उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने अभी-अभी अभूतपूर्व तरीके से एक पत्रकारवार्ता करी है : ये कहते हुए कि प्रजातंत्र को बचाने और इन्साफ के लिए वो आज देश के सामने आए हैं.. और वे मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के विरुद्ध असंतुष्ट दिखे हैं..
मेरी त्वरित प्रतिक्रिया..
मुझे ऐसा लगता रहा था कि मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा सरकार के इशारों पर काम कर रहे थे.. और यदि मेरी धारणा सही है तो ये भयावह है.. और ये भयावह केवल न्यायपालिका के लिए ही भयावह नहीं है.. ये आज की केंद्र में बैठी मोदी सरकार के लिए भी भयावह है.. क्योंकि ये सबकुछ देश के लिए घातक है..
इसलिए अब समय आ गया है कि देश के भक्त भक्तिमार्ग का त्याग करें और आमजन सत्य और तर्क के सहारे सरकार के हर कदम को कसौटी पर कसें और तत्काल उचित विरोध करें..
अन्यथा २० साल बाद आप पर आक्षेप लगेगा कि या तो आपने अपनी आत्मा बेच दी थी.. या आपने ससमय अपनी अक्ल का सदुपयोग नहीं किया था..
क्योंकि इस बात को समझें कि अब जब न्यायाधीश भी असहाय से हो चले हैं.. तो ये स्तर तो बहुत 'नीच' हो गया है.. और इसलिए आपको उठना उठाना और उठावना करना होगा.. !! धन्यवाद !!
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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