बुरा ना मानों होली है ????..
क्यों भक्तों बुरा क्यों नहीं मानें..
दिमाग रखते हैं और दिल भी..
और हमारा पैसा कोई चोर चौकीदार निपटा गया है..
गरीबों की गाढ़ी कमाई का खून पसीने का पैसा था..
गरीब मुश्किल में है..
और भक्तों तुम कहते हो.. बुरा ना मानो ??.. क्योंकि होली है ??..
टुच्चों लफंगो चोरों डाकुओं बेईमानों बेशर्मों जिम्मेदारों जवाबदारों सेवकों चौकीदारों बुरा मानों तो मानों - एक बार नहीं ११५०० करोड़ बार मानों - पर भक्तों इस होली तो मैं तुम्हे शुभकामनाएं नहीं दूंगा - इस होली तो भक्तों तुम पर रंग नहीं लानत बरसे.. समझे !!.....
और इन्हीं भावनाओं के साथ मेरे सभी मित्रों को मेरी तरफ से होली की हार्दिक शुभकामनाएं !!..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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