड़ी नहीं होती है तो फिर जनता के विरुद्ध आप निकट भविष्य में वो दमन चक्र देखेंगे जिसकी शायद आपने कल्पना भी नहीं करी होगी .. ..

और सावधान !! .. फिर हिन्दू क्या और मुसलमान क्या - सभी लपेटे में आएँगे .. ..

हित-अहित आपके - सोच आपकी - मर्ज़ी आपकी - करनी आपकी - भविष्य आपका .. इस बुढ़ापे में अपनी औकात अनुसार फिलहाल अपना फ़र्ज़ समझते हुए मैं आपको सचेत ही कर सकता था सो कर दिया .. जय हिन्द !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Friday 20 October 2017

// विकल्प ?? .. जी हाँ !! .. "मोदी विकल्प" के बारे में बात जारी रखें .. ..//


हर व्यक्ति को जीवनयापन के दौरान बहुत सुख दुःख पेश आते ही हैं - ज़िन्दगी इसी का नाम है .. और अपने भारत देश में तो सुख-दुःख इफरात में आते जाते हैं - क्योंकि ये देश विविधताओं का देश है और यहां हर पल कुछ न कुछ घटता ही रहता है .. बल्कि शुद्ध सत्य बात तो यह है कि कुछ ज्यादा ही घटता रहता है .. और ज्यादातर लोगों को दुःख ज्यादा पेश आते हैं और कमतर लोगो को ही सुख ज्यादा पेश आते हैं .. ..

पर ईमानदारी से सोचियेगा कि क्या विषम से विषम परिस्थितियों में भी आपके या हमारे या अन्य किसी के भी दिमाग में इस देश को छोड़ देने का विकल्प आया ?? .. क्या देश छोड़ा बदला नहीं जा सकता ?? .. क्या लोग देश छोड़ते बदलते नहीं ?? .. ..

और मेरा दावा है कि माल्या लमो जैसे उच्च टुच्चों के अपवाद को छोड़कर किसी के भी दिमाग में देश को छोड़ देने का विकल्प नहीं आया होगा !! .. नहीं ना ?? .. क्यों ?? .. .. क्योंकि ऐसे विकल्प की दूर दूर तक आवश्यकता नहीं है - और कोई विकल्प बेहतर हो इस बात की कोई गारंटी भी नहीं है .. ..

पर आजकत देश के प्रधानमंत्री मोदी के विकल्प की बातें चल पड़ी हैं और हवा में तैर सी रही हैं - जिसको देखो वो "मोदी विकल्प" की बातें करने लगा है - और बड़ी संजीदगी से करने लगा है - और सार्वजानिक रूप से करने लगा है .. और अखबार तो आजकल ऐसे ही लेखों से पटने से लगे हैं .. ..

एक तरफ मोदी विरोधी मोदी को हटाने और नए विकल्प की खोज और आवश्यकता की दुहाई देने लगे हैं - तो दूसरी तरफ मोदी भक्त कहने लगे हैं कि मोदी का तो कोई विकल्प है ही नहीं .. कोई हो तो नाम बताओ ?? .. ..

और उपरोक्त तथ्य के परिप्रेक्ष्य में मैं अब यह साफ़ देख पा रहा हूँ कि इस देश के नागरिकों को देश नहीं बदलना है - केवल इस देश का प्रधानमंत्री बदलना है .. और इसलिए इस देश का प्रधानमंत्री अब बदला ही जाएगा .. शर्तिया !! .. और "मोदी विकल्प" अपने आप अस्तित्व में आ जाएगा .. अवश्यम्भावी !! ..
..

तो मित्रों !! .. बस आवश्यकता केवल इस बात की है - कि संकल्प लें और "मोदी विकल्प" के बारे में बात जारी रखें - क्योंकि मोदी को हटाने के अलावा कोई अन्य विकल्प भी नहीं - और मोदी को हटाने के तरीके के लिए इसके अलावा कोई बेहतर संयमी विकल्प भी नहीं !! .. ..

और मेरे प्यारे भक्तु और भक्तों !! .. तुम भी चिल्लाते रहो कि मोदी का कोई विकल्प नहीं - क्योंकि अब तो तुम्हारे पास भी कुछ अन्य कहने करने का कोई उद्दंडी विकल्प नहीं .. समझे ?? .. ..

नए संकल्प के साथ - नववर्ष की शुभकामनाएं !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Thursday 19 October 2017

// 'परोपकारी' हत्याओं के भयावह चलन के बीच - दीपावली की शुभकामनाएं !! .. ..//


आजकल मुझे लगता है हत्याएं बहुत बढ़ गई हैं .. हत्याएं तो पहले भी होती थीं पर शायद इतनी नहीं - और जो होती थीं तो वो व्यक्तिगत कारणों से ज्यादा .. मसलन जमीन जायदाद के झगड़ों में - छेड़ा-छाड़ी के मामलों में - आपसी रंजिश में - और धन की लूट के चक्कर में .. ..

पर अब देखते-देखते राजनीतिक हत्याएं भी बढ़ गई हैं और धार्मिक उन्माद के कारण और विचारधारा के टकराव के कारण भी हत्याएं बढ़ गई हैं .. यानि हत्याएं अब व्यक्तिगत कारणों से ऊपर निकल सामाजिक सरोकारों के इरादे से ज्यादा होने लगी हैं .. हत्याएं भी अब 'परोपकारी' सी होने लगी हैं !! .. ..

और ऐसी परिस्थितियों और मानसिकता पर अंकुश रहे - शायद धर्म इसलिए ही गढ़ा बनाया गया होगा .. और ये साधू संत महात्मा मौलवियों का शायद काम ही यही था कि वो समाज को सहिष्णुता और इंसानियत का पाठ पढ़ाएं .. और बताएँ कि हत्या करना पाप होता है .. ..

पर विडंबना देखिये कि पूरे समाज में इंसानियत अहिंसा सहिष्णुता की बात करने वाले विलुप्त से हो गए हैं - और ये साधू संत महात्मा मौलवी भी तो धर्म के नाम पर मरने मारने कटने काटने युद्ध करने जैसी बातें करने लगे हैं .. और तो और ये लोग दिन भर धार्मिक ग्रंथों कथाओं कहानियों इतिहास के हवाले से लड़ाई झगड़ों के उद्धरण दे युद्ध युद्ध और युद्ध की ही तो बातें करते रहते हैं .. जैसे युद्ध ना हुआ कोई धार्मिक अनुष्ठान हो गया .. ..

और बड़े ताज्जुब की बात है कि आजकल तो भीड़ बन अपनी मनमानी करने वाले धर्म-रक्षक संस्कृति-रक्षक भी नारे भगवान् के नाम के ही लगाते हैं - मसलन समुद्र किनारे किसी कलाकार द्वारा ४८ घंटे लगातार मेहनत कर 'पद्मावती' की विशाल रंगोली को कोई १०० लोगों की भीड़ 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए आती है और आकर मिटा देती है .. और किसी राम भक्त के माथे पर शिकन नहीं आती .. किसी को ध्यान भी नहीं आता की प्रभु श्री राम तो मर्यादा पुरषोत्तम थे - और ऐसी गुंडागर्दी तो मर्यादित हो नहीं सकती !! .. ..

और तो और जो धर्मनिरपेक्षता या शान्ति की बात करे तो वो तो उल्लू या विभीषण या दोगला या नपुंसक या राष्टद्रोही करार दे दिया जाने लगा है .. ..

और इसलिए आज मैं सावधान करना चाहता हूँ - बहुत निकट भविष्य में ये हत्याओं की संख्या असंख्य भी हो सकती है .. क्योंकि हत्याओं को 'परोपकार' का जामा पहनाया जा चुका है - यानि खुद के लिए नहीं बल्कि किसी और को उपकृत करने के लिए .. और हमारे देश की अधिकतर जनता 'परोपकारी' ही है !! .. वो हत्याएं व्यक्तिगत टुच्चे कारणों से नहीं करेगी अपितु समाज के हित में निःस्वार्थ किसी अन्य की भलाई के लिए करेगी .. ठीक वैसे ही जैसे कि सीमा पर एक सैनिक दूसरे देश के सैनिक की हत्या कर वीर हो जाता है - आत्मग्लानिमुक्त !! .. ..

बीते वर्ष जिन परिवारों में हत्याएं हुई हैं मेरा ध्यान आज उन परिवारों की स्थितियों पर भटका सा जा रहा है - और मैं सोच रहा हूँ कि उनकी दीपावली कैसी मन रही होगी .. पर इस आशा के साथ कि काश कुछ ऐसा हो जाए कि इस देश की अगली दीपावली हत्या रहित हो .. ..

इस दीपावली की आपको शुभकामनाएँ !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 18 October 2017

// जीएसटी लागू करने में कांग्रेस भी बराबर की भागीदार !! .. हा !! हा !! हा !! ..//


अब तो मोदी जी ने जन्म-पत्री पर लात मार दी .. और अब तक मैं मैं मैं - मैंने किया मैंने किया - मैं करूंगा मैं करूंगा - कांग्रेस ने कुछ नहीं किया - सब कुछ मैंने किया - ६० साल में कुछ नहीं हुआ - जो हुआ पिछले ३ साल में मेरे कारण हुआ - सरदार सरोवर बाँध का असली काम किसने किया ?? मैंने किया - आदि अनादि सड़ादी जैसा जाप करने वाले मोदी जी ने अब कहा कि ..

" जीएसटी लागू करने के फैसले में कांग्रेस भी बराबर की भागीदार " .. ..

अब मुझे यकीन हो गया कि जीएसटी फिलहाल फेल हो चुकी है - मोदी के गले की घंटी बन चुकी है - बर्बाद व्यापारी गुस्से में हैं और मोदी को व्यापारी बाहुल्य गुजरात का चुनाव जीतना मुश्किल लगने लगा है .. ..

इसलिए मोदी सोच रहे हैं कि - " हम तो डूबे हैं सनम - तुमको भी ले डूबेंगे " .. ..

और मेरा कहना है कि .. ..

हर व्यक्ति को जो डूब रहा हो उसे हाथ पाँव चला डूबने से बचने का प्रयास करने का पूरा अधिकार है .. पर क्या डूब रहे व्यक्ति का लंगोट से पत्थर बाँध लेना भी क्या उचित कहलाया जा सकता है ?? .. ये तो फिर आत्महत्या करने जैसा हुआ ना ?? .. ..

तो फिर मोदी जी ये डूबते-डूबते कांग्रेस से भागीदारी की बात करना क्या उचित है ?? .. आखिर ये पाँव पर कुल्हाड़ी क्यूँ मारे दे रहे हो ?? .. कभी सोचा भक्तों के दिल पर क्या असर होगा ?? .. ..

अरे मेरे बोलबच्चन बोलना ही था तो बोल देते कि ये सब तो १००% किया धरा ही कांग्रेस का है - और वो तो वित्त का वकील चित्त हो कुछ समझ नहीं पाया .. क्योंकि वैसे भी अंततः अब ठीकरा तो उसी टक्कल पर ही फोड़ना होगा ना .. है ना ?? .. ..

क्यों भक्तों कैसी कही ?? .. हा !! हा !! हा !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 17 October 2017

// अलगाव से बचें !! .. भाजपा से बचें !! .. ..//


ये जो भाजपा है न इसके डीएनए में ही अलगाव है .. यानि अलग करो - टुकड़े करो - लड़ाओ - भिड़ाओ - भड़काओ - फिर चाहे वो संस्थाएं हो या परिवार या अन्य पार्टियां या अन्य संगठन .. और फिर ये भाजपा जहां भी टूटन देखती है सबसे पहले लूटन पहुंच जाती है .. वो भी लार टपकाती चाटती .. ..

विश्वास ना हो तो पहले इनके गिरेबान में झांक लें .. 

अलग गोरखालैंड की मांग करने वाले "गोरखा जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन भाजपा के साथ ..
अलग नागालैंड की मांग करने वाले "नागा जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन भाजपा के साथ ..
अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले "बोडो जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन भाजपा के साथ ..
आज़ाद कश्मीर की मांग करने वाली "पीडीपी" का गठबंधन भाजपा के साथ ..
आज़ाद खालिस्तान की मांग करने वाले "अकाली दल" का गठबंधन भाजपा के साथ ..
आपला मानुस की मांग करने वाली "शिवसेना" का गठबंधन भी भाजपा के साथ ..

और वर्तमान देख लीजिये - कांग्रेस आप या अन्य किसी भी पार्टी में कोई अलग होने की सोचे भी तो ये टुट्टे टोटे टूटनहार लपालप पहुंच जाते हैं - और उसे तोड़ ले आते है .. .. ताज़ा उदाहरण भ्रष्टाचार के अच्छे ब्रांड एम्बेसडर रहे सज़ायाफ्ता सुखराम और उनके पुत्तर जो वर्षों से कांग्रेस में रहते खानदानी और वंशवादी परम्पराओं का निर्वहन करते भ्रष्टाचार कर रहे थे - आज टूट कर भाजपा में शामिल हो गए .. ..

और तो और अब तक प्यार मोहब्बत के प्रतीक माने जाने वाले ताजमहल की भी ये अब वाट लगाने पर तुल गए हैं .. और ये तो इतिहास तक बदलने पलटने तोड़ने मरोड़ने पर तुले हैं .. ..

और तो और इन्होनें तो गिरती अर्थव्यवस्था को सुधारने के बजाय बाप बेटे यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा तक को आपस में भिड़ा दिया .. शर्मनाक !! .. ..

और फिर कैसे हिंदू और मुसलमान भाइयों को ये रोज़ लड़ा भिड़ा कर अलग करने के प्रयास कर रहे हैं - किसी से छुपा नहीं है .. बस फर्क इतना सा है कि भाजपा के इस प्रयास की और अलगाव की और टूटे-टूटे डीएनए की हम भर्त्सना करते हैं - और भक्त भाजपा की इसी कला के कायल हैं .. वे धार्मिक उन्माद के शिकार हो भाजपा के हर तोड़ने के प्रयास और कामयाबी पर तालियां पीटते हैं .. ..

पर शायद वो यही नहीं जानते कि टूटने और तोड़ने में वो मज़ा कहाँ .. जो जुड़ने और जोड़ने में है .. कभी अनुभव किया हो तो ही तो जानें .. ..
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद - और भाजपाई क्या जाने जुड़ने का एहसास .. ..

 शायद शादी ब्याह ना करना भी इसी प्रवृत्ति का द्योतक है - और परिवार छोड़ गुनाह की दुनिया में खिसक लेना भी .. .. इसलिए आज भक्तों के परिवारों को भी सचेत करना चाहूंगा कि गलत सोहबत का असर भी गलत ही होता है .. ..

इसलिए सावधान !! - कहीं ये टूटने तोड़ने की प्रवृत्ति आपके निजी जीवन में भी ना घुस जाए !! .. .. और कहीं आप के परिवार का भी कोई सदस्य समाज के अन्य लोगों से टूट कर समाज को ही ना तोड़ दे .. ..

अलगाव से बचें .. भाजपा से बचें !! .. ..
एक रहें खुश रहें सुखी रहें संपन्न रहें !! .. धनतेरस की शुभकामनाएं !! .. .. 

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 16 October 2017

// राहुल रोहिंग्या पर रुख साफ़ करें ?? .. तो भक्त गुजरात चुनाव पर अपना दिमाग ....//


और सोनिया गांधी के हवाले से खबर टपक चुकी है कि - राहुल गांधी शीघ्र ही कांग्रेस अध्यक्ष होंगे .. ..

अब जो भक्त राहुल गांधी को "पप्पू" कहते थे उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि अभी तो वो कांग्रेस के अध्यक्ष बने भी नहीं हैं और भाजपा में कंपन होने लगा है .. ..

और कंपन की तीव्रता का अंदाज़ा तो केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि जय शाह के बापू अमित ने सार्वजनिक रूप से कह दिया है कि - "राहुल रोहिंग्या पर रूख साफ़ करें" !! .. ..

यानि भाजपा में अक्ल का वैक्यूम कुछ इतना बढ़ गया लगता है कि रोहिंग्या जैसे मुद्दे पर क्या करना क्या नहीं करना उसे कुछ सूझ नहीं रहा .. और ऊपर से ये सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ ऐसा कह दिया है कि सरकार की खिसियाहट चरम पर होगी .. क्योंकि कोर्ट ने कह दिया कि - "रोहिंग्या का मामला मानवता से जुड़ा" !! .. और भाजपाइयों की ये 'मानवता' या 'सेक्युलर' शब्द सुनते ही इल्ली पिल्ली खिजली सब शुरू हो जाती है .. और यदि उसके साथ में 'मुस्लिम' शब्द भी जुड़ा हो तो फिर तो कांटे कीलें भी चुभने खुपने लगते हैं .. ..

पर हालात इतने बदतर हो जाएंगे कि उन्हें 'शहज़ादे' राहुल का सहारा लेना पड़े - ये तो दयनीय स्थिति है .. और फिर गुरदासपुर में जो हश्र हुआ - उसके बाद तो स्थिति और दयनीय हो चुकी है .. ..

यानि दयनीय इस कदर कि मैंने भक्तु से पूछा कि गुजरात में भाजपा का सफाया हो जाएगा ?? .. बोला सवाल ही नहीं उठता !! .. मैंने पूछा गुरदासपुर जो तुम डेढ़ लाख से जीते थे दो लाख से हारने का सवाल कभी उठा था ?? .. बोले कभी नहीं !! .. और मैंने कहा कि क्योंकि अब भाजपा में "सवाल ही नहीं उठता" इसलिए ही तो सफाया हो जाएगा .. भक्तु बेचारा !! चेहरे से रोहिंग्या जैसा दिखने लगा !! .. वाकई अति दयनीय !! .. ..

और फिर इन सबके ऊपर ये अमित शाह का छोरा जय शाह गुल खिला मुँह फुलाए बैठा है .. सब दूर थू-थू हो रखी है - और आप राहुल को बाबा पप्पू और शहज़ादा जो चाहे बोलो - राहुल तो आपके बारे में जो धारा प्रवाह बोल रहे हैं उसका तो अब आपके पास जवाब ही नहीं है - सिवाय इसके कि आप बोल रहे हो कि - राहुल को प्रॉफिट लॉस टर्नओवर लेटर ऑफ़ क्रेडिट लोन आदि के बारे में भी तो कुछ पता नहीं .. चलो माना नहीं पता होगा - पर अब हमें पता चल गया है कि देश के साथ-साथ राहुल को बहुत कुछ पता चल गया है - और पता ये चल गया है कि अमित शाह और उसके बेटे ने गड़बड़झाला किया है .. और 'जीजाजी' का बदला 'पुत्तर' से लेने का समय आ गया है .. समझे !! .. ..

यानि मोदी-शाह के बुरे दिन शुरू !! .. और जब तक राहुल रोहिंग्या पर अपना रुख साफ़ करें - मैं चाहूंगा कि भक्त गुजरात चुनाव पर अपना दिमाग साफ़ कर लें .. क्योंकि गुजरात में तो झाड़ू भी दस्तक दे रही है .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 13 October 2017

// हमारी नाकाबिल जांच एजेंसियां दबाव में कुत्तों से बदतर .. और सत्तासीन बेशर्म ..//


अब न्यायलय के ताज़े निर्णयों को मानें तो तलवार दंपत्ति को अपनी ही बिटिया की हत्या में सरकारी प्रशासन द्वारा अपराधी मानकर उन पर केस चलाना उपयुक्त नहीं था - क्योंकि वांछित पुख्ता सबूत ही नहीं थे - यानि सबूतों के अभाव आड़े आ गए .. ..

पर कन्हैया कुमार के मामले में सरकारी आयोजित प्रायोजित उत्साहित जेएनयू प्रशासन के द्वारा लगाए गए आरोप एवं दिए गए मनगढंत सबूत ही बिना सिर-पैर निकले - और न्यायालय ने देशद्रोह के आरोपी कन्हैया को बरी कर दिया .. ..

और इस बीच अमित शाह ने कह दिया - उनके बेटे जय की कम्पनी ने कुछ गलत नहीं किया - यदि उसने गलत किया होता तो सबसे पहले खुद जय ही जांच की मांग करता .. ..

उपरोक्त ३ प्रकरणों से मुझे स्पष्ट होता है कि .. ..

हमारी जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता - और ये एजेंसियां किसी ना किसी दबाव में काम करती रहीं हैं और इनमें प्रोफेशनल काबलियत की भी कमी है .. .. और इसलिए कई वर्षों की उठापटक के बाद वो जगहंसाई की पात्र बन गई है क्योंकि लोग पूछ रहे है कि फिर आरुषि को मारा किसने ?? .. ..

 मुझे यह भी सपष्ट होता है कि जब हमारी जांच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव आन पड़ता है तो ये तोता तो क्या पालतू कुत्तों से भी बदतर हो जाती हैं - और इतनी गिर जाती हैं कि किसी भी देश के गरीब बेटे पर साज़िशन देशद्रोह के आरोप तक मढ़ देती है - और उस बेटे को कई लोग सार्वजनिक रूप से पीट तक देते हैं और उन पर कोई कार्यवाही तक नहीं होती .. ..

और मुझे ये भी स्पष्ट होता है कि इस देश में भाजपाइयों से ज्यादा बेशर्म नेता और किसी पार्टी में नहीं .. और अमित शाह यकीनन एक अपराधी संभावित लगते हैं - क्योंकि इनके अनुसार तो न्यायालय की आवश्यकता ही नहीं .. क्योंकि इनके लिए तो चोर ही न्यायाधीश तुल्य .. ..

अब यदि भक्तों को बात बुरी लगी हो तो मुझे जवाब दें कि क्या तलवार दंपत्ति ने और कन्हैया कुमार ने चीख-चीख नहीं कह दिया था कि वो निर्दोष हैं .. यदि हाँ तो फिर उन पर मुकद्दमे क्यों ?? .. और यदि उन पर मुकद्दमे चले तो फिर अमित शाह पर अब तक मुकद्दमा चला क्यों नहीं ?? - आखिर साक्ष्य तो यही कह रहे हैं ना कि जय शाह के धंधे में अनाप शनाप बढ़ोतरी हुई और परिस्थितिजनक साक्ष्य ये कह रहे हैं कि इसका कारण अमित शाह का रसूख है - वरना जय तो एक भक्त से भी गया बीता असली पप्पू टाइप प्राणी दिखता है जिसे न कुछ आता ना जाता - बस भारत माता .. तो वो अपने दमखम पर इतना कमा जाए असंभव लगता है .. उतना ही असंभव जितना किसी भक्त का अक्लमंद होना या भाजपाई का १००% ईमानदार होना या संघी का सेक्युलर होना .. .. है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 9 October 2017

// मोदी जी याद है ना "शहजादे" !! .. अब "शाहजादे" के बारे में क्या ख्याल है ?? ..//


मोदी जी !! .. याद है बहुत रोते रटते थे - "शहजादे" !! "शहजादे" !! "शहजादे" !! ..

अब बताओ तो ये "शाहजादे" के बारे में क्या ख्याल है .. वही "शहजादा" तुम्हें ललकार रहा है तुम्हें धिक्कार रहा है .. कहाँ छिपे हो ?? .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// बाप का नाम नहीं लगाएं ?? .. तो क्या नारे लगाएं - जय नरेंद्र !! जय नरेंद्र !! ....//


इधर गोदी मीडिया में सन्नाटा !! .. मानों केजरी आकर सबको एक-एक लप्पड़ लगा चलता बना हो .. या फिर साहेब आकर धमकी दे गए हों .. ..

और उधर कमलगट्टे सन्न !! सनन !!  सन्न !! .. सब सूट-बूट टाई में दुपट्टा डाले मुस्कुराने की चेष्टा में .. पर अंदरखाने चड्डी गीली .. ..

कारण कमलगट्टों का भी अनेकों में एक वाड्रा उतना ही धरा गया है जितना खुद वाड्रा धरा गया था !! .. ..

और जो कहता था मेरे आगे पीछे कोई नहीं - मैं ना खाऊंगा ना खाने दूंगा - उसके ठीक निकट पीछे सटे वाले ने खा लिया - पर बेवकूफ के समझ ही नहीं पड़ी कि कोई खा गया .. या फिर ये बेवकूफ नहीं - बल्कि ये बेईमान सेवक चौकीदार ये देखता रहा कि उसके आगे कोई ना आए - और कोई सामने से भी ना आ पाए - ताकि पीछे वाला और उसके पीछे लम्बी लाइन में लगे सटे सभी भूखे खाऊ भरपल्ले खा लें .. ..

पर कमलगट्टों के वाड्रा और पुराने रिश्तेदारी मामलों में जरा अंतर भी है .. .. और वो अंतर है - जो असली वाड्रा था उसे कई साले जीजाजी कहते थे .. और इन कमलगट्टों का जो जालिम दुश्मन है ना ये साले उसके साडू का नाम जपते थे .. .. पर इस मामले में वंशवाद का सबसे निकट वाला रिश्ता फंस गया है .. और वो है बाप-बेटे का .. ..

और पेंच ऐसा फंसा है कि जो उस हिंदुत्व के संस्कारों की दुहाई देते थे जिस के अनुसार अपने नाम के आगे बाप का नाम लगाना गर्व की बात माना जाता रहा है - आज वो रोना रो रहे हैं कि मेरे बेटे के नाम के आगे मेरे बेटे के बाप का नाम क्यों ले रहे हो ?? .. .. अरे भाई अब यदि तुम बाप ठहरे तो नाम तो तुम्हारा ही लगना चाहिए ना !! .. अब क्या अच्छा लगेगा कि नारे लगने लगे .. जय नरेंद्र !! जय नरेंद्र !! जय नरेंद्र !! .. ..

तो भक्तों - अभी चुपचाप बैठना - और 'द वायर' देखते रहना - और भी सोशल मीडिया में कई विश्वसनीय चैनल्स हैं जो तुम्हें चुप रहने पर मजबूर करते हुए बेहतरीन प्रसारण कर रहे हैं .. और अब लोग गोदी मीडिया नहीं देखते और देखते भी हैं तो उस पर विश्वास नहीं करते - अब इंटरनेट का ज़माना आ गया है .. देश बदल रहा है .. पांसे पलट रहे हैं .. बेवकूफ फंस रहे हैं .. बेईमान घिस रहे हैं .. और हम हंस रहे हैं - हा !! हा !! हा !! .. .. चुप !! बिल्कुल चुप !! कोई चूं चपड़ नहीं !! .. समझे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 8 October 2017

// 'द वायर' को बधाई !! .. अब करंट दौड़ेगा - 'वायर' में नहीं भक्तों और टुच्चों में ....//


आज 'द वायर' वेब साइट जो बेहतरीन प्रसारण कर रही है - उसने एक व्यक्ति जय शाह - जो यकीनन अमित शाह के बेटे हैं - उन पर एक स्टोरी प्रसारित कर मारी - जिसमें ये बताया गया कि उनके द्वारा उनके धंधे में धांधलियां की गईं !! .. ..

और प्रतिक्रिया में आज अभी एक व्यक्ति हैं जिनका नाम है पियूष गोयल और जो जय शाह के रिश्ते में भी कुछ नहीं लगते बताए जाते हैं - वो जय शाह का बचाव करने उतर पड़े - एक पीसी कर मारी और बता दिया कि जय शाह निर्दोष हैं - उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है - उनके द्वारा जो कुछ भी धंधे के लिए किया और जो कुछ भी कमाया-धमाया और १६००० गुना तक भी कमाया तो वो सब कानूनन था .. और ये सब केवल अमित शाह को बदनाम करने के लिए किया गया - क्योंकि स्टोरी में जानबूझकर अमित शाह का नाम भी घुसेड़ा गया और जय शाह को 'जय अमित भाई शाह' बोला गया .. ..

और इस पियूष गोयल नाम के व्यक्ति ने ये भी बताया कि 'द वायर' पर कल अहमदाबाद में १०० करोड़ का आपराधिक और सिविल केस दर्ज कराया जाएगा .. ..

मेरी प्रसन्नता से ओतप्रोत प्रतिक्रिया .. ..

बधाई !! बधाई !! बधाई !! .. ..
पहले केजरीवाल पर १० करोड़ का मुकद्दमा हुआ था - सब चुप थे - मज़्ज़े में थे .. अब कल १०० करोड़ का मुकद्दमा ठुकेगा .. .. मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में ऐसे मुकद्दमों की संख्या और राशि बढ़ेगी .. और इसके लिए केजरीवाल को साधुवाद - जिन्होंने कहा था हम राजनीति सिखाने आए हैं - और जो अब तक भारतीय राजनीति को अभूतपूर्व योगदान दे चुके हैं - और उनके क्रांतिकारी योगदान और प्रयास जारी हैं !! .. ..

अब बात हो जाए पियूष गोयल नाम के व्यक्ति की - कृपया ज्ञात हो कि ये व्यक्ति हमारे देश के रेलमंत्री हैं - और ये रेल का सारा काम निपटा कर फुर्सत पा लोगों की तरफ से पीसी करने का धंधा करते हैं - और इस तरह जनता के पैसे से तनख्वाह पाते हैं और काम दूसरों के लिए करते हैं - इसलिए ऐसे रेलमंत्री को धिक्कार है !! - और मुझे लगता है कि इन पर भी जनता को कुछ मुकद्दमा जैसा ठोकना चाहिए .. ..

अब बात हो जाए कि ये रॉबर्ट वाड्रा कौन था और कौन-कौन टुच्चे उसे 'जीजाजी' कहते थे और वो किसके  जीजाजी थे ?? .. तो फिर अब 'बेटे' के 'बाप' का नाम क्या ले लिया तो इतनी मिर्ची क्यों लगी और कहाँ लगी ?? .. .. आशा करता हूँ भक्त जवाब देंगे ?? .. ..

और अब आगे क्या होता है - इंतज़ार करिए - क्योंकि अब बहुत कुछ होना ही है - अच्छा होना है - और भ्रष्टाचारियों के बुरे दिन आना संभावित है .. ..

'द वायर' को भी बधाई !! .. फेमस होने के लिए - और ऐसा कुछ कर देने के लिए कि अब करंट दौड़ेगा - 'वायर' में नहीं बल्कि भक्तो में - और टुच्चों में .. हा !! हा !! हा !! .. ..

भारत माता की जय - वंदे मातरम् - जय हिन्द - इंक़लाब ज़िंदाबाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

// बड़नगर की चाय गुमटी - और ताजमहल .. ..//


मोदी जी एवं उनके प्यारे न्यारे भक्तों !! .. ..

निवेदन है कि आपके रहते अब अगली बार जब भी कोई विदेशी मेहमान आएं तो किरपा करके उन्हें ताजमहल दिखाने तो ले ही नहीं जाएं - और ये गाँधी के ठिकानों पर भी नहीं .. और उन्हें तो केवल आपके मापदंडों में खरे उतरते हिन्दू संस्कृति के उजले उत्कृष्ट चमकदार पहलुओं से ही अवगत कराएं .. ..

मसलन सबसे पहले उन्हें अपने साथी 'मित्रों' और 'भाइयों और बहनों' के दर्शन कराएं - उन्हें साधू साध्वियों बाबाओं से मुफ्त आध्यात्मिक एवं समस्त विविध सांसारिक ज्ञान दिलवाएं .. .. फिर उन्हें गौरक्षकों से मिलवा देसी मार्शल आर्ट्स के बारे में जानकारी दें - और अब अंतर्राष्ट्रीय कला का रूप ले चुके योग भी सिखवाएं .. और अंत में अपनी माँ से मिलवा उन्हें आशीर्वाद दिलवाएं - और बताएँ कि उस माँ के ही आशीर्वाद से देश को ये दिन देखने को मिले हैं .. ..

और हो सके तो अमित शाह से जरूर मिलवाएं और बताएँ कि कद काठी में गाँधी से मिलते हैं बस थोड़ा हराम की खाकर मुटिया गए हैं - और गाँधी जैसे ही ये भी जेल हो आए हैं - और चश्मा भी गोलमाल ही पहनते हैं .. वैसे उसूलों के पक्के हैं जैसे कि गांधी थे - और समय के साथ उसूलों में परिवर्तन भी स्वाभाविक है .. इसलिए उनका हिंसावादी होना स्वाभाविक है .. ..

पर समय के साथ हर चीज़ परिवर्तित हो जाए ऐसा भी आवश्यक नहीं - और ये सिद्ध करने के लिए उन्हें विश्व पटल पर उभरते पर्यटन स्थल बड़नगर की वो ऐतिहासिक गुमटी भी दिखाएं जिसका नक्शेबाज़ी पूर्ण निर्माण हाल ही में किया गया लगता है - और जिसे एक धरोहर के रूप में संजो करके रखना बताया गया है .. एक धरोहर - जो देश के पहले फेंकू प्रधानमंत्री के नामे कर दी गई है इस दावे के साथ कि जिस व्यक्ति ने देश को बर्बाद किया वो इसी धरोहर में कभी चाय बेचता था .. ..

और जब आप उन्हें बड़नगर लेकर जाएं तो उन्हें वो तालाब भी दिखलाएं जहां से देश के पहले वीर प्रधानमंत्री ने मगरमच्छ पकड़ा था - और उस मगरमच्छ की औलादों को भी प्रदर्शित करें .. और फिर चाहें तो गाँव के स्कूलों का मुआयना भी करवाएं जहाँ  पुरातत्व की किसी भी चीज़ में बदलाव नहीं आने दिया गया है - और अंत में उन्हें गुजरात के प्रसिद्द गधों के बीच भी ले जाएं .. ..

पर सावधान !! ये सब जल्दी कीजिये .. क्योंकि डेढ़ साल बाद तो बड़नगर और गुजराती गधे सब अपना पुरातत्व या स्पेशल होने का बोध खो देंगे - और इंशाअल्लाह पर्यटक एक बार फिर आगरा के ताजमहल की तरफ रुख कर लेंगे .. और विदेशी भी गांधी को नतमस्तक होते रहेंगे .. क्योंकि गाँधी इज़्ज़त के पात्र हैं और ताजमहल देश की शान .. समझे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 7 October 2017

// भागते हुए मोदी-भूत की अब लंगोट ही तो बची है .. बस खींच लीजिये .. ..//


इस दिवाली पटाखों की शार्टेज हो जाएगी - मोमबत्ती दीयों की भी .. और तो और चाइनीज़ लड़ियों से इतनी रोशनी होगी कि उल्लुओं को रात भी दिन जैसी लगेगी .. और दुकानों में भीड़ रहेगी - बाज़ारों में रौनक - और व्यापार ७० साल के उच्च रिकॉर्ड तोड़ देगा .. .. और बस इसी प्रत्याशा में भक्त ख़ुशी से पागल हो रहे हैं !! .. ..

और प्रत्याशा केवल इसलिए कि एक पागल ने कहा है कि इस बार देशवासियों के लिए दिवाली समय से पहले आ गई हैssss !! .. ..

आपाधापी की ज़िन्दगी में आजकल हंसने के मौके भी कहाँ मिलते हैं .. इसलिए मेरा सुझाव है कि जब पग्गल बिना बात ख़ुशी में पागल हो रहे हैं - तो फिर पागलों की दुनिया के थोड़े मज़े ही ले लीजिये .. थोड़ा सा हंस ही लीजिये .. ..

कुछ यूँ समझ लीजियेगा कि भागते भूत की लंगोट भी हाथ में आ जाए तो चूकना नहीं चाहिए .. ..

और ये भी जान लीजियेगा कि भागते हुए मोदी-भूत की अब लंगोट ही तो बची है .. बस खींच लीजिये .. .. हा !! हा !! हा !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// देखो जीएसटी में बदलाव करना पड़ा ना !! .. बस गधों पर लगाम बरकरार रखें ..//


अब मोदी जी कह रहे हैं कि - कल जीएसटी में जो बदलाव किए गए हैं उससे समय से पहले ही व्यापारियों की दिवाली आ गई है .. ..

दिमाग से दिवालियों की बात पर मेरी प्रतिक्रिया .. ..

दिवाली तो नियत समय ही आती है .. रावण वध के २० दिन बाद .. ..
और अब आगे तब ही आगे पीछे आएगी जब आज के रावणों का वध होगा - या वो अपनी मौत मरेंगे .. ..

वैसे एक बात ठीक हुई है कि जीएसटी में कुछ ऊटपटांग प्रावधानों में आवश्यक बदलाव झक मारकर कर दिए गए हैं .. ..

और ये बदलाव इसलिए करने पड़े हैं क्योंकि आम जनता और व्यापारियों ने अपनी आवाज़ बुलंद करी और सरकार को गालियां निकाली और मोदी को भी धिक्कारा .. और इसके लिए हमें सुब्रमण्यम स्वामी यशवंत सिन्हा गुरुमूर्ति अरुण शौरी केजरीवाल विनोद दुआ रवीश कुमार अभिसार शर्मा ध्रुव राठी आदि विशिष्ठ व्यक्तियों का भी धन्यवाद करना पड़ेगा जिनके प्रयास से अड़ियल गधा थोड़ा आगे पीछे होता दिखा है .. ..

और ये तो माना ही जा सकता है कि हलाकान परेशान लस्त पस्त व्यापारियों को आगे थोड़ी सी राहत मिलने की आस जगी होगी .. पर उन्होनें समय पूर्व दिवाली मना ली होगी या मना लेंगे ऐसा तो कोई मोदी जैसा सरका हुआ व्यक्ति ही बोल सकता है .. और उसने बोल भी दिया है .. ..

बस मित्रों इसलिए निंदा विरोध पुरज़ोर जारी रखें - और गधों पर लगाम बरकरार रखें .. इसके अलावा हाल फिलहाल कोई विकल्प नहीं है .. ..

व्यापारियों को यथायोग्य सांत्वना के साथ .. ये विश्वास दिलाना चाहूंगा कि यदि आपने ऐसा ही उचित विरोध आगे भी जारी रखा तो ये झुकेंगे भी टूटेंगे भी .. पर सावधान !! ये सुधर जाएंगे इसकी कोई संभावना नहीं !! .. जनता जनार्दन की जय हो !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 5 October 2017

// यदि वो कुछ कहते हैं - तो हम भी बहुत कुछ कहते हैं .. ..//


वो कहते थे विकास आएगा .. ..
हमने कह दिया था जनने का सामर्थ्य नहीं तो कहाँ से आएगा ?? .. ..

वो और सलवारी बाबा कहते थे कालाधन आएगा .. ..
हमने कह दिया था सब मिलबाँट हड़प कर लिया जाएगा .. ..

वो चिल्लाते थे जेएनयू में देश विरोधी नारे लगे थे .. ..
हमने कह दिया था चिल्लाने वाले ही साज़िश कर रहे थे .. ..

सब कह रहे हैं कि जेएनयू से नजीब गायब हुआ है .. ..
हम मानते हैं कि साहेब का इक़बाल गायब हुआ है .. ..

वो कहने लगे गाय हमारी माता है .. ..
हमने बता दिया था तुम्हें कुछ नहीं आता है .. ..

उन्होंने अट्टाहास लगा कहा नोटबंदी कर दी .. ..
हमने कहा तुमने अपने दिमाग की नसबंदी कर दी .. ..

वो इतरा रहे हैं कि उन्होंने जीएसटी लागू कर दिया है .. ..
हम उन्हें चेता रहे हैं कि जीएसटी उन्होंने ही लागू किया है .. ..

वो कहते हैं गौरी लंकेश को उन्होंने नहीं मारा .. ..
हम कहते हैं तुमने नहीं तो किसने मारा ?? .. ..

वो कहते थे उन्होंने भ्रष्टाचारियों के पीछे कुत्ते छोड़ दिए .. ..
हमने देखा बीएचयू में छात्राओं के पीछे कुलपती छोड़ दिए .. ..

कल टीकमगढ़ के थाने में किसानों के कपडे उतरवा दिए .. ..
हमने देखा भाजपाई सरकारों ने खुद अपने अंतर्वस्त्र उतार दिए .. .. 

और अब वो कह रहे हैं लोग निराशा फैला रहे हैं .. ..
हमारा कहना है ये आशान्वित टुच्चे ही तो निराशा फैला रहे हैं .. ..

क्योंकि ये टुच्चे ही तो हैं जो कुछ ज्यादा ही निराश कर रहे हैं !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 4 October 2017

// मोदी का बोला यदि सच तो बल्ले-बल्ले - पर यदि झूठ या गलत तो गए काम से ..//


वाह मोदी जी वाह !! .. ये हुई ना बात !! .. आज तो मुझे मज़ा आ गया - और वो इसलिए कि आज आपने एक समारोह में एक तरफा भाषण देते हुए डंके की चोट पर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ अर्थव्यवस्था पर हो रही आलोचना का जवाब देते हुए कई आंकड़े प्रस्तुत करते हुए अपनी पीठ थपथपाई - और आश्वस्त किया कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर है और किसी भी प्रकार की कोई चिंता है ही नहीं .. और कई लोग निराशा फैलाने का काम कर रहे हैं पर निराश होने का तो कोई कारण है ही नहीं !! .. ..

मेरी चेताने वाली प्रतिक्रिया .. ..

सर्वप्रथम दुखी मन से स्वीकार करूंगा कि मैं मोदी जी और मोदी सरकार से बहुत निराश रहा हूँ - और बड़े गर्व और संतोष के साथ ये बात प्रखर रूप से कहता रहा हूँ .. और इससे निराशा फैली या सबके बीच जागरूकता इसका आंकलन समझदार भी करें और भक्त भी - मुझे कोई आपत्ति नहीं .. ..

पर मोदी जी अर्थव्यवस्था पर आज जो आप बोले उसके लिए आपके मुहं में घी शक्कर .. और यदि आप सही और सच कह रहे हैं तो वाकई हमें बहुत ख़ुशी होगी .. और यदि आप इस देश में साम्प्रदायिकता के ज़हर और हिंदुत्व के धतूरे को भी नियंत्रित कर देश में सौहार्द स्थापित होने देंगे तो ये देश का सौभाग्य होगा .. और यदि आपके आंकड़ों से और तथ्यात्मक स्थिति से इस देश के गरीब को थोड़ी बहुत भी राहत मिल जाती है तो आपका नाम एक अच्छे प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाएगा .. ..

पर मोदी जी यदि आप झूठ या गलत बोल रहे हैं तो आपको चेतावनी देता हूँ कि आपको गरीब की और साम्प्रदायिकता की भेंट चढ़े कई परिवारों की आह लगेगी - और तय मानियेगा कि आप तो गए काम से .. और तो और तो आपकी पार्टी भाजपा भी जाएगी काम से - हमेशा के लिए !! .. और आपका नाम इस देश के सबसे घटिया और नकारा प्रधानमंत्री के रूप में इंद्राज हो जाएगा .. समझे !!

वैसे एक बात और बता दूँ कि मोदी ने भाषण में खुद स्वीकारा था कि वो कोई अर्थशास्त्री नहीं - और मैं भी कोई अर्थशास्त्री नहीं .. पर जिस कॉन्फिडेंस से मोदी ने कहा वो सच और सही बोल रहे हैं - उतने ही कॉन्फिडेंस से मैं भी कह रहा हूँ कि मोदी झूठ और गलत बोल रहे हैं - एक बार फिर लोगों को बेवकूफ बनाने के प्रयास में .. .. इसलिए सावधान !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// मुझे तो हनीप्रीत और मोदी दोनों ही झूठे लगते हैं .. और डंडे पड़े तो ही उगलेंगे .. ..//


मैं निर्दोष हूँ : हनीप्रीत .. ..
मुझ पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप तक नहीं : मोदी .. ..

मुझे लगता है कई नासमझ या भोले लोगों को लगता होगा कि दोनों हनीप्रीत और मोदी सही कह रहे होंगे .. .. पर भक्तों को तो यही लगता होगा कि हनीप्रीत झूठ बोल रही है .. ..

और मुझे लगता है कि हनीप्रीत और मोदी दोनों झूठ बोल रहे हैं .. अपराधी दोनों हैं - पर कोई भी अपराधी अपने अपराध का कबूलनामा सामान्यतः सहजता से नहीं करता है या कर पाता है .. .. कबूलनामा तो तब ही होता है - जब डंडे पड़ते हैं .. ..

मसलन जब हनीप्रीत को डंडे मार यह पूछा जाए कि वो ३८ दिन कहाँ छुपी थी ?? क्यों छुपी थी ?? राम रहीम से क्या रिश्ता ?? इतना धन और विलासिता के इतने साधन कहाँ से जुगाड़े ?? डेरे में तुम्हारा क्या रोल था ?? और अब कई प्रश्नों के उत्तर क्यों नहीं दे रही ?? - तो वो सब उगल देगी .. शर्तिया !! .. ..

और इसी तरह यदि मोदी को डंडे मार यह पूछा जाए कि जसोदाबेन से अपने रिश्ते के बारे में मौन क्यों ?? वो भी भरी जवानी में घर से भाग कई वर्षों तक कहाँ मुहं छुपाने गए थे ?? क्या कोई अपराध करके भागे थे ?? और जहां गए थे वहां क्या गुल खिलाए थे ?? वो अपनी डिग्री पर मौन क्यों ?? उच्च कोटि के संदिग्धों की डायरियों में उनका नाम क्यों ?? पेट्रोल के दाम अब तक भी इतने ज्यादा क्यों ?? तुअर दाल २०० रु किलो बिकी तो क्यों ?? टमाटर प्याज के भाव इतने ऊपर नीचे क्यों ?? भ्रष्टाचारी भाजपाई मुख्यमंत्रियों और नेताओं का बचाव क्यों ?? भ्रष्टाचारी कोंग्रेसियों को भाजपा में लिया ही क्यों ?? प्रधानमंत्री बनने के बाद भी पार्टी में तुम्हारा इतना बड़ा रोल क्यों ?? नोटबंदी के द्वारा कालाधन सफ़ेद हुआ ही क्यों ?? ५० दिन की बात कह कर आज तक चौराहे पर पहुंचे नहीं तो क्यों ?? .. ..

और ये तुमने अपने और अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार पर अरबों रूपए खर्चे ही क्यों ?? और ये अरबों रूपए आए कहाँ से अब तक नहीं बताए तो क्यों ?? और मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने से पूर्व ज़िन्दगी भर बिना काम धंधे के इतनी विलासिता और इतनी विदेश यात्राओं पर संसाधन की जुगाड़ कैसे होती थी अब तक बताया नहीं तो क्यों ?? और तुम झूठ बहुत बोले तो क्यों ?? तुम्हें शर्म नहीं आती तो क्यों ?? तुम्हारे मन में गरीब के प्रति संवेदनाएं नहीं तो क्यों ?? तुम्हारी नियत में खोट तो क्यों ?? और तुम सांप्रदायिक साज़िशें रचते हो तो क्यों ?? और लोगों के प्रश्नों के जवाब नहीं देते हो तो क्यों ?? .. ..

यानि क्यों ?? क्यों ?? क्यों ?? का तो अम्बार है .. फिर हनीप्रीत पर ही इतने सारे ऐसे ही प्रश्नों की बौछार क्यों ?? .. जी हाँ !! गौर करियेगा कि हनीप्रीत और मोदी से पूछे जाने वाले समस्त अनुत्तरित प्रश्न एक समान श्रेणी के ही तो हैं .. हैं ना !! .. ..

इसलिए मेरा हरियाणा पुलिस और केंद्र सरकार से अपेक्षा है कि जनहित और न्यायहित में हनीप्रीत और बलात्कारी बाबा सहित सभी मुजरिमों को डंडे लगा सारा सच सामने लाकर मुजरिमों को सजा दिलवाई जाए .. और जनता से अपेक्षा है कि जनहित और देशहित में मोदी और उनकी टोली को भी सजा दिलवाने की कोशिशों में 'डंडे' के प्रावधान सहित तनिक भी कोताही नहीं बरती जाए .. जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 3 October 2017

// राम रहीम बेगुनाह साबित होंगे ?? .. तो क्या मोदी भी ?? .. ..//


३८ दिन हो गए - छुपते छुपाते अब जाकर हनीप्रीत ने बयान देने की किरपा फ़रमाई है - और बिना सरेंडर किये ही कहा है - एक दिन बेगुनाह साबित होंगे गुरमीत राम रहीम .. ..

बात में दम लगता है .. ..

क्योंकि वो ५० दिन कब के बीत गए - मोदी भी तो बचते बचाते चौराहे पर सरेंडर नहीं किये - और भक्त भी अब यही कहते हैं कि मोदी भी एक दिन बेगुनाह साबित होंगे .. ..

और इसलिए मैं सोच रहा हूँ कि इस देश में फिर गुनहगार कौन ?? .. और आखिर ये गुनहगार साबित कब होंगे ?? .. ..

और मेरा ऐसा मानना है कि हर गुनहगार एक दिन गुनहगार साबित होगा बशर्ते हम सरकार से गुनहगारों की छुट्टी कर सकें .. धन्यवाद !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// त्रिपाठी व्यक्तिगत कारणों से छुट्टी गए - ऐसे ही मोदी-योगी कब जाएंगे ?? .. ..//


बीएचयू पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा - बातें ही कुछ ऐसी थीं कि सबके सरोकार की और किसी को हजम ना होने वाली .. और चर्चाओं में बीएचयू की पीड़ित छात्राएं तो कम रहीं पर निकम्मा शासन और मुजरिम प्रशासन ज्यादा रहा .. .. और इसलिए मोदी-योगी-त्रिपाठी चर्चाओं के नकारात्मक हिस्से के केंद्रबिंदु बने रहे .. ..

और अब समाचार आया है कि आज बीएचयू के खुलने से ठीक पहले उपकुलपति त्रिपाठी लम्बी छुट्टी पर चले गए हैं .. और छुट्टी पर जाने के पीछे उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है .. ..

मेरी छुट्टी प्रतिक्रिया .. ..

खोखले दिमाग वाले भक्तों को छोड़ शायद ही कोई माने कि त्रिपाठी व्यक्तिगत कारणों के चलते लम्बी छुट्टी पर गए हैं .. .. पर यदि भक्तों पर तरस खा मैं ये बात मान भी लूँ तो फिर मैं बड़ी उत्सुकता से सोच रहा हूँ कि ये मोदी-योगी के पास भी क्या कोई व्यक्तिगत कारण नहीं कि ये भी छुट्टी पर जाएं ?? .. ..

और मेरा जवाब है कि ये जो त्रिपाठी है ना ये बिल्कुल मोदी-योगी स्टाइल में दादागिरी बता रहा था - और भयंकर गुमान में था - और इसलिए ही अपनी मनमानी कर रहा था - ऊटपटांग हरकतें पटक रहा था - और इसे पूरा भरोसा था कि इसका कोई बाल बांका नहीं कर सकेगा क्योंकि शायद इसके पीछे किसी आसुरी शक्ति का हाथ था .. ..

इस बात को ऐसे भी समझा जा सकता है कि त्रिपाठी प्रधानमंत्री - मुख्यमंत्री होने जैसा व्यवहार कर रहा था .. और मोदी-योगी एक विश्वविद्यालय के कुलपति होने जैसा व्यवहार करते रहे थे .. ..

बस इसलिए मैं मानता हूँ कि मोदी-योगी का हाल भी ठीक त्रिपाठी जैसा ही है .. बस कसर है तो इतनी सी कि देखना होगा कि इनको इनके व्यक्तिगत कारणों के बारे में होश कब आएगा - और ये छुट्टी पर कब जाएंगे .. ..

और मेरे हिसाब से तो त्रिपाठी इसलिए छुट्टी गए कि उन पर जनता का जबरदस्त दबाव आ गया था - जी हाँ 'दबाव' !! .. और मेरे हिसाब से आजकल जनता का जबरदस्त ऐसा ही दबाव मोदी-योगी पर भी बन रहा है .. तो बस दरकार इस बात की है कि दबाव बनाया जाता रहे और मोदी-योगी को भी व्यक्तिगत कारण जल्द समझ में आ जाएं .. इंशाअल्लाह !! .. जल्द आयद दुरुस्त आयद !! .. ..

भारत माता की जय !! वंदे मातरम !! जय हिन्द !! इंकलाब ज़िंदाबाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 2 October 2017

// टुच्चे भक्तों !! .. गाँधी और भगत सिंह दोनों को यथायोग्य सम्मान तक नहीं ?? .. ..//


आज भक्तु ने फिर से व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में निर्मित घटिया पोस्ट कॉपी पेस्ट कर मारी है .. ..

" कैसे मैं सम्मान करु‪ ‎गाँधी‬ वाली सीखों का
 मैं तो कर्ज़दार हूँ‪
 भगत सिंह‬ की चीखों का...
 जय हिन्द " .. ..

मेरी गुस्से से भरी प्रतिक्रिया .. ..

अरे एहसानफरामोशों   .. तुमने गाँधी का सम्मान नहीं किया ये तो सर्वविदित है ही .. .. पर उससे बड़ा तथ्य तो ये भी है जिसे आज मैं डंके की चोट पर सार्वजनिक कर रहा हूँ .. ..

और वो तथ्य ये है कि तुमने भगत सिंह की तथाकथित चीखों का अभी तक रत्ती भर कर्ज़ा भी नहीं उतारा है .. बल्कि तुमने तो अब तक कई निर्दोषों और देश के अपने ही नागरिकों की चीखें निकालने का ही काम किया है .. तुमने तो गुंडागर्दी तक चालू कर दी है .. .. शर्म करो !! .. ..

और शर्म इसलिए भी करो कि बताया तो ये भी गया था कि शहीद भगत सिंह बिना चीखे भारत माता के जयकारे लगाते निर्भीक निडर हो फांसी पर झूल गए थे .. .. तो बेवकूफों ये चीखों वाली बात तुम्हें किस गधे ने पेल दी ?? .. ..

इसलिए तुम्हें तो धिक्कार ही है .. फिर चाहे वो गाँधी के लिए हो या भगत सिंह के लिए या फिर तुम्हारी छद्मराष्ट्रभक्ति या छद्मदेशप्रेम के लिए .. या फिर तुम्हारी साम्प्रदायिक गुंडागर्दी के लिए .. ..

तो अब और चीखते रहो - कपडे फाड़ते रहो .. .. हा !! हा !! हा !! .. ..

और सोचना कि क्या ही बेहतर ना होता कि तुम गाँधी और भगत सिंह दोनों को यथायोग्य सम्मान देते और अपने दिमागी दिवालियेपन का सबूत ना दिए होते .. .. सोचोगे ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// इनके खुद के पितृपुरुष सरदार-शास्त्री जैसे ना हुए तो इन्होंने तो गोद ले लिए ..//


आज मैंने पाया कि लालबहादुर शास्त्री भी एकाएक सरदार पटेल की श्रेणी में आ गए हैं - क्योंकि आज तो मैंने कई भक्तों को उन्हें शत्-शत् नमन करते रंगे हाथों पकड़ा है - और वो भी खाली हाथ नहीं बल्कि इस तथ्यात्मक टिपण्णी के साथ कि - " भारत के अब तक के सबसे महान PM " .. ..

और मुझे लगा कि क्योंकि इनके खुद के पितृपुरुष सरदार-शास्त्री जैसे ना हुए तो इन्होंने तो गोद ले लिए .. और वो भी अपने ही PM वाजपेयी तक को बिसार के !! .. ..

खैर इसमें भी कोई बुराई नहीं है - क्योंकि आज एक तथ्य स्वीकार किया है कि लालबहादुर शास्त्री अब तक के सबसे महान PM थे - तो आगे चलकर इन्हें यह भी तथ्य स्वीकार करा ही देंगे कि मोदी अब तक के सबसे बेकार बकवास नकारा PM साबित हुए .. ..

इसलिए जितनी बार भी मैंने मोदी जी को कोसा होगा आज उससे शत् गुणित बार देश के छोटे से कद काठी और छाती के महान लाल लालबहादुर शास्त्री जी को नमन !! .. ..

और इस खास मौके पर देशहित में एक बार फिर मोदी जी को धिक्कार के साथ कहूंगा कि - बातें बहुत हो गईं - लालबहादुर जैसे एक आध काम भी तो कर के बताओ !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// मोदी झेलने की कैपेसिटी बढ़ा रहे हैं .. पर मोदी को झेलने की कैपेसिटी ?? ....//


पीएम नरेंद्र मोदी ने आज गांधी जयंती के मौके पर विज्ञान भवन में कहा कि स्वच्छता अभियान के तीन साल में हम आगे बढ़े हैं बेशक - इसके लिए लोगों ने मेरी आलोचना की कि हमारी २ अक्टूबर की छुट्टी खराब कर दी - मेरा स्वभाव है कि बहुत-सी चीजें झेलता रहता हूं - झेलना मेरा दायित्व भी है और झेलने की कैपेसिटी भी बढ़ा रहा हूं .. ..

मेरी बिना और झेले प्रतिक्रिया .. ..

मोदी जी लोग आपकी आलोचना कर रहे हैं - और आप झेल रहे हैं !! .. और झेलने की कैपेसिटी बढ़ा रहे हैं !! .. .. क्या ये उचित है ?? .. क्या ये हठधर्मिता नहीं ?? .. क्या ये अड़ियल रवैय्या नहीं ?? .. क्या ये बेशर्मी और ढीठता नहीं ?? .. ..

नहीं-नहीं मोदी जी ऐसा नहीं चलेगा - आप अपनी झेलने की कैपेसिटी बढ़ाते हो तो बढ़ाओ - पर हम तो संवेदनशील समझदार जवाबदार लोग हैं - और इसलिए अब हमारी कैपेसिटी आपको झेलने की बिलकुल भी नहीं बची है .. और आप हमारे लिए एक बोझ बन चुके हो !! .. ..

इसलिए बेहतर होगा कि अब आप लोगों की आलोचनाओं का आदर करो - और चलते बनो - या फिर अपना पहला वादा निभाओ और मिलो ५० दिनी चौराहे पर .. समझे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// संघ परिवार का हिन्दू हिंदुत्व राष्ट्रभक्ति का व्यवसाय अब ठंडा पड़ता जा रहा है ..//


ये सभी संघ परिवार के रूप में इकट्ठे हुए - साम दाम दंड भेद राजनीति पैसा लत्ता सब दांव पर लगा - और भक्तों को काम पर लगा .. और कइयों को बहला फुसला - और कइयों को खरीद कर तो कइयों को बेवकूफ बना - जीत गए और शानदार जीत गए .. ..

और अब तक ये सोच रहे थे कि संघ के आशीर्वाद से - विहिप और बजरंग दल के सहयोग से - और रामदेव और शिवसेना के बाहरी सहयोग से - और अंबानी अडानी की पार्टनरशिप में - ये जनता को ठेंगा बताते हुए भी और पूरी बेशर्मी और ढीढता से अपनी मनमानी करते हुए सत्ता में बने रहेंगे .. ..

पर लगता है कि बंदरबांट का संतोषजनक निपटारा हो नहीं पाया है .. और बिखराव शुरू हो गया है .. ..
सबसे पहले शिवसेना ने तेवर दिखाए - तो फिर विश्व हिन्दू परिषद् ने बीफ और राम मंदिर के नाम पर और बजरंगियों ने गौरक्षकों के नाम पर तेवर दिखा दिए हैं .. .. और अब तो खुद मोहन भगवत ने भी सरकार के कई निर्णयों और कृत्यों की तरफ ऊँगली उठा दी है - और ठेंगे-अंगूठे दिखा दिए हैं .. और तो और अब तो पार्टी के कुछ दबंग भी दहाड़ने लगे हैं - और मोदी जेटली की तो बोलती ही बंद कर दिए हैं .. ..

और गोदी मीडिया भी गोदी में अंगड़ाई लेने लगा है और कभी ऊँगली कर रहा है तो कभी चुकोटियाँ खसोटने लगा है - तो कभी सुस्सू भी कर दे रहा है .. .. और कुछ रविश कुमार अभिसार शर्मा जैसे लोग तो गोदी मीडिया की ही ऐसी तैसी कर पा रहे हैं .. और कन्हैया कुमार जैसे कई लोग सोशल मीडिया पर छा रहे हैं और इन्हें छका सा रहे हैं !! .. ..

और इन सबके अलावा - जनता ने तो अब मोदी और मोदी सरकार के विरुद्ध कथनों चुटकुलों और अपशब्दों अपवाक्यों अपलेखों अपनिबंधों की झड़ी सी लगा दी है .. .. और शुद्ध अशुद्ध गालियां भी दी ही जा रही हैं .. और भक्त ये सब नई-नई सुनने को अभिशप्त से दिख रहे हैं .. और बेचारे कुछ 'हिन्दू-मुसलमान' वाले भड़काऊ वाहियात पुराने घिसे पिटे वीडियो या घृणित लेख कॉपी पेस्ट कर जैसे तैसे बमुश्किल अपना काम चलाने में लगे पड़े हैं - क्योंकि वैसे भी अब नया कुछ सूझ ही नहीं रहा है - तो करें भी तो क्या ?? .. ..

और इसलिए आज मुझे सुखद एहसास होने पर सत्तासीनों को संदेश !! .. कि यदि तुम राम मंदिर गाय हिन्दू हिंदुत्व राष्ट्रभक्ति का व्यवसाय कर सकते हो तो इस व्यवसाय में अन्य छोटे बड़े व्यवसाई और ब्रांड भी मौजूद हैं - और कॉम्पिटीशन तगड़ा है .. और फिर हम जैसे सच्चे राष्ट्रभक्त भी अभी कहाँ मर गए हैं .. हम सब भी तो मौजूद हैं तुम्हे निपटाने के लिए .. ..

और अब तो तुम निपट ही रहे हो .. क्योंकि तुम्हें तो निपटना ही था - क्योंकि तुम ने बहुतेरी मूर्खताएं पटक दी हैं - क्योंकि तुम तो हो ही मूर्ख !! .. नहीं समझे ना !! .. समझोगे भी नहीं क्योंकि आखिरकार तुममें सत्ता के नशे का सेवन करने के बाद समझने का माद्दा ही कब बचा था !! .. मसलन तुम समझ ही नहीं पाए कि बुलेट ट्रेन या मूर्ती या मंदिर बनाने के जुमले जारी करने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण तो १००० रूपए का नया नोट जारी करना था !! .. करना था ना ?? .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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