Sunday 19 November 2017

// अर्थव्यवस्था पर घोर पाखंड ? .. या गिरती अर्थव्यवस्था पर घनघोर पाखंड ?? ..//


एक हैं राहुल पंजे वाले - यानि राहुल गांधी .. और एक हैं राहुल कमल वाले - यानि पत्रकार राहुल कंवल .. ..

और राहुल कमल वाले कुछ ऐसे तड़प झड़प कर ट्वीटें हैं कि उनके घोर पाखंड की बानगी पर गौर करें .. ..

/ .. अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाले लोग इस बारे में कोई भी अच्छी खबर आने पर तुरंत खामियां ढूंढने लगते हैं .. घोर पाखंड .. राहुल कंवल .. ../

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

/ .. अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाले लोग इस बारे में प्रत्येक बुरी खबर आने पर तुरंत टेके लगाने लगते हैं .. घनघोर पाखंड .. ब्रह्म प्रकाश दुआ .. ../

उपरोक्त प्रतिक्रिया देने से मेरा आशय केवल इतना है कि .. ..

यदि आप खुद बकवास करने के आदी हैं तो फिर दूसरे की बकवास करने पर विलाप क्यों ?? .. ..
और यदि आप खुद बकवास नहीं करते तो दूसरों की बातें आपको बकवास लगती ही क्यों ?? .. ..
और यदि आपके विरोधी ने चोरी करी थी तो आपको भी चोरी करने का अधिकार क्यूँ ?? .. ..
और यदि चोरी आपने करी है तो चोरी करना पुण्य क्यों ?? .. ..

और राहुल कंवल जी .. यदि उपरोक्त गूढ़ दार्शनिक प्रश्न तुम्हारे साहेब भी तुम्हे ना समझा सकें तो फिर कुछ आसान से प्रश्नों का ही उत्तर दे मारो .. ..

आपकी ही स्वीकारोक्ति अनुसार ये अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक खबरें निरंतर आ ही क्यों रही हैं - देश में महंगाई बढ़ गई है या पाखंडियों की संख्या ?? .. या फिर देश में बेरोजगार ज्यादा हैं या घोर पाखंडी ?? .. या फिर मीडिया में बिकाऊ पत्रकार ज्यादा हैं या घनघोर पाखंडी ?? .. ..

अरे चौथे खम्बे पर चढ़े राहुल कंवल जी !! .. जरा खम्बे से नीचे जमीन पर उतरो - और एक बार ईमानदारी से अपने दिल पर हाथ रखकर भी चिंतन मनन कर मारो कि - ये अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक खबरें आ ही क्यों रहीं हैं - और चोट किसको पहुँच रही है .. मोदी को - या तुम को - या गरीब जनता को ?? .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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