Monday 18 December 2017

// गुजरात में भाजपा की अफसोसजनक जीत के मायने .. ..//


और एक बार फिर गुजरात में भाजपा जीती .. और हिमाचल में भी .. ..

वैसे गौरतलब है कि भाजपा अहमदाबाद वड़ोदरा सूरत और राजकोट के ४ शहर ही जीती है - बाकी गुजरात तो बुरी तरह हारी है .. ..

मैं इसे "गुजराती प्रधानमंत्री" और तमाम तिकड़मों साज़िशों और सत्ता के शर्मनाक दुरपयोग और धनबल की अफसोसजनक जीत मानता हूँ .. और इसे देश के लिए अत्यंत हानिकारक और दुर्भाग्यपूर्ण भी मानता हूँ ..

और एक बार फिर स्थापित हुआ कि जनता भाजपा के दयनीय एवं आपत्तिजनक प्रदर्शन के बावजूद भी कांग्रेस को भाजपा के विकल्प के रूप में स्थापित करने में दुविधा में ही रही .. बल्कि हिमाचल के परिणाम तो ये भी इंगित करते हैं कि जनता भाजपा को अभी भी कांग्रेस से बेहतर विकल्प मान रही है .. ..

इसलिए मुझे पूरा यकीन है कि २०१९ तक अब भाजपा सत्ता में काबिज़ रहेगी - पर तब तक देश के सामने एक मज़बूत विकल्प भी उभरेगा जो केंद्र में भाजपा को सरकार बनाने के बहुमत से बहुत पीछे छोड़ देगा .. ..

और इसलिए देशहित में ईमानदार क्रांतिकारी और शानदार प्रदर्शन करते हुए अरविन्द केजरीवाल जैसी प्रतिभा के प्रति मेरा पूर्ण समर्थन जारी रहेगा .. ..

और सांप्रदायिक ताकतों को हराने - और देश को अभूतपूर्व भयंकर भ्रष्टाचार से मुक्त कराने - और देश में भय एवं अराजकता के दूषित वातावरण को खत्म करने - और देश को 'अनेकता में एकता' की सौगात पुनः लौटाने - और देश को विकास के पथ पर लाने के उद्देश्य से मुझ जैसे नाचीज़ की कोशिशें पूर्ववत अथक जारी रहेंगी .. ..
!! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 17 December 2017





// अपने घर में 'पप्पू' से जीते भी तो क्या जीते .. पर हारे तो .. .. ..//


५६" छाती वाले गप्पू - या तो पप्पू से जीतेंगे - या पप्पू से हारेंगे ..

पर पप्पू से कैसे जीतेंगे - पप्पू तो पप्पू रहा ही नहीं - पप्पू तो गजब सयाना हो गया ..
यानि फिर तो पप्पू से हारेंगे भी नहीं .. क्योंकि पप्पू तो पप्पू रहा ही नहीं .. ..

अरे नहीं ये पप्पू से ही हारेंगे - क्योंकि ये खुद "देश के बाप" जो हो गए हैं .. ..

यानि यदि ये "देश के बाप" ना हुए होते तो क्या पप्पू से नहीं हारते .. जी हां बिलकुल नहीं - तब ये राहुल गाँधी से हारते .. ..

यानि जीतते तो फिर भी नहीं ....
जी हाँ ऐसे लोगों की जीत होती भी नहीं .. क्योंकि ये जीत कर भी हारने के लिए अभिशप्त जो होते हैं .. ..

और विश्वास ना हो तो स्वयं मुआयना कर लें - २०१४ में जीते शनैः शनैः हर साल हर महीने हर दिन ये जीत के भी हार ही तो रहे हैं ..

बल्कि यदि दिल दिमाग की बात कहूँ तो ये केवल हार ही नहीं रहे हैं - ये तो तबाह हो रहे हैं .. और तबाह इसलिए भी हो रहे हैं क्योंकि ये बददिमाग बदमिजाज़ बदनीयत सबकुछ तबाह करने पर आमादा जो हैं .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 16 December 2017


// सोनिया जी और राहुल के आत्मीय भाषण .. बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !! ..//


निवृत होते हुए विदाई लेते अभी-अभी आदरणीय सोनिया गांधी जी का ओजस्वी सारगर्भित भावनात्मक आत्मीय भाषण सुना ..
और मैं नतमस्तक हुआ .. अनेक साधुवाद बधाइयाँ और शुभकामनाएं !! ..

और उसके बाद नव नियुक्त राहुल गांधी को भी सुना .. 
राहुल के भाषण की कुछ सुकून भरी आशान्वित करतीं परिपक्व बातें .. ..

लगातार आतिशबाजी के कारण आ रही अनवरत आवाज़ों के बीच राहुल की चुटीली सारगर्भित टिपण्णी दिल को छू गई - " एक बार आग लग जाए - तो उसे बुझाना बहुत मुश्किल होता है " ..
देश में प्यार और भाईचारा आवश्यक - वो तोड़ते हैं हम जोड़ते हैं - एक ऐसा भारत बनाना है जिसमें हर किसी के लिए जगह हो ..
और उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार को संयमित रहते पूरी ईमानदारी और हिम्मत से धिक्कारा भी !! ..

और बखूबी धिक्कारा !! .. और दो टूक कहा कि - " बीजेपी हिंसा की राजनीति कर रही है - मूल्यों को कुचला जा रहा है " .. .. 

और मैं संतुष्ट और प्रसन्न हुआ !! .. राहुल को भी दिल से शुभकामनाएं !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// एक डेढ़ सयाना .. और हमारा चुनाव आयोग .. ..//


एक डेढ़ सयाना था !! ..
नया महंगा हेलमेट डिक्की में रख स्कूटर चलाता था ..
कारण ? .. यदि हेलमेट डैमेज हो गया तो ?? ..

तो फिर हेलमेट लेकर ही क्यों चलते हो ?? ..
" सुरक्षा का एहसास " !! .. ..

बस !! .. जब से सयाने चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव में VVPAT के मजबूरन इस्तेमाल कर लेने के बावजूद इसके निहित सदुपयोग ना करने की बात कही है - तब से ही रह-रह कर मुझे वो डेढ़ सयाना याद आ रहा है .. मुझे भी एहसास हो रहा है कि सयाने चुनाव आयोग ने भी VVPAT का मजबूरन इस्तेमाल मात्र "सुरक्षा का अहसास" दिलाने और डैमेज कण्ट्रोल के लिए ही तो किया है !! .. यकीनन स्पष्तः खुल्लमखुल्ला !! .. .. 

उफ्फ्फ्फ़ !! ..
सयाने लोग .. पगलाई शानी हरकतें !! ..
या फिर ..
बेशर्म लोग .. ठेठ टुच्ची हरकतें !! ..
निर्णय देश करे - 'देश का बाप' नहीं !! .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 15 December 2017

// एक एग्जिट पोल मेरा भी .. जन-मत के आधार पर भक्तों की संख्या .. ..//


जन-मत !! .. ..
'पत्रिका' के आज १५/१२/१७ के इंदौर संस्करण में एक सर्वे प्रकाशित हुआ है .. जिसके आधार पर मेरे द्वारा निकाले गए निष्कर्ष मैं आपको बताऊँ उसके पहले कृपया मुआयना करें सर्वे में पूछे गए सभी १४ प्रश्नों का और उनके जवाबों के प्रतिशत का .. ..

१. प्रदेश में धार्मिक सहिष्णुता-सदभाव की स्थिति अच्छी हुई है ? .. ३१% 'हाँ' ..
२. प्रदेश में रोज़गार की स्थिति कैसी है ? .. २३% 'अच्छी' ..
३. क्या किसानों को उपज का उचित दाम मिल रहा है ? .. २०% 'हाँ' ..
४. क्या प्रदेश सरकार महंगाई से राहत दिलाने में सफल रही है ? .. २०% 'हाँ' ..
५. क्या आपके क्षेत्र में परिवहन के पर्याप्त साधन हैं ? .. २९% 'हाँ' ..
६. आपकी नज़र में  प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की स्थिति कैसी है ? .. २४% 'अच्छी' ..
७. सड़कों की वाशिंगटन से तुलना से आप कितने सहमत हैं ? .. २८% 'हाँ' ..
८. आपकी नज़र में सरकार के मंत्रियों का कामकाज कैसा है ? .. २१% 'अच्छा' ..
९. प्रदेश में शिक्षा की स्थिति कैसी है ? .. ३३% 'अच्छी' ..
१०.आपकी नज़र में प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति कैसी है ? .. २१% 'अच्छी' ..
११.क्या आपको लगता है कि अपराध में कमी आई है ? .. १९% 'हाँ' ..
१२.प्रदेश में क्या भ्रष्टाचार कम हुआ है ? .. १८% 'हाँ' ..
१३.आपकी नज़र में आपके क्षेत्र के विधायक का कामकाज कैसा है ? .. २१% 'अच्छा' ..
१४.सरकार के कार्यकाल में सरकारी कामकाज की गति तेज हुई है ? .. ३१% 'हाँ' .. 

एवं उपरोक्त प्रश्नों पर जन-मत के आधार पर मेरा निष्कर्ष .. ..

देश में मूर्ख अतार्किक अंधे भक्त काफी संख्या में मौजूद हैं 
पर संतोष की बात ये भी है कि देश में ऐसे भक्तों की संख्या लगभग २०% और ३०% के बीच ही है .. जिनमें मंदबुद्धि और अंधभक्तों की संख्या भी शामिल लगती है .. ..

इसलिए ये जन-मत एक नई आशा संचारित करता है - क्योंकि लगभग ७०% से ८०% लोग अभी भी कुछ तार्किक सोच रखते हैं .. .. इसलिए मैं भक्तों और भक्ति मार्ग पर चलने चलाने वाली संस्कारी पार्टी के साथ पूरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए देश को बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ .. ..

और हाँ ये निष्कर्ष तो मध्यप्रदेश के इंदौर के जन-मत पर आधारित है .. अब गुजरात में ऐसे ही कितने भक्त हैं - ये तो १८ तारीख के बाद ही बताया जाना संभव होगा जब गुजरात चुनाव के नतीजे आ जाएंगे .. .. तब तक तो आप इसे भक्तों की संख्या का एग्जिट पोल ही मानें .. धन्यवाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 14 December 2017

// एग्जिट पोल के नतीजे .. और भविष्य की राजनीति ..//


अभी-अभी गोदी मीडिया द्वारा एग्जिट पोल के नतीजे बताए गए हैं .. जो अनुमानों के अनुरूप तो हो सकते हैं पर मेरे लिए सुखद नहीं हैं .. और सुखद इसलिए नहीं हैं क्योंकि मैं मेरे देश से केवल प्यार ही नहीं करता बल्कि इस देश के लिए चिंतित भी रहता हूँ .. और परिणाम मुझे देशहित के खिलाफ जाते दिख रहे हैं .. ..

हिमाचल के एग्जिट पोल नतीजे देख कर पहले तो ये भी लगा कि - ओह ! हिमाचल में भी चुनाव हुए थे !! .. और वहां वीरभद्र हार रहे हैं और धूमल जीत रहे हैं .. और मुझे वीरभद्र के हारने की उतनी ही ख़ुशी हुई जितनी धूमल के जीतने का दुःख .. और शायद यही कारण था कि हिमाचल चुनाव में एक तरफ गड्ढा और एक तरफ खाई होने के कारण देशहित में कुछ अपेक्षित ना हो मेरी दिलचस्पी ही नहीं थी .. और शायद देश की भी उतनी नहीं .. ..

पर गुजरात में दिलचस्पी थी .. और वो भी कांग्रेस को लेकर इतनी नहीं जितनी इस बात को लेकर थी कि यहां मोदी-शाह की हार आवश्यक रूप से होनी चाहिए - अन्यथा पूरे देश के लिए अहितकारी होगा .. ..

और क्योंकि मुझे मेरे दिल दिमाग पर पूरा भरोसा रहा है - इसलिए भाजपा की गुजरात में संभावित जीत से मैं दुखी हूँ .. पर यकीनन मुझे कुछ बातों का संतोष भी है .. ..

मुझे संतोष इस बात का है कि इस बार गुजरात में राहुल गांधी एक ताज़ी और ईमानदार सोच के साथ मैदान में उतरे और उन्होंने बहुत अच्छा प्रचार कर प्रभावित भी किया .. और मुझे लगा कि वंशवाद के तथ्य के अलावा उन पर कोई नकारात्मक बात चिपक नहीं पाई .. और वो भविष्य में भाजपा से स्वस्थ और बेहतर राजनीति करते दिख सकते हैं - जो देशहित में होगा .. ..

और एक बात और निकल कर सामने आ रही है कि जनता भाजपा और कांग्रेस को नकारना चाहती है - पर उसके सामने अभी कोई विकल्प ही नहीं था .. ..

और इसलिए मैं भविष्य में एक बेहतर विकल्प उभरने की पूरी संभावनाएं देखता हूँ .. और मुझे लगता है कि "आप" पार्टी का भविष्य बहुत अच्छा हो सकता है .. और अरविन्द केजरीवाल से बहुत उम्मीदें अभी बाकी हैं .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 13 December 2017

// अन्ना 'दूसरे आंदोलन' से 'दूसरा केजरीवाल' नहीं तो क्या 'दूसरा मोदी' पैदा करोगे? ..//


"२०१८ के आंदोलन में दूसरा केजरीवाल नहीं पैदा होगा" : अन्ना

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

अव्वल तो मुझे पूरा यकीन है कि यदि आंदोलन से कोई 'दूसरा केजरीवाल' नहीं जुड़ा होगा तो आंदोलन आंदोलित ही नहीं होगा .. पर इस शुभ आशा में मान भी लें कि मेरी शुभ इच्छा के अनुसार आंदोलन आंदोलित हो सफल हो भी जाएगा तो आगे क्या ?? ..

आगे कहीं 'दूसरा मोदी' तो पैदा नहीं हो जाएगा ?? .. ..

तौबा !! .. ऐसे आंदोलन से तो तौबा ही भली !! .. ..

और तौबा इसलिए भी कि यदि आंदोलन से कोई 'दूसरा केजरीवाल' पैदा नहीं होगा तो क्या अन्ना की आरती उतारेंगे ?? .. या फिर कुछ और किरण प्रशांत योगेंद्र विश्वास शाजिया वीके सिंह जैसे मौका परस्त दूसरों के सहारे सहारे से भी ऊपर उठ सहारे को ढहाने की जुगाड़ करने वाले लोगों की जमात झेलेंगे ?? .. वो भी बिना किसी उद्देश्य पूरक सार्थक उपलब्धि प्राप्त किए ?? .. ..

हाँ एक बात और !! .. मुझे आज ये भी स्पष्ट है कि ये जो अन्ना हैं ना ये कोई 'दूसरे अन्ना' नहीं हैं - और ये वही ओरिजिनल अन्ना ही हैं .. पर यदि अन्ना पहले जैसे ही डट कर आंदोलन करते हैं तो कम से कम इस बार उद्देश्य की पूर्ती भी हो सकती है .. क्योंकि इस बार उनके विरोध में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी भारी भरकम जमी जमाई सरकार नहीं होगी - बल्कि अपनी साख पर बट्टा लगा बैठे निकम्मा नकारा साबित हुए केवल एक व्यक्ति मोदी की मोदी सरकार होगी - जो अब स्वयं ही धाराशाई होते दिख रही है .. ..

और मजे की बात ये भी है कि इस नकारा मोदी और निकम्मी मोदी सरकार को काबू में करने और कमज़ोर करने में यदि किसी का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान रहा है तो 'वो' वही केजरीवाल है जिससे एलर्जिक अन्ना एलर्जी पाल के कुढ़े सड़े कुंठित से बैठे हैं .. ..

यानि प्रयत्नशील क्रांतिकारी केजरीवाल द्वारा ही तैयार की गई जमीन पर मौका देख - साढ़े तीन साल बाद अंगड़ाई ले रहे अन्ना अपनी लंगोट सम्हालते मैदानी कुश्ती लड़ेंगे .. ..

मैदान खुल्ला है - कमज़ोर मोदी पिटने के लिए तैयार खड़ा है .. अन्ना तुम आगे बढ़ो - तुम्हारे कई पुराने साथी तुम्हारे साथ हैं .. और मेरी और केजरीवाल की शुभकामनाएं भी .. ..
हा !! हा !! हा !! .. ..जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 11 December 2017

// "नीच" बोलने पर ख़ुशी सुकून क्यों ?? .. कोई शोकाकुल क्यों नहीं ?? .. ..//


मुझे याद आ रहे हैं वो वाकये जब अरविन्द केजरीवाल और उनके साथियों को थप्पड़, मुक्के और धक्के मारे गए थे - उन पर स्याही फेंकी गई थी .. और क्रांतिकारी को 'बदनसीब' 'नक्सली' बता उन पर संस्कारी गालियों की बौछारें की जा रही थीं .. ..

और याद इसलिए आ रहे हैं कि आजकल "नीच-नीच" बहुत सुनने को मिल रहा है .. और गुजरात चुनावों में 'पाकिस्तान' तक को सुनियोजित तरीके से घुसेड़ने के कुप्रयास हो रहे हैं ..

और ये सब याद कर और सुन कर मुझे तो बहुत ख़ुशी हो रही है और सुकून भी मिल रहा है .. ..

अब यदि किसी भक्त को बुरा लग रहा हो या दुःख हो रहा हो तो वो दुखी हो सकता है - और दुःख का इज़हार भी कर सकता है .. क्योंकि ऐसा करना उसका अधिकार है .. और उसको ऐसा करना ही चाहिए .. और तो और शब्दों के द्वारा की गई हिंसा का भी तो विरोध होना ही चाहिए .. है ना !!
  
पर मैं स्पष्ट देख रहा हूँ कि अभी तक "नीच" बयान पर किसी भक्त का शोक संदेश आया नहीं .. और कोई भक्त शोकाकुल भी दिखा नहीं ?? .. ..

तो क्या इसका मतलब ये तो नहीं की भक्त भी अब बदल रहे हैं समझ रहे हैं ?? .. ..

अरे तौबा करिए जनाब !! - भक्त और समझदार ?? .. .. दरअसल बात ये है कि कुछ लोग इतने नीचे गिर चुके हैं कि यदि उन्हें गालियां खाने से फायदा होने का अंदेशा भी हो तो उन्हें गालियां खाने में भी मज़े आने लगते हैं - फिर किस बात का दुःख और कैसा विरोध ?? .. कैसी मानहानि - कैसी रपट ?? .. हा !! हा !! हा !! .. ..

लेकिन इस विषयक केवल एक बात पर विमर्श जरूरी है कि क्या अपने कर्मों से इतने नीचे गिरे हुए लोगों को "नीच" जैसे अपशब्द के अलावा भी क्या किसी अन्य उपयुक्त शब्द से नवाज़ा जा सकता है ?? .. और मेरा विमर्श जारी है .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 10 December 2017

// नरेन्द्रभाई फटे गले गला फाड़ रो रहे हैं .. ..//


ह्त्या बलात्कार लूट गुंडागर्दी भ्रष्टाचार के समाचार अनवरत आ रहे हैं .. लोग चीत्कार कर पनाह मांग रहे हैं .. 

प्रधानमंत्री दृश्य पटल से गायब हैं .. .. 

मेहनती और चुस्त पर अक्ल से सुस्त नरेन्द्रभाई गुजरात चुनाव में व्यस्त हैं .. लोगों से चिल्ला-चिल्ला कर वोट मांग रहे हैं ..

अभी फिर फटे गले गला फाड़ भाषण दे रहे हैं - "लाइव" - और अपने ही कथित अपमान का रोना रो रहे हैं .. और सोची समझी चालाक घृणित रणनीति के तहत फेंक रहे हैं कि अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने की कवायद हो रही है .. ..

नरेंद्रभाई !! लानत है !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 9 December 2017

// नरेन्द्रभाई अब २०१३ के सलमान निजामी की बैसाखी पर - यानि गजब धूर्तता !! ..//


गुजरात के महिसागर की चुनावी रैली से नरेन्द्रभाई का एक और भाषण सुना .. और आज किसी सलमान निजामी का मुद्दा सुनने को मिला .. जिसका नाम मैंने तो पहली बार सुना .. ..

और फिर थोड़ी देर बाद ही ये देखने को मिला कि मोदी जिस बात को मुद्दा बनाना चाह रहे थे गोदी मीडिया ने उसे लपक झपक मुद्दा बना दिया है और बहस चालू हो गई है - और इस कारण ये भी सुनने को मिला कि ये मुद्दा कोई २०१३ के सलमान निजामी के अफजल गुरु विषयक ट्वीट से संबंधित है - और वो सलमान अभी गुजरात में कांग्रेस का प्रचार कर रहा है .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. .. 

मैं स्पष्ट देखता आ रहा हूँ कि नरेन्द्रभाई और पूरी भाजपा पूरे गुजरात का चुनाव हिन्दू-मुसलमान का चुनाव बनाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं - और हिंदुत्व के नाम पर और नकली राष्ट्रवाद के नाम पर ध्रुवीकरण का प्रयास भी .. ..

पर गुजरात के मुद्दों से और आम आदमी के मुद्दों से - और स्वयं और भाजपा और सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार के मुद्दों से बचने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है .. ..

और इन्हीं सभी कारणों से मेरी नज़र में प्रधानमंत्री की गरिमा को ठेस तो जबरदस्त लगी है - पर वो भी नरेन्द्रभाई के कारण .. ..

और क्योंकि गुजरात चुनावों को अब राष्ट्रीय रंग दे ही दिया गया है तो मैं भी मानता हूँ कि गुजरात के ये चुनाव राष्ट्र की दृष्टि से बहुत अहम् हो चले हैं .. क्योंकि यदि मोदी जीतते हैं तो ये राष्ट्र के लिए घातक होगा - और यदि मोदी हारते हैं तो ये राष्ट्रहित में होगा .. ..

और अब मोदी से भी एक प्रश्न .. क्या भाजपा में शामिल कर लिए गए कई नामी गिरामी और गिरे पड़े कोंग्रेसियों के पूर्व बयान आप भूल गए - या बेशर्मी के घूँट के साथ निगल गए ?? .. भूल गए हो तो याद दिलाना चाहूंगा कि उन्होंने तो सलमान निजामी के आरोपित बयानों से भी उच्च कोटि के बयान दिए थे .. इसलिए आपको धिक्कार है ऐसी ओछी और नीच राजनीती पर .. ..

और इसलिए मेरी हार्दिक इच्छा है कि एक अच्छा पप्पू एक बकवास फेंकू को गुजरात में वैसी ही धूल चटाए जैसी कि केजरीवाल ने दिल्ली में चटाई थी .. और ये बात गुजरातियों को समझनी ही होगी .. .. 

!! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 7 December 2017

// क्या कुछ अच्छा करना था .. क्या गुड़ गोबर कर दिए .. ..//


अच्छे दिन लाने निकले थे ..
दिन रात भयावह कर दिए ..

कालाधन लाने निकले थे ..
काला-पीला सफ़ा कर दिए ..

रुपया डॉलर बराबर करना था ..
प्याज एप्पल बराबर कर दिए ..

कांग्रेस मुक्त देश बोले थे ..
भाजपा को कांग्रेस कर दिए ..

सबका साथ सबका विकास ..
सबका ही विनाश कर दिए ..

विरोधी को पागल कहते थे ..
विकास ही पागल कर दिए ..

राम रहीम बराबर बोलते थे ..
बराबर जानवर इंसा कर दिए ..

हिन्दू हिंदुत्व की बघारते थे .. 
हिन्दू विरुद्ध मुसलमां कर दिए ..

रोष दिखाते थे अतिवादियों से ..
शर्मसार हिन्दुओं को कर दिए ..

पाक को ठिकाने लगाना था ..
खुद ठिकानों के सौदे कर दिए ..

वर्तमान संवारने निकले थे ..
इतिहास कलंकित कर दिए ..

पर तुर्रा ये कि चुनाव तो जीते हैं ..
चुनाव आयोग बरबाद कर दिए ..

ना मालूम क्या क्या करना था ..
और क्या गुड़ गोबर कर दिए .. ..

(ब्रह्म प्रकाश दुआ - ०७/१२/१७)

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Wednesday 6 December 2017

// शिया मुसलमानों को बधाई !! .. एक सुझाव मेरा भी - एक अपेक्षा मेरी भी .. ..//


शिया मुसलामानों ने अपने बड़प्पन का परिचय देते हुए कोर्ट में कह दिया है कि - विवादित भूमि हिन्दुओं को दे दी जाए जहां मंदिर बने - और मस्जिद के लिए उन्हें लखनऊ में जमीन दे दी जाए .. ..

बधाई और स्वागत !! .. ..

एक घोषणा मेरी तरफ से भी .. .. पूरा हिमालय सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए दे दिया जाए - और मुझे देश के हर प्रदेश की राजधानी में गरीबों के लिए एक अस्पताल बनाने हेतु जमीन आवंटित कर दी जाए .. .. और यदि किसी को आपत्ति हो तो सावधान !! मेरी उलट पलट आपत्तियों के लिए तैयार रहे .. समझे !! .. ..

और हाँ अब मैं हिन्दुओं से भी अपेक्षा रखता हूँ कि वो भी बड़प्पन का परिचय देते हुए कोर्ट में प्रस्ताव प्रस्तुत करें कि विवादित जमीन मुसलमानों को दे दी जाए जहां मस्जिद का पुनर्निर्माण हो - और मंदिर के लिए उन्हें देश के हर 'रामपुर' ‘रामगढ़’ ‘रामनगर’ गाँव या शहर में जमीन दे दी जाए !! .. ..

या फिर कम से कम न्यायालय का सम्मान करते हुए फ़ोकट बयानबाज़ी बंद करे - और कम से कम ये वचन दे कि न्यायालय का निर्णय उन पर बाध्यकारी हो सहर्ष स्वीकार्य होगा !! .. ..  

!! भारत माता की जय !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// हे ईश्वर अपनी रक्षा करना - नहीं तो बेभाव बिक जाओगे .. समझे !! .. ..//


कोई हिन्दू धर्म को छोड़ दे या छेड़ दे तो हिन्दू धर्म खतरे में ..
कोई हिन्दू धर्म छोड़ इस्लाम कबूल ले तो वो खतरे में ..
कोई इस्लाम छोड़ हिन्दू हो जाए तो हिन्दू धोखे में ..
कोई मुस्लिम तीन तलाक दे दे तो हिन्दू पीड़ा में ..
कोई हिन्दू अपनी बीवी छोड़ दे तो हिन्दू मजे में ..

हिन्दू-मुस्लिम की संतान या मुस्लिम-हिन्दू की औलाद हिन्दू या मुसलमान - ये बात लफड़े में ..
हिन्दू-पारसी या पारसी-हिन्दू की औलाद हिन्दू या पारसी - ये बात झगडे में ..
हिन्दू-ईसाई की औलाद अपने को हिन्दू कहे - ये बात रगड़े में ..

और कोई एक हिन्दू जनेऊ दिखा दे तो लाखों हिन्दू असमंजस में ..

सिख क्या हिन्दू हैं ? .. हाँ भई हाँ !! .. ..
जैन भी क्या हिन्दू हैं ? .. ना भई ना !! .. ..
अच्छा राहुल हिन्दू हैं ? .. कर दी ना फिर ऊटपटांग बात !! .. ..

शायद इसलिए मेरे लिए तो इस हिन्दू धर्म के नए नए आयामों और मायनों को समझना या आत्मसात करना मुश्किल हो चला है .. मुझे तो यही नहीं समझ आ रहा कि मंदिर जाने के भी क्या कोई नियम कायदे या रिवाज़ हैं - और यदि हैं तो क्या और किसके ?? .. ..

और दिन-ब-दिन मैं तो 'मेरे वाले ईश्वर' से अब यही प्रार्थना करने लगा हूँ कि ..

हे ईश्वर !! अपनी रक्षा करना - नहीं तो बेभाव बिक जाओगे .. समझे !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 5 December 2017

// बेशर्मी बेहयाई तेरा ही सहारा !! .. शिक्षा का पता नहीं बस राम हमारा !! .. ..//


आज से राम मंदिर पर न्याय के मंदिर में सुनवाई शुरू .. वो भी फ़ाइनल सुनवाई !! ..

और एबीपी न्यूज़ पर कुछ देर पहले केवल एक बार ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप में दिखा कर विलोपित कर दिए गए एक समाचार अनुसार - श्याम बेनेगल सहित ३२ हस्तियों द्वारा एक नई याचिका दायर कर दी गई है कि - विवादित स्थल को किसी जनहित कार्य हेतु उपयोग में लिया जाए .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

सर्वप्रथम श्याम बेनेगल आदि देशभक्तों को बधाई और धन्यवाद - और मेरा भरपूर समर्थन !! .. ..

और साथ ही मेरे कुछ प्रश्न भी .. ..

सर्वोच्च कौन ?? .. राम मंदिर या न्याय का मंदिर ?? .. या फिर आस्था ?? .. या फिर अनास्था ?? .. ..
क्या विध्वंस करना किसी भी कानून में और किसी भी परिस्थिति में न्यायसंगत निरूपित हो सकता है ?? ..
यदि नहीं तो क्या विध्वंस करने वालों पर फैसला पहले आवश्यक या मंदिर निर्माण पर ?? ..

और क्या श्याम बेनेगल को तत्काल देशद्रोही करार दे दिया जाएगा ?? ..
और क्या भंसाली की पद्मावती के मुद्दे पर भंसाली की आस्था और विश्वास को भी मान्य किया जाएगा ?? ..
और क्या गोदी मीडिया गुजरात चुनाव में इस मुद्दे को घुसेड़ धर्म की राजनीति करेगा ?? .. ..

और अंतिम प्रश्न .. क्या देश के सामने मानवीय सरोकार के सभी मुद्दे हल हो चुके हैं ?? ..
और क्या रविश कुमार के द्वारा लगभग ३० यूनिवर्सिटी एपिसोड में बतलाए गए हमारे शिक्षा के हास्यास्पद दयनीय आपत्तिजनक बेहूदा बदतर सरकारी सामाजिक स्तर पर भी कोई ध्यान देगा ?? .. या फिर .. .. .. 

बेशर्मी बेहयाई तेरा ही सहारा !! .. शिक्षा का पता नहीं बस राम हमारा !! .. ..

राम राम !! जय श्री राम !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 4 December 2017

// राहुल अध्यक्ष बनेंगे .. केजरीवाल डिगने वाले नहीं .. हलकट चिल्लपों करते रहेंगे ..//


आज राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद का नामांकन दाखिल कर रहे हैं और कल वो निर्विरोध अध्यक्ष बन जाएंगे .. और मोदी विलाप भी होता रहेगा .. ..

और शहजाद पूनावाला जैसे कई हिम्मती लोग इससे आहत हैं - और आहत तो मोदी भी हो गए हैं .. और कांग्रेस पर एक परिवार के ही प्रभुत्व का सत्य आरोप वर्षों से लगता रहा है और अभी भी लगाया जा रहा है .. ..

और उधर कुमार विश्वास की चिल्लपों भी जारी है .. 'आप वर्जन-२' !! .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को परिवारवाद का दोषी ठहराया है .. आरोप पुख्ता हैं एवं सही हैं .. लेकिन प्रश्न उठता है कि यदि कांग्रेस सही नहीं है - प्रजातांत्रिक नहीं है - तो शहजाद कांग्रेस में क्यूँ बने हुए हैं और वो खुद अध्यक्ष पद का नामांकन क्यों दाखिल करना चाहते हैं ?? .. और यदि उनमें कांग्रेस के अध्यक्ष पद का निर्वहन करने की दक्षता क्षमता है तो फिर वो खुद अपनी पार्टी क्यों नहीं बना लेते ?? .. फ़ोकट चिल्लपों क्यों ?? .. ..

ठीक ऐसे ही 'आप' पार्टी स्वाभाविक रूप से केजरीवाल के प्रभुत्व वाली पार्टी है .. और शुरू से इसके शीर्ष नेता केजरीवाल हैं जो पार्टी को अपने हिसाब से बना कर आगे बढ़ा रहे हैं .. तो फिर स्वाभाविक रूप से प्रश्न उठता है कि जिन्होंने पूर्व में केजरीवाल को या 'आप' पार्टी को अपना समय या योगदान दिया हो वो आज इस बिनाह पर केजरीवाल को ही अपने हिसाब से चलने के लिए मजबूर कैसे कर सकते हैं ?? .. और यदि उनको केजरीवाल या 'आप' में कुछ ऐसी खामियां दिखती हैं जो केजरीवाल ठीक करने के लिए तैयार नहीं हैं - तो फिर वो पार्टी छोड़ केजरीवाल का साथ छोड़ अपनी अलग पार्टी क्यों नहीं बना लेते और इसके बजाय एक गिरे हुए नेता की गिरी हुई पार्टी में ही क्यों बने रहना चाहते हैं ?? .. और फिर दबी जबान फ़ोकट चिल्लपों क्यों ?? .. ..

प्रश्नों का जवाब मैं देता हूँ .. .. ये वही हलकट लोग हैं जिनकी मानसिकता ये है कि हम तो सही कर नहीं सकते पर सामने वाला इनके लिए सब कुछ सही करता चले .. .. मसलन ये लोग चाहते हैं कि कांग्रेस अपना परिवारवाद खत्म कर इन अक्षमों को खुद-ब-खुद अध्यक्ष बना दे - पर ये खुद अलग से कुछ नहीं करना चाहते .. और इसलिए सालों-साल कुढ़ते सड़ते पगलाते रहते हैं .. ..

मसलन और भी ये कि .. कुमार विश्वास को खुद पर विश्वास नहीं और केजरीवाल को भी उन पर विश्वास नहीं - और मुझे भी वो विश्वास योग्य लगते नहीं - पर वो चाहते हैं कि केजरीवाल उन पर ही विश्वास करें और उनके अनुसार ही चलें .. और हाँ मज़े की बात ये भी कि वो और प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव और कपिल मिश्रा और अन्य दर्जनों धुरंधर सूरमा भी सब मिलकर एक अपनी अलग से पार्टी बनाकर जनसेवा करने के लिए तैयार नहीं - वो भी तब जबकि शशि भूषण और अन्ना जी ईश्वर कृपा से मौजूद हो उन्हें आशीर्वाद और मार्गदर्शन देने के लिए उपलब्ध हैं .. नहीं क्या ?? .. ..

पर अब तो स्पष्ट और नियत यही है कि हलकट पागल भले ही पगलाते रहें - राहुल कांग्रेस के अध्यक्ष बन रहे हैं - और केजरीवाल बहुत समझदार हैं जो अपने रास्ते से डिगने वाले नहीं !! .. .. और शहजाद हो या मोदी हों या विश्वास हों या अन्य हलकट - सब चिल्लपों करते रहेंगे .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Saturday 2 December 2017

// EVM चकल्लस !! .. उधेड़बुन .. और निराकरण के संभावित उपाय .. ..//


यदि #EVM की धांधली के कारण से भाजपा जीती - और EVM पर इतना होहल्ला मचने के बावजूद जीत रही है - तो पीड़ितों को चाहिए धांधली की बखिया उधेड़ो - पकड़ो और कानूनन उपचार कराओ !! .. ..

और यदि धांधली करने वाले बहुत शातिर हैं या तिकड़मी या ताकतवर - और यदि कानून और संविधान के रखवाले और न्याय करने वाले भी धांधली में शामिल हैं - या फिर बेबस ही हैं - तो वैकल्पिक रास्ते खोजो - और हो कूवत तो धांधली करने वाले बेईमानों को सीधे रास्ते धरो और निपटाओ .. ..

और यदि उपरोक्त में से कुछ न करते बने तो ?? .. तो सहन करो !! .. ..

या बेहतर होगा तमाम बेबसी के बावजूद कम से कम गालियां और भड़ास निकालते रहो .. क्योंकि अकर्मण्य हो चुप तो घुन्ने कायर डरपोक लोग ही बैठते हैं .. नहीं क्या ?? .. ..

और याद रखें - झूठ और अन्याय से परेशान हो हिम्मत तो कभी नहीं हारें - अन्यथा झूठ और अन्याय अपने मकसद में समय से पहले और अपेक्षा से भी अधिक आसानी से सफल हो जाएगा - यानि परास्त तो कभी ना हो पाएगा .. है ना ?? .. ..

इसके अतिरिक्त एक और अति महत्वपूर्ण बात .. अब तो इस बात को भी टटोलने और समझने की आवश्यकता आन पड़ी है कि EVM के अलावा चुनाव आयोग का सर्किट भी हैक्ड हो गया दिखता है .. इसलिए जरूरी नहीं कि EVM ही दोषपूर्ण हो - बल्कि दूषित चुनाव आयोग के माध्यम या सहायता या साजिश से भी दोष रोपित कर गुजरने की जुगाड़ू संभावनाओं को कत्तई नकारा नहीं जा सकता .. ..

यानि सार ये भी - कि अच्छे नागरिक होने का परिचय देते हुए अपने नाक कान आँख और दिमाग खोल कर रखें - और बिना पूर्वाग्रह के देशहित में हमेशा चिंतन मनन करते हुए अपनी समझ और औकात अनुसार प्रयास जरूर करते रहें .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl