Monday 4 December 2017

// राहुल अध्यक्ष बनेंगे .. केजरीवाल डिगने वाले नहीं .. हलकट चिल्लपों करते रहेंगे ..//


आज राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद का नामांकन दाखिल कर रहे हैं और कल वो निर्विरोध अध्यक्ष बन जाएंगे .. और मोदी विलाप भी होता रहेगा .. ..

और शहजाद पूनावाला जैसे कई हिम्मती लोग इससे आहत हैं - और आहत तो मोदी भी हो गए हैं .. और कांग्रेस पर एक परिवार के ही प्रभुत्व का सत्य आरोप वर्षों से लगता रहा है और अभी भी लगाया जा रहा है .. ..

और उधर कुमार विश्वास की चिल्लपों भी जारी है .. 'आप वर्जन-२' !! .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को परिवारवाद का दोषी ठहराया है .. आरोप पुख्ता हैं एवं सही हैं .. लेकिन प्रश्न उठता है कि यदि कांग्रेस सही नहीं है - प्रजातांत्रिक नहीं है - तो शहजाद कांग्रेस में क्यूँ बने हुए हैं और वो खुद अध्यक्ष पद का नामांकन क्यों दाखिल करना चाहते हैं ?? .. और यदि उनमें कांग्रेस के अध्यक्ष पद का निर्वहन करने की दक्षता क्षमता है तो फिर वो खुद अपनी पार्टी क्यों नहीं बना लेते ?? .. फ़ोकट चिल्लपों क्यों ?? .. ..

ठीक ऐसे ही 'आप' पार्टी स्वाभाविक रूप से केजरीवाल के प्रभुत्व वाली पार्टी है .. और शुरू से इसके शीर्ष नेता केजरीवाल हैं जो पार्टी को अपने हिसाब से बना कर आगे बढ़ा रहे हैं .. तो फिर स्वाभाविक रूप से प्रश्न उठता है कि जिन्होंने पूर्व में केजरीवाल को या 'आप' पार्टी को अपना समय या योगदान दिया हो वो आज इस बिनाह पर केजरीवाल को ही अपने हिसाब से चलने के लिए मजबूर कैसे कर सकते हैं ?? .. और यदि उनको केजरीवाल या 'आप' में कुछ ऐसी खामियां दिखती हैं जो केजरीवाल ठीक करने के लिए तैयार नहीं हैं - तो फिर वो पार्टी छोड़ केजरीवाल का साथ छोड़ अपनी अलग पार्टी क्यों नहीं बना लेते और इसके बजाय एक गिरे हुए नेता की गिरी हुई पार्टी में ही क्यों बने रहना चाहते हैं ?? .. और फिर दबी जबान फ़ोकट चिल्लपों क्यों ?? .. ..

प्रश्नों का जवाब मैं देता हूँ .. .. ये वही हलकट लोग हैं जिनकी मानसिकता ये है कि हम तो सही कर नहीं सकते पर सामने वाला इनके लिए सब कुछ सही करता चले .. .. मसलन ये लोग चाहते हैं कि कांग्रेस अपना परिवारवाद खत्म कर इन अक्षमों को खुद-ब-खुद अध्यक्ष बना दे - पर ये खुद अलग से कुछ नहीं करना चाहते .. और इसलिए सालों-साल कुढ़ते सड़ते पगलाते रहते हैं .. ..

मसलन और भी ये कि .. कुमार विश्वास को खुद पर विश्वास नहीं और केजरीवाल को भी उन पर विश्वास नहीं - और मुझे भी वो विश्वास योग्य लगते नहीं - पर वो चाहते हैं कि केजरीवाल उन पर ही विश्वास करें और उनके अनुसार ही चलें .. और हाँ मज़े की बात ये भी कि वो और प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव और कपिल मिश्रा और अन्य दर्जनों धुरंधर सूरमा भी सब मिलकर एक अपनी अलग से पार्टी बनाकर जनसेवा करने के लिए तैयार नहीं - वो भी तब जबकि शशि भूषण और अन्ना जी ईश्वर कृपा से मौजूद हो उन्हें आशीर्वाद और मार्गदर्शन देने के लिए उपलब्ध हैं .. नहीं क्या ?? .. ..

पर अब तो स्पष्ट और नियत यही है कि हलकट पागल भले ही पगलाते रहें - राहुल कांग्रेस के अध्यक्ष बन रहे हैं - और केजरीवाल बहुत समझदार हैं जो अपने रास्ते से डिगने वाले नहीं !! .. .. और शहजाद हो या मोदी हों या विश्वास हों या अन्य हलकट - सब चिल्लपों करते रहेंगे .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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