Thursday 16 November 2017

// अंतर्राष्ट्रीय बारात का स्वागत है .. दिल बड़ा है - और दिमाग भी खुल्ला ही रखते हैं ..//


ये लो !! कर लो बात !! .. साहेब ने आसियान देशों के सभी १० देशों के राष्ट्राध्यक्षों को गणतंत्र दिवस पर भारत आने का न्यौता दे दिया .. और सभी ने न्यौता स्वीकार भी कर लिया .. ..

मैं कहता नहीं था कि जो बिना सलाह नोटबंदी कर सकता है - वो कुछ भी कर सकता है .. ..

और वैसे भी सुना है कि छड़ों को बारात का क्रेज तो यूँ भी रहता ही है .. ..

तो अंतर्राष्ट्रीय बारात का स्वागत है .. आ जाओ .. कितनेsss आओगे .. हमारा दिल बहुत बड़ा है .. और इधर तो हमारेवाले दिमाग भी खुल्ला ही रखते हैं .. समझे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

2 comments:

  1. Anil Pandey‏
    @AnilAnil666
    2m2 minutes ago
    क्या मनुष्य अपने कर्मों का फल पाने की चेष्टा नहीं करता, परन्तु ईश्वर उन्हें केवल उनके सत्कर्मों का ही फल देता है। सत्कर्म हमेशा सार्थक होता है। और सार्थक अपने आप में खुद ही एक फल है।हमे सार्थकता पाने का प्रयत्न करना चाहिए न की फल की। संतो ने कर्म को मनुष्य का धर्म कहा है।

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  2. गुजरात चुनाव - बड़ा खुलासा ! ख़राब पोलियो ड्राप का मुद्दा , डॉक्टर का ले... https://youtu.be/aeNPsYYoMDo via @YouTube

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