Tuesday 15 May 2018

// मोदी भाजपा कोई 'कामदार' नेता या पार्टी नहीं - ये तो स्वयं 'नामदार' हो गए हैं ..//


'कर्नाटक के चुनाव संपन्न हुए' - ऐसा कहना यकीनन उपयुक्त नहीं होगा..

क्योंकि वस्तुतः कर्नाटक के चुनाव इस देश के अब तक के सबसे खर्चीले चुनाव का गौरव हासिल कर भ्रष्टाचार और कदाचार और आदर्श आचार सहिंताओं का अचार डाल कई मायनों में निम्नतम स्तर को छूते हुए पूर्ण हुए..

इसलिए कहना उपयुक्त होगा कि कर्नाटक के चुनाव निपट गए - या निपटा दिए गए !!..

संतोष इस बात का हुआ कि कांग्रेस हारी.. और संतोष इस बात का भी कि दो राष्ट्रीय दलों के पुरजोर साम दाम दण्ड भेद झंडा अंडा डंडा दादा दारू दंगा रुपैय्या के दुरपयोग के बावजूद - और मोदी अंधी आंधी के बावजूद - एक क्षेत्रीय दल जेडीएस भी समस्त हथकंडे अपनाते हुए अच्छा प्रदर्शन कर गया..

और अपार दुख केवल इतना कि मोदी की आंधी चल गई.. वो अंधी आंधी जिसमें इस देश का अपूरणीय नुक़सान हो जाना अब अपरिहार्य होता जा रहा है..

तो आज तो यही कहना पड़ेगा कि भक्तू की निकल पड़ी - और भक्तों की हुई बल्ले-बल्ले.. और इसलिए हमारे लिए फिलहाल भुगतने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है.. और हम लोकतान्त्रिक व्यस्वस्थाओं के तहत बहुत कुछ भुगतने के लिए तैयार हैं.. और भविष्य में देशहित में बाजी पलटने हेतु प्रयासरत भी..

और अंत में चेतावनी भी कि यदि कोई ये सोच रहा है कि भाजपा अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण चुनाव जीत गई है तो वो मुगालते में है.. क्योंकि मुझे लगता है कि पिछले ४ साल में मोदी भाजपा का प्रदर्शन दयनीय हो चिंतनीय हो आपत्तिजनक भी रहा है.. और आगे भी मुझे किसी भी अच्छे प्रदर्शन की आशा नहीं दिखती.. क्योंकि ये कोई 'कामदार' पार्टी या नेता नहीं - ये तो लगता है अब स्वयं 'नामदार' हो गए हैं.. यानि बिना किसी 'काम' केवल 'नाम' के सहारे इनकी निकल पड़ी है..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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