मोदी जी एवं उनके प्यारे न्यारे भक्तों !! .. ..
निवेदन है कि आपके रहते अब अगली बार जब भी कोई विदेशी मेहमान आएं तो किरपा करके उन्हें ताजमहल दिखाने तो ले ही नहीं जाएं - और ये गाँधी के ठिकानों पर भी नहीं .. और उन्हें तो केवल आपके मापदंडों में खरे उतरते हिन्दू संस्कृति के उजले उत्कृष्ट चमकदार पहलुओं से ही अवगत कराएं .. ..
मसलन सबसे पहले उन्हें अपने साथी 'मित्रों' और 'भाइयों और बहनों' के दर्शन कराएं - उन्हें साधू साध्वियों बाबाओं से मुफ्त आध्यात्मिक एवं समस्त विविध सांसारिक ज्ञान दिलवाएं .. .. फिर उन्हें गौरक्षकों से मिलवा देसी मार्शल आर्ट्स के बारे में जानकारी दें - और अब अंतर्राष्ट्रीय कला का रूप ले चुके योग भी सिखवाएं .. और अंत में अपनी माँ से मिलवा उन्हें आशीर्वाद दिलवाएं - और बताएँ कि उस माँ के ही आशीर्वाद से देश को ये दिन देखने को मिले हैं .. ..
और हो सके तो अमित शाह से जरूर मिलवाएं और बताएँ कि कद काठी में गाँधी से मिलते हैं बस थोड़ा हराम की खाकर मुटिया गए हैं - और गाँधी जैसे ही ये भी जेल हो आए हैं - और चश्मा भी गोलमाल ही पहनते हैं .. वैसे उसूलों के पक्के हैं जैसे कि गांधी थे - और समय के साथ उसूलों में परिवर्तन भी स्वाभाविक है .. इसलिए उनका हिंसावादी होना स्वाभाविक है .. ..
पर समय के साथ हर चीज़ परिवर्तित हो जाए ऐसा भी आवश्यक नहीं - और ये सिद्ध करने के लिए उन्हें विश्व पटल पर उभरते पर्यटन स्थल बड़नगर की वो ऐतिहासिक गुमटी भी दिखाएं जिसका नक्शेबाज़ी पूर्ण निर्माण हाल ही में किया गया लगता है - और जिसे एक धरोहर के रूप में संजो करके रखना बताया गया है .. एक धरोहर - जो देश के पहले फेंकू प्रधानमंत्री के नामे कर दी गई है इस दावे के साथ कि जिस व्यक्ति ने देश को बर्बाद किया वो इसी धरोहर में कभी चाय बेचता था .. ..
और जब आप उन्हें बड़नगर लेकर जाएं तो उन्हें वो तालाब भी दिखलाएं जहां से देश के पहले वीर प्रधानमंत्री ने मगरमच्छ पकड़ा था - और उस मगरमच्छ की औलादों को भी प्रदर्शित करें .. और फिर चाहें तो गाँव के स्कूलों का मुआयना भी करवाएं जहाँ पुरातत्व की किसी भी चीज़ में बदलाव नहीं आने दिया गया है - और अंत में उन्हें गुजरात के प्रसिद्द गधों के बीच भी ले जाएं .. ..
पर सावधान !! ये सब जल्दी कीजिये .. क्योंकि डेढ़ साल बाद तो बड़नगर और गुजराती गधे सब अपना पुरातत्व या स्पेशल होने का बोध खो देंगे - और इंशाअल्लाह पर्यटक एक बार फिर आगरा के ताजमहल की तरफ रुख कर लेंगे .. और विदेशी भी गांधी को नतमस्तक होते रहेंगे .. क्योंकि गाँधी इज़्ज़त के पात्र हैं और ताजमहल देश की शान .. समझे !! .. ..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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