Thursday 9 November 2017

// २०१२-१४ में कांग्रेस के हालात - बनाम - २०१७-१९ में भाजपा की बदहाली .. ..//


आवश्यकता के अनुरूप आज एक संक्षिप्त तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत कर रहा हूँ .. ..

२०१४ के पहले कांग्रेस सत्तासीन थी और मजे में थी .. पर तकरीबन डेढ़ दो साल पहले से उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे थे - और उसके बदनाम होने और उसे बदनाम करने की शुरुआत हो गई थी .. और लोकपाल के लिए अन्ना आंदोलन भी चल ही रहा था .. और 'पप्पू' राहुल की जगहंसाई भी खूब हो रही थी .. और एक हवा सी बही और कांग्रेस २०१४ के चुनावों में धराशाई हो गई थी .. और 'फेंकू' अपनी फेंकमफाँक के बल और भाग्य के भरोसे एक बेहतर विकल्प के रूप में माने जाकर सत्तासीन हो गए थे .. ..

अगले चुनाव २०१९ में आने वाले हैं - और ठीक डेढ़ दो वर्ष पहले से ही अब लोग मोदी के विरुद्ध भी बहुत कुछ बोलने लगे हैं - जनता त्रस्त दिख रही है और हालात पस्त - और मोदी की बदनामी के साथ उनकी जगहंसाई भी चरम पर चल रही है .. और भाजपाइयों के ना केवल भ्रष्टाचार के प्रकरण - अपितु आपराधिक गुंडागर्दी दादागिरी और बेशर्मी और ढीढता के प्रकरणों के साथ ही धार्मिक उन्माद और साम्प्रदायिकता से लिप्त नित्य नए प्रकरण धड़ल्ले से चर्चित हो रहे हैं .. ..

साथ ही देखते ही देखते मोदी के पक्ष में आवाज़ें शिथिल और बेअसर हो "मौन" सी हो चली हैं .. यहाँ तक कि अब तो अंधभक्त भी "भौं-भौं" से "चींss-चींss" पर आ गए हैं - और स्वयं मोदी भी मिमियाते से नज़र आते हैं !! .. ..

और मेरा आंकलन कहता है कि इस वक़्त जो मोदी और भाजपा की बदहाली है वो २०१२-१४ के समय की मनमोहन सिंह और कांग्रेस के हालात की तुलना में कहीं अधिक बदतर हो चली है .. और २०१९ आते-आते तो मोदी और भाजपा की पोल खुलते-खुलते हालत और पतली होनी तय लगती है .. ..

और इसलिए परिणामस्वरूप मैं २०१९ आते-आते मोदी और भाजपा की दुर्गति कांग्रेस से भी बदतर होना तय मानता हूँ .. ..

और मैं आशान्वित हूँ कि मोदी और भाजपा के पतन की शुरुआत गुजरात के २०१७ के चुनाव से ही हो जाएगी .. क्योंकि भले ही विकास पागल हो गया हो पर सारे गुजराती थोड़े ही पागल हो गए होंगे .. नहीं ना !! .. ..

जिसको मेरी बात सही ना लगी हो वह खुशफहमी में रह ले मुझे कोई आपत्ति नहीं .. और जिसे मेरी बात सही लगी हो वह संतोष के साथ बिंदास खुश भी हो ले - बिंदास इसलिए क्योंकि आखिर हनीमून पीरियड के बाद दिन-ब-दिन आने वाली नई-नई विपदाओं से ग्रसित हो रहे लाचार भक्त - जिनकी हालत भेरू बावरे जैसी बिचारियत की हो चली है - अब कौन सी आपत्ति ले सकेंगे ?? - बेचारे !! .. है ना !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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