अच्छे दिन लाने निकले थे ..
दिन रात भयावह कर दिए ..
कालाधन लाने निकले थे ..
काला-पीला सफ़ा कर दिए ..
रुपया डॉलर बराबर करना था ..
प्याज एप्पल बराबर कर दिए ..
कांग्रेस मुक्त देश बोले थे ..
भाजपा को कांग्रेस कर दिए ..
सबका साथ सबका विकास ..
सबका ही विनाश कर दिए ..
विरोधी को पागल कहते थे ..
विकास ही पागल कर दिए ..
राम रहीम बराबर बोलते थे ..
बराबर जानवर इंसा कर दिए ..
हिन्दू हिंदुत्व की बघारते थे ..
हिन्दू विरुद्ध मुसलमां कर दिए ..
रोष दिखाते थे अतिवादियों से ..
शर्मसार हिन्दुओं को कर दिए ..
पाक को ठिकाने लगाना था ..
खुद ठिकानों के सौदे कर दिए ..
वर्तमान संवारने निकले थे ..
इतिहास कलंकित कर दिए ..
पर तुर्रा ये कि चुनाव तो जीते हैं ..
चुनाव आयोग बरबाद कर दिए ..
ना मालूम क्या क्या करना था ..
और क्या गुड़ गोबर कर दिए .. ..
(ब्रह्म प्रकाश दुआ - ०७/१२/१७)
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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