Monday 20 November 2017

// कर दी ना चिल्लर वाली बात .. " माँ " होना भी क्या कोई पेशा होता है ?? .. छिः .. ..//


नोटबंदी के फायदे !! तौबा !! .. छिल्लर के मिस वर्ल्ड बनने पर अब वो कह रहे हैं कि नोटबंदी के फलस्वरूप 'चिल्लर' के भाव बढ़ गए .. ..

लगता तो कुछ अटपटा सा ही है - वैसे ठीक भी है .. बात खेत की हो या खलिहान की - जुमलेबाजों को क्या फर्क पड़ता है - कहीं की कहीं जोड़ टिका चिपका देने में इनको महारथ जो हासिल है .. ..

वैसे ईमानदारी से और दिल की सही बात बताऊँ ?? .. जब से सुना है कि छिल्लर से जब पूछा गया कि वो कौन सा पेशा (प्रोफेशन) है जिसके लिए सबसे ज्यादा वेतन दिया जाना चाहिए ?? और उसने जवाब दिया .. माँ - माँ ............. .. तब से ही मुझे एक कॉमेडियन की वो कॉमेडी गुदगुदा रही है - जिसमें वो बताते हैं कि - याद कर के गए थे 'फ्रेंड' के ऊपर निबंध - परीक्षा में आ गया 'फादर' के ऊपर .. पर उन्होंने लिख मारा पूरा निबंध 'फ्रेंड' की जगह 'फादर' लिख कर .. मसलन .. "आई हैव सिक्स फ्रेंड्स, मोहनलाल इस माय बेस्ट फ्रेंड" की जगह लिख आए - "आई हैव सिक्स फादर्स, मोहनलाल इस माय बेस्ट फादर" .. ..

इसलिए मैं सोचता हूँ कि यदि वो नोटबंदी के अनेक अजीबोगरीब और अजीबोअमीर फायदे गिनाते रहते हैं तो ठीक ही है .. उनको भी कहाँ नोट या चिल्लर या छिल्लर या फिर 'फ्रेंड' और 'फादर' और 'माँ' के ही विषय में पूरी जानकारी है .. ..

और शायद इन संस्कारियों को तो ये भी ज्ञान नहीं कि माँ अपने आप में एक रिश्ता है पेशा (प्रोफेशन) नहीं - और गाय पालना एक प्रोफेशन हो सकता है पर माँ को पाला नहीं जाता - अपितु पालने का काम तो माँ ही करती है .. ..

यानि सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है .. और लगता है बहुत कुछ 'फिक्स्ड' भी है .. नहीं क्या ??

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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