Monday 2 October 2017

// संघ परिवार का हिन्दू हिंदुत्व राष्ट्रभक्ति का व्यवसाय अब ठंडा पड़ता जा रहा है ..//


ये सभी संघ परिवार के रूप में इकट्ठे हुए - साम दाम दंड भेद राजनीति पैसा लत्ता सब दांव पर लगा - और भक्तों को काम पर लगा .. और कइयों को बहला फुसला - और कइयों को खरीद कर तो कइयों को बेवकूफ बना - जीत गए और शानदार जीत गए .. ..

और अब तक ये सोच रहे थे कि संघ के आशीर्वाद से - विहिप और बजरंग दल के सहयोग से - और रामदेव और शिवसेना के बाहरी सहयोग से - और अंबानी अडानी की पार्टनरशिप में - ये जनता को ठेंगा बताते हुए भी और पूरी बेशर्मी और ढीढता से अपनी मनमानी करते हुए सत्ता में बने रहेंगे .. ..

पर लगता है कि बंदरबांट का संतोषजनक निपटारा हो नहीं पाया है .. और बिखराव शुरू हो गया है .. ..
सबसे पहले शिवसेना ने तेवर दिखाए - तो फिर विश्व हिन्दू परिषद् ने बीफ और राम मंदिर के नाम पर और बजरंगियों ने गौरक्षकों के नाम पर तेवर दिखा दिए हैं .. .. और अब तो खुद मोहन भगवत ने भी सरकार के कई निर्णयों और कृत्यों की तरफ ऊँगली उठा दी है - और ठेंगे-अंगूठे दिखा दिए हैं .. और तो और अब तो पार्टी के कुछ दबंग भी दहाड़ने लगे हैं - और मोदी जेटली की तो बोलती ही बंद कर दिए हैं .. ..

और गोदी मीडिया भी गोदी में अंगड़ाई लेने लगा है और कभी ऊँगली कर रहा है तो कभी चुकोटियाँ खसोटने लगा है - तो कभी सुस्सू भी कर दे रहा है .. .. और कुछ रविश कुमार अभिसार शर्मा जैसे लोग तो गोदी मीडिया की ही ऐसी तैसी कर पा रहे हैं .. और कन्हैया कुमार जैसे कई लोग सोशल मीडिया पर छा रहे हैं और इन्हें छका सा रहे हैं !! .. ..

और इन सबके अलावा - जनता ने तो अब मोदी और मोदी सरकार के विरुद्ध कथनों चुटकुलों और अपशब्दों अपवाक्यों अपलेखों अपनिबंधों की झड़ी सी लगा दी है .. .. और शुद्ध अशुद्ध गालियां भी दी ही जा रही हैं .. और भक्त ये सब नई-नई सुनने को अभिशप्त से दिख रहे हैं .. और बेचारे कुछ 'हिन्दू-मुसलमान' वाले भड़काऊ वाहियात पुराने घिसे पिटे वीडियो या घृणित लेख कॉपी पेस्ट कर जैसे तैसे बमुश्किल अपना काम चलाने में लगे पड़े हैं - क्योंकि वैसे भी अब नया कुछ सूझ ही नहीं रहा है - तो करें भी तो क्या ?? .. ..

और इसलिए आज मुझे सुखद एहसास होने पर सत्तासीनों को संदेश !! .. कि यदि तुम राम मंदिर गाय हिन्दू हिंदुत्व राष्ट्रभक्ति का व्यवसाय कर सकते हो तो इस व्यवसाय में अन्य छोटे बड़े व्यवसाई और ब्रांड भी मौजूद हैं - और कॉम्पिटीशन तगड़ा है .. और फिर हम जैसे सच्चे राष्ट्रभक्त भी अभी कहाँ मर गए हैं .. हम सब भी तो मौजूद हैं तुम्हे निपटाने के लिए .. ..

और अब तो तुम निपट ही रहे हो .. क्योंकि तुम्हें तो निपटना ही था - क्योंकि तुम ने बहुतेरी मूर्खताएं पटक दी हैं - क्योंकि तुम तो हो ही मूर्ख !! .. नहीं समझे ना !! .. समझोगे भी नहीं क्योंकि आखिरकार तुममें सत्ता के नशे का सेवन करने के बाद समझने का माद्दा ही कब बचा था !! .. मसलन तुम समझ ही नहीं पाए कि बुलेट ट्रेन या मूर्ती या मंदिर बनाने के जुमले जारी करने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण तो १००० रूपए का नया नोट जारी करना था !! .. करना था ना ?? .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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