Saturday 18 November 2017

// अब इंतज़ार करें .. वीरांगना चम्पावती और वीर चम्पतलाल का !! .. ..//


चर्चित फिल्म पद्मावती मैंने देखी नहीं क्योंकि भंसाली ने दिखाई नहीं ..
हनीप्रीत भी मैंने देखी नहीं ना ही उनकी चर्चित गतिविधियां .. ..

पर जय हो टीवी की - सबकुछ दिखला दिया - सच भी झूठ भी .. और पका दिया .. महारानी की प्रतिष्ठा का विवाद भी देख लिया और नौकरानी का महारानी जैसा प्रभाव भी ..

और इस दौरान हमारी हर संवैधानिक व्यवस्था को भी मैंने देख लिया .. क्या तो कानून व्यवस्था क्या न्याय व्यवस्था  क्या जनप्रतिनिधि क्या सरकार क्या सरकारी मंत्रालय क्या सेंसर बोर्ड और क्या ढेर सारे आयोग आदि - सब के सब बेकार नकारा लिसलिसे लुंजपुंज !! .. ..

इसलिए अब मेरे सामने प्रश्न ये नहीं है कि हनीप्रीत का क्या होगा - या हनीप्रीत के खिलजी का क्या होगा - या फिर पद्मावती का क्या होगा - या भंसाली पादुकोण का क्या होगा ?? ..

मेरे सामने तो अब केवल एक ही प्रश्न है कि मोदी और हमारी संवैधानिक संस्थाओं और देश की दशा दिशा का क्या होगा ?? ..

और दिमाग में कौतूहल केवल इतना सा है कि पद्मावती के बाद कौन सी चम्पावती और कौन से चम्पतलाल हमारे चौथे खम्बे पर चढ़ कर बांग देते हैं और करतब दिखाते दिखाते वायरल होते हैं ..

वैसे मौसम को देखते हुए मुझे लगता है कि अगली चम्पावती या चम्पतलाल का संबंध देश प्रेम या देश भक्ति से होगा .. क्योंकि आजमाया हुआ लाभकारी जेनएयू प्रकरण पुराना हो चला है - और हार्दिक पद्मावती मंदिर जैसे प्रकरण अब उल्टे हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं - और चुनाव सर पर हैं ..

और क्रिया करम के लेखे जोखे की सीडी अभी तक कोरी खाली हो चलाने लायक तक नहीं है  .. और फिर इस बार ईवीएम के साथ वीवीपैट भी चलनी है .. .. 

और बहनों और भाइयों !! ६ करोड़ गुजरातियों का मूड सिवाय देशप्रेम और देशभक्ति के अलावा सकारात्मक हो पाएगा लगता नहीं .. क्योंकि विकास भी तो वैसे ही पागल हो चुका है .. है ना !!

तो इंतज़ार करें .. वीरांगना चम्पावती और वीर चम्पतलाल का !! .. ..
!! वंदे मातरम् !! भारत माता की जय !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

1 comment:

  1. काकावाणी‏
    @AliSohrab007
    14h14 hours ago
    मोदी ने राफेल सौदा कुछ इस तरह से कर डाला है कि अंबानियों को भारी फायदा पहुँचे, और इसमें भारत को बहुत अधिक नुकसान
    बोफोर्स सौदा घोटाला 64 करोड़ का था, जबकि यह राफेल सौदा तो 59,000 करोड़ रुपये का है। फिर भी गोदी मीडिया चुप्पी बनी हुई है, आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, जरा सोचिये........

    ReplyDelete