आज भक्तु ने फिर से व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में निर्मित घटिया पोस्ट कॉपी पेस्ट कर मारी है .. ..
" कैसे मैं सम्मान करु गाँधी वाली सीखों का
मैं तो कर्ज़दार हूँ
भगत सिंह की चीखों का...
जय हिन्द " .. ..
मेरी गुस्से से भरी प्रतिक्रिया .. ..
अरे एहसानफरामोशों .. तुमने गाँधी का सम्मान नहीं किया ये तो सर्वविदित है ही .. .. पर उससे बड़ा तथ्य तो ये भी है जिसे आज मैं डंके की चोट पर सार्वजनिक कर रहा हूँ .. ..
और वो तथ्य ये है कि तुमने भगत सिंह की तथाकथित चीखों का अभी तक रत्ती भर कर्ज़ा भी नहीं उतारा है .. बल्कि तुमने तो अब तक कई निर्दोषों और देश के अपने ही नागरिकों की चीखें निकालने का ही काम किया है .. तुमने तो गुंडागर्दी तक चालू कर दी है .. .. शर्म करो !! .. ..
और शर्म इसलिए भी करो कि बताया तो ये भी गया था कि शहीद भगत सिंह बिना चीखे भारत माता के जयकारे लगाते निर्भीक निडर हो फांसी पर झूल गए थे .. .. तो बेवकूफों ये चीखों वाली बात तुम्हें किस गधे ने पेल दी ?? .. ..
इसलिए तुम्हें तो धिक्कार ही है .. फिर चाहे वो गाँधी के लिए हो या भगत सिंह के लिए या फिर तुम्हारी छद्मराष्ट्रभक्ति या छद्मदेशप्रेम के लिए .. या फिर तुम्हारी साम्प्रदायिक गुंडागर्दी के लिए .. ..
तो अब और चीखते रहो - कपडे फाड़ते रहो .. .. हा !! हा !! हा !! .. ..
और सोचना कि क्या ही बेहतर ना होता कि तुम गाँधी और भगत सिंह दोनों को यथायोग्य सम्मान देते और अपने दिमागी दिवालियेपन का सबूत ना दिए होते .. .. सोचोगे ना !! .. ..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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