Tuesday 14 November 2017

// समाधान केवल केजरीवाल के पास .. मोदी तो ठहरे ठनठनगोपाल .. ..//


दिल्ली में प्रदूषण है - और प्रदूषण पूरे देश में अन्यत्र भी है - और दिल्ली से अधिक भी है - और तो और पूरा विश्व ही प्रदूषण की चपेट में है .. और किसी को समाधान सूझ नहीं रहा है .. ..

पर ऐसा कह कर हम विषय से भटक नहीं जाएं इसलिए मूल बात पर ही टिकना चाहूंगा कि - दिल्ली में प्रदूषण है .. क्योंकि आखिर शैतानी निर्विवाद सत्य बात तो यही है कि दिल्ली में तो प्रदूषण है ही .. ..

और तमाम दिग्गज और भक्त दिल्ली के प्रदूषण में अपने दिमाग ज्ञान और इज़्ज़त का भाजीपाला करवा चुके हैं .. मसलन - ऑड-इवन शुरू क्यों नहीं किया - इवन-ऑड से क्या हुआ था क्या हो जाएगा - दोपहियों को छूट क्यों - महिलाओं को छूट क्यों नहीं - दिल्ली से सटे राज्यों में पराली जलाना बंद क्यों नहीं हुआ - दिल्ली में भी तो पराली जलाई गई - पंजाब से आप के विधायक पराली जलाते पाए गए तो दिल्लीवालों को पराली के विरुद्ध बोलने का क्या अधिकार - डीज़ल गाड़ियों पर रोक क्यों नहीं - ट्रकों पर रोक से क्या हो जाएगा - खटारा वाहन क्यों - खट्टर से मुलाक़ात क्यों - अमरिंदर मिल कर क्या उखाड़ लेते जो नहीं मिल कर उखाड़ लेंगे - नई बसें क्यों नहीं खरीदीं - डस्ट वैक्यूम क्लीनर क्यों नहीं खरीदे - पैसे की कमी थी तो बिजली पानी मुफ्त क्यों - ये पेड़ों पर पानी के छिकड़ाव करने से क्या हो जाएगा .. अरे इन सब तमाशों से क्या हो जाएगा - सब मिलकर बैठकर समाधान क्यों नहीं निकालते .. जी हाँ बैठकर !! .. ..

और फिर अंतिम सदाबहार निष्कर्ष कि ये केजरीवाल नाटक क्यों करते रहते हैं - कुछ करते क्यों नहीं ?? .. ..

पर लगता है कि किसी के पास कोई पुख्ता समाधान नहीं है .. पर शायद मेरे पास इस समस्या का प्रदूषण रहित समाधान है .. ..

और समाधान ये है कि .. ..

प्रदूषण पर विश्वव्यापी चर्चा होनी चाहिए - पर सारी चर्चा दिल्ली को ही प्रदूषण का एपिसेंटर मानकर ही होनी चाहिए .. और केजरीवाल को तो पूरे विश्व के प्रदूषण पर ही घेरते रहना चाहिए .. क्योंकि समाधान वहीं से निकलेगा .. ..

और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि अव्वल तो चर्चा करते रहने मात्र से किसी को समाधान ना करने का दोषी नहीं ठहराया जा सकेगा .. और फिर इस समस्या का समाधान तो केवल केजरीवाल के पास ही है - यकीनन !! .. ..

और यकीन नहीं हो तो प्रत्यक्ष में प्रमाण पर गौर करें .. खांसी के मालिक केजरीवाल की इस प्रदूषण में भी खांसी गायब है - और बाकी सबको लगता है जबरदस्त ठसका लग गया है - और सब जवाबदार खुर्र खुर्र खुर्र अपना गला खंखार रहे हैं .. है ना !! .. ..

और हाँ अंत में एक हिदायत भी .. कल वाराणसी देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा .. पर खबरदार जो गला खंखारने की ज़ुर्रत करी - गला घोंट दिया जाएगा - समझे !! .. ..

और वैसे भी इस समस्या का समाधान मोदी या योगी के पास हो - असंभव !! .. क्योंकि इन महानुभावों के पास तो किसी भी समस्या का समाधान नहीं है .. ये तो ठहरे ठनठनगोपाल .. ना लीपने के ना पोतने के .. समझे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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