Wednesday 17 January 2018

// भंसाली जी !!.. अब खुद का नाम बदल कर देख लो - "संजय लीला माँ भंसाली ..//


अरे हो भंसाली जी !!.. काहे इतनी शानपत बता रहे हो भाई ??.. क्यों सबको परेशान कर रहे हो ??..

मुझे समझ नहीं आता कि यदि तुम्हारी फिल्म में कुछ आपत्तिजनक है ही नहीं तो फिर तुम्हारी फिल्म देखेगा कौन ??.. और अब जब अड़ंगा लग गया है और फिल्म चलने के आसार हो चले हैं - तो सभी अड़ंगाईयों को उनकी मेहनत और क्षमता के पूरे-पूरे पैसे क्यों नहीं टिका देते ??..

क्या कहा ??.. ना खाऊंगा ना खिलाऊंगा !!..

तो ठीक है.. फिर एक बार फिल्म का नाम "पद्मावत" से "पद्मा" भी कर के देख लो..

और तब भी काम ना बने तो फिर.. "पद्मा" से "पद माँ" करके देख लेना..

वो क्या है ना कि आजकल ये "माँ" बहुत चलन में है.. और ये जितने भी लोकल देसी सेना टुकड़ी वाले देशभक्त देशद्रोही टुच्चे गुंडे कवि शायर पार्टी वाले नेता अभिनेता देवता प्रवक्ता यानि लगभग सभी - ये "माँ" नाम से बहुत भावुक और संवेदनशील हो उठते हैं.. और यहां तक कि ये हमेशा मैं-मैं करने वाले भी "माँ-माँ" करने लगते हैं..

याद है ना.. अपने स्वयंभू मामा ने तो कह भी दिया था कि पद्मावती "राष्ट्रमाँ"..

इसलिए मैं तो बल्कि ये कहूंगा कि तुम तो खुद का नाम भी बदल कर - "संजय लीला माँ भंसाली" कर लो..

माँ कस्सम !! मैं गारंटी देता हूँ कि कम से कम मध्यप्रदेश के मामा तो खुद कहेंगे कि जाओ क्या याद रखोगे - फिल्म "राष्ट्रमाँ पद्मावती" के नाम से चला लो..   

और यदि तुम्हें नाम नहीं बदलना हो तो..
तो फिर यथायोग्य बाँट दो.. और घूमर सहित चला लो..

और दम हो तो इस देश में अभी भी कानून का राज है.. फिल्म तुम्हारी.. मर्जी तुम्हारी..
मैं तो केवल सलाह दे रहा हूँ.. श्रीमान संजय लीला माँ भंसाली जी..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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