Thursday 11 January 2018

// पुनर्जन्म तो होता है ना !!.. तो फिर 'मोदी' अगले जन्म 'मोहम्मदी' हुए तो ??.. ..//


बता रहे हैं दिल्ली की 'जामा मस्जिद' पहले 'जमुना देवी मंदिर' था.. ताजमहल तेजू महल .. और इंदौर की 'खान नदी' 'कान्ह नदी'.. आदि..
और पद्मावती का नाम तो पद्मावत करवा ही दिए हैं..

'नामी' भक्तों !!.. तो फिर इसी बिनाह पर समय रहते पहले इस पर भी तो सिरफुटव्वल कर लो कि..

'मोदी' कहीं पिछले जन्म में 'मोहम्मदी' तो नहीं थे ??..

अरे बुरा मत मानों मैं तो ये इसलिए कह रहा हूँ कि.. इस जन्म में हिन्दू पिछले जन्म में भी हिन्दू ही रहे होंगे कोई जरूरी तो नहीं..

और इस जन्म में खालिस हिन्दू अगले जन्म में भी हिन्दू होंगे इस बात की भी क्या गारंटी है ??..
और यदि होंगे भी तो क्या हिन्दुस्तान में ही होंगे ??.. और जब होंगे तो क्या भाजपा राज में ही होंगे.. और इसलिए सुरक्षित होंगे ??..

यदि हाँ.. तो 'नामी' भक्तों को चिंता क्यूँ ??..
और यदि नहीं.. तो तौबा ??..

'मोदी' कहीं अगले जन्म में 'मोहम्मदी' हो गए तो ??..

तो बस इसलिए मुफ्त में समझा रहा हूँ कि ये नाम बदला बदली छोड़ो और आपस में लफड़ा झगड़ा बंद करो.. इंसान बन कर रहो.. भाई-भाई बनकर प्यार मोहब्बत से रहो.. नहीं तो..

नहीं तो क्या पता पिछले जन्म की भी खुद जाए.. और अगले जन्म भी कूटे जाओ.. समझे ??..

सुने तो होंगे ना कि जो शाने दूसरों के लिए खड्डा खोदते हैं वो खड्डा उनके लिए कब्र भी तो बन जाता है .. और यदि 'मोहम्मदी' हुए तो.. तो फ़ोकट में मत जलो भुनो - लाज़मी है कब्र में ही तो जाएंगे.. है ना !!

तो चलो सोचना !! और यदि किसी भी ऊंची-नीची जाति के हिन्दू हो तो पुनर्जन्म पर विश्वास करते हुए अगले जन्म की तो जरूर सोचना.. और ये भी सोचना.. जरूरी तो नहीं कि इस जन्म का प्रधानमंत्री अगले जन्म में भी प्रधानमंत्री बने.. अधूरी हसरत के रहते वो एक चायवाला भी हो सकता है या चौकीदार या फ़कीर भी.. या मैला ढोने वाला गरीब दलित या शोषित मजदूर या किसान.. या एक कसाई भी..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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